शासन व्यवस्था
चैंपियंस पोर्टल
- 02 Jun 2020
- 7 min read
प्रीलिम्स के लिये:चैंपियंस पोर्टल मेन्स के लिये:‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों’ के विकास हेतु सरकार के प्रयास |
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 1 जून, 2020 को ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों’ (Micro, Small & Medium Enterprises- MSME) की समस्याओं के समाधान में सहायता करने हेतु ‘चैंपियंस’ (CHAMPIONS) नामक एक पोर्टल को लॉन्च किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- ‘चैंपियंस’ (CHAMPIONS) का विस्तृत रूप ‘उत्पादन और राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने हेतु आधुनिक प्रक्रियाओं का निर्माण और उनका सामंजस्यपूर्ण अनुप्रयोग’ (Creation and Harmonious Application of Modern Processes for Increasing the Output and National Strength) है।
- यह ‘सूचना और संचार प्रौद्योगिकी’ (Information and Communications Technology - ICT) पर आधारित एक प्रबंधन सूचना प्रणाली है।
- इस प्रणाली को ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र’ (National Informatics Centre- NIC) की सहायता से पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीकी द्वारा तैयार किया गया है।
- टेलीफोन, इंटरनेट और वीडियो कॉन्फ्रेंस जैसे ICT उपकरणों के अलावा इस प्रणाली को ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (Artificial Intelligence- AI), ‘डेटा विश्लेषण’ (Data Analytics) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) जैसी नवीन तकनीकों से भी जोड़ा गया है।
- साथ ही इसे केंद्र सरकार की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievances Redress and Monitoring System- CPGRAMS) को भी जोड़ा गया है।
- इस प्रणाली के तहत ‘हब और स्पोक मॉडल’ (Hub & Spoke model) के आधार पर नियंत्रण कक्षों के एक तंत्र की स्थापना की गई है।
- इसके तहत किसी पहिये की धुरी की तरह इस प्रणाली का केंद्र (Hub) राजधानी दिल्ली में स्थित है।
- जबकि पहिये की तीलियों (Spokes) की तरह ही विभिन्न राज्यों में स्थित एमएसएमई मंत्रालय के अलग-अलग कार्यालयों और संस्थानों में इसके नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं।
- वर्तमान में इस प्रणाली के तहत 66 राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य वर्तमान की कठिन परिस्थितियों से उबरने में MSME क्षेत्र के उद्यमों की सहायता करना है।
- साथ ही इस पोर्टल का उद्देश्य MSMEs को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत बनाने में सहयोग करना है।
MSME क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियाँ:
- पिछले कुछ वर्षों में देश में सक्रिय MSME श्रेणी के उद्यमों की निगरानी करने, उनकी समस्याओं को समझने और इसके निवारण हेतु एक सक्रिय तंत्र का अभाव रहा है।
- MSME श्रेणी के अधिकांश उद्यमों का पंजीकरण भी नहीं किया गया है जिससे उनकी चुनौतियों की पहचान करना और उन्हें समय पर सहायता पहुँचाना बहुत ही कठिन होता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation- IFC) द्वारा वर्ष 2018 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, MSMEs को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से उनकी आवश्यकता का एक-तिहाई ऋण ही प्राप्त हो पाता है। जबकि बैंकों द्वारा यह ऋण बहुत ही आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है।
- औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से न जुड़े होने के कारण अधिकांश MSMEs को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पता है।
लाभ:
- केंद्र सरकार के अनुसार, यह प्रणाली MSMEs की आर्थिक, श्रमिक, कच्चे माल और नियमकीय अनुमतियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होगी।
- यह पोर्टल MSMEs को उनकी क्षमता की पहचान करने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने में सहायता करेगा।
- यह पोर्टल MSMEs को बाज़ार में उपलब्ध नए अवसरों की पहचान करने, उसके उत्पादन और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उसकी आपूर्ति करने में सहयोग करेगा। जैसे वर्तमान में चिकित्सीय उपकरणों एवं व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की मांग आदि।
निष्कर्ष:
हाल के वर्षों में MSME क्षेत्र के उद्यमों से जुड़ी समस्याओं के निवारण हेतु किसी विशेष सहयोग के अभाव में इन उद्यमों की चुनौतियों में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले दो महीनों से देश में लागू लॉकडाउन से MSMEs को गंभीर आर्थिक क्षति हुई है। चैंपियंस पोर्टल के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित MSMEs को एक प्रणाली से जोड़कर निवेश से लेकर बाज़ार में उत्पादों की पहुँच से जुड़ी समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा। साथ ही इस प्रणाली के माध्यम से हाल ही में सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करा कर, MSMEs को वर्तमान संकट से उबरने में सहायता प्राप्त होगी।