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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 28 Nov, 2022
  • 28 min read
प्रारंभिक परीक्षा

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

हाल ही में संगीत नाटक अकादमी ने 10 अकादमी फेलो और 128 कलाकारों की सूची की घोषणा की, जो वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिये प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार) प्राप्त करेंगे।

  • इसके अलावा अकादमी ने वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिये उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के लिये 102 युवा कलाकारों के नामों की घोषणा की।

संगीत नाटक अकादमी

  • संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृत्य और नाटक के लिये भारत की राष्ट्रीय अकादमी है।
  • 1952 में (तत्कालीन) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा डॉ. पी.वी. राजमन्नार को इसके पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।
  • यह वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है और इसकी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिये सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित है।
  • अकादमी प्रदर्शन कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों और परियोजनाओं की स्थापना करती है। कुछ महत्त्वपूर्ण संस्थान हैं:
    • राष्ट्रीय  नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली 1959 में।
    • जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी, इम्फाल- 1954 में।
    • कथक केंद्र (राष्ट्रीय कथक नृत्य संस्थान), नई दिल्ली- 1964 में।
    • कुटियाट्टम (केरल का संस्कृत थिएटर), पूर्वी भारत के छऊ नृत्य, असम की सत्रिया परंपरा आदि के समर्थन की राष्ट्रीय परियोजनाएंँ।

संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) और पुरस्कार:

  • संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप:
    • संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म, पंथ या लिंग के भेद के बिना संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
    • अकादमी की फैलोशिप सबसे प्रतिष्ठित एवं दुर्लभ सम्मान है, जो एक बार में अधिकतम 40 लोगों को दी जा सकती है।
    • अकादमी फेलो के सम्मान में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 3,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।
  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:
    • संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/थिएटर, कठपुतली और प्रदर्शन कला आदि में समग्र योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र के कलाकारों को पुरस्कार दिये जाते हैं।
    • अकादमी पुरस्कार में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के साथ 1,00,000/- रुपए का नकद पुरस्कार शामिल होता है।

"उस्ताद  बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार":

  • संगीत नाटक अकादमी ने संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में विशिष्ट प्रतिभा दिखाने वाले कलाकारों को सम्मानित करने के लिये वर्ष 2006 से "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार" शुरू करने का निर्णय लिया।
  • 40 वर्ष की आयु तक के उत्कृष्ट युवा हर साल "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार" के लिये विचार किए जाने के पात्र होंगे तथा उस वर्ष के 1 अप्रैल से इन सभी की आयु सीमा की तारीख  तय की जाएगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)

  1. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्थापना वर्ष 1959 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा की गई थी।
  2. साहित्य अकादमी द्वारा किसी लेखक को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान उसे अपना फेलो चुनकर दिया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c) 

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

ब्लूबगिंग

डिफॉल्ट सेटिंग के रूप में प्रायः स्मार्टफोन की ब्लूटूथ सेटिंग्स अन्य उपकरणों को ढूँढने एवं उनसे कनेक्ट करने के मोड में होते हैं, इससे ब्लूबगिंग जैसे खतरों के प्रति वे अतिसंवेदनशील हो जाते हैं।

ब्लूबगिंग:

  • परिचय:
    • यह हैकिंग का एक रूप है जो हैकर्स को खोजे जा सकने योग्य चालू ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से डिवाइस तक पहुँच प्रदान करता है।
    • ब्लूबगिंग के माध्यम से हैकर डिवाइस के ऐप्स तक अनधिकृत पहुँच प्राप्त कर सकता है और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार नियंत्रित कर सकता है।
    • ट्रू वायरलेस स्टीरियो (TWS) डिवाइस या ईयरबड सहित कोई भी ब्लूटूथ-सक्षम डिवाइस ब्लूबगिंग के लिये अतिसंवेदनशील है।
    • एक बार किसी डिवाइस या फोन के ब्लूबग हो जाने के बाद, हैकर उसके कॉल सुन सकता है, संदेश पढ़ सकता है और संदेश भी भेज सकता है तथा संपर्कों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
    • यहाँ तक कि आईफोन जैसे सबसे सुरक्षित स्मार्टफोन भी इसकी चपेट में हैं।
  • सुरक्षात्मक उपाय:
    • उपयोग में नहीं होने पर ब्लूटूथ को बंद रखना और युग्मित ब्लूटूथ उपकरणों को डिस्कनेक्ट करना।
    • ब्लूटूथ डिवाइस को ब्लूटूथ सेटिंग्स से बंद करना।
    • डिवाइस के सिस्टम सॉफ्टवेयर को नवीनतम संस्करण में अपडेट करना।
    • सार्वजनिक वाई-फाई का सीमित उपयोग करना।
    • अपनी डिवाइस में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों के प्रति जागरूक रहना
    • डेटा उपयोग में अचानक हुई बढ़ोतरी की निगरानी करना।
    • आधुनिक एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना।

संबंधित सरकारी पहलें:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? (2017)

  1. सेवा प्रदाताओं
  2. डेटा केंद्र
  3. कॉर्पोरेट निकाय

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) की धारा 70B के अनुसार, केंद्र सरकार ने अधिसूचना द्वारा घटना प्रतिक्रिया के लिये राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में कार्य करने हेतु भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) नामक एक एजेंसी का गठन किया गया है।
  • केंद्र सरकार ने आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 70 B के तहत वर्ष 2014 में CERT-In के लिये नियम स्थापित और अधिसूचित किये। नियम 12 (1) (A) के अनुसार, CERT-In को साइबर सुरक्षा के संदर्भ में घटना होने के उचित समय के भीतर सेवा प्रदाताओं, मध्यस्थों, डेटा केंद्रों और कॉर्पोरेट निकायों द्वारा रिपोर्ट करना अनिवार्य है। अतः 1, 2 और 3 सही हैं।

अत: विकल्प (d) सही है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

UNESCO एशिया-प्रशांत पुरस्कार

हाल ही में सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिये यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार 2022 की घोषणा की गई है, जिसमें भारत के चार विजेता शामिल हैं।

पुरस्कार विजेता देश:

  • वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन:
    • पुरस्कारों के लिये छह देशों की तेरह परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया था, वे देश हैं:
      • अफगानिस्तान, चीन, भारत, ईरान, नेपाल और थाईलैंड।
  • भारत का प्रदर्शन:
    • उत्कृष्टता का पुरस्कार: छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, मुंबई
    • विशिष्टता का पुरस्कार: गोलकुंडा की बावड़ी, हैदराबाद
    • मेरिट का पुरस्कार: डोमकोंडा किला, तेलंगाना और भायखला स्टेशन, मुंबई
  • विरासत स्थलों का महत्त्व:
    • विरासत स्थल प्रकृति एवं संस्कृति के मध्य संबंध प्रदर्शित करते हैं। वे शुद्ध-शून्य जल आवश्यकताओं के साथ जलवायु परिवर्तन को संबोधित कर सकते हैं।
    • कुओं के जीर्णोद्धार से पता चलता है कि विरासत स्थलों के संरक्षण के कई उद्देश्य हो सकते हैं।

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिये यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार:

  • ‘एशिया-प्रशांत विरासत पुरस्कार’ वर्ष 2000 से यूनेस्को द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु दिया जा रहा है। इस पुरस्कार का उद्देश्य ऐसे सांस्कृतिक विरासत क्षेत्रों के संरक्षण को बढ़ावा देना है, जिसके संरक्षण के प्रयास किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा प्रारंभ किये गए हैं।
  • यह अन्य संपत्ति मालिकों को स्वतंत्र रूप से या सार्वजनिक-निजी भागीदारी द्वारा अपने समुदायों के भीतर संरक्षण परियोजनाओं को शुरू करने हेतु प्रोत्साहित करता है।
    • यह पुरस्कार लोगों में अपनी विरासत के प्रति गर्व की भावना प्रदान करता है।

नोट:

  • छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, मुंबई:
    • यह संग्रहालय मुंबई की विश्व विरासत संपत्ति के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेंबल्स का एक हिस्सा है।
      • यह वर्ष 1922 में पश्चिमी भारत के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • भायखला  रेलवे स्टेशन, मुंबई:
    • यह स्टेशन  वर्ष 1853 में बनाया गया था। देश की पहली ट्रेन लगभग डेढ़ सदी पहले भायखला स्टेशन से गुजरी थी। भायखला रेलवे स्टेशन की बहाली हेतु कार्य किया गया और इसकी  मूल, प्राचीन, वास्तुकला को लगभग जीवंत कर लिया गया है।
  • डोमकोंडा किला, तेलंगाना:
    • डोमाकोंडा किला निजी संपत्ति है और इसे 18वीं शताब्दी में विभिन्न शैलियों के मिश्रण से बनाया गया, जिसमें प्लास्टर वर्क, धनुषाकार खंभे, सपाट छत और एक जल उद्यान तालाब के साथ एक आँगन शामिल था।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

