भूगोल
तिब्बत, चीन और नेपाल में भूकंप
- 11 Jan 2025
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:भूकंप, माउंट एवरेस्ट, भारतीय विवर्तनिकी प्लेट, हिमालय पर्वत शृंखला, पैंजिया, भारतीय मानक ब्यूरो मेन्स के लिये:विवर्तनिकी प्लेट संचलन, भारत के भूकंपीय क्षेत्र, तिब्बत का पठार और भूकंप |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
चीन के तिब्बती क्षेत्र और नेपाल के कुछ हिस्सों में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे व्यापक तबाही हुई। भूकंप का केंद्र माउंट एवरेस्ट क्षेत्र के पास ल्हासा टेरेन के अंदर टिंगरी काउंटी में था।
- यह घटना किक्सियांग को भ्रंश (जो खोजा गया नवीन विवर्तनिकी भ्रंश है) की पहचान करने वाले शोध के निष्कर्षों के अनुरूप है, जिससे क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियाँ प्रेरित होती हैं।
ल्हासा टेरेन में भूकंप के क्या कारण हैं?
- विवर्तनिकी प्लेट गतिविधि: यह भूकंप भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के बीच चल रहे टकराव (जो लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ था) का परिणाम है।
- भारतीय प्लेट द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 60 मिमी की दर से यूरेशियन प्लेट पर दबाव पड़ रहा है, जिसके कारण तनाव बढ़ने से अंततः भूकंप प्रेरित होता है।
- ऐतिहासिक संदर्भ: वर्ष 1950 से अब तक ल्हासा भू-भाग में 6 या उससे अधिक तीव्रता के 21 से अधिक भूकंप दर्ज़ किए गए हैं।
- इनमें से सबसे शक्तिशाली भूकंप वर्ष 2017 में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के मेनलिंग (जिसकी तीव्रता 6.9 थी) में दर्ज़ किया गया था।
भारतीय विवर्तनिकी प्लेट
- लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व, सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया के विघटन के दौरान भारतीय प्लेट (जो कभी गोंडवाना का हिस्सा थी) 9 सेमी प्रतिवर्ष की गति से उत्तर की ओर खिसकने लगी।
- इसके कारण यूरेशियन प्लेट से टकराव होने से हिमालय पर्वत शृंखला का निर्माण हुआ तथा यह प्रक्रिया आज भी जारी है।
- भारतीय प्लेट की सीमा उत्तर में यूरेशियन प्लेट, दक्षिण-पूर्व में ऑस्ट्रेलियाई प्लेट, दक्षिण -पश्चिम में अफ्रीकी प्लेट तथा पश्चिम में अरब प्लेट से संलग्न है।
ल्हासा टेरेन का क्या महत्त्व है?
- ल्हासा टेरेन: भूकंप ल्हासा टेरेन में आया, यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का स्थान है, जिसमें चीन का विश्व का सबसे बड़ा जलविद्युत बाँध भी शामिल है, जो यारलुंग त्संगपो नदी पर निर्मित किया जा रहा है।
- यारलुंग त्सांगपो नदी भारत में सियांग और बाद में ब्रह्मपुत्र के नाम से प्रवेश करती है। इससे अरुणाचल प्रदेश और असम में जल प्रवाह पर संभावित प्रभाव को लेकर भारत में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
- वर्ष 2004 में तिब्बत में भूस्खलन के कारण एक हिमनद झील निर्मित हो गई थी, जिससे सतलज नदी लगभग बाढ़ की चपेट में आ गई थी, जिसके कारण भारत को स्थिति पर बारीकी से नज़र रखनी पड़ी।
- यारलुंग त्सांगपो नदी भारत में सियांग और बाद में ब्रह्मपुत्र के नाम से प्रवेश करती है। इससे अरुणाचल प्रदेश और असम में जल प्रवाह पर संभावित प्रभाव को लेकर भारत में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
- पर्यावरणीय जोखिम: तिब्बती पठार में महत्त्वपूर्ण जल संसाधन हैं, इसके ग्लेशियरों, नदियों और झीलों के कारण इसे 'तीसरा ध्रुव' कहा जाता है।
- इस क्षेत्र में आने वाले भूकंप से ग्लेशियर अस्थिर हो सकते हैं और नदियों का मार्ग परिवर्तित हो सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ने की संभावना है।
किक्सियांग कंपनी फॉल्ट (Qixiang Co Fault) क्या है?
- भूवैज्ञानिक विशेषता: QXCF एक वाम-पार्श्वीय भ्रंश है, जिसका अर्थ है कि भ्रंश के दोनों ओर के ब्लॉक एक दूसरे के सापेक्ष बाएँ हाथ की दिशा में पार्श्विक रूप से चलते हैं।
- विवर्तनिकी गतिकी में महत्त्व: QXCF, क्वांगतांग टेरेन में सबसे महत्त्वपूर्ण विवर्तनिकी सीमा के रूप में कार्य करता है, जो तिब्बती पठार भूकंपीय क्षेत्र (चीन के पाँच प्रमुख भूकंपीय क्षेत्रों में से एक) की एक प्रमुख भूवैज्ञानिक विशेषता है।
- QXCF मध्य तिब्बत को पूर्व की ओर बढ़ने में मदद करता है, जिससे भारतीय और यूरेशियाई विवर्तनिकी प्लेटों के टकराव के कारण क्षेत्र में होने वाले जटिल परिवर्तनों में वृद्धि होती है।
- QXCF सक्रिय क्षेत्र में भूकंप की आवृत्ति और तीव्रता को प्रभावित कर सकती है।
हिमालय क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय क्यों है?
