प्रारंभिक परीक्षा
बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली
हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चाँदीपुर में ज़मीन पर आधारित पोर्टेबल लॉन्चर से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइल की दो सफल परीक्षण उड़ान भरी।
- दोनों उड़ान परीक्षण मिशन के उद्देश्यों को पूरा करते हैं।
VSHORADS:
- विषय:
- बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) एक मैन पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जिसे DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।
- प्रारूप:
- VSHORADS मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) और एकीकृत एवियोनिक्स सहित कई नवीन प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जो परीक्षणों के दौरान सफल सिद्ध हुई हैं।
- कम दूरी के निम्न ऊँचाई वाले हवाई खतरों को निष्प्रभावी करने वाली यह मिसाइल, डुअल थ्रस्ट ठोस मोटर द्वारा संचालित है।
- आसान सुवाह्यता सुनिश्चित करने के लिये मिसाइल के डिजाइन को अत्यधिक अनुकूल बनाया गया है।
- महत्त्व:
- आधुनिक तकनीकों से लैस इस नई मिसाइल से सशस्त्र बलों को तकनीकी स्तर पर और भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली क्या है?
- प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) थ्रस्टर्स के उपयोग द्वारा दिशा नियंत्रण और संचालन के लिये ज़िम्मेदार है।
- RCS प्रणाली किसी भी वांछित दिशा या दिशाओं के संयोजन में उत्प्रेरित करने में सक्षम है।
- RCS , रोटेशन (पिच, घुमाव (yaw) और रोल) के नियंत्रण की अनुमति देने के लिये बल (Torque) प्रदान करने में भी सक्षम है।
MANPADS क्या है?
- ये कम दूरी की हल्की एवं पोर्टेबल सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जिन्हें व्यक्तियों या छोटे समूहों द्वारा विमान या हेलीकॉप्टर को नष्ट करने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।
- ये हवाई हमलों से सैनिकों की सुरक्षा करने में सहायक होने के साथ कम ऊँचाई वाले विमानों को निशाना बनाने में सबसे प्रभावी होते हैं।
- ‘मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक सिस्टम’ (MANPAT) भी इसी प्रकार कार्य करते हैं लेकिन इसका उपयोग सैन्य टैंकों को नष्ट या अक्षम करने हेतु किया जाता है।
- ‘MANPADS’ की अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और यह 4.5 किमी की ऊँचाई तक लक्ष्य को भेद सकता है।
- पहला 'MANPADS’ 1960 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा विकसित किया गया था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) क्या है? (a) इज़रायल की एक रडार प्रणाली उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। |
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व रेबीज़ दिवस
विश्व की सबसे घातक संक्रामक बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम एवं नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये विश्व के सभी भागीदारों को एक साथ लाने हेतु हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है।
- 2022 में 16वाँ विश्व रेबीज़ दिवस मनाया गया।
विश्व रेबीज़ दिवस:
- इसके बारे में:
- 28 सितंबर को पहला रेबीज़ टीका विकसित करने वाले फ्रांसीसी रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी, लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के रुप में मनाया जाता है ।
- 2007 में दो संस्थापक भागीदारों द्वारा पहला विश्व रेबीज़ दिवस (WRD) मनाया गया था:
- रेबीज़ नियंत्रण संगठन (ARC)
- रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र, अटलांटा (CDC)
- थीम 2022:
- विश्व रेबीज़ दिवस 2022 की थीम: "वन हेल्थ, ज़ीरो डेथ" है।
- यह थीम लोगों और जानवरों दोनों के साथ पर्यावरण के संबंध पर प्रकाश डालेगी।
रेबीज़:
- इसके बारे में :
- रेबीज़ एक जूनोटिक वायरल रोग है जिसकी रोकथाम टीके से होती है ।
- यह राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) वायरस के कारण होता है जो पागल जानवर (कुत्ता, बिल्ली, बंदर, आदि) की लार में मौजूद होता है।
