नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


भारतीय अर्थव्यवस्था

तेल की कीमतें शून्य से नीचे के स्तर पर

  • 22 Apr 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ब्रेंट क्रूड तथा वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) ऑयल 

मेन्स के लिये:

भारत की ऊर्जा सुरक्षा और क्रूड ऑयल  

चर्चा में क्यों?

‘ब्लूमबर्ग’ (Bloomberg) मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, COVID- 19 महामारी के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका के तेल बाज़ार में ‘वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट’ (West Texas Intermediate- WTI) तेल की कीमतें 40.32 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गईं है।

मुख्य बिंदु:

  • ब्लूमबर्ग के अनुसार तेल की कीमत का इतना कम स्तर पूर्व में द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद देखने को मिल था। 
  • वर्तमान में तेल की कीमत शून्य अंक से भी नीचे हो गई है तथा इस मूल्य पर कच्चे तेल के विक्रेता को ही प्रत्येक बैरल की खरीद पर खरीदार को 40 डॉलर का भुगतान करना पड़ रहा है।

तेल का कीमत स्तर में गिरावट: 

  • वर्ष 2020 की शुरुआत में 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से मार्च के अंत तक 20 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई थी।
  • मांग और आपूर्ति में अंतर; महामारी के कारण तेल बाज़ार, अमेरिका सहित वैश्विक स्तर पर मांग की कमी का सामना कर रहे हैं।

Energy-falling

समस्या की शुरुआत:

  • 'पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन' (Organization of the Petroleum Exporting Countries- OPEC) जिसका नेतृत्त्व सऊदी अरब करता है तथा OPEC+ जिसमें रूस को भी शामिल किया जाता है, ने मिलकर मार्च माह की शुरुआत में तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिये आयोजित की जाने वाली ‘OPEC रूस वार्ता स्थगित’ कर दी गई। परिणामस्वरूप OPEC देशों ने तेल का उत्पादन समान मात्रा में जारी रखा। 

तेल की कीमतों पर प्रभाव:

  • अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव में सऊदी अरब और रूस के बीच सुलह के बाद तेल निर्यातक देशों ने उत्पादन में 10 मिलियन बैरल प्रति दिन कटौती करने का निर्णय लिया परंतु इसके बाद भी तेल की मांग में तेज़ी से कमी देखी गई।
  • मार्च और अप्रैल के दौरान आपूर्ति-मांग के बीच संतुलन पूरी तरह खराब हो गया। 

WTI

तेल की कीमत नकारात्मक कैसे? 

  • आपूर्ति पक्ष संबंधी समस्या:
    • यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि तेल के उत्पादन में कटौती या तेल के कुएँ को पूरी तरह से बंद करना एक कठिन निर्णय होता है, क्योंकि इसे फिर से शुरू करना बेहद महँगा और बोझिल कार्य होता है। 
    • इसके अलावा यदि कोई देश उत्पादन में कटौती करता है तो इस देश बाज़ार में हिस्सेदारी (निर्यात) खोने का जोखिम रखता है।
    • कई तेल उत्पादक उत्पादन बंद करने के बजाय कम कीमतों पर भी अपने तेल से छुटकारा की बिक्री करना चाहते थे क्योंकि मई माह में तेल की बिक्री पर मामूली नुकसान की तुलना में फिर से तेल उत्पादन शुरू करना ज्यादा महँगा होगा।
  • मांग पक्ष संबंधी समस्या:
    • जबकि उपभोक्ता या आयातक देश तेल अनुबंधों से बाहर आना चाहते थे क्योंकि तेल निर्यातक देश इन देशों को अधिक तेल खरीदने के लिये मज़बूर करना चाहते थे जबकि  इन देशों के पास तेल को भंडारित करने के लिये कोई जगह नहीं थी।
  • अल्पकालिक समाधान:
    • खरीददार और विक्रेता दोनों पक्ष तेल अनुबंध से छुटकारा पाने चाहते थे इससे WTI तेल अनुबंध की कीमतें शून्य से भी नीचे चली गईं। अत: अल्पावधि के लिये तेल आपूर्तिकर्त्ता अनुबंधधारक देशों को 40 डॉलर प्रति बैरल का भुगतान भी करना चाहते हैं ताकि तेल का उत्पादन बंद न हो।

तेल कीमतों का भविष्य:

  • COVID-19 महामारी का प्रसार अभी भी लगातार हो रहा है जिससे वैश्विक तेल की मांग में प्रतिदिन गिरावट आ रही है। कुछ अनुमानों का दावा है कि आगामी तिमाही में कुल मांग 30% तक गिर जाएगी। अंत में मांग-आपूर्ति में संतुलन या असंतुलन ही तेल की कीमतों को निर्धारित करेगा।

भारत पर प्रभाव:

  • भारत के क्रूड ऑयल बास्केट में WTI शामिल नहीं है। इसमें केवल ब्रेंट ऑयल (Brent Oil) तथा कुछ खाड़ी देशों का तेल शामिल हैं, इसलिये भारतीय तेल आयात पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा। लेकिन तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर गिरावट होने से भारतीय ऑयल बास्केट की कीमतों में भी गिरावट दिखाई देती है। 

price-crude

आगे की राह:

  • यदि सरकार तेल की कीमतों में हुई गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देती है तो यह महामारी के बाद सरकार के आर्थिक कार्यक्रम में मदद करेगा क्योंकि इससे खपत में वृद्धि होगी।
  • सरकारें (केंद्र और राज्यों दोनों) तेल पर उच्च कर लगाकर सरकारी राजस्व को बढ़ा सकती है।

ब्रेंट क्रूड तथा वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट(WTI): 

  • ब्रेंट क्रूड ऑयल का उत्पादन उत्तरी सागर में शेटलैंड द्वीप (Shetland Islands) और नॉर्वे के बीच तेल क्षेत्रों से होती है, जबकि वेस्ट क्रूड इंटरमीडिएट (WTI) ऑयल के क्षेत्र मुख्यत: अमेरिका में अवस्थित है। 
  • ब्रेंट क्रूड और WTI दोनों ही लाइट और स्वीट (Light and Sweet) होते हैं। 

WTI-vs-Brent

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow