भारतीय अर्थव्यवस्था
MSMEs के लिये ऋण वृद्धि
- 31 Jul 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लियेस्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मेन्स के लियेसूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र की मौजूदा स्थिति |
चर्चा में क्यों?
‘ट्रांसयूनियन सिबिल’ एंड ‘स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया’ (SIDBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम’ (MSME) क्षेत्र की ऋण बकाया राशि एक वर्ष के साथ बढ़कर 20.21 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जो कि वर्ष-दर-वर्ष 6.6% की विकास दर है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिये ऋण वृद्धि जून 2021 में 6.4% हो गई, जबकि 2020 में इसमें 2.9% का संकुचन दर्ज किया गया था।
स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया
- भारतीय संसद के अधिनियम के तहत अप्रैल 1990 में स्थापित सिडबी, MSME क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास के साथ-साथ समान गतिविधियों में संलग्न संस्थानों के कार्यों के समन्वय के लिये प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करता है।
ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड
- यह भारत में कार्यरत एक क्रेडिट सूचना कंपनी है। यह 600 मिलियन व्यक्तियों और 32 मिलियन व्यवसायों पर क्रेडिट फाइलों का रख-रखाव करती है।
प्रमुख बिंदु
MSME को ऋण:
वित्तीय वर्ष (FY) 2021 में देश ने MSME क्षेत्र को 9.5 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित किये, जो वित्त वर्ष 2020 में पिछले वर्ष के 6.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।
शेष ऋण:
- मार्च 2021 में MSME ऋण बकाया में 6.6% की वृद्धि हुई है, जिसमें सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र में सबसे तेज़ गति 7.4% की वृद्धि देखी गई।
- सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के पश्चात् लघु उद्योग क्षेत्र में 6.8% और मध्यम उद्योग क्षेत्र में 5.8% की दर से संवृद्धि हुई है।
क्षेत्रवार विश्लेषण:
- कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ:
- कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिये ऋण के मामले में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हुए जून 2020 में 2.4% की तुलना में जून 2021 में 11.4% की त्वरित वृद्धि दर्ज की गई है।
- उद्योग:
- विभिन्न उद्योगों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, रत्न और आभूषण, काँच व काँच के बने पदार्थ, चमड़े तथा चमड़े के उत्पादों, खनन एवं उत्खनन, कागज़ और कागज़ उत्पादों, रबर, प्लास्टिक व उनके उत्पादों तथा वस्त्रों आदि से संबंधित ऋण में जून 2021 में उच्च वृद्धि दर्ज की गई।
- हालाँकि सभी इंजीनियरिंग, पेय पदार्थ और तंबाकू, बुनियादी धातु तथा धातु उत्पादों, सीमेंट एवं सीमेंट उत्पादों, रसायन व रासायनिक उत्पादों, निर्माण, बुनियादी ढाँचे, पेट्रोलियम कोयला उत्पादों तथा परमाणु ईंधन और वाहनों, वाहन के पुर्जों व परिवहन उपकरणों आदि से संबंधित वृद्धि में गिरावट दर्ज की गई है।
- सेवाएँ:
- सेवा क्षेत्र में ऋण वृद्धि जून 2021 में घटकर 2.9% हो गई, जो जून 2020 में 10.7% थी। यह कमी मुख्य रूप से वाणिज्यिक अचल संपत्ति, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और पर्यटन, होटल एवं रेस्तरां संबंधी ऋण वृद्धि में संकुचन के कारण हुई है।
- क्रेडिट टू ट्रेड सेगमेंट ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा। इसने जून 2021 में 8.1% की तुलना में 11.1% की त्वरित वृद्धि दर्ज की।
वृद्धि के कारण:
- MSMEs द्वारा क्रेडिट निकासी में यह वृद्धि कोविड महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी से निपटने के लिये आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) जैसी कई सरकारी पहलों के कारण हुई है।
- ECLGS योजना मई 2020 में घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी, जो विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से MSME को ऋण प्रदान करके कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट को कम करने के लिये थी।
- इसका उद्देश्य देशव्यापी तालाबंदी के कारण अपनी परिचालन देनदारियों को पूरा करने के लिये संघर्ष कर रहे छोटे व्यवसायों का समर्थन करना था।
- हाल ही में सरकार ने आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन सहित नए क्षेत्रों में अपना दायरा बढ़ाया है।
MSME के लिये अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
- पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिये निधि की योजना (SFURTI)
- नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु योजना (ASPIRE)
- MSME को वृद्धिशील ऋण प्रदान करने के लिये ब्याज सबवेंशन योजना
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये ऋण गारंटी योजना
- CHAMPIONS पोर्टल
- MSME समाधान