- यह हमेशा संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है और जानवर की लार के साथ वायरस घाव में प्रवेश कर जाते हैं ।
- एक बार नैदानिक लक्षण प्रकट होने के बाद रेबीज़ लगभग 100% घातक होता है। हृदय-श्वसन की विफलता के कारण चार दिनों से दो सप्ताह के बीच मृत्यु हो जाती है।
- 99% मामलों में घरेलू कुत्ते मनुष्यों में रेबीज़ वायरस के संचरण के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
- ऊष्मायन अवधि 2-3 महीने होती है, जो परिवर्तित होती रहती है, लेकिन 1 सप्ताह से 1 वर्ष तक परिवर्तित हो सकती है, शायद ही कभी और भी अधिक हो सकती है।
- उपचार:
- घाव को तुरंत जल और साबुन से धोकर घाव से वायरस को तत्काल निकालना आवश्यक है, इसके बाद एंटीसेप्टिक्स का उपयोग किया जाता है जो तंत्रिका संक्रमण की संभावना को कम / समाप्त करता है।
- पालतू जानवरों का टीकाकरण, वन्यजीवों से दूर रहकर, और लक्षण शुरू होने से पहले संभावित जोखिम की चिकित्सा देखभाल से रेबीज़ को रोका जा सकता है।
- लक्षण:
- रेबीज़ के पहले लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं और कुछ दिनों तक रह सकते हैं, जिसमें शामिल हैं:
- बुखार, सिरदर्द, मतली, उल्टी, चिंता, भ्रम, अति सक्रियता, निगलने में कठिनाई, अत्यधिक लार, मतिभ्रम, अनिद्रा।
- रेबीज़ के पहले लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं और कुछ दिनों तक रह सकते हैं, जिसमें शामिल हैं:
- रेबीज़ के खिलाफ इलाज हेतु भारत की पहल:
- राष्ट्रीय कार्ययोजना-रेबीज़ उन्मूलन, 2030:
- यह वन हेल्थ दृष्टिकोण (One Health Approach) पर आधारित बहुआयामी रणनीति है।
- वन हेल्थ की अवधारणा यह मानती है कि लोगों का स्वास्थ्य जानवरों, पौधों और उनके साझा पर्यावरण के स्वास्थ्य से निकटता से संबंधित है।
- एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के अंतर्गत, कई क्षेत्र इष्टतम स्वास्थ्य परिणामों को प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक साथ संवाद एवं काम करते हैं।
- मिशन: वर्ष 2030 तक कुत्तों की वजह से फैलने वाले रेबीज़ से होने वाले मानव मृत्यु दर को शून्य करना है।
- सिद्धांत:
- रोकथाम: सभी ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँच, वहनीयता, और एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस की उपलब्धता में सुधार के लिये किफायती सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तकनीकों की शुरुआत करना।
- प्रचार: संवाद, जागरूकता, शिक्षा और परिचालन अनुसंधान के माध्यम से रेबीज़ संबंधी समझ को बेहतर बनाना।
- साझेदारी: समुदाय, शहरी और ग्रामीण नागरिक समाज, सरकार, निजी क्षेत्रों और अंतर्रष्ट्रीय भागीदारी के साथ एंटी-रेबीज़ अभियान के लिये समन्वित सहायता प्रदान करना।
- राष्ट्रीय कार्ययोजना-रेबीज़ उन्मूलन, 2030:
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस प्रतिवर्ष 27 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है और इस वर्ष यह इंडोनेशिया के बाली में आयोजित किया जा रहा है।
- वर्ष 2022 के लिये इसकी थीम है: पर्यटन पर पुनर्विचार।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- वर्ष 1980 से प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (United Nations World Tourism Organization-UNWTO) कानूनों को अपनाने की वर्षगाँठ के रूप में इस तिथि को विश्व पर्यटन में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।
- UNWTO संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है जो ज़िम्मेदार, टिकाऊ और सार्वभौमिक रूप से सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये उत्तरदायी है।
- वर्ष 1980 से प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (United Nations World Tourism Organization-UNWTO) कानूनों को अपनाने की वर्षगाँठ के रूप में इस तिथि को विश्व पर्यटन में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।
- उद्देश्य:
- इस दिन का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना एवं लोगों को पर्यटन के लिये प्रेरित करना है क्योंकि पर्यटन दुनिया भर के लोगों को और अधिक एकीकृत रूप से जोड़ने में मदद करता है।
- महत्त्व:
- विश्व पर्यटन दिवस दुनिया भर में सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में पर्यटन क्षेत्र की अनूठी भूमिका पर प्रकाश डालता है। यह आवास एवं लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा में सहायक के रूप में कार्य करता है।
- यह ग्रामीण एवं बड़े शहरों में खासकर महिलाओं और युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर प्रदान करने में पर्यटन क्षेत्र के महत्त्व को रेखाँकित करता है।
भारत में पर्यटन परिदृश्य:
- विषय:
- भारत ने अतीत में अपने कल्पित धन के कारण बहुत से विदेशी यात्रियों को आकर्षित किया। चीनी बौद्ध धर्मनिष्ठ ह्वेनसांग की यात्रा इसका एक उदाहरण है।
- तीर्थ यात्रा को बढ़ावा विशेषकर तब मिला जब अशोक और हर्ष जैसे सम्राटों ने तीर्थयात्रियों के लिये विश्रामगृह का निर्माण कार्य शुरू किया।
- अर्थशास्त्र 'राज्य के लिये पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे के महत्त्व को इंगित करता है, जिसने अतीत में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- स्वतंत्रता पश्चात पर्यटन क्षेत्र लगातार पंचवर्षीय योजनाओं (FYP) का हिस्सा बना रहा है।
- सातवीं पंचवर्षीय योजना के बाद भारत में पर्यटन के विभिन्न रूप जैसे- व्यापार पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन और वन्यजीव पर्यटन आदि प्रस्तुत किये गए।
- स्थिति:
- वर्ष 2021 में विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद की रिपोर्ट में 178.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान के साथ भारत का पर्यटन क्षेत्र विश्व सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में अपने योगदान में छठे स्थान पर है।
- विदेशी मुद्रा के मामले में भारत के पर्यटन क्षेत्र ने वर्ष 2020 में 6.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की। महामारी के बाद इसके और बढ़ने की उम्मीद है।
- वित्त वर्ष 2020 में भारत में पर्यटन क्षेत्र में 39 मिलियन लोगों को रोज़गार मिला जो कि देश में कुल रोज़गार का 8.0% था। 2029 तक यह आँकड़ा लगभग 53 मिलियन होने की उम्मीद है।
- भारत में 40 स्थल, विश्व विरासत सूची में (32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल) शामिल हैं और यह इस मामले में विश्व में छठे स्थान पर है।
- धोलावीरा और रामप्पा मंदिर (तेलंगाना) इस सूची में शामिल होने वाले नवीनतम स्थल हैं।
पर्यटन से संबंधित पहलें:
- स्वदेश दर्शन योजना
- नेशनल मिशन ऑन पिलग्रिमेज़ रेजुवेनेशन एंड स्प्रीचुअल, हेरिटेज ऑगमेंटेशन ड्राइव यानी ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक संवर्द्धन मुहिम
- प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल
- बौद्ध सम्मेलन
- देखो अपना देश पहल
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
प्रारंभिक परीक्षा
संयुक्त समुद्री बल (CMF)
हाल ही में INS सुनयना संयुक्त समुद्री बल (CMF) के वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास ऑपरेशन सदर्न रेडीनेस में भाग लेने के लिये पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स पहुँचा।
- यह न केवल हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिये भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है, बल्कि CMF अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज़ की पहली भागीदारी को भी चिह्नित करता है।
संयुक्त समुद्री बल (CMF):
- विषय:
- यह एक बहुराष्ट्रीय समुद्री साझेदारी है, जिसका उद्देश्य उच्च समुद्रों पर अवैध और गैर-अधिकृत राष्ट्रों का विरोध करने तथा लगभग 3.2 मिलियन वर्ग मील अंतर्राष्ट्रीय जल में सुरक्षा, स्थिरता एवं समृद्धि को बढ़ावा देकर नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश (RBIO) के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है। इसमें दुनिया के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण नौवहन मार्ग शामिल हैं।
