परम पोरुल सुपरकंप्यूटिंग सुविधा
परम पोरुल, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत NIT तिरुचिरापल्ली में एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया गया।
- परम पोरुल सुपरकंप्यूटिंग सुविधा NSM के चरण-2 के तहत स्थापित की गई है, इसमें इस्तेमाल अधिकांश घटकों का निर्माण और संयोजन देश में किया गया है। साथ ही मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक का भी इसमें इस्तेमाल किया गया है।
परम पोरुल की विशेषताएंँ:
- परम पोरुल सिस्टम विभिन्न वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों की कंप्यूटिंग ज़रूरतों को पूरा करने के लिये CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) नोड्स, GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) नोड्स, हाई मेमोरी नोड्स, हाई थ्रूपुट स्टोरेज और हाई-परफॉर्मेंस InfiniBand इंटरकनेक्ट के मिश्रण से लैस है।
- यह प्रणाली परिचालन लागत को कम करते हुए उच्च शक्ति उपयोग प्रभावशीलता प्राप्त करने के लिये डायरेक्ट कॉन्टैक्ट लिक्विड कूलिंग तकनीक का उपयोग करती है।
- शोधकर्त्ताओं के लाभ के लिये विभिन्न वैज्ञानिक डोमेन जैसे- मौसम एवं जलवायु, जैव सूचना विज्ञान, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, आणविक गतिशीलता, पदार्थ विज्ञान, कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स और इसी तरह के कई अनुप्रयोगों को प्रणाली द्वारा स्थापित किया गया है।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के बारे में:
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन 2015 में शुरू किया गया था ताकि देश की अनुसंधान क्षमताओं में सुधार कर उन्हें एक सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड से जोड़ा जा सके, इस क्षेत्र में राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) रीढ़ का कार्य कर रहा है।
- वर्ष 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के साथ एक सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड स्थापित कर देश में अनुसंधान और क्षमताओं को बढ़ाने के लिये लॉन्च किया गया था।
- NKN परियोजना का उद्देश्य शक्तिशाली भारतीय नेटवर्क स्थापित करना है जो सुरक्षित और विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम होगा।
- सुपरकंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो कंप्यूटर के लिये वर्तमान में उच्चतम परिचालन दर पर या उसके निकट प्रदर्शन करता है।
- इस मिशन के अंतर्गत 64 से अधिक पेटाफ्लॉप्स की संचयी गणना शक्ति के साथ 24 सुविधाओं (facilities) के निर्माण और कार्यान्वयन की योजना बनाई गई है।
- पेटाफ्लॉप एक सुपरकंप्यूटर की प्रोसेसिंग गति के माप की इकाई है, जिसे प्रति सेकंड एक हज़ार ट्रिलियन फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
- यह सरकार के 'डिजिटल इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' पहल के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
- इस मिशन को संयुक्त रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक), पुणे और IISc (बंगलूरू) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- मिशन की योजना तीन चरणों में बनाई गई थी:
- चरण I- इसमें सुपर कंप्यूटरों को असेंबल करना शामिल है।
- चरण II- देश के भीतर कुछ घटकों के निर्माण पर विचार करना।
- चरण III- इसके अंतर्गत सुपरकंप्यूटर भारत द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत हालिया घटनाक्रम:
- चरण 1 और चरण 2 के तहत, IIT’s, C-DAC, NIT, JNCASR और IISER में 22 पेटाफ्लॉप्स (PF) की कंप्यूटर शक्ति के साथ 15 सिस्टम बनाए गए हैं।
- NSM ने चरण 2 के एक भाग के रूप में 1.66 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता के साथ मार्च 2022 में आईआईटी रुड़की में "परम गंगा" स्थापित किया।
- परम सिद्धि-एआई 5.26 पेटाफ्लॉप्स की क्षमता के साथ राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत निर्मित भारत का सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर है।
- जापान का फुगाकू दुनिया का सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर है।
स्रोत: पी.आई.बी.
