भारतीय अर्थव्यवस्था
CBIC ने नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (NTRS) 2023 रिपोर्ट जारी की
- 17 Jun 2023
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प्रिलिम्स के लिये:नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (NTRS), विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO), कार्गो रिलीज़ समय मेन्स के लिये:भारत में TFA और सीमा पार व्यापार पर इसका प्रभाव, भारत में व्यापार करने में आसानी |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (NTRS) 2023 रिपोर्ट जारी की है, जो भारत में विभिन्न बंदरगाहों पर कार्गो रिलीज़ समय को मापती है।
- इस रिपोर्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना (NTFAP) लक्ष्यों की दिशा में की गई प्रगति का आकलन करना, विभिन्न व्यापार सुविधा पहलों के प्रभाव की पहचान करना और रिलीज़ समय में अधिक तीव्रता से कमी लाने हेतु चुनौतियों की पहचान करना है।
- यह अध्ययन 1 से 7 जनवरी, 2023 की नमूना अवधि के आधार पर आयोजित किया गया था, जिसमें वर्ष 2021 और वर्ष 2022 की समान अवधि के दौरान निष्पादन की तुलना की गई थी।
- अध्ययन में शामिल बंदरगाहों, एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स (ACC), अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (ICD) एवं एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये प्रविष्टि बिलों का लगभग 80% तथा देश में दाखिल किये गए शिपिंग बिलों का 70% हैं।
कार्गो रिलीज़ का समय:
- कार्गो रिलीज़ समय को सीमा शुल्क स्टेशन पर कार्गो के आगमन से आयात के मामले में घरेलू निकासी हेतु इसके आउट-ऑफ-चार्ज तक और सीमा शुल्क स्टेशन पर कार्गो के आगमन से निर्यात के मामले में वाहक के अंतिम प्रस्थान तक लगने वाले समय के रूप में परिभाषित किया गया है।
- कार्गो रिलीज़ समय व्यापार दक्षता और व्यापार करने में आसानी का एक प्रमुख संकेतक है, क्योंकि यह सीमा शुल्क प्रक्रियाओं एवं सीमा पार व्यापार में शामिल अन्य नियामक प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
- विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization- WCO) द्वारा अनुशंसित एक प्रदर्शन माप उपकरण, टाइम रिलीज़ स्टडी (TRS) का उपयोग करके कार्गो रिलीज़ समय को मापा जाता है।
NTRS 2023 की मुख्य विशेषताएँ
- आयात निर्गमन समय में सुधार:
- विगत वर्षों की तुलना में औसत आयात निर्गमन समय में सुधार दिखा है।
- ICD के लिये निर्गमन समय में 20% की कमी, ACC के लिये 11% की कमी और वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में बंदरगाहों में 9% की कमी देखी गई।
- बंदरगाहों के लिये पूर्ण रूप से आयात निर्गमित करने का समय 85 घंटे और 42 मिनट है, ICD के लिये 71 घंटे और 46 मिनट है, ACC के लिये 44 घंटे और 16 मिनट है और ICP के लिये 31 घंटे और 47 मिनट है।
- मानक विचलन का कम माप आयातित कार्गो के शीघ्र निर्गमन को अधिक सुनिश्चित करता है।
- 'पाथ टू प्राप्टनेस' की पुन: पुष्टि:
- NTRS 2023 के निष्कर्ष त्रिस्तरीय 'पाथ टू प्राप्टनेस' सामरिक नीति के महत्त्व की पुष्टि करते हैं।
- इस रणनीति में आगमन-पूर्व प्रसंस्करण हेतु आयात दस्तावेज़ो की अग्रिम फाइलिंग, कार्गो की जोखिम-आधारित सुविधा तथा विश्वसनीय ग्राहक कार्यक्रम- अधिकृत आर्थिक ऑपरेटरों के लाभ शामिल हैं।
- कार्गो जो 'पाथ टू प्रॉम्प्टनेस' के तहत सभी तीन विशेषताओं को शामिल करते हैं जिसमें सभी बंदरगाह श्रेणियों में राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना (NTFAP) अपने निर्गमन समय पर लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।
- निर्यात निर्गमन समय पर फोकस:
- NTRS 2023 ने निर्यात के लिये निर्गमन समय को मापने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।
- अध्ययन नियामक मंज़ूरी (निर्गमन सीमा शुल्क) और भौतिक निकासी के बीच अंतर की पहचान करता है।
