UGC विनियम प्रारूप 2025 | 21 Feb 2025
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय शिक्षा नीति, समवर्ती सूची, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मेन्स के लिये:उच्च शिक्षा नीतियाँ, शिक्षा प्रशासन, शिक्षा में समानता |
स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
चर्चा में क्यों?
भारत के छह राज्यों ने संघीय स्वायत्तता और शैक्षिक मानकों पर चिंताओं का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों तथा अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति एवं पदोन्नति हेतु न्यूनतम योग्यता व उच्च शिक्षा के मानकों के अनुरक्षण के उपाय) विनियम प्रारूप 2025 को वापस लेने की मांग की।
UGC विनियम 2025 के प्रारूप में कौन-से प्रमुख प्रावधान किये गए हैं?
- प्रारूप में कुलपतियों (VC) की नियुक्ति में राज्य सरकारों की भूमिका को समाप्त कर इनकी चयन प्रक्रिया को केंद्रीकृत किया गया है।
- अनुपालन में विफल रहने वाले विश्वविद्यालयों को UGC योजनाओं से वंचित किया जा सकता है तथा वित्त पोषण से वंचित किया जा सकता है।
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प्रारूप में कुलपति की पदावधि को तीन वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है।
- इसके अंतर्गत लोक प्रशासन और लोक नीति में न्यूनतम 10 वर्ष के वरिष्ठ स्तर के अनुभव वाले गैर-शैक्षणिक व्यक्तियों की नियुक्ति की अनुमति दी गई है।
- मसौदे में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश परीक्षा अनिवार्य करने का प्रस्ताव है।
- यह मसौदा अकादमिक-उद्योग सहयोग को मज़बूत करता है, अकादमिक प्रकाशन में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देता है, पारदर्शिता बढ़ाता है और शिक्षण भूमिकाओं में खिलाड़ियों को शामिल करता है।
- यह मसौदा अकादमिक-उद्योग की पारदर्शिता, शैक्षणिक प्रकाशनों में भारतीय भाषाओं के प्रयोग को प्रोत्साहित तथा उद्योग-अकादमिक सहयोग को सुदृढ़ करता है, तथा शिक्षण पदों पर एथलीटों को शामिल करता है।
UGC के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- उत्पत्ति: राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली स्थापित करने का भारत का पहला प्रयास 1944 की सार्जेंट रिपोर्ट के साथ शुरू हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान समिति बनाने की सिफारिश की गई थी।
- वर्ष 1945 में गठित इस समिति ने शुरुआत में अलीगढ़, बनारस और दिल्ली विश्वविद्यालयों को विनियमित किया। वर्ष 1947 तक इसका दायरा सभी मौजूदा विश्वविद्यालयों तक विस्तृत हो गया।
- वर्ष 1948 में, डॉ. एस. राधाकृष्णन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने ब्रिटेन के मॉडल के आधार पर इसके पुनर्गठन की सिफारिश की।
- वर्ष 1952 में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये अनुदान की देखरेख के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को नामित किया।
- वर्ष 1953 में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया गया, यह वर्ष 1956 में एक वैधानिक निकाय बन गया। UGC का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- संरचना: UGC में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 10 अन्य सदस्य होते हैं। केंद्र सरकार UGC के सभी सदस्यों की नियुक्ति करती है।
- प्रमुख कार्य: विश्वविद्यालयों की वित्तीय आवश्यकताओं का आकलन, रखरखाव, विकास तथा अन्य उद्देश्यों के लिये अनुदान आवंटित और वितरित करना।
- उच्च शिक्षा में सुधार की सिफारिश करता है तथा कार्यान्वयन में सहायता करता है।
भारत में शिक्षा का विनियमन
- 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा शिक्षा को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया जिससे स्थानीय शिक्षा प्रशासन में राज्य की स्वायत्तता को संरक्षित करते हुए केंद्र सरकार को नीति निर्माण में अधिक भागीदारी की अनुमति मिली।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 जैसी नीतियाँ और UGC एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) जैसी संस्थाओं की भूमिका, समवर्ती सूची से प्रेरित है।
- 7वीं अनुसूची में शिक्षा:
संघ सूची (सूची I) |
राज्य सूची (सूची II) |
समवर्ती सूची (सूची III) |
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शिक्षा, जिसमें तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा, विश्वविद्यालय और व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं (इस पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों कानून बना सकती हैं)। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. संविधान के निम्नलिखित प्रावधानों में से कौन से प्रावधान भारत की शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव डालते हैं? (2012)
(b) केवल 3, 4 और 5 (c) केवल 1, 2 और 5 (d) 1, 2, 3, 4 और 5उत्तर: (d) मेन्सप्रश्न 1. भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2020) |