नदी पारिस्थितिकी तंत्र में वि-ऑक्सीजनीकरण | 19 Sep 2023
प्रिलिम्स के लिये:नदी पारिस्थितिकी तंत्र में वि-ऑक्सीजनीकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) मेन्स के लिये:नदी पारिस्थितिकी तंत्र में वि-ऑक्सीजनीकरण तथा पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव। |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित एक अध्ययन में नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में वि-ऑक्सीजनीकरण के मुद्दे को उजागर किया गया है।
- शोधकर्त्ताओं की टीम ने संयुक्त राज्य अमेरिका और मध्य यूरोप की लगभग 800 नदियों के जल गुणवत्ता डेटा का विश्लेषण करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया।
- नदी के जल का तापमान और घुलित ऑक्सीजन का स्तर जल की गुणवत्ता व पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के आवश्यक उपाय हैं।
जल निकायों में वि-ऑक्सीजनीकरण:
- परिचय:
- जल निकायों में वि-ऑक्सीजनीकरण का तात्पर्य जलीय वातावरण, जैसे नदियों, झीलों, महासागरों और जल के अन्य निकायों में घुलित ऑक्सीजन के स्तर में कमी या क्षय से है।
- ऑक्सीजन की उपलब्धता में यह कमी विभिन्न प्राकृतिक और मानवजनित कारकों के कारण हो सकती है, जो जलीय जीवों के अस्तित्व के लिये आवश्यक, संवेदनशील संतुलन को बाधित करती है।
- वि-ऑक्सीजनीकरण के प्रभाव:
- जलीय जीवन पर: वि-ऑक्सीजनीकरण के परिणामस्वरूप ‘मृत क्षेत्र’ बन सकते हैं जहाँ मछली और सागरीय जीव ऑक्सीजन की कमी के कारण जीवित रहने के लिये संघर्ष करते हैं। गंभीर मामलों में, इससे बड़े पैमाने पर मछलियाँ और अन्य समुद्री जीव मर सकते हैं।
- अत्यधिक पोषक तत्त्वों के अपवाह और औद्योगिक एवं शहरी स्रोतों से प्रदूषण के कारण बाल्टिक सागर में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। परिणामी मृत क्षेत्रों ने मत्स्य पालन और जैव विविधता को प्रभावित किया है।
- मैक्सिको की खाड़ी जैसे तटीय क्षेत्रों में अक्सर गर्मियों में मृत क्षेत्र होते हैं।
- प्रजातियों के वितरण में बदलाव: कुछ प्रजातियाँ उच्च ऑक्सीजन स्तर वाले अन्य क्षेत्रों में जा सकती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बाधित हो सकता है और संभावित रूप से आक्रामक प्रजातियों का प्रभुत्व हो सकता है।
- मानव स्वास्थ्य: वि-ऑक्सीजनीकरण पीने के जल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, यदि कम ऑक्सीजन वाले जल में प्रदूषक और संदूषक मौजूद होते हैं, तो संभावित रूप से यह मानव उपभोग के लिये असुरक्षित हो जाता है।
- आर्थिक प्रभाव: मछलियों की आबादी कम होने से मत्स्य पालन पर असर पड़ता है, जिससे मछली पकड़ने वाले उद्योगों को आर्थिक नुकसान होता है। इसके अतिरिक्त, जल की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण सौंदर्यशास्त्र और मनोरंजक अवसरों में कमी पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- जलीय जीवन पर: वि-ऑक्सीजनीकरण के परिणामस्वरूप ‘मृत क्षेत्र’ बन सकते हैं जहाँ मछली और सागरीय जीव ऑक्सीजन की कमी के कारण जीवित रहने के लिये संघर्ष करते हैं। गंभीर मामलों में, इससे बड़े पैमाने पर मछलियाँ और अन्य समुद्री जीव मर सकते हैं।
अध्ययन के मुख्य बिंदु:
- वार्मिंग और ऑक्सीजन की हानि:
- नदियाँ महासागरों की तुलना में तेज़ी से गर्म होकर और वि-ऑक्सीजनीकरण कर रही हैं, जिसका जलीय जीवन एवं मनुष्यों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
- नदियों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा (लगभग 87%), तापमान में वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जबकि 70% ऑक्सीजन की हानि से पीड़ित है। यह नदी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाले एक व्यापक मुद्दे का संकेत देता है।
- शहरी बनाम ग्रामीण प्रभाव:
- शहरी नदियों में तेज़ी से तापमान वृद्धि देखी गई, जबकि ग्रामीण नदियों में तापमान में धीमी वृद्धि लेकिन तेज़ी से डी-ऑक्सीजनेशन देखा गया।
- यह विभेदन विभिन्न वातावरणों में भिन्न-भिन्न प्रभावों पर बल देता है।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और विषाक्त धातु विमोचन:
- वि-ऑक्सीजनीकरण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) और ज़हरीली धातुओं के उत्सर्जन का कारक है, जो इस घटना के बहुमुखी परिणामों को बढ़ाता है।
- भविष्य के अनुमान:
- अगले 70 वर्षों के भीतर नदी प्रणालियों, विशेष रूप से अमेरिका के दक्षिण में, ऑक्सीजन के इतने कम स्तर के साथ अवधि का अनुभव करने की संभावना है कि नदियाँ मछली की कुछ प्रजातियों के लिये "तीव्र गति से मृत्यु का कारण बन सकती हैं" और बड़े पैमाने पर जलीय विविधता को खतरे में डाल सकती हैं।
- सभी अध्ययनित नदियों में भविष्य में ऑक्सीजन की कमी की दर का सामान्य से 1.6 से 2.5 गुना अधिक होने का अनुमान है।
प्रश्न. महासागरों का अम्लीकरण बढ़ रहा है। यह घटना चिंता का कारण क्यों है? (2012)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (A) |