नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 25 Feb, 2023
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

18वीं UIC विश्व सुरक्षा काॅन्ग्रेस

रेलवे सुरक्षा बल और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (UIC) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 18वीं UIC विश्व सुरक्षा काॅन्ग्रेस का समापन जयपुर घोषणा को अपनाने के साथ हुआ। 

जयपुर घोषणा के प्रमुख बिंदु:

  • सुरक्षित रेल नेटवर्क:  
    • इस घोषणापत्र में वर्ष 2025 तक एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी क्षेत्रीय असेम्‍बलियों को पूरी तरह से सक्रिय कर विश्व भर में अधिक सुरक्षित रेल नेटवर्क प्रदान करने की दिशा में काम करने के लिये UIC की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया है।
  • नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना और RPF की भूमिका: 
    • इसमें रेलवे सुरक्षा के लिये व्यापक समाधान विकसित करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 5G, IoT जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का आह्वान किया गया।

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे:

  • इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (Union International Des Chemins- UIC) अथवा) की स्‍थापना वर्ष 1922 में हुई थी। इसका मुख्यालय पेरिस में है। 
  • यह रेल परिवहन के अनुसंधान, विकास और प्रचार के लिये रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व करने वाला विश्वव्यापी पेशेवर संघ है।

रेलवे सुरक्षा बल:

  • परिचय: 
    • भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में RPF प्रमुख सुरक्षा और कानून-प्रवर्तन संगठन है।
    • वर्ष 1957 में एक संघीय बल के रूप में गठित RPF रेलवे संपत्ति, यात्रियों एवं यात्रा क्षेत्रों की सुरक्षा के लिये उत्तरदायी होता है। 
    • RPF कर्मी राष्ट्र की सेवा करते हैं और टैगलाइन "सेवा संकल्प"-"सेवा करने का वादा" के साथ अपनी ड्यूटी दृढ़ता से पूरी करते हैं।
  • रेलवे सुरक्षा बल द्वारा निभाई गई भूमिका:
    • बच्चों को बचाने के लिये ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते और तस्करों के चंगुल से महिलाओं और बच्चों को बचाने के लिये ऑपरेशन आहट (AAHT) जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से RPF ने भारत में यात्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में असाधारण भूमिका निभाई है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

रूस द्वारा न्यू स्टार्ट (START) का निलंबन

हाल ही में रूस ने अमेरिका के साथ अंतिम प्रमुख सैन्य समझौते न्यू स्टार्ट संधि से हटने के अपने इरादे की घोषणा की है।

INF-Treaty

न्यू स्टार्ट संधि:

  • पृष्ठभूमि: 
    • "नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि" (New START), जिसे START-I के नाम से जाना जाता है, को वर्ष 1991 में अमेरिका एवं तत्कालीन USSR के मध्य हस्ताक्षरित किया गया था और यह संधि वर्ष 1994 में लागू हुई। 
    • START-I संधि जिसने परमाणु वारहेड्स और अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBMs) की संख्या को प्रत्येक पक्ष के लिये क्रमशः 6,000 एवं 1,600 की सीमा तक सीमित कर दिया, वर्ष 2009 में समाप्त हो गई और इसे पहले SORT द्वारा (जिसे मॉस्को की संधि के रूप में भी जाना जाता है) तथा बाद में न्यू स्टार्ट संधि द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।
  • न्यू स्टार्ट: 
    • न्यू स्टार्ट संधि "रणनीतिक आक्रामक शस्त्रों को और कम करने एवं सीमित करने के उपायों पर संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूसी संघ के बीच 5 फरवरी, 2011 से प्रभावी हुई। इस संधि ने अंतर-महाद्वीपीय श्रेणी के परमाणु हथियारों पर नई सत्यापन संबंधी सीमाएँ निर्धारित कीं।
    • दोनों देशों को फरवरी 2018 तक रणनीतिक आक्रामक हथियारों पर संधि की केंद्रीय सीमाओं के अनुरूप होना था और फिर संधि लागू रहने की अवधि तक उन सीमाओं के अंदर रहना था। अमेरिका तथा रूसी संघ बाद में फरवरी 2026 तक इस संधि का विस्तार करने पर सहमत हुए थे।

निलंबन के निहितार्थ: 

  • संधि के निलंबन से अमेरिका हेतु अनुपालन की निगरानी करना अधिक कठिन हो सकता है।
  • यह देखते हुए कि रूस ने पहले ही परमाणु हथियार साइटों के आपसी निरीक्षण और एक द्विपक्षीय सलाहकार आयोग में भागीदारी को निलंबित कर दिया है। यदि पुतिन/रूस द्वारा परमाणु हथियारों की आवाज़ाही तथा अन्य संबंधित विकास पर नियमित रिपोर्टिंग और डेटा विनिमय बंद कर दिया जाता है तो यह एक गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है
  • यह कदम "पूरी तरह से प्रतीकात्मक" है अर्थात् इस कदम को युद्ध समाप्त करने के संदर्भ में रूस से संपर्क करने के लिये अमेरिका पर दबाव डालने के रूप देखा जा सकता है ताकि रूस अपने अनुसार शर्तों को निर्धारित कर सके।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. "न्यू स्टार्ट संधि" (New START treaty) समाचारों में रही थी। यह संधि क्या है? (2011) 

(a) यह संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूसी संघ के बीच नाभिकीय शस्त्रों की कटौती हेतु द्विपक्षीय सामरिक महत्त्व की संधि है।
(b) यह पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के सदस्यों के बीच बहुपक्षीय ऊर्जा सुरक्षा सहयोग संधि है।
(c) यह रूसी संघ तथा यूरोपीय संघ के बीच ऊर्जा सुरक्षा सहयोग संधि है।
(d) यह ब्रिक्स (BRICS) देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिये की गई बहुपक्षीय सहयोग संधि है।