धम्म दीपा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय

दक्षिण त्रिपुरा ज़िले के सबरूम के मनु बांकुल में धम्म दीपा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय (DDIBU) की आधारशिला 29 नवंबर, 2022 को रखी जाएगी।

  • DDIBU के आधुनिक शिक्षा के अन्य विषय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ बौद्ध शिक्षा प्रदान करने वाला भारत का पहला बौद्ध-संचालित विश्वविद्यालय बनने की उम्मीद है।

बुद्ध धर्म:

  • परिचय:
    • भारत में बौद्ध धर्म की शुरुआत लगभग 2600 वर्ष पूर्व हुई थी।
    • यह धर्म अपने संस्थापक सिद्धार्थ गौतम की शिक्षाओं, जीवन के अनुभवों पर आधारित है।
    • बौद्ध धर्म की मुख्य शिक्षाएँ चार महान आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग की मूल अवधारणा में समाहित हैं।
      • चार महान सत्य:
        • दुख (दुःख): संसार दुखमय है।
        • प्रत्येक दुख का एक कारण है - समुदय
        • दुखों का निवारण किया जा सकता है – निरोध।
        • यह अथांग मग्गा (आष्टांगिक मार्ग) का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है।
      • आष्टांगिक मार्ग: इसमें ज्ञान, आचरण और ध्यान प्रथाओं से संबंधित विभिन्न परस्पर संयुक्त गतिविधियाँ शामिल हैं।
        • सम्यक दृष्टि
        • सम्यक संकल्प
        • सम्यक वाक
        • सम्यक कर्मांत
        • सम्यक आजीव
        • सम्यक व्यायाम
        • सम्यक स्मृति
        • सम्यक समाधि
    • बौद्ध धर्म का सार आत्मज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति है जो एक स्थिति नहीं बल्कि एक अनुभव है जिसे इस जीवन में प्राप्त किया जा सकता है।
    • बौद्ध धर्म में कोई सर्वोच्च देवी या देवता नहीं है।

बौद्ध परिषदें :

Buddh-Parishaden

  • विभिन्न बौद्ध संप्रदाय:
    • महायान (मूर्ति पूजा), हीनयान, थेरवाद, वज्रयान (तांत्रिक बौद्ध धर्म), ज़ेन।
  • बौद्ध धर्म से संबंधित महत्त्वपूर्ण ग्रंथ (त्रिपिटक):
    • विनयपिटक (मठवासी जीवन पर लागू नियम), सुत्तपिटक (बुद्ध की मुख्य शिक्षाएँ या धम्म), अभिधम्मपिटक (एक दार्शनिक विश्लेषण और शिक्षाओं का व्यवस्थित संकलन )।
  • भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का योगदान:
    • अहिंसा की अवधारणा बौद्ध धर्म का प्रमुख योगदान है। बाद के समय में यह हमारे राष्ट्र के  प्रमुख मूल्यों में से एक बन गई।
    • भारत की कला एवं वास्तुकला में इसका उल्लेखनीय योगदान रहा है। साँची, भरहुत और गया के स्तूप बौद्ध वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं।
    • इसने तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे आवासीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया।
    • पाली और अन्य स्थानीय भाषाएँ बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से विकसित हुई।
    • इसने एशिया के अन्य हिस्सों में भारतीय संस्कृति के प्रसार को भी बढ़ावा दिया था।
  • बौद्ध धर्म से संबंधित यूनेस्को के विरासत स्थल:
    • नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातात्त्विक स्थल
    • साँची, मध्य प्रदेश में बौद्ध स्मारक
    • बोधगया, बिहार में महाबोधि विहार परिसर
    • अजंता गुफाएँ, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
    • लद्दाख के बौद्ध जप को वर्ष 2012 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारतीय इतिहास के संदर्भ मे निम्नलिखित मूलग्रंथों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. नेत्तिपकरण
  2. परिशिष्टपर्वन
  3. अवदानशतक
  4. त्रिशष्टिलक्षण महापुराण

