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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 28 Dec, 2022
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

ई-स्पोर्ट्स को आधिकारिक मान्यता

प्रिलिम्स के लिये: 

ई-स्पोर्ट्स

मेन्स के लिये:

ई-स्पोर्ट्स के अवसर और चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने ई-स्पोर्ट्स को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया और अनुरोध किया कि खेल मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय "बहुखेल आयोजनों में ई-स्पोर्ट्स" को शामिल करें।

  • राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 77 (3) के तहत भारत सरकार के कार्य के अधिक सुविधाजनक संचालन के लिये नियम बनाने और उक्त कार्य का मंत्रियों के बीच आवंटन हेतु अधिकार प्राप्त है।
  • गजट अधिसूचना के अनुसार, ई-स्पोर्ट्स अब भारत में "बहुखेल आयोजन" श्रेणी का हिस्सा होगा।

ई-स्पोर्ट्स: 

  • परिचय: 
    • ई-स्पोर्ट्स (इलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट्स) एक प्रतिस्पर्द्धी खेल है जहाँ गेमर्स वर्चुअल, इलेक्ट्रॉनिक वातावरण में विभिन्न खेलों में प्रतिस्पर्द्धा करने के लिये अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं का उपयोग करते हैं।
    • उदाहरण: काउंटर स्ट्राइक, लीग ऑफ लेजेंड्स ओवरवॉच, फोर्टनाइट, DOTA 2।
    • वर्ष 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में शामिल किये जाने के बाद से बहु-विषयक आयोजनों के ई-स्पोर्ट्स को शामिल करने की मांग बढ़ रही थी।
    • हालाँकि इसने ई-स्पोर्ट के प्रति उत्साही लोगों को बढ़ावा दिया और भारत में ई-स्पोर्ट्स के प्रति उत्साही लोगों के लिये काफी उत्साहजनक और सकारात्मक रूप में सामने आया है।
    • भारत ने वर्ष 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था, जहाँ ई-स्पोर्ट्स को एक प्रदर्शन शीर्षक (Demonstration Title) के रूप में शामिल किया गया था।
    • इसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) से खेल मान्यता प्राप्त हुई है, जो कि एशिया की ओलंपिक परिषद (OCA), राष्ट्रमंडल खेलों आदि के साथ-साथ अन्य खेलों की सर्वोच्च संस्था है। 
      • IOC ने टोक्यो ओलंपिक 2020 से पहले वर्चुअल ओलंपिक सीरीज़ (एस्पोर्ट्स टूर्नामेंट) का आयोजन किया;
      • ई-स्पोर्ट्स को वर्ष 2007 से OCA आयोजनों में शामिल किया गया है। ई-स्पोर्ट्स एशियाई खेल 2022 में एक मेडल स्पोर्ट्स है। 
    • ई-स्पोर्ट्स को लोकप्रिय बनाने के प्रयास में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने घोषणा की है कि सिंगापुर जून 2023 में ओलंपिक ई-स्पोर्ट्स वीक के उद्घाटन की मेज़बानी करेगा।
      • 23 जून, 1894 को IOC की स्थापना की गई थी और यह ओलंपिक का सर्वोच्च प्राधिकरण है।
  • नोडल मंत्रालय:
    • युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत खेल विभाग द्वारा ई-स्पोर्ट्स का ध्यान रखा जाएगा।
      • जबकि 'ऑनलाइन गेमिंग' की देख-रेख MEITY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) द्वारा की जाएगी।
  • खेल के रूप में ई-स्पोर्ट की मान्यता:
    • अब तक अमेरिका, फिनलैंड और जर्मनी ने ई-स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में स्वीकार कर लिया है। 
    • ई-स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता देने वाले पहले देश (दक्षिण कोरिया के साथ) चीन और दक्षिण अफ्रीका थे। रूस, इटली, डेनमार्क और नेपाल भी इसमें शामिल हो गए हैं।
    • यूक्रेन ने आधिकारिक तौर पर सितंबर 2020 में ई-स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता दी।

IESF

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

प्रलय मिसाइल

हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी ‘शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक सरफेस-टू-सरफेस’ (SRBM) मिसाइल प्रलय की खरीद को मंज़ूरी दी है, जो भारतीय सेना को उसकी युद्ध लड़ने की क्षमताओं हेतु सशक्त बनाएगी है।

SRBM

प्रलय  मिसाइल:

  • परिचय: 
    • प्रलय’ भारत की पहली पारंपरिक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है और उत्तरी या पश्चिमी सीमाओं से किसी भी पारंपरिक मिसाइल हमले का जवाब देने में सक्षम है।
      • एक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपवक्र कम होता है और यद्यपि यह काफी हद तक बैलिस्टिक मिसाइल के समान ही होती है, यह उड़ान के दौरान ‘मनूवर’ (Maneuver) में सक्षम होती है।
      • बैलिस्टिक मिसाइलों को शुरू में चरणों में एक रॉकेट या रॉकेट की शृंखला द्वारा संचालित किया जाता है, लेकिन फिर यह एक शक्तिहीन प्रक्षेपवक्र का पालन करता है जो उच्च गति पर अपने इच्छित लक्ष्य तक पहुँचने के लिये नीचे की ओर झुकता है।
    • मिसाइल को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम है और हवा में एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद यह अपना रास्ता बदलने की क्षमता भी रखती है।
  • विशेषताएँ: 
    • यह एक ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से संचालित है।
    • मिसाइल गाइडेंस प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।
    • इसकी तुलना चीन के डोंग फेंग 12 और यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में इस्तेमाल की गई रूसी इस्कंदर मिसाइल से की जा सकती है।
    • यह लगभग 350 किलोग्राम से 700 किलोग्राम तक के पारंपरिक आयुध ले जाने में सक्षम है, जो इसे और भी घातक बनाता है।
    • यह एक उच्च विस्फोटक पूर्वनिर्मित विखंडन आयुध, प्रवेश-सह-विस्फोट (penetration-cum-blast- PCB) और रनअवे डिनायल पेनेट्रेशन सबम्युनिशन ले जा सकती है।
  • रेंज: 
    • इस मिसाइल की रेंज 150-500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है।
    • ‘प्रलय’ सेना की सूची में सतह-से-सतह पर मार करने वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल होगी।
  • महत्त्व: 
    • यह भारत की पहली सामरिक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है और सशस्त्र बलों को वास्तविक युद्ध क्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों व प्रमुख प्रतिष्ठानों को नष्ट करने की क्षमता प्रदान करेगी।
    • प्रलय, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के साथ भारत की नियोजित रॉकेट फोर्स योजना का आधार बनेगी।
    • यह सामरिक युद्धक्षेत्र की गतिशीलता को पूरी तरह से बदल देगी और भारत के पास लंबी दूरी की दो पारंपरिक मिसाइलें होंगी।
  • ब्रह्मोस एक क्रूज़ मिसाइल विकल्प होगा, जबकि ‘प्रलय’ एक बैलिस्टिक मिसाइल विकल्प होगा।

  बैलिस्टिक मिसाइल बनाम क्रूज़ मिसाइल  

बैलिस्टिक मिसाइल

क्रूज़ मिसाइल

इसमें प्रक्षेप्य गति और प्रक्षेपवक्र में यात्रा गुरुत्वाकर्षण, वायु प्रतिरोध तथा कोरिओलिस बल पर निर्भर करती है।

यह तुलनात्मक रूप से गति के लिये सीधे प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती है।

पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जाती है और पुनः उसमें प्रवेश करती है।

इसका उड़ान पथ पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर ही होता है।

लंबी दूरी की मिसाइलें (300 किमी. से 12,000 किमी. तक)

कम दूरी की मिसाइलें (1000 किमी. तक की रेंज)

उदाहरण: पृथ्वी-I, पृथ्वी-II, अग्नि-I, अग्नि-II और धनुष मिसाइलें।

उदाहरण: ब्रह्मोस मिसाइल

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)

  1. यह सतह-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। 
  2. यह केवल तरल प्रणोदक द्वारा संचालित होती है।
  3.  यह लगभग 7500 किमी. दूरी तक एक टन परमाणु आयुध पहुँचाने में सक्षम है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a) 

स्रोत: द प्रिंट


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 दिसंबर, 2022

5जी सेवा

संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि 24 से 36 महीनों में देश की 80 प्रतिशत आबादी को 5जी सेवाओं के दायरे में लाया जाएगा। वर्ष 2023 तक सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमटेड (BSNL) की 5जी सेवाएँँ शुरू हो जाएगी। देश के 50 शहरों में 5जी सेवाएँँ पहले ही शुरू हो चुकी हैं। प्रत्येक सप्ताह लगभग पाँच हज़ार नए स्थान इससे जुड़ रहे हैं। 5जी सेवाएँँ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएँगी। इस वर्ष अक्तूबर में प्रधानमंत्री ने 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया था। 5जी प्रौद्योगिकी निर्बाध सेवा, उच्च डेटा रेट, तेज़ एवं अधिक विश्वसनीय संचार सेवाएँँ प्रदान करती है। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की स्थापना 15 सितंबर, 2000 को भारत सरकार के दो विभागों- दूरसंचार सेवा विभाग (Department of Telecom Services-DTS) तथा दूरसंचार संचालन विभाग (Department of Telecom Operations-DTO) को सम्मिलित करके की गई थी। यह देश में दूरसंचार सेवाएँ प्रदान करने वाली सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा प्रमुख कंपनी है। इसने पूरे देश के सभी शहरों के अलावा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को भी दूरसंचार से जोड़ा है।