- नियामक मंज़ूरी लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर (LEO) के अनुदान के साथ पूरी की जाती है, जबकि भौतिक मंज़ूरी रसद प्रक्रियाओं के पूरा होने तथा माल के साथ वाहक के प्रस्थान पर होती है।
NTRS 2023 के लिये सूचना स्रोत:
NTRS 2023 विभिन्न स्रोतों से एकत्र किये गए डेटा पर आधारित है, जैसे कि ICEGATE पोर्टल, बंदरगाह प्राधिकरण, सीमा शुल्क के बिचौलिये और इसमें भाग लेने वाली सरकारी संस्थाएँ (PGA)।
- NTRS 2023 में विभिन्न हितधारकों, जैसे- निर्यातकों, आयातकों, व्यापार संघों और वाणिज्य मंडलों से प्राप्त प्रतिक्रिया भी शामिल है।
- NTRS 2023 को WCO TRS कार्यप्रणाली के साथ संरेखित किया गया है और इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन भी किया जाता है।
NTRS 2023 के लाभ:
- NTRS 2023 भारत में विभिन्न बंदरगाहों पर कार्गो रिलीज़ समय प्रदर्शन का व्यापक और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन प्रदान करता है।
- NTRS 2023 वैश्विक मानकों के विरुद्ध सुधार और बेंचमार्किंग के क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करता है।
- NTRS 2023 व्यापार क्षमता और प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने वाले व्यापार सुगमता उपायों के साक्ष्य आधारित नीति निर्माण एवं कार्यान्वयन का समर्थन करता है।
- NTRS 2023, NTFAP लक्ष्यों को प्राप्त करने और विश्व व्यापार संगठन व्यापार सुविधा समझौते के अंतर्गत भारत की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में योगदान देता है।
राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना (National Trade Facilitation Action Plan- NTFAP):
- NTFAP का उद्देश्य भारत में WTO के व्यापार सुविधा समझौते (TFA) के प्रावधानों को लागू करना है।
- TFA सीमा पार व्यापार के लिये सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और मानदंडों के सरलीकरण पर केंद्रित है।
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय व्यापार सुविधा समिति (NCTF) द्वारा NTFAP तैयार किया गया था।
- इसमें भारत के नीतिगत उद्देश्यों के अनुरूप कार्यान्वयन के लिये समय-सीमा के साथ 90 से अधिक विशिष्ट गतिविधियाँ शामिल हैं।
- NTFAP में अग्रिम आयात दस्तावेज़ फाइलिंग, जोखिम-आधारित कार्गो सुविधा, विश्वसनीय ग्राहक कार्यक्रम, अवसंरचना उन्नयन, विधायी मुद्दे, आउटरीच कार्यक्रम और एजेंसी समन्वय जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
- NTFAP व्यापार लागत कम करता है, दक्षता में वृद्धि करता है, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का समर्थन करता है और भारत की TFA प्रतिबद्धताओं को पूरा करता है।
लाॅजिस्टिक से संबंधित पहलें:
- पीएम गति शक्ति योजना
- माल का बहुविध परिवहन अधिनियम, 1993
- पीएम गति शक्ति योजना
- मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क
- लीड्स (LEADS) रिपोर्ट
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
- सागरमाला प्रोजेक्ट्स
- भारतमाला परियोजना
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड:
- यह वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
- GST लागू होने के बाद वर्ष 2018 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज़ एंड कस्टम्स (CBEC) का नाम बदलकर CBIC कर दिया गया।
- यह सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय GST (CGST) और एकीकृत GST (IGST) के लेवी तथा संग्रह से संबंधित नीति तैयार करने के कार्यों से संबंधित है।
- GST कानून में (i) केंद्रीय वस्तु और सेवा कर अधिनियम, 2017 (ii) राज्य वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (iii) केंद्रशासित प्रदेश वस्तु तथा सेवा कर अधिनियम, 2017 (iv) एकीकृत वस्तु और सेवा कर अधिनियम, 2017 (v) वस्तु तथा सेवा कर (राज्यों को मुआवज़ा) अधिनियम, 2017 शामिल हैं।