उपर्युक्त में से कौन-से जैन ग्रंथ हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b)  केवल 2 और 4
(c) 1, 3 और 4
(d)  2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • नेत्तिपकरण एक पौराणिक बौद्ध ग्रंथ है, जिसे कभी-कभी थेरवाद बौद्ध धर्म के पाली कैनन के खुद्दकनिकाय निकाय में शामिल किया गया था।
  • परिशिष्टपर्वन हेमचन्द्र द्वारा रचित 12वीं शताब्दी का संस्कृत महाकाव्य है जो प्रारंभिक जैन शिक्षकों के इतिहास का विवरण प्रस्तुत करता है।
  • अवदानशतक एक सौ बौद्ध किंवदंतियों का संस्कृत में एक संकलन है, जो लगभग एक ही समय से संबंधित है। त्रिशष्ठिलक्षण महापुराण एक प्रमुख जैन ग्रंथ है जिसकी रचना मुख्य रूप से आचार्य जिनसेना ने राष्ट्रकूट के शासन के दौरान की थी।

अतः विकल्प (b) सही है।


प्रश्न. भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2021))



ऐतिहासिक व्यक्तित्व

प्रसिद्धि

1.

 आर्यदेव

जैन विद्वान

2.

 दिङ्नाग

बौद्ध विद्वान

3.

नाथमुनी

 वैष्णव  विद्वान

उपर्युक्त में से कितने युग्म सुमेलित हैं?

(a) कोई युग्म सही नहीं
(b) केवल एक युग्म
(c) केवल दो युग्म
(d) सभी तीनों युग्म

उत्तर: C

व्याख्या:

आर्यदेव महायान बौद्ध भिक्षु थे वे नागार्जुन के शिष्य और मध्यम मार्ग मानने वाले दार्शनिक थे। दिङ्नाग एक भारतीय बौद्ध विद्वानों और बौद्ध विचारों के संस्थापकों में से एक थे। श्री रंगनाथमुनि, जिन्हें श्रीमन नाथमुनि (823 ईस्वी -951 सीई) के नाम से जाना जाता है, एक वैष्णव धर्मशास्त्री थे जिन्होंने नालायरा दिव्य प्रबंधम को संकलित किया था। अत: केवल युग्म 2 और 3 सुमेलित हैं। पहला युग्म सही नही है। अत: विकल्प C सही है।


Q. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में, ‘परामिता’ शब्द का सही विवरण निम्नलिखित में से कौन-सा है?

(a) सूत्र पद्धति में लिखे गए प्राचीनतम धर्मशास्त्र पाठ
(b) वेदों के प्राधिकार को अस्वीकार करने वाले दार्शनिक संप्रदाय
(c) परिपूर्णताएँ जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
(d) आरंभिक मध्यकालीन दक्षिण भारत की शक्तिशाली व्यापारी श्रेणियाँ

उत्तर: C

व्याख्या:

  • परामिता या परमी (क्रमशः संस्कृत और पाली में) एक बौद्ध शब्द है जिसका अनुवाद अक्सर "पूर्णता" के रूप में किया जाता है।
  • महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व छ: परामितों का उल्लेख करता है जिसमें उदारता, अनुशासन, धैर्य, परिश्रम, ध्यान एकाग्रता और ज्ञान शामिल हैं।
  • बौद्ध भाष्य में परामिता का वर्णन आम तौर पर प्रबुद्ध प्राणियों से जुड़े महान चरित्र गुणों के रूप में किया गया है।

अतः विकल्प (c) सही है।


प्रश्न.  निम्नलिखित पर विचार कीजिये:

  1. बुद्ध में देवत्वारोपण
  2. बोधिसत्त्व के पथ पर चलना
  3. मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान

उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता/विशेषताएँ महायान बौद्ध मत की है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • 72 ईस्वी में कुंडलवन, कश्मीर में आयोजित चौथी बौद्ध परिषद में वसुमित्र की अध्यक्षता में बौद्ध धर्म को दो शाखाओं हीनयान और महायान का उदय हुआ
  • महायान का शाब्दिक अर्थ 'द ग्रेट व्हीकल (महान वाहन)' है, जबकि महायान बौद्ध धर्म के समर्थकों ने बौद्ध धर्म की पुरानी परंपरा को हीनयान (छोटा वाहन) कहा है।
  • बौद्ध धर्म की महायान शाखा ने ज्ञान प्राप्त करने और सभी संवेदनशील प्राणियों को सभी दुखों तथा पीड़ाओं से बचाने के लिये बोधिसत्त्व के मार्ग को स्वीकार किया। अत: कथन 2 सही है।
  • उन्होंने यह मानना शुरू कर दिया कि बुद्ध उद्धारकर्त्ता थे और वह मोक्ष सुनिश्चित कर सकते थे। इस प्रकार बुद्ध के विग्रह की प्रक्रिया शुरू हुई। अत: कथन 1 सही है।
  • इसके अलावा बुद्ध की छवियों की पूजा और अनुष्ठान बौद्ध स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गए। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (d) सही है।