बोंगोसागर अभ्यास
हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास बोंगोसागर का तीसरा संस्करण पोर्ट मोंगला, बांग्लादेश में शुरू हुआ।
अभ्यास की मुख्य विशेषताएँ:
- परिचय:
- यह एक वार्षिक अभ्यास है। इस अभ्यास का दूसरा संस्करण, 2020 में बंगाल की उत्तरी खाड़ी में आयोजित किया गया।
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री अभ्यास और संचालन के व्यापक स्पेक्ट्रम के माध्यम से उच्च स्तर की अंतरसंचालनीयता और संयुक्त परिचालन कौशल विकसित करना है।
- तीसरे संस्करण में प्रतिभागी:
- अभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय नौसेना के जहाज़ कोरा, निर्देशित मिसाइल कार्वेट, सुमेधा और अपतटीय गश्ती पोत हैं।
- बांग्लादेश की नौसेना का प्रतिनिधित्व BNS अबू उबैदाह और अली हैदर कर रहे हैं, ये दोनों गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हैं।
दोनों देशों के मध्य होने वाले अन्य अभ्यास:
- द्विपक्षीय:
- सम्प्रीति: सैन्य अभ्यास
- बहुराष्ट्रीय:
- बांग्लादेश का सैन्य अभ्यास 'शांतिर ओग्रोशेना'।
- टेबल टॉप (वायु)
- IN-BN कॉर्पेट (नौसेना)
- SAMVEDNA (बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात के साथ बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास)।
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 मई, 2022
विश्व थायरॉयड दिवस
विश्व थायरॉयड दिवस प्रतिवर्ष 25 मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य थायरॉयड के संबंध में जागरूकता बढ़ाना और उपचार हेतु लोगों को शिक्षित करना है। विश्व थायरॉयड दिवस की शुरुआत वर्ष 2008 में थायरॉयड के नए उपचारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम कार्यक्रमों की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु विश्व स्तर पर अमेरिकन थायरॉयड एसोसिएशन (ATA) तथा यूरोपीय थायरॉयड एसोसिएशन (ETA) के नेतृत्त्व में चल रहे अभियान के एक हिस्से के रूप में की गई थी। थायरॉयड ग्रंथि, गर्दन में श्वासनली के पास मौज़ूद होती है। थायरॉयड का कार्य हार्मोन को स्रावित करना है जो शरीर के कामकाज को नियंत्रित करता है। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) थायरॉयड हार्मोन हैं। ये हार्मोन थायरॉयड ग्रंथि द्वारा सीधे रक्त में स्रावित होकर शरीर के विभिन्न अंगों में प्रवाहित होते हैं तथा शरीर की चयापचय गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। आँकड़ों के अनुसार, प्रत्येक 10वाँ वयस्क हाइपोथायराॅयडिज़्म रोग से ग्रसित है, इस रोग में थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाती है। थायरॉयड की वजह से महिलाओं में पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (Poly Cystic Ovary Syndrome) और बाँझपन का अधिक खतरा रहता है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत राज्य के भीतर खाद्यान्न के परिवहन, रख-रखाव और उचित मूल्य की दुकान के डीलरों को भुगतान किये जाने वाले मार्जिन पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को भुगतान की केंद्रीय सहायता के मानदंडों को 23 मई, 2022 को एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अंतर्राज्यीय परिवहन और उचित मूल्य की दुकान के डीलरों के मार्जिन पर केंद्रीय सहायता का प्रावधान है ताकि इस लागत का भार उच्च कीमतों के रूप में लाभार्थी पर न पड़े और अधिनियम के अंतर्गत परिकल्पित मूल्यों की एकरूपता को बनाए रखा सके। ये मानदंड पहली बार वर्ष 2015 में तय किये गए थे। केंद्रीय सहायता जारी करने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दो श्रेणियों अर्थात् सामान्य श्रेणी के राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी और द्वीपीय राज्य विशेष श्रेणी के राज्यों के अंतर्गत आते हैं, जबकि शेष राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सामान्य श्रेणी के राज्यों के अंतर्गत आते हैं।
कैप्टन अभिलाषा बराक
कैप्टन अभिलाषा बराक को कॉम्बैट एविएटर (Combat Aviator) के तौर पर आर्मी में शामिल किया गया है। वे इस मुकाम तक पहुँचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। कैप्टन अभिलाषा बराक ने ट्रैनिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। कैप्टन अभिलाषा को इसके बाद कॉम्बैट एविएटर के रूप में आर्मी एविएशन कॉर्प्स (Army Aviation Corp) में शामिल किया गया है। 15 महिला अधिकारियों ने आर्मी एविएशन में शामिल होने के लिये आवेदन किया था। हालाँकि पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट एवं मेडिकल के बाद केवल दो अधिकारियों का ही अंतिम रूप से चयन हो पाया है। आर्मी एविएशन कोर या सेना विमानन कोर भारतीय सेना का एक घटक है, जिसका गठन 1 नवंबर, 1986 को किया गया। वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी वर्ष 2018 में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। सेना ने वर्ष 2019 में सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करना शुरू किया। सैन्य पुलिस की ज़िम्मेदारियों में पुलिस छावनी और सेना की स्थापना, सैनिकों को नियमों एवं विनियमों को तोड़ने से रोकना तथा शांति व संघर्ष के दौरान सैनिकों और रसद की आवाज़ाही सुनिश्चित करना शामिल है।