गीगामेश समाधान | 09 Jul 2022
प्रिलिम्स के लिये:GigaMesh, ARTPARK, स्पेक्ट्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मेन्स के लिये:ग्रामीण कनेक्टिविटी, डिजिटल समावेशन में एआई की भूमिका, ग्रामीण भारत में डिजिटल समावेशन की चुनौतियांँ, संबंधित सरकारी नीतियांँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एस्ट्रोम ने भारत में 15 गांँवों के साथ "गीगामेश संपर्क समाधान (GigaMesh Network Solution)" नामक पायलट परियोजना शुरू करने के लिये दूरसंचार विभाग के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं।
- एस्ट्रोम द्वारा विकसित गीगामेश ग्रामीण 4जी बुनियादी ढांँचे में भीड़भाड़ की चुनौतियों को संबोधित करेगा और उच्च तकनीक एवं सस्ती इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
गीगामेश (GigaMesh):
- समाधान को एस्ट्रोम द्वारा विकसित किया गया है।
- स्टार्टअप को भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK), टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) द्वारा समर्थन प्रदान किया गया है।
- यह एक नेटवर्क समाधान है जो वायरलेस रूप से फाइबर जैसी बैकहॉल क्षमता प्रदान करेगा और 5जी के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा।
- यह दुनिया का पहला मल्टी-बीम ई-बैंड रेडियो है जो इन टावरों में से प्रत्येक को मल्टी Gbps थ्रूपुट डिलीवर करते हुए एक टावर से कई टावरों तक एक साथ संचार करने में सक्षम है।
- एक एकल गीगामेश डिवाइस 2+ Gbps क्षमता के साथ 40 लिंक प्रदान कर सकता है, जो दस किलोमीटर की सीमा तक संचार कर सकता है।
- गीगामेश ई-बैंड में कई पॉइंट-टू-पॉइंट संचार की सुविधा देता है, लागत कम करता है और सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित होता है जिससे इसे दूरस्थ रूप से तैनात, रखरखाव और मरम्मत करना आसान हो जाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK):
- परिचय:
- ARTPARK भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलूरू द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और रोबोटिक्स में प्रौद्योगिकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिये एक गैर-लाभकारी फाउंडेशन है।
- पहल:
- ARTPARK के AI शोधकर्त्ताओं ने हेल्थटेक स्टार्टअप निरामई हेल्थ एनालिटिक्स और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के सहयोग से एक्सरे सेतु (XraySetu) भी विकसित किया है।
- XraySetu एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो कुछ ही सेकंड में कोविड-19 के प्रति 98.86% संवेदनशीलता के साथ चेस्ट के एक्स-रे की व्याख्या कर सकता है।
- ARTPARK ने ARTPARK इनोवेशन समिट का भी आयोजन किया, जिसमें महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिये उद्योग, शिक्षा और सरकार को एक छत के नीचे लाया गया:
- जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की संचार व्यवस्था (कनेक्टिविटी) कैसे बनाई जाए, भारत के लिये स्वास्थ्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), भारत को ड्रोन से जोड़ना, भविष्य के लिये समावेशी शिक्षा तथा एआई एवं अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण।
- इसके अलावा उन्होंने भारतीय सेना के एक मानव रहित ज़मीनी वाहन (UGV) के प्रयोग में भाग लिया और भारत के एकमात्र लेग्ड रोबोटिक डॉग का भी प्रदर्शन किया।
- ARTPARK के AI शोधकर्त्ताओं ने हेल्थटेक स्टार्टअप निरामई हेल्थ एनालिटिक्स और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के सहयोग से एक्सरे सेतु (XraySetu) भी विकसित किया है।
AI के उपयोग के अन्य क्षेत्र:
- पुलिसिंग:
- AI की मदद से केंद्रीय डेटाबेस के साथ चेहरे के मिलान, अपराध के पैटर्न के अनुमान और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण द्वारा संदिग्धों की पहचान की जा सकती है।
- सरकार सभी रिकॉर्ड (विशेष रूप से अपराध रिकॉर्ड) का डिजिटलीकरण कर रही है; वह इसे CCTNS नामक एक ही स्थान पर एकत्र कर रही है जहाँ किसी अपराधी या संदिग्ध की तस्वीरों, बायोमीट्रिक्स या आपराधिक इतिहास सहित सभी डेटा उपलब्ध हैं।
- कृषि:
