जीएनपीए अनुपात
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) अनुपात, जो सितंबर 2022 में कम होकर सात वर्ष के निचले स्तर 5.0% पर आ गया, के सितंबर 2023 तक 4.9% तक सुधरने की उम्मीद है।
- हालाँकि यदि व्यापक आर्थिक वातावरण एक मध्यम या गंभीर तनाव परिदृश्य में बदलता है तो GNPA अनुपात क्रमशः 5.8% और 7.8% तक बढ़ सकता है।
अन्य अवलोकन:
- सकल अग्रिम के लिये GNPA का अनुपात मार्च 2022 में 5.9% था। सितंबर 2022 तक शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) अनुपात दस वर्ष के निचले स्तर 1.3% पर था जिसमें निजी क्षेत्र के बैंक (PVB) NNPA अनुपात 1% से नीचे था।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks- PSB) का GNPA अनुपात सितंबर 2022 में 6.5% से बढ़कर सितंबर 2023 में 9.4% हो सकता है, जबकि यह PVB के लिये 3.3% से बढ़कर 5.8% और गंभीर तनाव परिदृश्य के तहत विदेशी बैंकों (Foreign Banks- FB) के लिये 2.5% से 4.1% हो जाएगा।
- बेंचमार्क परिदृश्य के तहत प्रमुख बैंकों के जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (Capital to Risk Weighted Assets Ratio- CRAR) के लिये कुल पूंजी सितंबर 2022 से सितंबर 2023 में 15.8% से 14.9% होने का अनुमान है।
- बेंचमार्क परिदृश्य के तहत कुछ बैंकों का कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) पूंजी अनुपात सितंबर 2022 के 12.8% से घटकर सितंबर 2023 तक 12.1% हो सकता है।
प्रमुख शब्दावली:
- GNPA: ये संपत्ति उन सभी ऋणों का योग है जिन्होंने वित्तीय संस्थान से ऋण प्राप्त किया था लेकिन ऋण नही चुकाया है।
- समष्टि पर्यावरण (Macro-environment): यह संदर्भित करता है कि मैक्रोइकोनॉमिक परिस्थितियाँ जिसमें कोई कंपनी या क्षेत्र संचालित होता है, किस प्रकार इनके प्रदर्शन को प्रभावित करती हैं।
- समष्टि अर्थशास्त्र (मैक्रोइकोनॉमिक्स) निजी उद्योगों और बाज़ारों के विपरीत एक अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन, खर्च और मूल्य स्तर से संबंधित होता है।
- NNPA: यह वह प्रावधान राशि है जो गैर-निष्पादित संपत्तियों से घटाने के बाद वसूल की जाती है
- CRAR: पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR), जिसे CRAR के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग जमाकर्त्ताओं की सुरक्षा और विश्व भर में वित्तीय प्रणालियों की स्थिरता एवं दक्षता को बढ़ावा देने के लिये किया जाता है।
- CAR बैंक द्वारा व्यक्त की गई उपलब्ध पूंजी का एक मापन है जो कि बैंक के ज़ोखिम भारित क्रेडिट एक्सपोज़र के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है।
- CET1: इसमें इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं और इसलिये शेयर की कीमतों का प्रदर्शन बैंकों के प्रदर्शन से संबंधित होता हैं। इनकी कोई परिपक्वता अवधि नहीं होती है।
- बेसल-III मानकों के अनुसार, बैंकों की नियामक पूंजी को टियर 1 और टियर 2 में बाँटा गया है, जबकि टियर 1 को कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET-1) और अतिरिक्त टियर-1 (Additional Tier1- AT-1) पूंजी में विभाजित किया गया है।
गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियाँ:
- NPA उन ऋणों या अग्रिमों के वर्गीकरण को संदर्भित करता है जो डिफाॅल्ट रुप में हैं अथवा मूलधन या ब्याज़ के निर्धारित भुगतान पर बकाया हैं।
- किसी परिसंपत्ति के अनर्जक/गैर-निष्पादित रहने की अवधि और बकाया ऋण एकत्र करने की क्षमता के आधार पर बैंकों को गैर-निष्पादित संपत्तियों को निम्नलिखित तीन समूहों में वर्गीकृत करने की आवश्यकता होती है:
- सब-स्टैंडर्ड परिसंपत्तियाँ: वह परिसंपत्ति जिसे 12 महीने से कम या उसके बराबर की अवधि के लिये NPA के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- संदिग्ध परिसंपत्तियाँ: वह परिसंपत्ति जो 12 महीने से अधिक की अवधि के लिये गैर-निष्पादक रही है।
- नुकसान वाली परिसंपत्तियाँ: ये परिसंपत्तियाँ बैंक, लेखा परीक्षक या निरीक्षक द्वारा पहचाने गए घाटे वाले ऋण हैं जिन्हें पूरी तरह से माफ कर दिया जाना चाहिये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग के प्रशासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर : (b) |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
स्टे सेफ ऑनलाइन एंड जी20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस
भारत के G20 अध्यक्षता के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने "स्टे सेफ ऑनलाइन" अभियान और "G20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस" (G20-DIA) लॉन्च किया है।
स्टे सेफ ऑनलाइन अभियान:
- 'स्टे सेफ ऑनलाइन अभियान' का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के व्यापक उपयोग और डिजिटल भुगतान को तेज़ी से अपनाने के कारण ऑनलाइन विश्व में सुरक्षित रहने हेतु नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाना है।
- भारत में इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की संख्या में तेज़ी से वृद्धि और तीव्र गति से विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य ने अनूठी चुनौतियाँ पेश की हैं।
- यह अभियान सभी आयु वर्ग के नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों, छात्रों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों, शिक्षकों, संकाय, केंद्र/राज्य सरकारों के अधिकारियों आदि को साइबर ज़ोखिम और इससे निपटने के तरीकों से अवगत कराएगा।
- अधिक-से-अधिक लोगों तक इस अभियान की पहुँच के लिये इसे अंग्रेज़ी, हिंदी और स्थानीय भाषाओं में चलाया जाएगा।
- अभियान में इन्फोग्राफिक्स, कार्टून कहानियों, पहेलियों, लघु वीडियो आदि के रूप में बहुभाषी जागरूकता सामग्री का प्रसार शामिल है।
G20 ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन एलायंस प्रोग्राम (G20-DIA):
- इसका उद्देश्य G20 देशों के साथ-साथ आमंत्रित गैर-सदस्य देशों को स्टार्टअप्स द्वारा विकसित नवीन और प्रभावशाली डिजिटल तकनीकों को पहचानने और अपनाने में सक्षम बनाना है।
- यह छह महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों यानी एग्री-टेक, हेल्थ-टेक, एड-टेक, फिन-टेक, सिक्योर्ड डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और सर्कुलर इकॉनमी में मानवता की ज़रूरतों को पूरा करने की परिकल्पना करता है।
- डिजिटल पब्लिक गुड्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से सक्षम इन छह क्षेत्रों में स्टार्टअप उत्पाद वैश्विक जनसंख्या-पैमाने पर प्रभाव पैदा कर सकते हैं और डिजिटल विभाजन को कम कर सकते हैं एवं टिकाऊ तथा समावेशी तकनीकी-सामाजिक-आर्थिक विकास को सक्षम कर सकते हैं।
- इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर्स, स्टार्टअप्स, कॉरपोरेशन, इनवेस्टर्स, मेंटर्स और अन्य इकोसिस्टम स्टेकहोल्डर्स के जुड़ाव से उस प्लेटफॉर्म की तेज़ी से स्वीकार्यता बढ़ेगी, जिसे भारत G20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस (G20-DIA) के माध्यम से पेश करने की योजना बना रहा है।
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 दिसंबर, 2022
डॉ. विक्रम साराभाई
प्रतिवर्ष 30 दिसंबर को डॉ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। इन्होंने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया। नवंबर 1947 में उन्होंने अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory- PRL) की स्थापना की। रूस के स्पुतनिक के लॉन्च होने के बाद वे भारत की आवश्यकता को देखते हुए एक विकासशील देश भारत में अपना खुद का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरु करने में सफल रहे। इन्होंने वर्ष 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (Indian National Committee for Space Research) की स्थापना की, जिसे बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization- ISRO) नाम दिया गया। ISRO और PRL के अतिरिक्त उन्होंने कई संस्थानों जैसे- अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान, सामुदायिक विज्ञान केंद्र तथा अपनी पत्नी मृणालिनी के साथ प्रदर्शन कला के लिये डारपॉन अकादमी की स्थापना की। उन्हें वर्ष 1966 में पद्मभूषण प्राप्त हुआ और वर्ष 1972 में मरणोपरांत पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। इन्होंने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट पर काम किया था, लेकिन वर्ष 1975 में इस उपग्रह के लॉन्च होने से पूर्व ही इनकी मृत्यु (30 दिसंबर, 1971 को) हो गई।
फुटबॉल खिलाड़ी पेले
फुटबाल विश्वकप तीन बार जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले ब्राज़ील के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी पेले का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शामिल पेले ने 21 वर्ष के कॅरियर में 1,363 मैचों में 1,281 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें ब्राज़ील के लिये 92 मैचों में किये 77 गोल शामिल हैं। वर्ष 1958, 1962 और 1970 में तीन बार फीफा विश्व कप जीतने वाले, पेले को वर्ष 2000 में फीफा के प्लेयर ऑफ द सेंचुरी खिताब से नवाज़ा गया था। पेले का वास्तविक नाम एडसन एरंटेस डो नासिमेंटो था। पेले को 'ब्लैक पर्ल', 'किंग ऑफ फुटबॉल', 'किंग पेले' जैसे कई दूसरे नामों से भी जाना जाता था। पेले का जन्म 23 अक्तूबर, 1940 को ब्राज़ील के मिनास गेराइस में हुआ। 