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कृषि

बाज़ार हस्तक्षेप योजना

  • 11 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

बाज़ार हस्तक्षेप योजना

मेन्स के लिये:

बाज़ार हस्तक्षेप योजना का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल में COVID- 19 महामारी के तहत लगाए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिवहन बाधाओं को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने कृषि तथा बागवानी फसलों के जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को बाज़ारों तक पहुँचाने के लिये 50 ट्रेनों को शुरू किया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • बागवानी किसानों को COVID- 19 महामारी के तहत लगाए गए लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक कठिनाइयों तथा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
  • केंद्र सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जल्दी खराब होने वाली फसलों के 'पारिश्रमिक मूल्य' (Remunerative Prices) सुनिश्चित करने के लिये ‘बाज़ार हस्तक्षेप योजना’ (Market Intervention Scheme- MIS) का क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया है।

बाज़ार हस्तक्षेप योजना (MIS):

  • बाज़ार हस्तक्षेप योजना का उद्देश्य, जल्दी खराब होने वाली फसलों के उत्पादकों को बाज़ार में लागत से कम दाम पर बिक्री के संबंध में सुरक्षा प्रदान करना है। MIS योजना को विशेष रूप से तब प्रयोग में लाया जाता है जब बिक्री का मूल्य, उत्पादन की लागत से भी काम होता है। 
  • इस योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है, जबकि खरीद प्रक्रिया में हुए नुकसान को केंद्र तथा राज्य द्वारा 50:50 में वहन किया जाता है। 
  • इस योजना का प्रयोग तब किया जाता है जब फसलों की बाज़ार कीमतों में 'पिछले सामान्य वर्ष (Previous Normal Year: विगत वर्ष जिसमें फसलों का बाज़ार मूल्य सामान्य रहा हो) की तुलना में 10% या इससे अधिक की गिरावट होती है।

MIS योजना संबंधी नवीन आदेश:

  • केंद्र सरकार ने ‘मूल्य समर्थन योजना’ के तहत की जाने वाली खरीद फसलों में कुछ अन्य फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया है।  
  • नवीन आदेश का विस्तार 'भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड' (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limted- NAFED) के अलावा अन्य एजेंसी; जो दाल तथा तिलहन की खरीद करती हैं, तक किया गया है।   
  • प्रत्येक राज्य में नवीन आदेश योजना शुरू होने की तारीख से 90 दिनों बाद तक लागू रहेंगे। 
  • इसमें वर्ष 2020 की रबी फसल के लिये प्रति किसान खरीद की सीमा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति किसान कर दी गई है।

नवीन आदेश का महत्त्व:

  • लॉकडाउन के कारण शुष्क भूमि वाले क्षेत्रों में की जाने दलहन और तिलहन उत्पादों यथा- तूर, उड़द, छोले, सोयाबीन का बाज़ार मूल्य 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' (Minimum Support Prices- MSP) से भी काफी नीचे हो गया है।
  • MIS योजना के तहत दालों की खरीद, COVID- 19 महामारी के तहत घोषित राहत पैकेज के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करेगा। खरीदी गई दाल का उपयोग अगले तीन महीनों के लिये सभी राशन-कार्ड धारी परिवारों को एक किलो प्रति माह दाल प्रदान करने में किया जाएगा।

आगे की राह:

  • यद्यपि 40 क्विंटल प्रति किसान खरीद की सीमा यह सुनिश्चित करती है कि सभी किसानों को अपनी उपज बेचने का समान मौका मिले लेकिन परिवहन प्रतिबंध के कारण किसानों को बार-बार अपने उत्पादों को सरकारी खरीद (Procurement) के लिये ले जाना मुश्किल होगा, अत: इन प्रतिबंधों में छूट प्रदान की जानी चाहिये। 

स्रोत: द हिंदू

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