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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

सुपरकंप्यूटर परम गंगा

  • 09 Mar 2022
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

परम प्रवेग, सुपरकंप्यूटर, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन, नेशनल नॉलेज नेटवर्क (एनकेएन)।

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन, आईटी और कंप्यूटर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ।

चर्चा में क्यों?

आईआईटी रुड़की में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत 1.66 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता के साथ परम गंगा नामक एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटेशनल (HPC) सुविधा प्रदान की गई है।

  • इससे पहले भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बंगलूरू ने सुपर कंप्यूटर 'परम प्रवेग' स्थापित किया था।

NSM

प्रमुख बिंदु

  • यह NSM के तहत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा स्थापित किया गया है।
  • भारत में निर्मित घटकों के साथ एक पेटास्केल सुपरकंप्यूटर बनाने के पीछे मूल विचार आत्मनिर्भर भारत की ओर मार्ग का नेतृत्व करना और बहु-विषयक डोमेन में समस्या-समाधान क्षमता को एक साथ तेज़ करना है।
  • यह शोधकर्त्ताओं को राष्ट्रीय और वैश्विक महत्त्व की जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करेगा।
  • यह सैद्धांतिक और प्रायोगिक कार्य के साथ-साथ आधुनिक शोध के लिये एक आवश्यक कंप्यूटर के रूप में कार्य करेगा।
  • आईआईटी रुड़की और अन्य नज़दीकी शैक्षणिक संस्थानों के उपयोगकर्त्ता समुदाय को कंप्यूटेशनल शक्ति प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सुपरकंप्यूटर:

  • सुपरकंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो वर्तमान में कंप्यूटर की उच्चतम परिचालन दर पर या उसके निकट प्रदर्शन करता है।
  • आमतौर पर पेटाफ्लॉप एक सुपरकंप्यूटर की प्रसंस्करण गति का माप है और इसे प्रति सेकंड एक हज़ार ट्रिलियन फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
    • FLOPS (फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड) का उपयोग आमतौर पर कंप्यूटर के प्रोसेसर के प्रदर्शन को मापने के लिये किया जाता है।
    • फ्लोटिंग-पॉइंट एन्कोडिंग का उपयोग करके बहुत लंबी संख्याओं को अपेक्षाकृत आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
  • सुपरकंप्यूटर मुख्य रूप से उन उद्यमों और संगठनों में उपयोग करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं जिन्हें बड़े पैमाने पर कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है।
    • उदाहरण के लिये: मौसम का पूर्वानुमान, वैज्ञानिक अनुसंधान, खुफिया जानकारी एकत्र करना और विश्लेषण, डेटा माइनिंग आदि।
  • विश्व स्तर पर चीन के पास सबसे अधिक सुपरकंप्यूटर हैं और दुनिया में शीर्ष स्थान पर कायम है, इसके बाद अमेरिका, जापान, फ्राँस, जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम का स्थान है।
  • भारत का पहला सुपरकंप्यूटर परम 8000 था।
  • स्वदेशी रूप से असेंबल किया गया पहला सुपरकंप्यूटर परम शिवाय IIT- BHU में स्थापित किया गया है, इसके बाद IIT-खड़गपुर, IISER, पुणे, JNCASR, बंगलूरू और IIT कानपुर में क्रमशः परम शक्ति, परम ब्रह्मा, परम युक्ति, परम संगणक को स्थापित किया गया है।
  • वर्ष 2020 में  हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (HPC-AI) सुपरकंप्यूटर परम सिद्धि ने दुनिया के शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर सिस्टम में 62वें स्थान पर वैश्विक रैंकिंग हासिल की है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन:

  • वर्ष 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (National Supercomputing Mission) को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के साथ जोड़कर देश में अनुसंधान क्षमता और दक्षता को बढ़ाने के लिये लॉन्च किया गया।
    • एनकेएन परियोजना का उद्देश्य एक मज़बूत और ठोस भारतीय नेटवर्क स्थापित करना है जो सुरक्षित व विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम होगी।
  • मिशन की 64 से अधिक पेटाफ्लॉप्स (Petaflops) की संचयी परिकलन क्षमता के साथ 24 सुविधाओं (24 Facilities) का निर्माण और उनकी तैनाती करने की योजना है।. 
    • अभी तक सी-डैक ने एनएसएम चरण-1 और चरण-2 के तहत 20 से अधिक पेटाफ्लॉप्‍स की संचयी परिकलन क्षमता के साथ सी-डैक में 11 प्रणालियांँ तैनात कर दी गई हैं। 
  • यह सरकार के 'डिजिटल इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' पहल पर केंद्रित है।
  • मिशन को संयुक्त रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
    • इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक), पुणे और आईआईएससी, बंगलूरू द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • मिशन को तीन चरणों में क्रियान्वयित करने की योजना है जो निम्नलिखित है:  
    • चरण I सुपर कंप्यूटरों को असेंबल करना।
    • चरण II देश के भीतर कुछ घटकों के निर्माण पर विचार करना।
    • चरण III इस चरण में सुपर कंप्यूटर को भारत में ही डिज़ाइन किया जाना शामिल है।
  • एक पायलट सिस्टम में 'रुद्र' (Rudra) नामक एक स्वदेशी रूप से विकसित सर्वर प्लेटफॉर्म का परीक्षण किया जा रहा है जिसमें इंटर-नोड संचार हेतु त्रिनेत्र (Trinetra) नामक एक इंटरकनेक्ट भी विकसित किया गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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