काला सागर
स्रोत: द हिंदू
यूक्रेन ने रूस के काला सागर बेड़े पर कई सफल हमले किये जिससे रूस को महत्त्वपूर्ण नुकसान हुआ जिसके बाद एडमिरल अलेक्ज़ेंडर मोइसेव को रूस के नौसेना का नया कार्यवाहक प्रमुख नियुक्त किया गया।
काला सागर से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- काला सागर को यूक्सिन (Euxine) सागर के नाम से भी जाना जाता है। यह विश्व के प्रमुख जल स्रोतों और प्रसिद्ध अंतर्देशीय समुद्रों में से एक है।
- अटलांटिक महासागर का यह सीमांत समुद्र पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के बीच स्थित है।
- भौगोलिक अवस्थिति:
- सीमावर्ती देश: काला सागर के उत्तर और उत्तर-पश्चिम में यूक्रेन, पूर्व में रूस एवं जॉर्जिया, दक्षिण में तुर्की तथा पश्चिम में बुल्गारिया व रोमानिया स्थित है।
नोट:काला सागर के सीमावर्ती देशों को BURGeR-T (बुल्गारिया, यूक्रेन, रूस, जॉर्जिया, रोमानिया और तुर्किये) के नाम से जाना जाता है।
- समुद्री सीमा: यह बोस्फोरस जलडमरूमध्य के माध्यम से मरमरा सागर से और फिर डार्डानेल्स जलडमरूमध्य के माध्यम से एजियन सागर (भूमध्य सागर का एक लंबा तटबंध) से जुड़ी हुई है।
- तुर्की जलडमरूमध्य प्रणाली- डार्डानेल्स, बोस्पोरस और मरमरा सागर- भूमध्यसागर तथा काला सागर के बीच एक ट्रांज़ीशन ज़ोन के रूप में कार्य करती है।
- आज़ोव सागर, काला सागर का एक उत्तरी विस्तार है जो कर्च जलडमरूमध्य से जुड़ा हुआ है।
- आस-पास के पर्वत: काला सागर दक्षिण में पोंटिक, पूर्व में काकेशस और उत्तर में क्रीमियन पर्वतों से घिरा हुआ है।
- तुर्की जलडमरूमध्य प्रणाली- डार्डानेल्स, बोस्पोरस और मरमरा सागर- भूमध्यसागर तथा काला सागर के बीच एक ट्रांज़ीशन ज़ोन के रूप में कार्य करती है।
- बहने वाली नदियाँ:
- काला सागर की जल आपूर्ति प्रमुख नदियों द्वारा की जाती है, मुख्यतः डेन्यूब (रूस में वोल्गा के बाद यूरोप की दूसरी सबसे लंबी नदी), नीपर और डेनिस्टर द्वारा।
और पढ़ें - रूस-यूक्रेन संघर्ष, भू-मध्य सागर
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1, 2 और 4 उत्तर: (b) प्रश्न. टर्की किनके मध्य स्थित है? (2014) (a) काला सागर और कैस्पियन सागर उत्तर: (b) |
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस
स्रोत: पी.आई.बी.