प्रश्न. भारत में बौद्ध धर्म के इतिहास में पाल काल सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है। विवेचना कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

प्रश्न. प्रारंभिक बौद्ध स्तूप-कला, लोक रूपांकनों और आख्यानों का चित्रण करते हुए बौद्ध आदर्शों की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है। स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2016)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 नवंबर, 2022

राष्ट्रीय कैडेट कोर

राष्ट्रीय कैडेट कोर/राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (National Cadet Corps- NCC) 27 नवंबर, 2022 को अपना 74वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा गणवेशधारी युवा संगठन है। NCC दिवस पर कैडेट ने 27 नवंबर को समूचे देश में मार्च पास्ट, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक विकास के कार्यक्रमों में भाग लिया। NCC युवाओं को उनके विकास के लिये विभिन्न प्रकार के अवसर प्रदान करता है। इस संगठन के अनेक कैडेट्स ने खेल और साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। NCC ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में भी पिछले चार दशक में कैडेट्स को मंच प्रदान किया है। NCC का गठन वर्ष 1948 (एच.एन. कुंजरु समिति-1946 की सिफारिश पर) में किया गया था और इसकी जड़ें ब्रिटिश युग में गठित युवा संस्थाओं, जैसे-यूनिवर्सिटी कॉर्प्स या यूनिवर्सिटी ऑफिसर ट्रेनिंग कॉर्प्स (University Corps or University Officer Training Corps) में हैं। जिसे भारतीय सेना में कर्मियों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917 के तहत निर्मित किया गया था। बाद में वर्ष 1949 में NCC का विस्तार गर्ल्स डिवीज़न को शामिल करने हेतु किया गया ताकि देश की रक्षा के लिये इच्छुक महिलाओं को समान अवसर प्रदान किया जा सके।

पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा - पीटी उषा

एथलीट और राज्यसभा की मनोनीत सांसद पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाया गया है। इस पद की वो इकलौती दावेदार थीं। इस संबंध में चुनाव 10 दिसंबर को होने थे, लेकिन विपक्ष में कोई और उम्मीदवार नहीं होने की वजह से उन्हें IOA की पहली महिला अध्यक्ष चुन लिया गया है। पीटी उषा को 'पय्योली एक्सप्रेस, उड़नपरी' के नाम से भी जाना जाता है और वह देश की सबसे सफल एथलीटों में से एक हैं। पीटी उषा ने वर्ष 1982 से 1994 तक एशियाई खेलों में चार  स्वर्ण सहित 11 पदक जीते। उन्होंने वर्ष 1986 के सियोल एशियाई खेलों में सभी चार स्वर्ण (200 मीटर, 400 मीटर,  400 मीटर बाधा दौड़ और चार गुणा 400 मीटर रिले) पदकों के साथ ही 100 मीटर में रजत भी जीता था। उषा ने 1982 नई दिल्ली  एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर में पदक जीते। कुल मिलाकर उन्होंने 1983 से 1998 तक एशियाई चैम्पिपियनशिप में कुल 23 पदक जीते। पीटी उषा वर्ष 1984 के ओलिंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं थी। भारतीय ओलंपिक संघ भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (NOC) है। इसका कार्य ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों व अन्य अंतर्राष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्त्व करने वाले एथलीटों का चयन करना और भारतीय टीम का प्रबंधन करना है। यह भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ की तरह ही कार्य करता है, तथा राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्त्व करने वाले एथलीटों का भी चयन करता है।

अब्देल फतेह अल सिसी 

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को अगले वर्ष 26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। पहली बार मिस्र के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और मिस्र के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। वर्ष 2022-23 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को 'अतिथि देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है। अब्देल फतेह अल-सिसी जिनका जन्म 19 नवंबर, 1954 की हुआ था, मिस्र के सोलहवें राष्ट्रपति हैं। वह वर्ष 2014 से लगातार मिस्र के राष्ट्रपति के पद पर है।


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