राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिये स्वीकृत ईंधन: CAQM | 13 Jul 2022
प्रिलिम्स के लिये:वायु प्रदूषण, पाइप्ड नेचुरल गैस, स्टबल बर्निंग, सीपीसीबी। मेन्स के लिये:वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, अनुमोदित ईंधन की मानक सूची। |
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) राज्यों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिये अनुमोदित ईंधन की एक मानक सूची अपनाने का निर्देश दिया है।
- CAQM द्वारा अनुमोदित ईंधन की मानक सूची में पेट्रोल, डीज़ल, हाइड्रोजन/मीथेन, प्राकृतिक गैस, तरल पेट्रोलियम गैस (LPG) और विद्युत् शामिल हैं।
- कई उद्योग पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) एवं बायोमास जैसे स्वच्छ ईंधन स्रोत की ओर स्थानांतरित हो गए हैं, जबकि कई अन्य औद्योगिक क्षेत्र जैसे- खाद्य प्रसंस्करण, आसवनी और रसायन उद्योग आदि स्वच्छ ईंधन स्रोत की ओर स्थानांतरित होने की प्रक्रिया में हैं।
- एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों को बायोमास और PNG जैसे स्वच्छ ईंधनों स्रोतों की ओर स्थानांतरित करना प्रदूषण को कम करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है (उदाहरण के लिये राजस्थान में अलवर और भिवाड़ी के उद्योग)।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM):
- परिचय:
- CAQM राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- इससे पहले आयोग का गठन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अध्यादेश, 2021 की घोषणा के माध्यम से किया गया था।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 ने 1998 में NCR में स्थापित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) को भी भंग कर दिया।
- CAQM राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- उद्देश्य:
- वायु गुणवत्ता सूचकांक की समस्याओं से जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिये उचित समन्वय, अनुसंधान, पहचान और समाधान सुनिश्चित करना।
- विस्तार:
- आसपास के क्षेत्रों को NCR से सटे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों के क्षेत्रों के रूप में परिभाषित किया गया है जहांँ प्रदूषण का कोई भी स्रोत NCR में वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
- संरचना:
- आयोग का नेतृत्व एक पूर्णकालिक अध्यक्ष करेगा जो भारत सरकार का सचिव या राज्य सरकार का मुख्य सचिव रहा हो।
- अध्यक्ष तीन वर्ष के लिये या 70 वर्ष की आयु तक पद पर रहेगा।
- इसमें कई मंत्रालयों के सदस्यों के साथ-साथ हितधारक राज्यों के प्रतिनिधि भी होंगे।
- इसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और सिविल सोसाइटी के विशेषज्ञ होंगे।
- कार्य:
- संबंधित राज्य सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) द्वारा की गई समन्वित कार्रवाई।
- एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने के लिये योजना बनाना तथा उसे क्रियान्वित करना।
- वायु प्रदूषकों की पहचान के लिये एक रूपरेखा प्रदान करना।
- तकनीकी संस्थानों के साथ नेटवर्किंग के माध्यम से अनुसंधान और विकास का संचालन करना।
- वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिये एक विशेष कार्यबल का प्रशिक्षण और गठन करना।
- वृक्षारोपण बढ़ाने और पराली जलाने से रोकने से संबंधित विभिन्न कार्य योजनाएँ तैयार करना।