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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

CICA विदेश मंत्रियों की 6वीं बैठक

  • 14 Oct 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस-बिल्डिंग मेज़र्स

मेन्स के लिये:

विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भारत की स्थिति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विदेश मंत्री ने कज़ाखस्तान के ‘नूर-सुल्तान’ में ‘कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस-बिल्डिंग मेज़र्स’ (CICA) की 6वीं मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया।

  • कज़ाखस्तान ने पिछले वर्ष CICA की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
  • CICA के विदेश मंत्रियों की 5वीं बैठक वर्ष 2016 में बीजिंग में आयोजित की गई थी।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में भारत का पक्ष:
    • वैक्सीन मैत्री:
      • भारत का अंतर्राष्ट्रीयवाद (वसुधैव कुटुम्बकम) देश की ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चालक है।
      • जनवरी 2021 में भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल शुरू की थी, जो मुख्यतः वैश्विक स्तर पर कम आय वाले एवं विकासशील देशों को भारत में बने टीकों की आपूर्ति करने का एक प्रमुख कूटनीतिक प्रयास था।
    • सीमा पार आतंकवाद:
      • भारत द्वारा इस फोरम को आतंकवाद, हथियारों की तस्करी, नशीले पदार्थों के व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के अन्य रूपों से निपटने हेतु सामूहिक संकल्प को मज़बूत करने की सलाह दी गई।
    • बहुपक्षवाद:
      • एशिया के साथ-साथ अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को भी संयुक्त राष्ट्र (UN) की निर्णयन प्रक्रिया में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
      • कोविड-19 महामारी के प्रति बहुपक्षीय प्रतिक्रिया काफी हद तक सीमित थी। यह सुधारित बहुपक्षवाद को और अधिक आवश्यक बनाता है।
    • अफगानिस्तान:
      • भारत ने ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ के प्रस्ताव 2593 में वर्णित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले तालिबान शासन के महत्त्व को रेखांकित किया।
        • UNSC प्रस्ताव 2593 स्पष्ट करता है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग आतंकवादियों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, आतंक की योजना बनाने या उसके वित्तपोषण के लिये नहीं किया जाना चाहिये; यह प्रस्ताव विशेष तौर पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों को संदर्भित करता है।
    • कनेक्टिविटी:
      • कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सबसे बुनियादी सिद्धांत- संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का भी सम्मान किया जाना चाहिये।
      • इसके माध्यम से भारत द्वारा ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ (CPEC) के तहत पाकिस्तान में चीन की महत्त्वाकांक्षी बुनियादी अवसंरचना विकास योजनाओं को भी संदर्भित किया गया।
        • CPEC, जो कि बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना है।
        • CPEC को लेकर भारत ने चीन के सामने विरोध जताया है, क्योंकि इसे पाक-अधिकृत कश्मीर तक विस्तृत किया जा रहा है।

CICA के बारे में:

  • CICA एक अंतर-सरकारी मंच है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करना और एशिया में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा के 47वें सत्र में 5 अक्तूबर, 1992 को कज़ाखस्तान गणराज्य के पहले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव (Nursultan Nazarbayev) द्वारा CICA के आयोजन का विचार पहली बार प्रस्तावित किया गया था। पहला CICA शिखर सम्मेलन जून 2002 में आयोजित किया गया था।
  • CICA का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला अंग CICA राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों (शिखर सम्मेलन) की बैठक है।  CICA की गतिविधियों के लिये परामर्श करने, प्रगति की समीक्षा करने और प्राथमिकताओं को निर्धारित करने हेतु हर चार वर्ष में CICA शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है।
    • प्रति दो वर्ष में इसके विदेश मंत्रियों की बैठक होनी चाहिये।
  • CICA के सदस्यों में 27 एशियाई देश शामिल हैं, जिनमें अज़रबैजान, बहरीन, चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इज़रायल, रूस, दक्षिण कोरिया और तुर्की, नौ पर्यवेक्षक राज्य व पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं।
  • भारत 'परिवहन गलियारों के सुरक्षित और प्रभावी प्रणालियों के विकास' तथा 'ऊर्जा सुरक्षा' पर दो CICA CBM (विश्वास निर्माण उपाय) की सह-अध्यक्षता करता है।
  • CICA सचिवालय जून 2006 से अल्माटी (कज़ाखस्तान) में स्थित है।

CICA

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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