भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रथम 2+2 वार्ता | 13 Sep 2021
प्रिलिम्स के लिये:भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता, UNCLOS, क्वाड, सप्लाई चेन रेज़ीलियेंस इनीशिएटिव, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय, भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास
भारत और ऑस्ट्रेलिया संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने नई दिल्ली में पहली भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया।
- उद्घाटन संवाद 2021 में भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान दोनों देशों के नेता भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिये सहमत हुए।
प्रमुख बिंदु
- इंडो-पैसिफिक पर फोकस: एक खुला, मुक्त, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र [यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) के अनुरूप] बनाए रखने हेतु सहमति व्यक्त की गई।
- भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल का समर्थन करना।
- क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये क्वाड सदस्य देशों द्वारा नए सिरे से प्रयास करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
- सप्लाई चेन रेज़ीलियेंस इनीशिएटिव पर ध्यान देना: महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी तथा अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं के लिये विश्वसनीय व भरोसेमंद व्यापारिक भागीदारों के बीच आपूर्ति शृंखला में विविधता लाने हेतु बहुपक्षीय और क्षेत्रीय तंत्र के माध्यम से मिलकर काम करना।
- इस संदर्भ में भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के व्यापार मंत्रियों द्वारा सप्लाई चेन रेज़ीलियेंस इनीशिएटिव के शुभारंभ का स्वागत किया गया।
- गति को बनाए रखना: इसकी निरंतरता को बनाए रखने के लिये इस प्रारूप के तहत प्रत्येक दो वर्षों में कम-से-कम एक बार मिलने का फैसला लिया गया।
- अफगानिस्तान पर साझा दृष्टिकोण: हाल ही में अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्ज़ा किये जाने के बाद अफगान संकट के संदर्भ में दोनों देशों द्वारा एकसमान दृष्टिकोण प्रदर्शित किया गया।
- भारत ने माना कि इस नीति का सार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में निहित है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593 इस बात पर ज़ोर देता है कि अफगानिस्तान को किसी भी तरह के आतंकवाद के लिये अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देनी चाहिये।
- आतंकवाद का मुकाबला करना: आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिये तथा ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय’ (Comprehensive Convention on International Terrorism- CCIT) पर एक साथ मिलकर काम करना जारी रखना।
- द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करना: द्विपक्षीय व्यापार, वैक्सीन, रक्षा उत्पादन, सामुदायिक संपर्क, समुद्री सुरक्षा, साइबर और जलवायु सहयोग जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा की गई।
- कोविड-19 पर सहयोग: क्वाड फ्रेमवर्क के तहत वैक्सीन निर्माण में सहयोग को और मज़बूत करने तथा इंडो-पैसिफिक भागीदारों को गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन प्रदान करने हेतु समझौता किया गया।
- दोनों देशों के शोधकर्त्ता ऑस्ट्रेलिया-भारत रणनीतिक अनुसंधान कोष द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के माध्यम से कोविड-19 स्क्रीनिंग को आगे बढ़ाने और वायरस का भविष्य के स्वास्थ्य प्रभावों का अध्ययन करने के लिये मिलकर काम कर रहे हैं।
- रक्षा संबंध: ऑस्ट्रेलिया ने भारत को भविष्य के टैलिसमैन सेबर अभ्यासों (Talisman Sabre Exercises) में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया है जो अंतर-संचालनीयता को बढ़ाएगा, जबकि दोनों पक्ष रसद समर्थन के मामले में दीर्घकालिक पारस्परिक व्यवस्था का पता लगाएंगे।
- आर्थिक समझौते: द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को अंतिम रूप देने के लिये नए सिरे से समर्थन व्यक्त किया गया।
- इसके अलावा दोनों देशों ने भारत ऑस्ट्रेलिया दोहरा कराधान अपवंचन समझौता (Double Taxation Avoidance Agreement- DTAA) के तहत भारतीय फर्मों की अपतटीय आय के कराधान के मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिये भी पैरवी की।
- अन्य: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हेतु भारतीय उम्मीदवारी के समर्थन की पुष्टि करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को ऑस्ट्रेलियाई 1 मिलियन डॉलर और आपदा अनुकूल अवसंरचना के लिये गठबंधन को ऑस्ट्रेलियाई 10 मिलियन डॉलर का अनुदान (दोनों भारत के नेतृत्व वाली पहल)।
टू-प्लस-टू वार्ता
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भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध
- भू-राजनीतिक संबंध: पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण चीन सागर में व्यापक द्वीप निर्माण सहित चीन की कार्रवाइयों ने विश्व के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है।
- इससे क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) समूह का गठन हुआ है।
- रक्षा संबंध: भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (AUSINDEX), Ex AUSTRA HIND (सेना के साथ द्विपक्षीय अभ्यास) पिच ब्लैक सैन्य अभ्यास (ऑस्ट्रेलिया का बहुपक्षीय हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास) और मालाबार अभ्यास।
- देशों के मध्य म्यूचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट अरेंजमेंट (MLSA) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
- बहुपक्षीय सहयोग:
- दोनों देश क्वाड, कॉमनवेल्थ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्रीय मंच, जलवायु और स्वच्छ विकास पर एशिया प्रशांत साझेदारी के सदस्य हैं और दोनों ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया है।
- दोनों देश विश्व व्यापार संगठन के संदर्भ में पाँच इच्छुक पार्टियों के सदस्यों के रूप में भी सहयोग कर रहे हैं।
- ऑस्ट्रेलिया ‘एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग’ (APEC) का एक महत्त्वपूर्ण देश है और इस संगठन में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है।
- अन्य राजनयिक जुड़ाव: एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर सितंबर 2014 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) और प्रत्यर्पण संधि, जिस पर जून 2008 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- इसके अलावा हाल ही में भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकॉनमी हैकथॉन (I-ACE) का भी आयोजन किया गया।