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भारतीय विरासत और संस्कृति

प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल

  • 30 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

सरकार देश में 17 ‘प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल’ विकसित करेगी, जो विश्व स्तर के पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित होंगे, ये स्थल अन्य पर्यटन स्थलों के लिये एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगे।

  • पर्यटन मंत्रालय ‘प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल’ (Iconic Tourist Sites) पहल के कार्यान्वयन के लिये नोडल मंत्रालय है।

Iconic Trourist Sites

मंत्रालय द्वारा चिह्नित 17 स्थल हैं:

  • ताजमहल और फतेहपुर सीकरी (उत्तर प्रदेश)
  • अजंता और एलोरा (महाराष्ट्र)
  • हुमायूँ का मकबरा, लाल किला और कुतुब मीनार (दिल्ली)
  • कोलवा (गोवा)
  • आमेर किला (राजस्थान)
  • सोमनाथ और धोलावीरा (गुजरात)
  • खजुराहो (मध्य प्रदेश)
  • हम्पी (कर्नाटक)
  • महाबलिपुरम (तमिलनाडु)
  • काजीरंगा (असम)
  • कुमारकोम (केरल)
  • महाबोधि मंदिर (बिहार)

इस पहल का उद्देश्य भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाना है।

विज़न:

  • पर्यटन मंत्रालय स्थलों को गंतव्य से समग्रता से जोड़ने, स्थल पर पर्यटकों के लिये बेहतर सुविधाओं/अनुभव सुनिश्चित करने, कौशल विकास, स्थानीय समुदाय की भागीदारी, प्रचार और ब्रांडिंग तथा निजी निवेश के माध्यम से इन स्थलों को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।

निष्पादन:

  • इस पहल के तहत विकास के लिये निर्धारित सभी स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India-ASI) और राज्य पुरातत्व विभागों (State Archaeology Departments) के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
  • मंत्रालय ASI और राज्य सरकार के सहयोग से इन स्मारकों के लिये कार्य करेगा और सभी विकास योजनाओं में सार्वभौमिक पहुँच, स्मारकों की सफाई, ग्रीन टेक्नोलॉजी के उपयोग और पर्यटकों के लिये सुरक्षा बढ़ाने संबंधी पक्षों पर भी विशेष महत्त्व देगा।

पहल की आवश्यकता क्यों है?

  • नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत के पर्यटन क्षेत्र में तीव्र मंदी देखी गई।
  • विदेशी पर्यटक आगमन (Foreign Tourist Arrival-FTA) की वृद्धि दर वर्ष 2017-18 के 14.2% से घटकर वर्ष 2018-19 में 2.1% हो गई।
  • सर्वेक्षण में यह भी स्पष्ट किया गया कि होटल और पर्यटन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वर्ष 2017-18 के 1,132 मिलियन डॉलर से घटकर वर्ष 2018-19 में 1,076 मिलियन डॉलर हो गया।
  • ‘धरोहर गोद लें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ (Adopt A Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan) परियोजना के तहत कम गति: पर्यटन मंत्रालय की ‘धरोहर गोद लें’ योजना के तहत वर्ष 2017 के अंत तक कई स्मारकों को गोद लेने के लिये उपलब्ध कराया गया। परंतु इस परियोजना की गति में भी धीमापन देखने को मिला है क्योंकि इस संबंध में अभी तक केवल 11 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
  • लाल किले को डालमिया समूह द्वारा गोद लिया गया था, जबकि कुतुब मीनार और अजंता की गुफाओं को यात्रा ऑनलाइन (YatraOnline) द्वारा गोद लिया गया था।

वित्तीय मुद्दा:

  • पर्यटन संबंधी बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये पर्यटन मंत्रालय को वर्ष 2019-20 के लिये 1,378 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। यह आवंटन वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में किये गए आवंटन (क्रमशः 1,151 करोड़ रुपए तथा 1,330 करोड़ रुपए) से थोड़ा अधिक है।

आगे की राह

  • देश में पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी मुद्दों का समाधान करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के बीच समन्वय तंत्र को मज़बूत बनाने की आवश्यकता है।
  • देश में पर्यटन को रोज़गार और गरीबी उन्मूलन का एक प्रमुख चालक बनाने हेतु जागरूकता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
  • निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि ये प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थल पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे, जिससे इन स्‍थलों पर देशी और विदेशी दोनों पर्यटक बड़ी संख्‍या में आएंगे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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