इंडोनेशिया पहुँची INS सिंधुकेसरी
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ बढ़ते सैन्य सहयोग के अनुरूप भारतीय नौसेना की किलो वर्ग की पारंपरिक पनडुब्बी INS सिंधुकेसरी 22-24 फरवरी, 2023 तक पहली बार जकार्ता, इंडोनेशिया के डॉकयार्ड पर रुकी।
- सुंडा जलसंधि से होते हुए इसने सामरिक पुनर्समायोजन (Operational Turnaround- OTR) के लिये अपनी पहली डॉकिंग इंडोनेशिया में की।
INS सिंधुकेसरी:
- INS सिंधुकेसरी रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों का हिस्सा है।
- वर्ष 2018 में पुनर्निर्मित किये जाने से पहले इस पनडुब्बी को वर्ष 1989 में भारतीय नौसेना द्वारा कमीशन किया गया था।
- सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ किलो श्रेणी की डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ हैं। यह पनडुब्बी 3,000 टन भार ले जाने में सक्षम है।
भारतीय नौसेना की वर्तमान पारंपरिक पनडुब्बी शक्ति:
- भारतीय नौसेना के पास सेवा में 16 पारंपरिक पनडुब्बियाँ, 7 रूसी किलो श्रेणी की, 4 जर्मन मूल की HDW पनडुब्बियाँ और 5 फ्रांँसीसी स्कॉर्पिन श्रेणी पनडुब्बियाँ हैं।
- किलो और HDW की आयु बढ़ने के साथ उनकी लाइफ को बढ़ाने के लिये एक मेजर रिफिट लाइफ सर्टिफिकेशन (MRLC) कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- INS सिंधुकेसरी, जिसे फरवरी 1989 में शामिल किया गया था, वर्ष 2018 में रूस के सेवेरोडविंस्क में MRLC से गुज़री।
- मूल रूप से रूस से खरीदी गई 10 किलो श्रेणी की पनडुब्बियों में से सिंधुरक्षक दुर्घटना में खो गई थी, सिंधुवीर को म्याँमार स्थानांतरित कर दिया गया था और सिंधुध्वज को 35 वर्ष बाद जुलाई 2020 में सेवामुक्त कर दिया गया था।
- इस बीच किलो श्रेणी की एक और पनडुब्बी INS सिंधुकीर्ति, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL), विशाखापत्तनम पहुँच गई है।
नोट:
किलो श्रेणी की पनडुब्बियों में 2,300 टन का विस्थापन, 300 मीटर की अधिकतम डाइविंग गहराई तथा 18 समुद्री मील की अधिकतम गति क्षमता है। यह पनडुब्बी चालक दल के 53 सदस्यों के साथ 45 दिनों तक अकेले कार्य करने में सक्षम हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'INS अस्त्रधारिणी' का, जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ था, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वोत्तम वर्णन है? (2016) (a) उभयचर युद्ध पोत उत्तर: (c) |
राष्ट्रीय डेटा एवं विश्लेषिकी मंच
राष्ट्रीय डेटा एवं विश्लेषिकी मंच (National Data and Analytics Platform- NDAP) के माध्यम से भारत सरकार एक समृद्ध डेटा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सक्षम कर नए रोडमैप तैयार कर रही है।
राष्ट्रीय डेटा एवं विश्लेषिकी मंच:
- परिचय:
- मई 2022 में नीति आयोग ने मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोग से NDAP नामक एक परिवर्तनकारी ओपन डेटा प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।
- यह केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाओं से उपयोगकर्त्ताओं को उनके अनुकूल इंटरफेस एवं प्रभावशाली एनालिटिक्स के साथ मशीन-पठनीय प्रारूपों में मूलभूत डेटासेट प्रदान करता है।
- यह प्लेटफॉर्म विविध डेटासेट को सरकार से जोड़ने के लिये अत्याधुनिक तरीकों का उपयोग करता है और एक साथ कई प्रकार के डेटा के उपयोग में सक्षम बनाता है।
- NDAP के लक्षित उपयोगकर्त्ताओं में नीति निर्माता, सिविल सेवक, विश्वविद्यालय के छात्र और शोधकर्ता, पत्रकार, नवप्रवर्तक एवं नागरिक समाज समूह सम्मिलित हैं।
- फरवरी 2023 तक NDAP 15 क्षेत्रों और 46 मंत्रालयों से 885 डेटासेट आयोजित करेगा।
- उद्देश्य:
- इसे उन मुद्दों को हल करने के लिये तैयार किया गया है जो वर्तमान में सरकारी डेटा के उपयोग को सीमित करते हैं, NDAP से पूर्व, विविध डेटा उपयोगकर्त्ताओं पर व्यापक शोध किया गया था ताकि सरकारी डेटा की उनकी मांग, इसे प्रभावी ढंग से उपयोग करने के कौशल और ऐसा करने में आने वाली चुनौतियों पर ध्यान आकृष्ट किया जा सके।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
न्यूट्रिनो
हाल ही में जापान में कामिओका लिक्विड सिंटिलेटर एंटीन्यूट्रिनो डिटेक्टर (KamLAND) के साथ काम करने वाले भौतिकविदों ने बताया कि दो वर्ष के डेटा का विश्लेषण करने के बाद भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि न्यूट्रिनो स्वयं के एंटी-पार्टिकल्स हो सकते हैं।
परीक्षण:
- कामलैंड न्यूट्रिनोरहित दोहरे बीटा-क्षय नामक घटना की तलाश कर रहा है।
- सामान्य दोहरे बीटा-क्षय में एक परमाणु के दो न्यूट्रॉन दो इलेक्ट्रॉन और दो इलेक्ट्रॉन एंटीन्यूट्रिनो उत्सर्जित कर दो प्रोटॉन में बदल जाते हैं।
- न्यूट्रिनोरहित दोहरे बीटा-क्षय में एंटी-न्यूट्रिनो उत्सर्जित नहीं होते हैं, जो कि केवल तभी हो सकता है जब एंटी-न्यूट्रिनो सिर्फ विभिन्न प्रकार के न्यूट्रिनो हों।
न्यूट्रिनो (Neutrinos):
- परिचय: फोटॉन (प्रकाश कण) के बाद ब्रह्मांड में न्यूट्रिनो दूसरे सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कण हैं, जो तारों के कोर में प्रचुर मात्रा में उत्पन्न होते हैं।
- गुण: क्योंकि वे इतने सर्वव्यापी हैं, उनके गुण ब्रह्मांड की सूक्ष्म संरचना में भी व्याप्त हैं।
- उदाहरण के लिये न्यूट्रिनो के बारे में एक खुला प्रश्न यह है कि क्या वे स्वयं के प्रतिकण हैं। यदि वे हैं, तो भौतिकविदों के पास यह समझने का एक तरीका होगा कि ब्रह्मांड में प्रतिकण की तुलना में अधिक कण क्यों हैं।
- महत्त्व: ब्रह्मांड की उत्पत्ति का अध्ययन करने में न्यूट्रिनो के दोलनों और द्रव्यमान के साथ उनके संबंधों की जाँच महत्त्वपूर्ण है।
- न्यूट्रिनो के स्रोत: न्यूट्रिनो विभिन्न रेडियोधर्मी क्षय द्वारा निर्मित होते हैं; एक सुपरनोवा के दौरान ब्रह्मांडीय किरणों द्वारा परमाणुओं आदि पर प्रहार किया जाता है।
एंटी-पार्टिकल्स:
- प्रत्येक प्राथमिक कण में एक एंटी-पार्टिकल होता है। यदि ये दोनों कण मिलते हैं, तो वे ऊर्जा की चमक से एक-दूसरे को नष्ट कर देंगे।
- इलेक्ट्रॉन का एंटी-पार्टिकल पॉज़िट्रॉन है। इसी तरह न्यूट्रिनो में एंटी-न्यूट्रिनो होते हैं।
- हालाँकि एक इलेक्ट्रॉन एक पॉज़िट्रॉन से अलग है क्योंकि उनके पास विपरीत चार्ज हैं।
- न तो न्यूट्रिनो और न ही एंटी-न्यूट्रिनो में विद्युत आवेश होता है, न ही उनके मध्य अंतर करने के लिये वास्तव में कोई अन्य गुण होते हैं।
- उप-परमाणु कणों को वर्गीकृत करने का एक तरीका पदार्थ कणों और बल-वाहक कणों के रूप में है। न्यूट्रिनो पदार्थ कण या फर्मियन हैं। फर्मियन को आगे डिराक फर्मियन या मेजराना फर्मियन के रूप में विभाजित किया जा सकता है। डिराक फर्मियन अपने स्वयं के विरोधी कण नहीं हैं, जबकि मेज़राना फर्मियन हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के संदर्भ में हाल ही में समाचार में आए दक्षिणी ध्रुव पर स्थित एक कण सूचकांक (पार्टिकल डिटेक्टर)' आइसक्यूब (IceCube)', के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 फरवरी, 2023
मार्कोनी प्राइज़
हाल ही में कंप्यूटर वैज्ञानिक हरि बालकृष्णन को मार्कोनी प्राइज़ 2023 से सम्मानित किया गया। डॉ. बालाकृष्णन को वायर्ड और वायरलेस नेटवर्किंग, मोबाइल सेंसिंग एवं डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम में बुनियादी योगदान हेतु प्रदान किया गया है। मार्कोनी प्राइज़ कंप्यूटर वैज्ञानिकों हेतु एक शीर्ष सम्मान है और इसे अमेरिका स्थित मार्कोनी फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने उन्नत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से डिजिटल समावेशिता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। पुरस्कार विजेताओं को एक स्वतंत्र चयन समिति द्वारा चुना जाता है तथा मार्कोनी सोसाइटी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
