जैव विविधता और पर्यावरण
अमेज़न वर्षावनों में सूखा
- 21 Oct 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:अमेज़न वर्षावन, अल नीनो, ग्रीनहाउस गैसें, अमेज़न नदी डॉल्फिन मेन्स के लिये: पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, संरक्षण |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
अमेज़न वर्षावन, जिसे प्रायः "पृथ्वी के फेफड़े" कहा जाता है, वर्तमान में एक अप्रत्याशित और गंभीर सूखे का सामना कर रहा है।
- यह पर्यावरणीय संकट स्थानीय निवासियों के जीवन में अत्यधिक व्यवधान उत्पन्न कर रहा है, जिससे संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है।
अमेज़न वर्षावन में सूखे के कारक:
- अल नीनो घटना:
- अल नीनो घटना को अमेज़न में सूखे के प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचा की गई है।
- इसके परिणामस्वरूप प्रशांत महासागर के सतह का जल असामान्य रूप से गर्म हो जाता है, जो बाद में वर्षा के पैटर्न को प्रभावित करता है।
- अमेज़न क्षेत्र में, अल नीनो के कारण आर्द्रता और वर्षा में कमी आती है, जिससे सूखे की स्थिति बढ़ जाती है।
- अल नीनो घटना को अमेज़न में सूखे के प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचा की गई है।
- उत्तरी उष्णकटिबंधीय अटलांटिक महासागर में उच्च जल तापमान:
- एक अन्य मौसमी घटना उत्तरी उष्णकटिबंधीय अटलांटिक महासागरीय जल का असामान्य रूप से उच्च तापमान है। समुद्र के गर्म पानी के कारण, गर्म हवा वायुमंडल में ऊपर उठती है, जो फिर अमेज़न वर्षावन तक पहुँचती है। गर्म हवा बादलों के निर्माण को रोकती है, जिससे वर्षा तेज़ी से न्यून हो जाती है।
- मानवजनित जलवायु परिवर्तन:
- मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन स्थिति को बदतर बना रहा है।
- वनस्पति की इस कमी से वाष्पीकरण-उत्सर्जन कम हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप सूखे की संभावना बढ़ जाती है।
- निर्वनीकरण, जो मुख्य रूप से कृषि और वनों की कटाई जैसी गतिविधियों के कारण होती है, अमेज़न की जलवायु को विनियमित करने एवं नमी बनाए रखने की क्षमता को बाधित करती है।
- वनस्पति के विशाल क्षेत्रों का विनाश भी तापमान की वृद्धि में योगदान करता है, जिससे तेज़ी से गंभीर सूखे का चक्र निर्मित होता है।
- खनन गतिविधि:
- क्षेत्र में अनियंत्रित खनन गतिविधियों के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो गई है, जिससे भूमि तट निर्मित होते हैं जो नदी के मार्ग को भी बाधित करते हैं।
- खनन के कारण जलीय तथा स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र में परिवर्तन से पर्यावरण में प्रदूषक एवं ग्रीनहाउस गैसें भी निर्मुक्त हैं, जो जलवायु को अत्यधिक प्रभावित करती हैं।
- जलविद्युत बाँध:
- अमेज़न में जलविद्युत बाँधों के निर्माण एवं रखरखाव से सूखे की स्थिति अधिक गंभीर हो गई है, विशेष रूप से मदीरा नदी पर जो कि अमेज़न नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
- बिजली उत्पादन के लिये जलाशयों का निर्माण प्राकृतिक नदी प्रवाह को बदल देता है साथ ही जलीय और स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करता है।
- इन जलाशयों में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन से वातावरण में मीथेन (एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस) निर्मुक्त होती है।
- अमेज़न में जलविद्युत बाँधों के निर्माण एवं रखरखाव से सूखे की स्थिति अधिक गंभीर हो गई है, विशेष रूप से मदीरा नदी पर जो कि अमेज़न नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
