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जैव विविधता और पर्यावरण

जलवायु लक्ष्यों और जैवविविधता संरक्षण का संतुलन

  • 01 Jan 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जलवायु लक्ष्यों और जैव-विविधता संरक्षण को संतुलित करना, कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासन (CDR) रणनीतियाँ, पेरिस समझौता, जलवायु परिवर्तन।

मेन्स के लिये:

जलवायु लक्ष्यों और जैव-विविधता संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण को संतुलित करना

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है जिसका शीर्षक है- जलवायु लक्ष्यों और जैव-विविधता संरक्षण को संतुलित करना: भूमि-आधारित कार्बन निष्कासन के लिये 30x30 लक्ष्य के कानूनी निहितार्थ (Balancing climate goals and biodiversity protection: legal implications of the 30x30 target for land-based carbon removal), यह शीर्षक भूमि-आधारित कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासन हेतु (CDR) रणनीतियों और संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना के बीच संघर्ष को उजागर करता है।

अध्ययन के मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • सीमित भूमि उपलब्धता:
    • भूमि उपलब्धता की सीमाएँ जैव-विविधता लक्ष्य और भूमि-आधारित जलवायु शमन रणनीतियों दोनों को लागू करने में एक महत्त्वपूर्ण चुनौती हैं।
    • CDR गतिविधियों के लिये देशों द्वारा भूमि के महत्त्वपूर्ण हिस्से को गिरवी रखने से, सीमित भूमि उपलब्धता के कारण संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना के लिये एक चुनौती उत्पन्न हो गई है।
  • वैश्विक लक्ष्य और वर्तमान स्थिति:
    • राष्ट्र वर्ष 2030 तक विश्व के 30% स्थलीय और समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिये "30x30" जैव- विविधता लक्ष्य हेतु प्रतिबद्ध हुए हैं। हालाँकि वर्ष 2023 तक संरक्षित क्षेत्र केवल 16% स्थलीय क्षेत्रों और 8% समुद्री क्षेत्रों को कवर करते हैं, जो कि 30x30 के लक्ष्य से कम है।
      • 30×30 लक्ष्य एक वैश्विक लक्ष्य है जिसका उद्देश्य प्रजातियों के तेज़ी से हो रहे नुकसान को रोकना और महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना है जो हमारी आर्थिक सुरक्षा का स्रोत हैं।
  • भूमि उपयोग और संघर्ष:
    • कुछ भूमि-आधारित शमन रणनीतियाँ भूमि उपयोग की बाधाओं के कारण अधिक संरक्षित क्षेत्रों को स्थापित करने की आवश्यकता के साथ संघर्ष करती हैं।
    • CDR की बड़े पैमाने पर तैनाती के परिणामस्वरूप जैवविविधता को हानि हो सकती है और खाद्य फसल उत्पादन में उपयोग की जाने वाली भूमि के लिये प्रतिस्पर्द्धा हो सकती है।
  • लक्ष्य की अपर्याप्तता:
    • 30x30 लक्ष्य की महत्त्वाकांक्षी प्रकृति के बावजूद, शोधकर्त्ताओं का अनुमान है कि जैवविविधता को प्रभावी ढंग से संरक्षित करने के लिये वैश्विक भूमि का कम से कम 44% संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत होना चाहिये।
    • इसके अलावा, अकेले CDR गतिविधियाँ ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 या 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिये पेरिस समझौते में उल्लिखित लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सकती हैं।
  • कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:
    • प्रश्न उठते हैं कि खाद्य उत्पादन का विस्तार और CDR रणनीतियों को लागू करते समय देश संरक्षित क्षेत्रों एवं बहाली के लिये अतिरिक्त भूमि किस प्रकार आवंटित करेंगे।
    • इन उद्देश्यों को संतुलित करना एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है।
  • कानूनी परिप्रेक्ष्य:
    • जबकि कुछ भूमि-आधारित CDR दृष्टिकोण जैवविविधता को लाभ पहुँचा सकते हैं, वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून समान अधिग्रहित भूमि पर संरक्षित क्षेत्रों के साथ CDR तकनीकों के कार्यान्वयन को नहीं रोकता है।
  • सिफारिशें:
    • CDR नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो जैवविविधता की रक्षा करते हुए ग्रीनहाउस गैसों को प्रभावी ढंग से अवशोषित करती हैं। वे जलवायु परिवर्तन को कम करने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं, यह कहते हुए कि जैवविविधता के लिये इससे होने वाला खतरा अन्य चिंताओं से कहीं अधिक है।

कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासन (CDR) क्या है?

परिचय:

  • CDR उन प्रौद्योगिकियों, प्रथाओं और दृष्टिकोणों को संदर्भित करता है जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को निष्कासित करते हैं तथा उसे स्थायी रूप से संग्रहीत करते हैं।

पद्धति:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न. “मोमेंटम फॉर चेंज: क्लाइमेट न्यूट्रल नाउ” यह पहल किसके द्वारा शुरू की गई थी? (2018) 

(a) जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल
(b) UNEP सचिवालय
(c) UNFCCC सचिवालय
(d) विश्व मौसम विज्ञान संगठन

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • "मोमेंटम फॉर चेंज: क्लाइमेट न्यूट्रल नाउ", UNFCCC सचिवालय द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई एक पहल है।
  • जलवायु तटस्थता के उद्देश्य के साथ यह पहल ‘मोमेंटम फॉर चेंज’ के तहत काफी महत्त्वपूर्ण है।
  • जलवायु तटस्थता प्राप्त करने के लिये, लोगों, व्यवसायों एवं सरकारों को पहले अपने कार्बन फुटप्रिंट का आकलन करने की आवश्यकता है और फिर संयुक्त राष्ट्र-प्रमाणित उत्सर्जन कटौती के माध्यम से क्षतिपूर्ति करते हुए जितना संभव हो, उतना उत्सर्जन में कटौती करनी चाहिये।

अतः विकल्प (c) सही है।


प्रश्न. कार्बन डाइ-ऑक्साइड के मानवजनित उत्सर्जन के कारण होने वाले ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन कार्बन पृथक्करण के लिये संभावित स्थल हो सकता है? (2017)

  1. परित्यक्त और गैर-आर्थिक कोयले की तह
  2.  तेल और गैस भंडारण में कमी
  3.  भूमिगत गहरी लवणीय संरचनाएँ

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

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