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भारतीय इतिहास

स्वामी विवेकानंद की 162 वीं जयंती

  • 13 Jan 2025
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय युवा दिवस, स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रीय युवा नीति 2014, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद रॉक मेमोरियल, वेदांत, योग, नव-वेदांत, उपनिषद, गीता, बुद्ध, रामकृष्ण मिशन, धर्म संसद,  सतत् विकास लक्ष्य, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

मेन्स के लिये:

स्वामी विवेकानंद का योगदान। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद की 162 वीं जयंती) पर, प्रधानमंत्री ने विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 में भाग लिया।

  • महान आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक एवं विचारक स्वामी विवेकानंद की स्मृति में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय युवा नीति 2014 में युवाओं की परिभाषा 15-29 आयु वर्ग के व्यक्तियों के रूप में की गई है, जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 40% है।

विकसित भारत युवा नेता संवाद क्या है?

  • परिचय: यह एक ऐसा मंच है जिसका उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण में शामिल करना है जो प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस पर बिना किसी राजनीतिक संबद्धता वाले 1 लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने के आह्वान के अनुरूप है।
  • भागीदारी: इस आयोजन में 15-29 वर्ष की आयु के 3,000 युवा एक साथ आए, जिनका चयन योग्यता आधारित, बहु-चरणीय प्रक्रिया (जिसे विकसित भारत चैलेंज कहा जाता है) के माध्यम से किया गया।
  • विषयगत फोकस: इसमें युवा नेताओं द्वारा भारत के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण दस विषयगत क्षेत्रों पर विचार प्रस्तुत किये गए जिनमें प्रौद्योगिकी, स्थिरता, महिला सशक्तीकरण, विनिर्माण तथा कृषि शामिल हैं।

स्वामी विवेकानंद के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • स्वामी विवेकानंद (जिनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था) एक भिक्षु और रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे।
    • वर्ष 1893 में खेतड़ी राज्य के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर उन्होंने अपने पूर्व नाम 'सच्चिदानंद' को बदलकर ' विवेकानंद ' रख लिया।
  • आत्मज्ञान: मान्यताओं के अनुसार 1892 में स्वामी विवेकानंद साधना करने के लिये कन्याकुमारी के तट से हिंद महासागर में एक विशाल शिला (जिसे बाद में विवेकानंद रॉक मेमोरियल कहा गया) तक तैरकर गए थे।
    • उन्होंने वहाँ तीन दिन और तीन रातें बिताई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। 
  • योगदान:  
    • दार्शनिक: उन्होंने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित कराया।
      • उन्होंने ' नव-वेदांत' का प्रचार-प्रसार किया, जो पश्चिमी दृष्टिकोण से हिंदू धर्म की व्याख्या थी तथा वे आध्यात्मिकता को भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने में विश्वास करते थे।
    • आध्यात्मिक: मानवीय मूल्यों पर विवेकानंद का संदेश उपनिषदों, गीता और बुद्ध एवं ईसा के उदाहरणों से लिया गया है, जिसमें आत्मबोध, करुणा और निस्वार्थ सेवा पर ज़ोर दिया गया है।
      • उन्होंने सेवा के सिद्धांत का समर्थन किया। जीव की सेवा करना शिव की उपासना के समान है।
      • उन्होंने अपनी पुस्तकों में सांसारिक सुख और आसक्ति से मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त करने के चार मार्ग बताए- राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग।
    • पुनरुत्थानवाद: उन्होंने हमारी मातृभूमि के पुनरुद्धार के लिये शिक्षा पर ज़ोर दिया। उन्होंने मानव-निर्माण और चरित्र-निर्माण वाली शिक्षा की वकालत की।
  • मूल शिक्षाएँ:  
    • युवा: उन्होंने युवाओं को सफलता के लिये अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिये प्रोत्साहित किया तथा चुनौतियों का सामना करने में समर्पण के महत्त्व पर बल दिया। 
      • स्वामीजी लोहे जैसी माँसपेशियों और फौलाद जैसी नसों वाला युवा चाहते थे। उनका दृढ़ मत था कि युवाओं को शारीरिक रूप से मज़बूत और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिये।
    • नैतिकता: नैतिकता एक आचार संहिता है जो एक व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक बनने के लिये मार्गदर्शन करती है और पवित्रता, हमारा सच्चा दिव्य स्व या आत्मा होने के नाते, हमारे वास्तविक स्वरूप को दर्शाती है।
    • धर्म: उनके अनुसार, धर्म परम सत्य का सार्वभौमिक अनुभव है जो असहिष्णुता, अंधविश्वास, हठधर्मिता और पुरोहितवाद से मुक्त है।
    • शिक्षा: विवेकानंद ने ऐसी शिक्षा पर ज़ोर दिया जिससे छात्रों का सहज ज्ञान और शक्ति उजागर हो, चरित्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित हो और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिये आत्मनिर्भर बनाए।
    • तर्कसंगतता: उन्होंने आधुनिक विज्ञान की पद्धतियों और परिणामों का पूर्ण समर्थन किया और विश्वास के पक्ष में तर्क-शक्ति को अस्वीकार नहीं किया।
    • राष्ट्रवाद: उनका राष्ट्रवाद मानवतावाद और सर्वहितवाद पर आधारित है, जो भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं। 
      • उनका राष्ट्रवाद जनसामान्य के प्रति चिंता, स्वतंत्रता, समानता और कर्म योग पर आधारित है- जो निस्वार्थ सेवा के माध्यम से राजनीतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता का मार्ग है।
  • संबद्ध संगठन: उन्होंने सेवा, शिक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के आदर्शों का प्रचार करने के लिये वर्ष 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
    • वर्ष 1899 में उन्होंने बेलूर मठ की स्थापना की जो उनका स्थायी निवास बन गया।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबोधन: उन्होंने वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित धर्म संसद को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
    • जुलाई 1896 में उन्होंने लंदन में लंदन हिंदू एसोसिएशन के एक सम्मेलन को संबोधित किया।

