अंतर्राष्ट्रीय संबंध
आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक
- 19 Sep 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:आसियान/ASEAN, एक्ट ईस्ट पॉलिसी। मेन्स के लिये:भारत के लिये आसियान का महत्त्व, भारत-आसियान सहयोग के क्षेत्र |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और कंबोडिया ने कंबोडिया में 19वीं आसियान/ASEAN -भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
- इस बैठक में सभी 10 आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) देशों के आर्थिक मंत्रियों या उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय आर्थिक संबंध:
- मंत्रियों के अनुसार, आसियान और भारत के बीच व्यापार एवं आर्थिक संबंध कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने लगे हैं तथा आसियान व भारत के बीच दोतरफा व्यापार वर्ष 2021 में 91.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है, जो वार्षिक आधार पर 39.2% बढ़ा है।
- आसियान-भारत व्यापार परिषद (ASEAN-India Business Council):
- मंत्रियों ने आसियान-भारत व्यापार परिषद (AIBC) द्वारा आसियान-भारत आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने और वर्ष 2022 में AIBC द्वारा की गई गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
- आसियान-भारत व्यापार परिषद (AIBC) की स्थापना मार्च 2003 में भारत और आसियान देशों के प्रमुख निजी क्षेत्र के अभिकर्त्ताओं को व्यापार नेटवर्किंग एवं विचारों को साझा करने के लिये एक मंच पर लाने हेतु की गई थी।
- मंत्रियों ने आसियान-भारत व्यापार परिषद (AIBC) द्वारा आसियान-भारत आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने और वर्ष 2022 में AIBC द्वारा की गई गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
- कोविड-19 के बाद सुधार:
- मंत्रियों ने महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने और कोविड-19 के बाद स्थायी सुधार की दिशा में काम करने के लिये सामूहिक कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।
- आपूर्ति शृंखला काॅनेक्टविटी :
- मंत्रियों ने आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (ASEAN-India Trade in Goods Agreement-AITIGA) उन्नयन वार्ता, कोविड-19 टीकाकरण की पारस्परिक मान्यता, टीकों के उत्पादन, सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रवाह को बनाए रखने के लिये एक मज़बूत आपूर्ति शृंखला काॅनेक्टविटी हासिल करने हेतु सामूहिक कार्रवाई करने के लिये आसियान तथा भारत का स्वागत किया।
- आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता:
- मंत्रियों ने AITIGA की समीक्षा के दायरे का समर्थन किया ताकि इसे व्यवसायों के लिये अधिक उपयोगकर्त्ता-अनुकूल, सरल और व्यापार सुविधा के साथ-साथ आपूर्ति शृंखला व्यवधानों सहित वर्तमान वैश्विक एवं क्षेत्रीय चुनौतियों के प्रति उत्तरदायी बनाया जा सके।
- मंत्रियों ने AITIGA की समीक्षा में तेज़ी लाने के लिये AITIGA संयुक्त समिति को भी सक्रिय किया।
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ:
- परिचय:
- यह एक क्षेत्रीय समूह है जो आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है।
- इसकी स्थापना अगस्त 1967 में बैंकॉक, थाईलैंड में आसियान के संस्थापकों अर्थात् इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ की गई।
- इसके सदस्य राज्यों को अंग्रेज़ी नामों के वर्णानुक्रम के आधार पर इसकी अध्यक्षता वार्षिक रूप से प्रदान की जाती है।
- आसियान देशों की कुल आबादी 650 मिलियन है और संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (GDP)8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। यह लगभग 86.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- अप्रैल 2021- फरवरी 2022 की अवधि में भारत और आसियान क्षेत्र के बीच कमोडिटी व्यापार 98.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत के व्यापारिक संबंध मुख्य तौर पर इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम और थाईलैंड के साथ हैं।
- सदस्य:
- आसियान दस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम को एक मंच पर लाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा,विगत वर्ष के प्रश्न:प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये:(2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान (ASEAN) के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में शामिल हैं? (A) 1, 2, 4 और 5 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (C) सही उत्तर है। प्रश्न. क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (Regional Comprehensive Economic Partnership) पद किन देशों के समूहों के संदर्भ में अक्सर सुर्ख़ियों में रहता है? (A) जी20 उत्तर: (B) व्याख्या:
अतः विकल्प (B) सही है। प्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प C सही है। मेन्सप्रश्न. शीतयुद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के आर्थिक और सामरिक आयामों का मूल्याकंन कीजिये। |