यूनेस्को की ICH सूची में दुर्गा पूजा | 16 Dec 2021
प्रिलिम्स के लिये:यूनेस्को ICH ऑफ ह्यूमैनिटी, यूनेस्को, मैन एंड बायोस्फीयर प्रोग्राम, वर्ल्ड हेरिटेज प्रोग्राम, यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क, यूनेस्को का नेटवर्क ऑफ क्रिएटिव सिटीज़ मेन्स के लिये:भारत के लिये सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का महत्त्व, मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोलकाता की दुर्गा पूजा को मानवता की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (ICH) की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में अंकित किया गया है।
- मानवता के यूनेस्को ICH के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाला यह एशिया का पहला त्योहार है।
- इससे पहले यूनेस्को ने गुजरात में हड़प्पा शहर धौलावीरा को भारत की 40वीं विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था।
प्रमुख बिंदु
- दुर्गा पूजा:
- दुर्गा पूजा पाँच दिवसीय त्योहार है जो नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव की पाँचवीं रात से शुरू होता है और दसवें दिन दशमी को समाप्त होता है।
- इस समय के दौरान, लोग सामूहिक रूप से देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका आह्वान करते हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की ऊर्जा स्त्री माना जाता है, जिन्हें 'शक्ति' भी कहा जाता है।
- यह देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्निवाल और स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल में से एक है।
- इस समय के दौरान, देवी के जटिल रूप से डिजाइन किये गए मिट्टी के मॉडल को 'पंडालों' और मंडपों में पूजा जाता है जहाँ लोग एक साथ मिलते हैं।
- लोक संगीत, पाक कला, शिल्प और प्रदर्शन कला परंपराएँ उत्सव का एक हिस्सा हैं।
- इस त्योहार की शुरुआत पश्चिम बंगाल से हुई, जिसमें देश में सबसे बड़ा बंगाली समुदाय है, यह त्योहार भारत के कई अन्य हिस्सों और दुनिया में भी मनाया जाता है।
- महत्त्व:
- यह पारंपरिक कला और शिल्प, समुदायों की भलाई और आर्थिक सशक्तीकरण तथा रचनात्मकता को सक्रिय बनाए रखने एवं संरक्षित करने में इस त्योहार के योगदान करता है।
- इस वर्ष (2021) की शुरुआत में ‘ब्रिटिश काउंसिल इन इंडिया’ ने दुर्गा पूजा की रचनात्मक अर्थव्यवस्था के व्यय को 32,000 करोड़ रुपए बताया जो पश्चिम बंगाल के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.58% का योगदान देता है।
- यह पारंपरिक कला और शिल्प, समुदायों की भलाई और आर्थिक सशक्तीकरण तथा रचनात्मकता को सक्रिय बनाए रखने एवं संरक्षित करने में इस त्योहार के योगदान करता है।
- यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची:
- यह प्रतिष्ठित सूची उन अमूर्त विरासत तत्त्वों से बनी है जो सांस्कृतिक विरासत की विविधता को प्रदर्शित करने और इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- यूनेस्को के अनुसार, सांस्कृतिक विरासत स्मारकों और वस्तुओं के संग्रह पर समाप्त नहीं होती है।
- इसमें हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली परंपराएँ या जीवित अभिव्यक्तियाँ भी शामिल हैं और हमारे वंशजों को हस्तांतरित की जाती हैं, जैसे कि मौखिक परंपराएँ, प्रदर्शन कला, सामाजिक प्रथाएँ, अनुष्ठान, उत्सव की घटनाएँ, प्रकृति और ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान, अभ्यास या पारंपरिक ज्ञान और कौशल शिल्प।
- यह सूची वर्ष 2008 में स्थापित की गई थी जब अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिये कन्वेंशन लागू हुआ था।
- संस्कृति मंत्रालय (भारत) ने भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की राष्ट्रीय सूची का मसौदा भी लॉन्च किया है।
- राष्ट्रीय ICH सूची अपनी अमूर्त विरासत में अंतर्निहित भारतीय संस्कृति की विविधता को पहचानने का एक प्रयास है।
- यह पहल संस्कृति मंत्रालय के विजन 2024 का भी हिस्सा है।
- भारत वर्ष 2003 के यूनेस्को कन्वेंशन का भी एक हस्ताक्षरकर्त्ता देश है जिसका उद्देश्य परंपराओं और जीवित अभिव्यक्ति के साथ-साथ अमूर्त विरासत की सुरक्षा करना है।
- उत्कीर्ण तत्त्व:
- वर्तमान में, इसमें 492 तत्त्व शामिल हैं, जिनमें से यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि सूची में भारत की अब 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें शामिल हैं।
- भारत में दुर्गा पूजा के अलावा यूनेस्को द्वारा ICH के रूप में मान्यता प्राप्त 13 परंपराएंँ हैं।
यूनेस्को (UNESCO)
- यूनेस्को के बारे में:
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास करती है।
- यूनेस्को के कार्यक्रम एजेंडा 2030 में परिभाषित सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) की प्राप्ति में योगदान करते हैं, जिसे 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था।
- इसके 193 सदस्य देश और 11 संबद्ध सदस्य हैं। भारत वर्ष 1946 में यूनेस्को में शामिल हुआ था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल ने यूनेस्को की सदस्यता वर्ष 2019 में औपचारिक रूप से छोड़ दी थी।
- इसका मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में है।
- यूनेस्को का अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग (Intergovernmental Oceanographic Commission of UNESCO) आपदा न्यूनीकरण रणनीति के हिस्से के रूप में महासागर आधारित सुनामी चेतावनी प्रणाली स्थापित करने हेतु वैश्विक प्रयास का नेतृत्व कर रहा है।
- वर्ष 2020 में ओडिशा के दो गाँवों (वेंकटरायपुर और नोलियासाह) को सुनामी से निपटने हेतु तैयारियों के लिये ‘सुनामी रेडी’ (Tsunami Ready) के रूप में नामित किया है।
- यूनेस्को की अन्य पहलें:
- मानव व जीवमंडल कार्यक्रम
- विश्व विरासत कार्यक्रम
- यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क
- यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क