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एनर्जी कॉम्पैक्ट

  • 30 Jun 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स, पेरिस समझौते, यूएन-एनर्जी, डिकेड ऑफ एक्शन

मेन्स के लिये:

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स की आवश्यकता, NTPC एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्य

चर्चा में क्यों?

नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) लिमिटेड भारत में ऊर्जा क्षेत्र में पहली ऊर्जा कंपनी बन गई है, जिसने ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता (High-level Dialogue on Energy- HLDE) के हिस्से के रूप में अपने ऊर्जा कॉम्पैक्ट लक्ष्यों को घोषित किया है।

  • संयुक्त राष्ट्र, सतत् विकास के लिये 2030 एजेंडा के ऊर्जा संबंधी लक्ष्यों और इन लक्ष्यों के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने हेतु सितंबर, 2021 में एक उच्च स्तरीय वार्ता (HLD) आयोजित करने के लिये तैयार है।
  • NTPC भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी है जो विद्युत मंत्रालय के अधीन है।

प्रमुख बिंदु:

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स (प्रतिबद्धताओं और कार्यों के एकीकरण और संयोजन हेतु एक मंच):

  • एनर्जी कॉम्पैक्ट्स को यूएन-एनर्जी (UN-Energy) द्वारा संगठित किया जा रहा है और मौजूदा दशक की कार्रवाई के दौरान इसे संगठित एवं अपडेट किया जाना जारी रहेगा।
  • ये स्पष्ट, अंतर्निहित कार्रवाइयों के साथ चल रही या नई प्रतिबद्धताएं हैं जो SDG7 के तीन मुख्य लक्ष्यों में से एक या अधिक को आगे बढ़ाएगी।
    • SDG7 वर्ष 2030 तक "सभी के लिये सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा" का आह्वान करता है।
    • SDG 7 तीन के मुख्य लक्ष्य: ऊर्जा तक पहुँच, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता।
  • ये सदस्य राज्यों और गैर-राज्य अभिनेताओं, जैसे- कंपनियों, क्षेत्रीय/स्थानीय सरकारों, गैर- सरकारी संगठनों और अन्य स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएँ हैं।
  • चूँकि सस्ती, स्वच्छ ऊर्जा अन्य सभी SDG और पेरिस समझौते के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये एक पूर्वापेक्षा है, इसलिये एनर्जी कॉम्पेक्ट में परिभाषित कार्यों को SDG एक्सेलेरेशन एक्शन के रूप में माने जाने वाले राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान से सीधे जोड़ा जा सकता है।

Energy-Compacts

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स (EC) और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) के बीच अंतर:

  • NDCs सदस्य राज्यों की राष्ट्रीय जलवायु महत्त्वाकांक्षाओं और लक्ष्यों को संबोधित करते हैं जो पेरिस समझौते के तहत कानूनी रूप से आवश्यक हैं और ये संपूर्ण रूप से अर्थव्यवस्था के माध्यम से देश के उत्सर्जन प्रोफाइल पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • वहीं दूसरी ओर ‘एनर्जी कॉम्पैक्ट्स’ के तहत विशेषतः ऊर्जा प्रणाली और SDG7 पर केंद्रित विभिन्न प्रकार की स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएँ, कार्य, पहल और भागीदारी शामिल हैं।
    • ये SDG7 लक्ष्यों को कवर करते हैं और इसमें वे लक्ष्य भी शामिल हैं, जो किसी देश के NDCs में परिलक्षित नहीं होते हैं।
  • ‘एनर्जी कॉम्पैक्ट्स’ SDG7 से संबंधित सभी हितधारकों के लिये खुला हुआ है, जिसमें व्यवसाय, संगठन और उप-राष्ट्रीय प्राधिकरण शामिल हैं तथा वार्षिक तौर पर प्रतिबद्धताओं को लेकर प्रगति को ट्रैक करने हेतु तंत्र भी शामिल है।

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स (EC) की आवश्यकता:

  • विश्व स्तर पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) में ऊर्जा क्षेत्र का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान है, जो औद्योगीकरण की समान प्रवृत्ति को जारी रखे हुए है।
  • मौजूदा स्थिति
    • 789 मिलियन लोगों तक बिजली की पहुँच नहीं है (वर्ष 2018)।
    • 2.8 बिलियन लोगों के पास स्वच्छ खाना पकाने की सुविधा नहीं है (वर्ष 2018)।
    • कुल अंतिम ऊर्जा खपत का 17% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से आता है (वर्ष 2017)।
    • 1.7% ऊर्जा दक्षता सुधार दर (वर्ष 2017)।

NTPC एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्य:

  • इसने वर्ष 2032 तक 60 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसका लक्ष्य 2032 तक शुद्ध ऊर्जा तीव्रता में 10% की कमी करना है।
  • एनटीपीसी ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2025 तक स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान की सुविधा और ऊर्जा मूल्य शृंखला में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये कम-से-कम 2 अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन/समूह बनाएगी।

यूएन-एनर्जी

  • यूएन-एनर्जी की स्थापना ‘यूएन सिस्टम चीफ एक्जीक्यूटिव्स बोर्ड फॉर कोऑर्डिनेशन’ (CEB) द्वारा 2004 में ऊर्जा के क्षेत्र में अंतर-एजेंसी सहयोग हेतु संयुक्त राष्ट्र के तंत्र के रूप में की गई थी।
  • यह SDG7 और पेरिस जलवायु एजेंडा एवं व्यापक SDG एजेंडा के परस्पर संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने में देशों का समर्थन करता है।

डिकेड ऑफ एक्शन

  • सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महत्त्वाकांक्षी, सार्वभौमिक और समावेशी 2030 एजेंडा के प्रयासों में तेज़ी लाकर सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करने के लिये वर्ष 2021-2030 को ‘डिकेड ऑफ एक्शन’ के रूप में घोषित किया था।

स्रोत: पी.आई.बी.

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