- परिवहन अवसंरचना:
- राजमार्गों जैसे बुनियादी ढाँचे का निर्माण, संरक्षित क्षेत्रों को काटकर, वनों की कटाई , वर्षावन पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
- साथ ही बायोम में जलवायु संबंधी विसंगतियाँ तीव्र हो रही हैं।
- जलचक्र पर प्रभाव:
- ये सभी कारक मिलकर अमेज़न क्षेत्र में प्राकृतिक जल चक्र को बाधित करते हैं।
- इससे नदियों में जल की मात्रा में कमी, लंबे समय तक सूखा, तथा जलीय जीवों, तटवर्ती आवासों एवं इन जल संसाधनों पर निर्भर स्थानीय समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव देखे जाते हैं।
- ये सभी कारक मिलकर अमेज़न क्षेत्र में प्राकृतिक जल चक्र को बाधित करते हैं।
अमेज़न वर्षावन पर सूखे के प्रभाव:
- सूखे के कारण कई नदियों में जल स्तर में भारी गिरावट आई है, जिसमें अमेज़न की सहायक नदी रियो नीग्रो भी शामिल है, जो निर्वहन स्तर के अनुसार से विश्व की सबसे बड़ी नदियों में से एक है, जिसमें रिकॉर्ड स्तर तक गिरावट आई है।
इससे हज़ारों लोग दूरदराज़ के जंगल क्षेत्रों के गाँवों में फँसे हुए हैं, जिनके पास भोजन, पीने का जल, दवा और अन्य वस्तुओं की सीमित आपूर्ति है।
कुछ समुदायों ने दूषित जल के कारण अतिसार और त्वचा संक्रमण जैसी बीमारियों के फैलने की सूचना दी है।
सूखे ने वर्षावन की जैवविविधता और वन्य जीवन को भी प्रभावित किया है। सैकड़ों मछलियाँ और अमेज़न रिवर डॉल्फिन जिन्हें बोटो या पिंक डॉल्फिन भी कहा जाता है, मृत पाए गए हैं, उनके सड़े-गले शव जल को प्रदूषित करते हैं। कई जानवर भी भूख और प्यास से पीड़ित हैं, क्योंकि उनके आवास तथा भोजन स्रोत में कमी देखी जा रही है।
कुछ स्थानों पर सूखे के कारण जंगल की आग का खतरा रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है।
आग के कारण बड़े पैमाने पर वनस्पति जलकर नष्ट हो गई है, वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होनेके साथ धुएँ की वजह से घनी धुंध देखी जाती है जिससे कई शहरों में हवा की गुणवत्ता तथा दृश्यता खराब स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अमेज़न वर्षावन:
- ये विशाल उष्णकटिबंधीय वर्षावन हैं, जो उत्तरी दक्षिण अमेरिका में अमेज़न नदी और इसकी सहायक नदियों के जल निकासी बेसिन में मौजूद हैं तथा कुल 6,000,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हैं।
- विश्व के आधे से अधिक वर्षावन, जो विश्व के सबसे बड़े वर्षावन हैं, अमेज़न बेसिन में पाए जाते हैं।
- ब्राज़ील के कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत, पेरू और गुयाना, कोलंबिया, इक्वाडोर, बोलीविया, सूरीनाम, फ्रेंच गुयाना तथा वेनेज़ुएला के कुछ हिस्सों को मिलाकर, अमेज़न नदी बेसिन विश्व का सबसे बड़ी जल निकासी प्रणाली है।
- यह उत्तर में गुयाना हाइलैंड्स, पश्चिम में एंडीज़ पर्वत, दक्षिण में ब्राज़ीलियाई सेंट्रल पठार और पूर्व में अटलांटिक महासागर से घिरा है।
- उष्णकटिबंधीय वन भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में 28 डिग्री के अंदर पाए जाने वाले बंद छत्र वाले वन (closed-canopy forests) हैं।
- वे बेहद आर्द्र क्षेत्र हैं,जहाँ हर वर्ष मौसम में या पूरे साल 200 सेमी. से अधिक वर्षा होती है।
- तापमान समान रूप से उच्च होता है, 20°C से 35°C के बीच।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रीलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित है? (2013)
उत्तर: (b) व्याख्या:
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