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भारतीय राजनीति

क्रीमी लेयर: OBC

  • 31 Jul 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये

न्यायमूर्ति रोहिणी समिति, मंडल आयोग, इंदिरा साहनी वाद

मेन्स के लिये

क्रीमी लेयर की अवधारणा, महत्त्व और आवश्यकता

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कुछ सांसदों ने संसद के मानसून सत्र में ‘क्रीमी लेयर’ को परिभाषित करने का मुद्दा उठाया है।

इसके अलावा न्यायमूर्ति रोहिणी समिति ओबीसी कोटा के उप-वर्गीकरण पर विचार कर रही है कि यदि कोई विशेष समुदाय या समुदायों का समूह ओबीसी कोटा से सबसे अधिक लाभान्वित हो रहा है, तो इन विसंगतियों को किस प्रकार दूर किया जाए।

प्रमुख बिंदु

पृष्ठभूमि

  • दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग (मंडल आयोग) की सिफारिश के आधार पर सरकार ने अगस्त 1990 में सिविल पदों और सेवाओं में सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBCs) के लिये 27% आरक्षण अधिसूचित किया था।
  • इसे चुनौती दिये जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर 1992 में (इंदिरा साहनी वाद) OBC के लिये 27% आरक्षण को बरकरार रखा था, हालाँकि यह क्रीमी लेयर की अवधारणा के अधीन था।

परिभाषा

  • यह एक अवधारणा है जो उस सीमा को निर्धारित करती है जिसके भीतर ओबीसी आरक्षण लाभ लागू होता है।
  • यद्यपि सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिये 27% कोटा निर्धारित है, किंतु जो लोग ‘क्रीमी लेयर’ (आय और माता-पिता के रैंक के आधार पर विभिन्न श्रेणियाँ) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें इस कोटा का लाभ नहीं मिलता है।
  • आय सीमा के अलावा क्रीमी लेयर की वर्तमान परिभाषा अभी भी समान ही है।

क्रीमी लेयर के अंतर्गत परिभाषित श्रेणियाँ:

  • 8 लाख से अधिक आय:
    • जो सरकार में नहीं हैं उनके लिये मौजूदा सीमा 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष है।
    • आय सीमा हर तीन वर्ष में बढ़ाई जानी चाहिये। इसे पिछली बार वर्ष 2017 में संशोधित किया गया था (अब तीन वर्ष से अधिक)।
  • माता-पिता की रैंक: सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिये सीमा उनके माता-पिता की रैंक पर आधारित होती है, न कि आय पर।
    • उदाहरण के लिये एक व्यक्ति को क्रीमी लेयर के अंतर्गत माना जाता है यदि उसके माता-पिता में से कोई एक संवैधानिक पद पर हो, यदि माता-पिता को सीधे ग्रुप-A में भर्ती किया गया है या यदि माता-पिता दोनों ग्रुप-B सेवाओं में हैं।
    • यदि माता-पिता 40 वर्ष की आयु से पहले पदोन्नति के माध्यम से ग्रुप-A में प्रवेश करते हैं, तो उनके बच्चे क्रीमी लेयर में शामिल होंगे।
    • सेना में कर्नल या उच्च पद के अधिकारी के बच्चे और नौसेना तथा वायु सेना में समान रैंक के अधिकारियों के बच्चे भी क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं। ऐसे ही अन्य कई मानदंड भी मौजूद हैं।

सरकार का प्रस्ताव:

  • कैबिनेट नोट के मसौदे में कहा गया है कि क्रीमी लेयर का निर्धारण सभी प्रकार की आय जिसमें आयकर के लिये वेतन की गणना शामिल है, पर किया जाएगा लेकिन कृषि आय पर नहीं।
  • सरकार 12 लाख रुपए तक की आय पर आम सहमति पर विचार कर रही है, जबकि संसद समिति ने यह सीमा प्रतिवर्ष 15 लाख रुपए तक करने की सिफारिश की है।
    • इसने OBC की क्रीमी लेयर श्रेणी के लिये वार्षिक आय सीमा की गणना करते समय वेतन और कृषि राजस्व को बाहर करने की भी सिफारिश की।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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