- CMF की कमांड अमेरिकी नौसेना के वाइस एडमिरल के पास है।
- सदस्य देश:
- 34 देश CMF के सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, पुर्तगाल, कतर, सऊदी अरब, सेशेल्स, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन।
- भारत CMF का सदस्य नहीं है। अप्रैल (2022) में आयोजित भारत-अमेरिका 2+2 संवाद में भारत ने घोषणा की थी कि वह एक सहयोगी भागीदार के रूप में CMF में शामिल होगा।
- 34 देश CMF के सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, पुर्तगाल, कतर, सऊदी अरब, सेशेल्स, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन।
- प्रमुख कार्य क्षेत्र:
- CMF के मुख्य कार्य क्षेत्र हैं, नशीले पदार्थों, तस्करी एवं समुद्री डकैती को रोकना, क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना, समग्र सुरक्षा और स्थिरता में सुधार के लिये प्रासंगिक क्षमताओं को मज़बूत करने हेतु अन्य क्षेत्रीय भागीदारों के साथ जुड़ना।
- अनुरोध किये जाने पर समुद्र में CMF संपत्ति, पर्यावरण और मानवीय घटनाओं की रोकथाम पर भी कार्य करेगा।
स्रोत: पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 सितंबर, 2022
विश्व रेबीज़ दिवस
रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी लुई पाश्चर (Louis Pasteur) की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित किया था और रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: वन हेल्थ, ज़ीरो डेथ्स’ ('Rabies: One Health, Zero Deaths') रखी गई है। विश्व रेबीज़ दिवस पहली बार 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों में लगभग 99 प्रतिशत मामलों का कारण कुत्ते का काटना है। रेबीज़ से संक्रमित जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये वायरस से बचाव के लिये जल्द-से-जल्द उपचार करना ज़रूरी होता है।
सर्जिकल स्ट्राइक की छठी वर्षगाँठ
राष्ट्र 28 सितंबर, 2022 को सर्जिकल स्ट्राइक की छठी वर्षगाँठ मना रहा है। वर्ष 2016 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उरी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के 11 दिनों के बाद भारतीय सेना ने 28 और 29 सितंबर, 2016 की रात सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्न इकाइयों के कमांडों सहित भारतीय सेना ने सीमा पार कई आतंकी ठिकानों पर हमले किये थे। ये सभी ठिकाने आतंकवादियों के लाँच-पैड थे जिसके माध्यम से जम्मू-कश्मीर में सेना और नागरिकों पर हमले करने के लिये आतंकवादी घुसपैठ करते थे। इस कार्रवाई के साथ भारत ने यह माकूल संदेश दिया कि वह ज़रूरत पड़ने पर सीमा पार भी आतंकियों के लाँच-पैड पर हमले कर सकता है।
द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर युवाओं को संगठन में भर्ती कर कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (National Investigation Agency-NIA) ने रिमांड नोट जारी किया है। इस संगठन ने अपनी हिंसक गतिविधियों के लिये मज़बूत एवं जीवंत कैडर बल बनाए रखने हेतु एक बहु-स्तरीय प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया है। द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की एक शाखा है। सरकार ने SIMI को वर्ष 2001 में प्रतिबंधित कर दिया था। PFI को दक्षिण भारत के तीन संगठनों को मिलाकर बनाया गया था। फरवरी 2009 में कोझिकोड में एक बैठक के दौरान तीन घटक राष्ट्रीय विकास मोर्चा (NDF) केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), कर्नाटक और मनीथा नीथी पासराय (MNP) तमिलनाडु का विलय कर PFI का गठन किया गया। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, गोवा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में PFI संगठन सक्रिय है। 12 फरवरी, 2019 को झारखंड सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1908 की धारा 16 के तहत PFI को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।