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली ने हाल ही में 21 मार्च, 2024 को "वन और नवाचार: एक बेहतर दुनिया के लिये नए समाधान" विषय के तहत अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया।
- इस आयोजन का उद्देश्य आगंतुकों के बीच वनों के महत्त्व और हमारे जीवन में उनकी भूमिका के बारे में जागरूकता को बढ़ाना था।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रकार के वनों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही इसके प्रति उत्सव मनाने हेतु वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस घोषित किया।
- देशों से वृक्षारोपण अभियान जैसी वनों एवं पेड़ों से संबंधित स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियाँ संचालित करने का आग्रह किया जाता है।
- वनों पर संयुक्त राष्ट्र मंच, खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), तथा अन्य संबंधित संगठन इन प्रयासों को व्यवस्थित करने के लिये सरकारों के साथ सहयोग करते हैं।
- नवीनतम भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR), 2021 के अनुसार, भारत का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर था, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62% है।
- मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा वन क्षेत्र था, उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं महाराष्ट्र का स्थान था।
- भारत की राष्ट्रीय वन नीति, 1988 का लक्ष्य पारिस्थितिक स्थिरता बनाए रखने हेतु कुल भौगोलिक क्षेत्र का कम से कम 33% वन क्षेत्र के अंतर्गत होना है।
और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस
हाइपरलूप तकनीक
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में हाइपरलूप तकनीक को इसकी ऊर्जा दक्षता और स्थिरता के लिये पेश किया गया था।
- हाइपरलूप 2013 में एलन मस्क द्वारा विकसित एक परिवहन अवधारणा है जो बड़े शहरों में गतिशीलता केंद्रों को जोड़ने के लिये दबावयुक्त ट्यूब और कैप्सूल का उपयोग करेगी।
- कैप्सूल, जिन्हें पॉड्स कहा जाता है, संपर्क रहित उत्तोलन और विद्युत चुंबकीय प्रणोदन प्रणालियों का उपयोग करके कम वायुगतिकीय ड्रैग (हवा में चलते समय वाहन द्वारा सामना किया जाने वाला बल) के साथ उच्च गति से चलेंगे।
- हाइपरलूप यात्रा करने का एक हरित तरीका होगा जो ड्राइविंग या उड़ान की आवश्यकता को कम कर सकता है और पारंपरिक ट्रेन लाइनों को भी मुक्त कर सकता है।
- हाइपरलूप तकनीक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें बुनियादी ढाँचे के निर्माण और रखरखाव की उच्च लागत, ट्यूबों में वैक्यूम बनाए रखने की तकनीकी जटिलता तथा उच्च गति परिवहन प्रणाली के संचालन से जुड़ी सुरक्षा चिंताएँ शामिल हैं।
और पढ़ें…मेट्रो-नियो
संयुक्त राज्य अमेरिका में एस्बेस्टस पर प्रतिबंध
संयुक्त राज्य अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने हाल ही में एस्बेस्टस पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है, जो एक कैंसरकारी पदार्थ है और जिससे प्रत्येक वर्ष हज़ारों अमेरिकियों की जान चली जाती है।
- एस्बेस्टस, जो कभी घरों के इंसुलेशन और अन्य उत्पादों में आमतौर पर प्रचलित था, वर्तमान में विश्व के 50 से अधिक देशों में प्रतिबंधित है और अमेरिका में इसके प्रयोग में कमी आई है।
- वर्तमान में अमेरिका में उपयोग के लिये आयातित, संसाधित या वितरित किये जाने वाले एस्बेस्टस का एकमात्र रूप क्रिसोटाइल एस्बेस्टस है, जो मुख्य रूप से ब्राज़ील और रूस से आयात किया जाता है।
- इस पदार्थ का प्रयोग क्लोरीन ब्लीच और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण के लिये किया जाता है, जिसे कास्टिक सोडा के रूप में भी जाना जाता है। इनमें कुछ जल शुद्धिकरण के लिये भी प्रयोग किये जाते हैं।
- एस्बेस्टस के संपर्क में आने से फेफड़ों का कैंसर, एस्बेस्टोसिस (फेफड़े में घाव), मेसोथेलियोमा (एक दुर्लभ आक्रामक कैंसर) और फुफ्फुस जटिलताओं सहित गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न होते हैं।
- भारत ने वर्ष 2011 में एस्बेस्टस के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन यह अभी भी इंसुलेशन, छत की शीट एवं ब्रेक लाइनिंग जैसे उत्पादों में एस्बेस्टस का आयात और उपयोग करता है।
और पढ़ें: मेसोथेलियोमा
नौसेना भवन
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में भारतीय नौसेना के पहले मुख्यालय भवन 'नौसेना भवन' का उद्घाटन किया।
- इस भवन के निर्माण से पूर्व नौसेना की आधिकारिक गतिविधियाँ 13 अलग-अलग स्थानों से संचालित होती थी जिसके परिणामस्वरूप एक समेकित मुख्यालय की आवश्यकता थी।
- भारतीय नौसेना के प्रमुख अड्डे मुंबई, गोवा, कारवार, कोच्चि, चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।
- इस भवन ने एकीकृत आवास मूल्यांकन के तहत ग्रीन रेटिंग IV हासिल की है।
- भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना के जवाबी हमले का सम्मान करने के लिये प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है।
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