शासन व्यवस्था
COVID-19 के कारण टीकाकरण में बाधा
- 23 May 2020
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प्रीलिम्स के लिये:पोलियो, हैजा, खसरा मेन्स के लिये:COVID-19 के कारण पोलियो, हैजा, खसरा,जैसे रोगों के टीकाकरण में उत्पन्न बाधा |
चर्चा में क्यों?
‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO) और ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ (United Nations Children's Fund-UNICEF) की रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 से उत्पन्न समस्याओं के कारण एक वर्ष से कम आयु के लगभग 80 मिलियन बच्चों का जीवन जोखिम में है।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण खसरा (Measles), पोलियो (Polio) और हैजा (Cholera) सहित अन्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण में बाधा उत्पन्न हो रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु दशकों से चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रमों में बाधा उत्पन्न होने से आने वाले दिनों में अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- अप्रैल, 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य सहयोगी संगठनों ने COVID-19 के मद्देनज़र अस्थायी तौर पर कुछ समय के लिये पोलियो अभियान को रोकने हेतु सुझाव दिये थे।
- दरअसल पोलियो जैसे अभियानों में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं जिसके कारण इन अभियानों में COVID-19 के प्रसार को रोकने हेतु ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ (Social Distancing) नियम का उल्लंघन होगा।
- हाल ही में जारी एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 65 से अधिक देशों में मार्च और अप्रैल के दौरान खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु टीकाकरण कार्यक्रमों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था या आंशिक रूप से चलाया जा रहा था।
- हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा COVID-19 के दौरान सुरक्षित रूप से टीकाकरण सेवाएँ बहाल करने के संबंध में एक दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
- UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक देशों में लॉकडाउन तथा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संख्या में कमी के कारण वैक्सीन के वितरण में विलंब हुआ है।
अफ्रीकी देशों की स्थिति:
- उल्लेखनीय है कि अफ्रीका में एक दर्जन से अधिक देशों ने इस वर्ष पोलियो के प्रसार की सूचना दी है।
- रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि 38 देशों में चलाए जा रहे पोलियो संबंधित 46 अभियानों को रोक दिया गया है। साथ ही 27 देशों में खसरा अभियान को भी रोका गया है।
- ध्यातव्य है कि अफ्रीका के 40 से अधिक देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है, हालाँकि कुछ देशों ने कार्गो और आपातकालीन परिवहन की अनुमति दी है।
भारत की स्थिति:
- यदि किसी देश में लगातार तीन वर्षो तक एक भी पोलियो का मामला नहीं आता, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन उसे ‘पोलियो मुक्त देश’ घोषित कर देता है।
- भारत में पोलियो का अंतिम मामला जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल में दर्ज किया गया था। जिसके पश्चात् लगातार नजर रखी गई है।
- इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को वर्ष 2014 में ‘पोलियो मुक्त देश’ घोषित कर दिया।
- भले ही भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है, परंतु भारत के पड़ोसी देशों में अभी भी यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसका स्पष्ट प्रभाव भारत पर देखने को मिल सकता है।