एलीफैंट कॉरिडोर | 23 Sep 2023
प्रिलिम्स के लिये:एलीफैंट कॉरिडोर, प्रोजेक्ट एलीफैंट, विश्व हाथी दिवस मेन्स के लिये:वन्यजीव संरक्षण में एलीफैंट कॉरिडोर का महत्त्व, हाथी संरक्षण से संबंधित पहलें |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने 62 नए हाथी गलियारों (एलीफैंट कॉरिडोर) की पहचान की है, ये कॉरिडोर वन्यजीव संरक्षण के प्रति देश की प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में ऐसे गलियारों (कॉरिडोर) की कुल संख्या 150 हो गई है, जो कि वर्ष 2010 में पंजीकृत 88 गलियारों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
एलीफैंट कॉरिडोर/हाथी गलियारे से संबंधित प्रमुख बिंदु:
- परिचय:
- हाथी गलियारों को भूमि के एक खंड के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो हाथियों को दो अथवा दो से अधिक अनुकूल आवास स्थानों के बीच आवागमन में सुलभता प्रदान करता है।
- नए गलियारों की सूचना संबद्ध राज्य सरकारों द्वारा दी गई थी और ग्राउंड वेलिडेशन विधि की सहायता से उन्हें सत्यापित किया गया।
- राज्यवार वितरण:
- रिपोर्ट के अनुसार, 26 गलियारों के साथ पश्चिम बंगाल सबसे शीर्ष पर है, यह कुल गलियारों का का 17% है।
- पूर्वी मध्य भारत का योगदान 35% (52 गलियारे) है, जबकि उत्तर-पूर्व क्षेत्र का योगदान 32% (48 गलियारे) है।
- दक्षिणी भारत का योगदान 21% (32 गलियारे) और उत्तरी भारत का योगदान 12%, जो कि सबसे कम (18 गलियारे) है।
- गलियारों के उपयोग की स्थिति:
- केंद्र सरकार द्वारा जारी हाथी गलियारा रिपोर्ट में भारत के 15 हाथी रेंज वाले राज्यों में हाथी गलियारों में 40% की वृद्धि देखी गई है।
- 19% गलियारे (29) उपयोग में कमी दर्शाते हैं और 10 को हुई हानि के कारण बहाली की आवश्यकता है।
- उपयोग में कमी का कारण निवास स्थान का विखंडन और विनाश है।
- गलियारों में वृद्धि का कारण:
- हाथियों ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और कर्नाटक की सीमा से लगे दक्षिणी महाराष्ट्र में अपना विस्तार किया है।
- इन इलाकों में हाथियों का गलियारा बढ़ गया है।
- मध्य प्रदेश और उत्तरी आंध्र प्रदेश में भी हाथियों को बढ़ी संख्या में देखा गया है।
- हाथी:
- भारत में हाथी:
- हाथी प्रमुख प्रजाति के साथ-साथ भारत का प्राकृतिक धरोहर पशु भी है।
- भारत में एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है। देश में हाथियों की संख्या 30,000 से अधिक होने का अनुमान है।
- भारत में हाथियों की सबसे अधिक आबादी कर्नाटक में है।
- संरक्षण स्थिति:
- प्रवासी प्रजातियों का सम्मेलन (CMS): परिशिष्ट I
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट:
- एशियाई हाथी: लुप्तप्राय
- अफ्रीकी वन हाथी: गंभीर रूप से लुप्तप्राय
- अफ्रीकी सवाना हाथी: लुप्तप्राय
- संरक्षणात्मक प्रयास:
- भारत:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय हाथियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (A)केवल 1 और 2 उत्तर: (A) व्याख्या :
अत: विकल्प (A) सही उत्तर है। |