- AI कृषि डेटा का विश्लेषण करने में मदद करता है:
- किसान अपने निर्णयों को बेहतर ढंग से सूचित करने के लिये मौसम की स्थिति, तापमान, पानी के उपयोग या अपने खेत से एकत्रित मिट्टी की स्थिति जैसे कारकों का विश्लेषण कर सकते हैं।
- कृषि में सटीकता:
- कृषि में अधिक सटीकता लाने हेतु पौधों में बीमारियों, कीटों और पोषण की कमी आदि का पता लगाने के लिये कृषि एआई तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
- एआई सेंसर खरपतवारों की पहचान कर सकते हैं तथा फिर उनकी पहचान के आधार पर उपयुक्त खरपतवारनाशक का चुनाव कर उस क्षेत्र में सटीक मात्रा में खरपतवारनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
- AI कृषि डेटा का विश्लेषण करने में मदद करता है:
- शिक्षा:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में "युवाओं के लिये ज़िम्मेदार AI" कार्यक्रम लॉन्च किया था जिसमें सरकारी स्कूलों के 11,000 से अधिक छात्रों ने AI में बुनियादी पाठ्यक्रम पूरा किया।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूली पाठ्यक्रम में AI को एकीकृत किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बुनियादी ज्ञान व कौशल हो।
- स्वास्थ्य देखभाल:
- मशीन लर्निंग:
- सटीक दवाओं में AI का अनुप्रयोग फायदेमंद हो सकता है, यह भविष्यवाणी करना कि विभिन्न रोग विशेषताओं और उपचार संदर्भ के आधार पर रोगी पर कौन से उपचार प्रोटोकॉल सफल होने की संभावना है।
- प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण:
- NLP में नैदानिक दस्तावेज़ीकरण और शोध का प्रकाशन, समझ और वर्गीकरण शामिल है।
- NLP सिस्टम रोगियों से संबंधित नैदानिक नोटों का विश्लेषण कर सकता है, रिपोर्ट तैयार कर सकता है, रोगी की बातचीत को ट्रांसक्रिप्ट कर सकता है और AI संवादों का संचालन कर सकता है।
- मशीन लर्निंग:
ग्रामीण संपर्क बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा की गई पहल:
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन:
- NMB देश भर में विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिये सार्वभौमिक एवं समान पहुँच को सुविधाजनक बनाएगा।
- मिशन का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को दूर करना, डिजिटल सशक्तीकरण एवं समावेशन की सुविधा प्रदान करना और सभी के लिये ब्रॉडबैंड तक सस्ती एवं सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है।
- घर तक फाइबर योजना:
- GTFS बिहार के सभी 45,945 ग्रामों को हाई-स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का लक्ष्य रखता है।
- योजना के तहत बिहार को प्रति ग्राम कम-से-कम पाँच फाइबर-टू-द-होम (FTTH) कनेक्शन और प्रति ग्राम कम-से-कम एक वाईफाई हॉटस्पॉट प्रदान करना है।
- यह योजना बिहार में ई-शिक्षा, ई-कृषि, टेली-मेडिसिन, टेली-लॉ जैसी डिजिटल सेवाओं और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का नेतृत्व करेगी तथा राज्य के सभी निवासियों के लिये आसान पहुँच सुनिश्चित करेगी।
- यह भारतनेट पहल के कार्यान्वयन के साथ स्थानीय कर्मियों की भर्ती कर स्थानीय रोज़गार सृजन को भी बढ़ावा दे सकेगी।
आगे की राह
- इंटरनेट एक्सेस के न्यूनतम मानक और गुणवत्ता के साथ-साथ क्षमता निर्माण उपायों के लिये बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने हेतु राज्य को सकारात्मक दायित्व निभाना चाहिये जो सभी नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर होने की अनुमति देगा।
- बेहतर ग्रामीण डिजिटल बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिये सरकार को ऑनलाइन सेवाओं को स्थानांतरित करके संसाधनों का निवेश करना चाहिये।
- इंटरनेट का उपयोग एवं डिजिटल साक्षरता एक-दूसरे पर निर्भर हैं और डिजिटल बुनियादी ढाँचे का निर्माण डिजिटल कौशल के निर्माण के साथ-साथ होना चाहिये।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन और लेखा परीक्षा की जानी चाहिये।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का उद्देश्य है:
- वर्ष 2022 तक सभी गाँवों में ब्रॉडबैंड पहुँच प्रदान करना।
- मोबाइल और इंटरनेट के लिये सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का उद्देश्य है: