प्रिलिम्स फैक्ट: 29 दिसंबर, 2020
‘धरोहर गोद लें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना
Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan’ Project
हाल ही में "धरोहर गोद लें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान परियोजना" (Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan’ Project) की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- शुरुआत: इसकी शुरुआत 27 सितंबर, 2017 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर की गई थी।
- विश्व पर्यटन दिवस प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है।
- संबंधित मंत्रालय/एजेंसी: यह पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI), राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों का एक सहयोगात्मक प्रयास है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य भारत भर में फैले विरासत/प्राकृतिक/पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं को योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पर्यटन के अनुकूल बनाना एवं विकसित करना है।
कार्यान्वयन:
- स्थलों/स्मारकों को पर्यटक फुटफॉल और दृश्यता के आधार पर चुना जाता है तथा इसे पाँच वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिये निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों एवं व्यक्तियों द्वारा अपनाया जा सकता है, जिन्हें स्मारक मित्र के रूप में जाना जाता है।
- स्मारक मित्रों का चुनाव धरोहर स्थल पर सभी सुविधाओं के विकास के लिये बोली लगाने वाले की मंशा के आधार पर ‘निरीक्षण और निगरानी समिति’ द्वारा पर्यटन सचिव और संस्कृति सचिव की सह-अध्यक्षता में किया जाता है।
- इसमें कोई वित्तीय बोली शामिल नहीं है।
- कॉर्पोरेट क्षेत्र से अपेक्षा की जाती है कि वह स्थल के रखरखाव के लिये कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का उपयोग करे।
सुविधाएँ:
- बुनियादी सुविधाओं में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, रोशनी, स्थलों तक पहुँच में आसानी, स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं साफ-सफाई, एप आधारित बहुभाषीय ऑडियो गाइड, डिजि एवं टिकटिंग कियोस्क की स्थापना, संकेत-निर्देशात्मक और दिशात्मक तथा वाई-फाई आदि शामिल हैं।
- उन्नत सुविधाओं में आगंतुक सुविधा केंद्र, साउंड एंड लाइट शो- 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग (आंतरिक एवं बाहरी), स्नैक काउंटर एवं स्मारिका शॉप और संवर्द्धित वास्तविकता अनुभव एवं आभासी वास्तविकता शामिल हैं।
स्मारक मित्रों को लाभ:
- उन्हें साइट परिसर और अतुल्य भारत वेबसाइट पर सीमित दृश्यता प्राप्त होगी।
स्थिति:
- इस परियोजना के तहत देश भर में 25 स्थलों और दो तकनीक हस्तक्षेपों हेतु 12 स्मारक मित्रों के साथ 27 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु अन्य योजनाएँ:
- देखो अपना देश (Dekho Apna Desh)
- प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल (Iconic Tourist Sites)
- स्वदेश दर्शन (Swadesh Darshan)
- तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव-प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive- PRASHAD)
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 दिसंबर, 2020
मोनपा हस्तनिर्मित कागज़ निर्माण इकाई
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में ‘मोनपा हस्तनिर्मित कागज़ निर्माण इकाई’ की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य न केवल इस कला को पुनर्जीवित करना है बल्कि स्थानीय युवाओं को इस कला के माध्यम से पेशेवर रूप से जोड़ना और उनको धन अर्जित करने में सहायता करना है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के इन समर्पित प्रयासों के फलस्वरूप 1000 वर्ष पुरानी परंपरागत कला- अरुणाचल प्रदेश का मोनपा हस्तनिर्मित कागज़ उद्योग, जो कि तकरीबन विलुप्त होने की कगार पर था, एक बार पुनर्जीवित हो गया है। मोनपा हस्तनिर्मित कागज़ निर्माण कला की शुरुआत तकरीबन 1000 वर्ष पूर्व हुई थी और धीरे-धीरे यह कला अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थानीय रीति-रिवाज़ों और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गई। एक समय इस हस्तनिर्मित कागज़ का उत्पादन तवांग के प्रत्येक घर में होता था और यह स्थानीय लोगों के लिये उनकी आजीविका का एक प्रमुख स्रोत बन गया था। हालाँकि पिछले 100 वर्षों में यह हस्तनिर्मित कागज़ उद्योग लगभग लुप्त हो चुका था। इस कागज़ का बहुत ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व भी है, क्योंकि इसे बौद्ध मठों में धर्मग्रंथों और स्तुति गान लिखने के लिये भी उपयोग किया जाता था। मोनपा हस्तनिर्मित कागज़ ‘शुगु शेंग’ नामक स्थानीय पेड़ की छाल से बनाया जाता है, जिसका अपना औषधीय महत्त्व है।
सर गारफील्ड सोबर्स अवार्ड
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को ‘ICC मेल क्रिकेटर ऑफ द डेकेड’ के रूप नामित किया और इसके लिये उन्हें सर गारफील्ड सोबर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। ज्ञात हो कि विराट कोहली ने इस अवधि के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 20,396 रन बनाए थे, जो कि किसी भी अन्य खिलाड़ी की तुलना में काफी अधिक हैं, इसके अलावा वे वर्ष 2011 में ICC वर्ल्ड कप जितने वाली और वर्ष 2013 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी जितने वाली टीम का भी हिस्सा थे। विराट कोहली को वर्ष 2017 और वर्ष 2018 दोनों में ‘ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ भी चुना गया था। ऑस्ट्रेलिया की ऑल-राउंडर एलीस पेरी को ‘ICC फीमेल क्रिकेटर ऑफ द डेकेड’ के रूप नामित किया है और इसके लिये उन्हें राचेल हीहो फ्लिंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ को ‘टेस्ट प्लेयर ऑफ द डेकेड’, रशीद खान को ‘टी20 क्रिकेटर ऑफ द डेकेड’ और पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ‘ICC स्पिरिट ऑफ द क्रिकेट अवार्ड ऑफ द डेकेड’ के रूप में नामित किया गया है।
आर्या राजेंद्रन
हाल ही में केरल की 21 वर्षीय युवा नेता आर्या राजेंद्रन ने केरल की सबसे बड़े शहरी निकाय तिरुवनंतपुरम निगम में महापौर के तौर पर शपथ ली है, जिसके साथ ही वे देश की सबसे युवा महापौर बन गई हैं। 21 वर्षीय आर्या राजेंद्रन तिरुवनंतपुरम के ऑल सेंट्स कॉलेज में B.Sc (मैथ्स) द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। आर्या राजेंद्रन पाँचवीं कक्षा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के युवा समूह बालसंगम में शामिल हुई थीं। इसके पश्चात् उन्हें बालसंगम का ज़िला अध्यक्ष बनाया गया और वर्तमान में वे राज्य प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। बालसंगम में उनकी सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (CPM स्टूडेंट्स विंग) में भी शामिल किया गया और वर्तमान में वे राज्य समिति का हिस्सा हैं। बालसंगम भारत में बच्चों का संगठन है। केरल में लगभग 20,000 इकाइयों में इसके एक लाख से अधिक सदस्य हैं।
भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी
भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी गुजरात में स्थापित की जाएगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, देश की सबसे बड़ी बिजली व्यापार एवं नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी मणिकरण पावर लिमिटेड इस रिफाइनरी को स्थापित करने के लिये 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करेगी। वर्तमान में इस रिफाइनरी को स्थापित करने के लिये साणंद और धोलेरा में कुछ स्थानों की खोज की जा रही है। ज्ञात हो कि लिथियम एक दुर्लभ तत्त्व है, जो कि आमतौर पर भारत में नहीं पाया जाता है। इस वजह इस लिथियम रिफाइनरी में ऑस्ट्रेलिया से लीथियम अयस्क का आयात किया जाएगा और यहाँ इसका प्रसंस्करण किया जाएगा। चूँकि भारत विश्व के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक कार बाजार में से एक बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, इसलिये देश को बैटरी का उत्पादन करने के लिये कच्चे माल के रूप में लिथियम की आवश्यकता है। भारत अपनी लिथियम संबंधी आवश्यकताओं का अधिकांश हिस्सा आयात करता है। फरवरी 2020 में संसद के समक्ष प्रस्तुत किये गए आँकड़ों के मुताबिक, जहाँ एक ओर वर्ष 2016 में भारत में 175 मिलियन लिथियम आयन बैटरी का आयात किया गया, वहीं वर्ष 2018 में यह चार गुना बढ़कर 712 मिलियन पर पहुँच गया। विदित हो कि गुजरात में पहले से ही कई लिथियम आयन बैटरी विनिर्माण संयंत्र कार्य कर रहे हैं, ऐसे में लिथियम रिफाइनरी की स्थापना से गुजरात भारत में लिथियम आयन बैटरी का प्रमुख केंद्र बन सकेगा।