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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और व्यापार अवरोध

  • 01 Sep 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

मेन्स के लिये

कोरोना वायरस महामारी और व्यापार अवरोध का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

भारत और अमेरिका समेत 18 देशों के आर्थिक एवं व्यापार मंत्रियों ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में सहमति व्यक्त की कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये लागू किये गए व्यापार प्रतिबंधात्मक उपायों का पारदर्शी और अस्थायी होना अनिवार्य है।

प्रमुख बिंदु

  • 8वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के आर्थिक मामले के मंत्रियों की बैठक (EAS-EMM) के बाद जारी किये गए बयान के अनुसार, बैठक में शामिल सभी भागीदारों ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गए उपायों से वैश्विक और क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में अनावश्यक अवरोध या व्यवधान उत्पन्न नहीं होने चाहिये।
  • इस बैठक में 10 आसियान सदस्य देशों तथा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया, न्यूज़ीलैंड, रूस और अमेरिका के आर्थिक मंत्रियों ने हिस्सा लिया। 
  • बैठक में हिस्सा लेने वाले देशों ने आर्थिक विकास में तेज़ी लाने, आपूर्ति श्रृंखला तथा बाज़ार की स्थिरता को बनाए रखने और पूर्वी एशिया में महामारी के पश्चात् आर्थिक लचीलेपन को मज़बूत करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया।
  • इसके अतिरिक्त इस दौरान भागीदार देशों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के अवसरों के दोहन के महत्त्व पर भी चर्चा की।

कोरोना वायरस और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

  • ध्यातव्य है कि वर्तमान में संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस महामारी के कारण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। अब तक कुल 25 मिलियन लोग इस घातक वायरस की चपेट में आ चुके हैं और इसके कारण लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।
  • मानव संसाधन की इस गंभीर क्षति के अलावा संपूर्ण विश्व को आर्थिक मोर्चे पर भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष अप्रत्याशित चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं, और इनसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को भारी नुकसान हुआ है।
  • विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization-WTO) की माने तो इस वर्ष वैश्विक व्यापार में 13 से 32 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
  • गौरतलब है कि महामारी की शुरुआत के बाद से ही कई देश में उत्पादन या तो पूर्णतः या fi आंशिक रूप से बंद कर दिया गया था, ऐसे में उन देशों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है, जिनकी आपूर्ति श्रृंखला काफी हद तक चीन जैसे देश पर निर्भर थी।
  • इसके अलावा विश्व के अधिकांश देशों द्वारा आंशिक अथवा पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके कारण स्वयं देश के अंदर भी उत्पादन बंद हो गया था।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit)

  • यह एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के 18 देशों के नेताओं द्वारा संचालित एक विशिष्ट मंच है जिसका गठन क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य से किया गया था।
  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) को आम क्षेत्रीय विषयों, राजनीति, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर सामरिक वार्ता तथा सहयोग के लिये एक मंच के रूप में विकसित किया गया है जो क्षेत्रीय निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इस संबंध में ईस्ट एशिया ग्रुपिंग (East Asia Grouping) की अवधारणा पहली बार वर्ष 1991 में मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत की थी परंतु पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) इसकी स्थापना वर्ष 2005 में की गई।
  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया, न्यूज़ीलैंड, रूस और अमेरिका भी शामिल हैं। 

स्रोत: द हिंदू

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