- विवर्तनिक प्लेट अभिसरण: हिमालय भारतीय और यूरेशियाई विवर्तनिकी प्लेटों के बीच टकराव का परिणाम है, जो अभी भी 40-50 मिमी/वार्षिक दर से अभिसरित हो रहे हैं, जिससे निरंतर विवर्तनिक दाब उत्पन्न हो रहा है और भूकंपीय सक्रिय हो रहे हैं।
- निरंतर प्लेट अवतलन: भारतीय प्लेट निरंतर यूरेशियन प्लेट के नीचे निमज्जित हो रही है, जिससे दाब उत्पन्न हो रहा है, जो निरंतर भूकंपों के माध्यम से मुक्त हो रहा है।
- भ्रंश रेखाओं की उपस्थिति: यह क्षेत्र अनेक भ्रंश रेखाओं से घिरा हुआ है, जिसमें मुख्य हिमालयी थ्रस्ट भी शामिल है, जो बार-बार होने वाली भूकंपीय परिघटनाओं के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- ये भ्रंश प्रत्यास्थ ऊर्जा संग्रहीत करते हैं, जो मुक्त होने पर भूकंप का कारण बनती है।
- जटिल विवर्तनिक अंतर्क्रियाएँ: भारत-यूरेशिया टकराव के अलावा, अन्य विवर्तनिकी विशेषताएँ, जैसे पामीर पर्वत के नीचे यूरेशियन प्लेट का अभिसरण भी क्षेत्र की भूकंपीयता में योगदान देता है।
- विभिन्न विवर्तनिक बलों के इस अभिसरण से भूकंप की संभावना बढ़ जाती है।
भूकंप क्या है?
- परिचय: भूकंप पृथ्वी की सतह का कंपन है जो ऊर्जा के निर्मुक्त होने के कारण होता है, जिससे भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं।
- ये तरंगें सभी दिशाओं में यात्रा करती हैं और सीस्मोग्राफ पर अभिलिखित की जाती हैं। सतह के नीचे का प्रारंभिक बिंदु अवकेंद्र (Hypocenter) है, और सतह पर इसके ठीक ऊपर का बिंदु अधिकेंद्र (Epicenter) है।
- भूकंप के प्रकार: भूकंप चार प्रकार के होते हैं: विवर्तनिक, ज्वालामुखीय, नियात (Collapse) और विस्फोट (Explosion)।
- विवर्तनिकी भूकंप तब आता है जब चट्टानों और समीपवर्ती प्लेटों पर कार्य करने वाले भूवैज्ञानिक बलों के कारण पृथ्वी की पर्पटी विघटित हो जाती है, जिससे भौतिक और रासायनिक परिवर्तन होते हैं।
- ज्वालामुखीय भूकंप ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण उत्पन्न होता है, जो आमतौर पर ज्वालामुखी के भीतर मैग्मा की गति के कारण होता है।
- नियात भूकंप (Collapse Earthquake) भूमिगत गुफाओं या खदानों में होता है, जो सतह पर विस्फोट से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों के कारण होता है। ये भूकंप आमतौर पर छोटे झटके वाले होते हैं।
- विस्फोट भूकंप एक ऐसा भूकंप है जो परमाणु और/या रासायनिक उपकरण के विस्फोट का परिणाम होता है।
- भारत में भूकंप: भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारत को चार भूकंपीय ज़ोन में विभाजित किया गया है : II, III, IV और V। ज़ोन V भूकंपीय रूप से सबसे अधिक सक्रिय है, जबकि ज़ोन II सबसे कम है।
- भारतीय हिमालय क्षेत्र भूगर्भीय रूप से सक्रिय होने के कारण मुख्यतः भूकंपीय क्षेत्र IV और V के अंतर्गत आता है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: हिमालयी क्षेत्र में उच्च भूकंपीय गतिविधि में योगदान देने वाले कारक क्या हैं, और विवर्तनिक प्लेटों और भ्रंश रेखाओं के अभिसरण से भूकंप की संभावना कैसे बढ़ जाती है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नमेन्सप्रश्न. भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंपों की आवृत्ति बढ़ती हुई प्रतीत होती है। फिर भी इनके प्रभाव के न्यूनीकरण हेतु भारत की तैयारी (तत्परता) में महत्त्वपूर्ण कमियाँ है। विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कीजिये। (2015) प्रश्न. भूकंप से संबंधित संकटों के लिये भारत की भेद्यता की विवेचना कीजिये। पिछले तीन दशकों में भारत के विभिन्न भागों में भूकंपों द्वारा उत्पन्न बड़ी आपदाओं के उदाहरण प्रमुख विशेषताओं के साथ कीजिये। (2021) |