कोबरा वारियर अभ्यास
ब्रिटेन में रॉयल एयर फोर्स के वैडिंगटन एयर फोर्स बेस में अभ्यास कोबरा वॉरियर में भाग लेने के लिये भारतीय वायु सेना आज जामनगर वायु सेना स्टेशन से प्रस्थान किया। यह अभ्यास 06 मार्च 2023 से लेकर 24 मार्च 2023 तक आयोजित किया जाएगा। कोबरा वारियर अभ्यास एक बहुपक्षीय वायु सैन्य अभ्यास है, जिसमें फिनलैंड, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका और सिंगापुर की वायु सेनाएँ भी रॉयल एयर फोर्स तथा भारतीय वायु सेना के साथ हिस्सा ले रही हैं। इस कोबरा वारियर अभ्यास का उद्देश्य भिन्न-भिन्न लड़ाकू विमानों की विविध गतिविधियों में शामिल होना और अलग-अलग वायु सेनाओं की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखना है। दोनों देशों के बीच आयोजित अन्य अभ्यासों में अजय वारियर (सैन्य), कोंकण (नौसेना), इन्द्रधनुष (वायु सेना) और कोंकण शक्ति (पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास) शामिल हैं।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC)
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ईरान के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के नवीनतम और अब तक के सबसे लंबे सत्र में भाग लेंगे। मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है जो विश्व भर में मानवाधिकारों की रक्षा, प्रचार एवं संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार है। परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा किया गया था। इसने मानवाधिकार पर पूर्व संयुक्त राष्ट्र आयोग का स्थान लिया था। मानवाधिकार के लिये उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है, मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है। यह 47 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों से बना है जो UNGA द्वारा चुने गए हैं। परिषद के सदस्य तीन वर्ष की अवधि के लिये सेवा करते हैं और लगातार दो कार्यकालों की सेवा के बाद तत्काल पुन: चयन के लिये पात्र नहीं होते हैं।
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लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस
पहली बार भारत का स्वदेशी रूप से निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस संयुक्त अरब अमीरात में एक अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय वायु अभ्यास - एक्सरसाइज़ डेज़र्ट फ्लैग- VIll में भाग लेगा, जो विश्व स्तर पर जेट को प्रदर्शित करने के भारत के बढ़ते प्रयासों को दर्शाता है। यह अभ्यास 27 फरवरी से 17 मार्च, 2023 तक निर्धारित है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में शुरू किया गया था, जिसके बाद LCA कार्यक्रम के प्रबंधन हेतु सरकार द्वारा वैमानिकी विकास एजेंसी (Aeronautical Development Agency-ADA) की स्थापना की गई। इसने पुराने मिग 21 लड़ाकू विमानों का स्थान लिया। भारतीय वायुसेना के अनुसार, डेज़र्ट फ्लैग एक बहुपक्षीय वायु अभ्यास है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, फ्राँस, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, बहरीन, मोरक्को, स्पेन, कोरिया गणराज्य तथा अमेरिका की वायु सेनाएँ भाग लेंगी। अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न युद्ध कार्यक्रमों में भाग लेना तथा विभिन्न वायु सेनाओं की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखना है। 'डेज़र्ट ईगल II' भारत और संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेनाओं के मध्य एक संयुक्त वायु युद्ध अभ्यास है।
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