विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
अंतरिक्ष क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग
- 21 Dec 2023
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, गगनयान, NISAR, SPADEX प्रयोग, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन मेन्स के लिये:विविध अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग की भूमिका, ISRO के भविष्य के प्रयास |
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में भारत सरकार ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) तथा मशीन लर्निंग (ML) को एकीकृत करने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा की गई महत्त्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।
- यह परिवर्तन विगत कुछ वर्षों में इन क्षेत्रों में तेज़ी से हुई तकनीकी प्रगति के लिये एक रणनीतिक प्रतिक्रिया रही है।
- गगनयान कार्यक्रम सहित ISRO की चल रही परियोजनाओं में AI समाधान एकीकृत हैं।
AI और ML विविध अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में कैसे सहायता करते हैं?
- अंतरिक्ष अन्वेषण और रोबोटिक्स: AI-संचालित रोबोट तथा रोवर निरंतर मानवीय हस्तक्षेप के बिना मार्गनिर्देशन कर सकते हैं, निर्णय ले सकते हैं एवं दूरवर्ती ग्रहों अथवा क्षुद्रग्रहों का पता लगा सकते हैं।
- ML, अंतरिक्ष जाँच अथवा उपग्रहों द्वारा ली गई छवियों में आकाशीय पिंडों, क्षेत्रों तथा खतरों की पहचान करने में मदद करती है।
- उपग्रह संचालन: ML एल्गोरिदम द्वारा उपग्रह छवियों का विश्लेषण किया जाता है जिससे पृथ्वी की सतह में परिवर्तन, मौसम के पैटर्न तथा पर्यावरणीय परिवर्तनों की निगरानी करने में सहायता मिलती है।
- AI, टेलीमेट्री डेटा का विश्लेषण करके रखरखाव शेड्यूलिंग को बेहतर करता है तथा डाउनटाइम को कम करता है जिससे उपग्रह घटक की विफलताओं का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
- अंतरिक्ष यान प्रणाली: AI सिस्टम अंतरिक्ष यान घटकों के संचालन की निगरानी करते हैं, संभावित विफलताओं पूर्वानुमान करते हैं तथा रखरखाव में सक्रिय रूप से सहायता करते हैं।
- ML एल्गोरिदम मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान संचालन के लिये बिजली, ईंधन तथा अन्य संसाधनों का अनुकूलन करते हैं।
- डेटा विश्लेषण तथा पैटर्न पहचान: AI नए खगोलीय पिंडों की खोज करने, अंतरिक्ष परिघटनाओं को समझने तथा अंतरिक्ष में मलबे की पहचान करने के लिये व्यापक रूप से खगोलीय डेटा का विश्लेषण करता है।
- ML, गहरे अंतरिक्ष (Deep Space) से संकेतों को संसाधित कर, शोर तथा संभावित संचार अथवा वैज्ञानिक डेटा के बीच अंतर करने में मदद करता है।
- मिशन योजना तथा निर्णय: AI मॉडल विभिन्न कारकों तथा परिदृश्यों की मदद से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सहायता करते हुए जोखिमपूर्ण मिशनों का आकलन करते हैं।
- ML, अंतरिक्ष यान को वास्तविक समय में बदलते परिवेश अथवा अप्रत्याशित स्थितियों के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाता है।
- ऑप्टिकल संचार अनुकूलन: AI तथा ML डेटा ट्रांसमिशन गति को अधिकतम करते हैं तथा मॉडल ऑप्टिकल संचार प्रणालियों को परिष्कृत करते हैं, जिससे बदलती अंतरिक्ष स्थितियों के अनुकूलन में सहायता मिलती है जो अंतरग्रहीय मिशनों के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- अंतरिक्ष चुनौतियों के लिये क्वांटम कंप्यूटिंग: AI में उच्च-स्तरीय एन्क्रिप्शन या जटिल सिमुलेशन की आवश्यकता वाले अंतरिक्ष मिशनों के लिये सुरक्षा और कंप्यूटेशनल क्षमताओं को बढ़ाने वाली जटिल गणनाओं तथा क्रिप्टोग्राफी से निपटने के लिये क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग करने की क्षमता है।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के क्षेत्र में चल रहीं परियोजनाएँ:
नोट: सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के पिछले 9 महीनों के दौरान देश के भीतर अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का निजी निवेश हासिल किया है। |
अंतरिक्ष क्षेत्र में AI और ML से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
- कंप्यूटेशनल सीमाएँ: अंतरिक्ष यान में सीमित कंप्यूटेशनल शक्ति और मेमोरी होती है, जिससे जटिल AI एल्गोरिदम को चलाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन संसाधन-बाधित वातावरणों में कुशलतापूर्वक चलाने के लिए ML मॉडल को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।
- सुदृढ़ता एवं विश्वसनीयता: अंतरिक्ष का वातावरण कठोर है, जिसमें उच्च स्तर का विकिरण और अत्यधिक तापमान है, जो AI सिस्टम के हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर घटकों को प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थितियों में AI एल्गोरिदम की विश्वसनीयता और मज़बूती सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है।
- प्रशिक्षण डेटा सीमाएँ: पिछले मिशनों या स्थितियों से सीखने की सीमित संख्या के कारण अंतरिक्ष मिशनों के लिये विशिष्ट AI मॉडल हेतु प्रशिक्षण डेटा एकत्र करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- नैतिक और कानूनी विचार: जैसे-जैसे अंतरिक्ष मिशनों में AI अधिक प्रचलित होता जा रहा है, वैसे ही नैतिक और कानूनी चिंताएँ उत्पन्न हो रही हैं, जैसे– AI निर्णयों की ज़िम्मेदारी, डेटा गोपनीयता तथा AI-संचालित निर्णयों तथा मानव निर्णय के बीच संभावित संघर्ष।
आगे की राह
- एज कंप्यूटिंग और ऑनबोर्ड प्रोसेसिंग: डेटा ट्रांसमिशन देरी को कम करने और अर्थ-बेस्ड कम्प्यूटेशनल संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के लिये ऑनबोर्ड प्रोसेसिंग तथा एज कंप्यूटिंग पर ध्यान केंद्रित करें।
- यह अंतरिक्ष यान को डेटा संसाधित करने और स्वायत्त रूप से निर्णय लेने की अनुमति देता है, जिससे पृथ्वी के साथ निरंतर संचार पर निर्भरता कम हो जाती है।
- अंतःविषय सहयोग: खगोल विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, सामग्री विज्ञान और रोबोटिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता को संयोजित करने के लिये अंतरिक्ष एजेंसियों, शोधकर्त्ताओं तथा उद्योगों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करें।
- यह अंतःविषय दृष्टिकोण नवाचार और व्यापक समस्या-समाधान को बढ़ावा देता है।
- नैतिक ढाँचे और शासन: अंतरिक्ष में AI और ML के लिये विशिष्ट वैश्विक नैतिक ढाँचे तथा शासन दिशा-निर्देश विकसित करना जो AI निर्णय लेने, जवाबदेही, डेटा गोपनीयता एवं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों के पालन जैसे मुद्दों को संबोधित करते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: C मेन्स:प्रश्न1. भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की क्या योजना है और इससे हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम को क्या लाभ होगा? (2019) |