16 वर्ष की उम्र में ही पेले ब्राज़ील लीग में टॉप स्कोरर बन गए थे। ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने पेले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था ताकि मैनचेस्टर यूनाइटेड जैसे विदेशी क्लब के लिये वह हस्ताक्षर ना कर पाएँ। पेले का पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच 7 जुलाई, 1957 को माराकाना में अर्जेंटीना के खिलाफ था, जहाँ ब्राज़ील को 1-2 गोल से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में ब्राज़ील के लिये अपना पहला गोल किया। इसके साथ ही वह अपने देश के लिये सबसे कम उम्र के गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। पेले के 1000वें गोल की याद में सैंटोस शहर में 19 नवंबर को 'पेले डे' मनाया जाता है। पेले वर्ष 1995 से 1998 तक ब्राज़ील के खेल मंत्री भी रह चुके हैं। पेले को वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने सदी का बेस्ट एथलीट चुना था।
रयथू बंधु योजना
तेलंगाना सरकार ने किसानों की आर्थिक सहायता के लिये रयथू बंधु योजना के दसवें चरण की शुरुआत की है। इस चरण में 70 लाख 54 हज़ार से अधिक किसानों के बैंक खातों में सात हज़ार 676 करोड़ रुपए जमा कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य किसानों को रबी फसल के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस चरण के पहले दिन एक एकड़ तक ज़मीन वाले 21 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 607 करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई है। यह सहायता प्रति एकड़ 5000 रुपए की दर से दी जा रही है। एक एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को यह सहायता धनराशि आगामी तिथियों को उनके खाते में संप्रेषित कर दी जाएगी। चालू मौसम में, सहायता के तौर पर एक करोड़ 53 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। रयथू बंधु योजना के माध्यम से, तेलंगाना सरकार किसानों को खरीफ और रबी-दोनों मौसमों के लिये दस हज़ार रुपए प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता दे रही है।
चिल्लाई कलां
वर्तमान में कश्मीर घाटी 40 दिनों की सबसे कठिन सर्दियों की अवधि से गुज़र रही है, जिसे 'चिल्लाई कलां' (ठंड के लिये फारसी शब्द) के रूप में जाना जाता है। कश्मीर का न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु (-5.7 डिग्री सेल्सियस से -2.5 डिग्री सेल्सियस) से नीचे है और लगातार शीत लहर के कारण पानी की आपूर्ति के साथ-साथ डल झील भी जम गई है। आमतौर पर ‘चिल्लाई कलां' 21 दिसंबर से 30 जनवरी की अवधि होती है। चिल्लाई कलां के बाद 20 दिन की लंबी चिल्लाई खुर्द (छोटी सर्दी) होती है और इसके बाद 10 दिनों तक चलने वाली चिल्लाई बच्चा (बेबी कोल्ड) अवधि होती है।
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इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू
हाल ही में बेंजामिन नेतन्याहू को पुनः इज़रायल के प्रधानमंत्री (यायर लैपिड की जगह) के रूप में शपथ दिलाई गई। इज़रायल देश वर्तमान में यरूशलम और वेस्ट बैंक से संबंधित मुद्दों पर फिलिस्तीन के साथ संघर्षरत है। वर्ष 2020 में इज़रायल, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, जिसकी मध्यस्थता संयुक्त राज्य अमेरिका ने अरब देशों को फिलिस्तीन के मुद्दे से अलग करने के लिये की थी। वर्ष 2022 की शुरुआत में भारत और इज़रायल ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगाँठ मनाई। भारत, एशिया में इज़रायल का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार (विश्व स्तर पर 7वाँ सबसे बड़ा) और इज़रायल से सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है।
धनु जात्रा
हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर थिएटर माना जाने वाला धनु जात्रा उत्सव शुरू हुआ। यह देश की आज़ादी के उत्सव के हिस्से के रूप में वर्ष 1947-48 में बारगढ़ (ओडिशा) में अस्तित्व में आया तब से इसे प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह यात्रा 'भागवत पुराण' में वर्णित कंस द्वारा आयोजित 'धनुष' समारोह को देखने के लिये भगवान कृष्ण की मथुरा (UP) यात्रा के प्रकरण से संबंधित है। यह उत्सव पौष पूर्णिमा (प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी में पड़ता है) से पहले 7 से 11 दिनों तक मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ (जिसे रथ महोत्सव भी कहा जाता है) ओडिशा में भी आयोजित किया जाता है।