राष्ट्रीय महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप

भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में लवलीना बोरगोहेन और निकहत ज़रीन ने स्वर्ण पदक जीते हैं। फाइनल में लवलीना ने सर्विसेज़ की अरुंधति चौधरी को और निकहत ने रेलवे की अनामिका को पराजित किया। हरियाणा की मनीषा एवं स्वीटी बूरा, रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड की साक्षी, मध्य प्रदेश की मंजू बम्बोरिया ने भी अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। रेलवे की टीम पाँच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य सहित 10 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रही। मध्य प्रदेश दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा। विदित है कि 20 से 26 दिसंबर, 2022 तक छठवीं एलीट सीनियर राष्ट्रीय महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2022 (पुरुष तथा महिला) का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में किया गया। इस प्रतियोगिता में भारतीय रेलवे के 10 महिला खिलाडियों ने 10 विभिन्न भार वर्गों में भाग लिया, जिसमें दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे की दो प्रतिभागी (पूनम व शशि चोपड़ा) सम्मिलित थीं। भारत में पहली बार राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप का आयोजन वर्ष 1950 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में किया गया था।

पुष्प कमल दहल

नेपाल में राष्‍ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही अन्य मंत्रियों में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी- एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी (The Communist Party of Nepal, Unified Marxist–Leninist -CPN-UML) के बिष्‍णु पाउडल, CPM के नारायण काजी श्रेष्‍ठ और राष्‍ट्रीय स्‍वतंत्र पार्टी के लामीछाने (उपप्रधानमंत्री) शामिल हैं जिन्हें शपथ दिलाई गई। काठमांडू स्थित राष्‍ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में हुए एक विशेष समारोह में कुल आठ केंद्रीय मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। बिष्‍णु पाउडल को वित्त मंत्री, नारायण काजी श्रेष्‍ठ को अवसंरचना और यातायात मंत्री नियुक्‍त किया गया है। इसके अलावा ज्‍वाला कुमारी शाह, दामोदर भंडारी, राजेन्‍द्र राय, और अब्‍दुल खान शामिल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

मणिपुर में विद्रोही समूह के साथ शांति समझौता  

हाल ही में त्रिपक्षीय शांति समझौते पर केंद्र (गृह मंत्रालय), मणिपुर सरकार और ज़ेलियनग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (ZUF) विद्रोही समूह द्वारा हस्ताक्षर किये गए। ZUF नागाओं का एक सशस्त्र समूह है जो ज़्यादातर मणिपुर में सक्रिय है और एक दशक से अधिक समय से ज़ेलियांग्रोंग नगा जनजाति (मंगोलियाई जाति) के लिये एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। यह सशस्त्र समूह मणिपुर की स्वतंत्रता सेनानी रानी गैदिनल्यू का अनुयायी है, जिन्हें अंग्रेज़ो ने 14 साल के लिये जेल में डाल दिया था। PM के 'उग्रवाद मुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर' के दृष्टिकोण को पूरा करने में यह शांति समझौता महत्त्वपूर्ण है।

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भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का स्थापना दिवस

28 दिसंबर, 1885 को बॉम्बे में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) की स्थापना हुई थी, जिसके महासचिव एलन ऑक्टेवियन (A.O.) ह्यूम (लॉर्ड डफरिन भारत के तत्कालीन वायसराय) थे। कॉन्ग्रेस के प्रारंभिक नेतृत्त्व में दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी, डब्ल्यू.सी. बनर्जी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, रोमेश चंद्र दत्त और एस. सुब्रमण्यम अय्यर आदि शामिल थे।

कॉन्ग्रेस के पहले अधिवेशन (1885 - बॉम्बे) की अध्यक्षता डब्ल्यू.सी. बनर्जी द्वारा की गई थी। कॉन्ग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट (1917 - कलकत्ता) तथा कॉन्ग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू (1925 - कानपुर) थीं।

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H9N2 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के लिये वैक्सीन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (ICAR-NIHSAD) ने मुर्गियों के लिये एक निष्क्रिय कम रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा (H9N2) टीका विकसित किया है। यह H9N2 वायरस के लिये पहला स्वदेशी टीका है।  

H9N2 इन्फ्लूएंज़ा ए वायरस का एक उप प्रकार है, जो मानव इन्फ्लूएंज़ा के साथ-साथ बर्ड फ्लू का कारण बनता है। यह पहली बार विस्कॉन्सिन, अमेरिका में वर्ष 1966 में तुर्की समुदाय में पाया गया था। मनुष्यों में H9N2 वायरस संक्रमण दुर्लभ हैं या हल्के लक्षणों के कारण कम रिपोर्ट किये गए हैं।

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