INDIAN PHILOSOPHY

विवेकानंद से संबंधित विचार

  • जिस देश में लाखों लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है और जहाँ कुछ हज़ार साधु-संत और ब्राह्मण उन गरीबों का खून चूसते हैं और उनकी उन्नति के लिए कोई चेष्टा नहीं करते, क्या वह धर्म है या पिशाच का नृत्य? - स्वामी विवेकानंद
  • यह मत भूलो कि निम्न वर्ग, अज्ञानी, गरीब, अनपढ़, मोची, सफाई कर्मचारी सब हमारे भाई हैं - स्वामी विवेकानंद
  • जहाँ तक बंगाल का प्रश्न है, विवेकानंद को आधुनिक राष्ट्रवादी आंदोलन का आध्यात्मिक जनक माना जा सकता है -सुभाष चंद्र बोस।

राष्ट्रीय युवा नीति (NYP) 2014

  • NYP 2014: यह भारतीय युवाओं को अपनी संपूर्ण क्षमता हासिल करने और देश के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिये सशक्त बनाने हेतु युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा एक नीतिगत ढाँचा है।
  • NYP 2024: सरकार ने NYP 2014 की समीक्षा की और उसे अद्यतन किया है, नवीन NYP 2024 के लिये एक प्रारूप जारी किया। 
    • यह प्रारूप भारत में युवा विकास के लिये दस वर्षीय दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, जो सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप है। 
    • यह पाँच मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है: शिक्षा, रोज़गार, युवा नेतृत्व, स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय, तथा सामाजिक समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता रखता है।
  • प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
    • वर्ष 2030 तक युवा विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये एक स्पष्ट योजना।
    • करियर और जीवन कौशल में सुधार हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ संरेखण।
    • नेतृत्व और स्वयंसेवा के अवसरों को मजबूत करना तथा युवाओं को सशक्त बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
    • स्वास्थ्य देखभाल, विशेषकर मानसिक स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना तथा खेल और फिटनेस को बढ़ावा देना।
    • हाशिये पर पड़े युवाओं के लिये सुरक्षा, न्याय और सहायता सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष

विकसित भारत युवा नेता संवाद और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएँ युवा सशक्तीकरण, नैतिक नेतृत्व और समग्र विकास पर ज़ोर देती हैं। NYP 2024 जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए, इन पहलों का उद्देश्य युवाओं को शिक्षा, आत्मनिर्भरता और तर्कसंगतता से लैस करना है ताकि भारत के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते हुए भारत के स्थायी भविष्य को आकार दिया जा सके।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: “एक मज़बूत, तर्कसंगत और नैतिक युवा एक विकसित भारत की आधारशिला है।” विवेकानंद की शिक्षाओं के प्रकाश में टिप्पणी कीजिये।

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