उत्तर: (a) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

मैड काऊ डिज़ीज़

ब्राज़ील के उत्तरी राज्य, पारा में मैड काऊ डिज़ीज़ (Mad Cow Disease) का मामला सामने आने के बाद से ब्राज़ील ने चीन को बीफ का निर्यात बंद कर दिया है।

Mad-Cow-Disease

मैड काऊ डिज़ीज़:

  • परिचय: 
    • इसे बोवाइन स्पॉन्जिफॉर्म एन्सेफैलोपैथी के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रकार का अपक्षयी, संक्रामक, धीरे-धीरे विकसित होने वाला और घातक संक्रमण है जो वयस्क मवेशियों के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
  • कारण: 
    • BSE एक प्रोटीन के कारण होता है जिसे सामान्य रूप से प्रायन (Prion) कहा जाता है, यह कोशिका की सतहों पर पाया जाता है, जब सामान्य प्रियन प्रोटीन एक असामान्य प्रायन प्रोटीन में बदल जाता है जो हानिकारक होता है।
      • ये प्रोटीन परिवर्तित होने के बाद तंत्रिका तंत्र के ऊतकों-मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को नष्ट कर देते हैं।
    • बीमार गाय का शरीर एक असामान्य प्रायन की उपस्थिति से पूरी तरह अनभिज्ञ होता है। गाय का शरीर उस स्थिति में बीमारी से नहीं लड़ सकता अगर इसकी उपस्थिति से अनभिज्ञ हो।
  • संचरण: 
    • एक गाय द्वारा दूसरी गाय में उसके BSE-संक्रमित भागों से दूषित चारा खाने से संचरित होता है। 
  • लक्षण: 
    • गायों में BSE का एक आम लक्षण असामंजस्य (Incoordination) है। एक बीमार गाय को चलने एवं उठने में परेशानी होती है तथा वह बहुत घबराई हुई या हिंसक भी हो सकती है। 
    • आमतौर पर एक गाय के असामान्य प्रायन (Prion) से संक्रमित होने से लेकर BSE के प्रथम बार लक्षण दिखने तक चार से छह वर्ष लगते हैं। इसे ऊष्मायन अवधि कहा जाता है। ऊष्मायन अवधि के दौरान गाय को देखकर यह बताने का कोई तरीका नहीं है कि उसे BSE है।
    • किसी गाय में एक बार जब लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं, तो वह बीमार और कमज़ोर होती जाती है जब तक कि उसकी मृत्यु नहीं हो जाती, आमतौर पर दो सप्ताह से छह महीने के भीतर।  
  • उपचार: 
    • BSE का कोई इलाज नहीं है और इसे रोकने के लिये कोई टीका भी नहीं है।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 फरवरी, 2023

अमेज़न-ONDC

अमेज़न ने घोषणा की है कि वह भारत सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) प्लेटफॉर्म से जुड़ेगा। वर्ष 2022 में माइक्रोसॉफ्ट सोशल ई-कॉमर्स के माध्यम से भारतीय बाज़ार में लॉजिस्टिक्स खरीद शुरू करने के इरादे से नेटवर्क में शामिल होने वाली पहली बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी बन गई। ONDC वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department of Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा स्थापित एक खुला ई-कॉमर्स प्रोटोकॉल है। ONDC के तहत यह परिकल्पना की गई है कि भाग लेने वाला ई-कॉमर्स साइट पर पंजीकृत खरीदार किसी अन्य प्रतिभागी ई-कॉमर्स साइट (उदाहरण के लिये फ्लिपकार्ट/Flipkart) पर विक्रेता से सामान खरीद सकता है। वर्तमान में एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाले लेन-देन हेतु खरीदारों एवं विक्रेताओं को एक ही एप पर होना पड़ता है।

और पढ़ें… ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)ई-कॉमर्स

ग्रेट बैकयार्ड पक्षी गणना (GBBC) 2023

35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (GBBC) 2023 के दौरान उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक प्रजातियों (498) की सूचना मिली है। बर्ड काउंट इंडिया (BCI) के अनुसार, सर्वाधिक बर्ड चेकलिस्ट वाला राज्य केरल था। महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु इस संदर्भ में दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे। BCI पक्षी वितरण और समष्टि के बारे में सामूहिक ज्ञान बढ़ाने हेतु एक साथ काम करने वाले संगठनों तथा समूहों की एक अनौपचारिक साझेदारी है। GBBC 2023 में भाग लेने वाले 190 देशों में भारत भी शामिल था, GBBC एक वार्षिक कार्यक्रम है जो पक्षियों से लगाव रखने वालों, छात्रों और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को उनके आस-पास पाए जाने वाले पक्षियों की गिनती हेतु एकजुट करता है। GBBC की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी। भारत में GBBC का आयोजन बर्ड काउंट इंडिया द्वारा किया जाता है। देश भर में भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि ने चेकलिस्ट की संख्या के संदर्भ में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा और किसी भी देश में पक्षी प्रजातियों की संख्या के संदर्भ में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है।

और पढ़ें… विश्व के पक्षियों की स्थिति 

गार्सिनिया पेडुनकुलाटा (Garcinia Pedunculata)

गार्सिनिया पेडुनकुलाटा, एक औषधीय पौधा जिसे आमतौर पर असमिया भाषा में 'बोर्थेकेरा' (Borthekera) कहा जाता है, पारंपरिक रूप से इसके कच्चे फलों का सेवन निषिद्ध है, यह हृदय रोगों से बचाव करने में काम आता है। इस औषधीय पौधे के पके फल का सूखा गूदा कार्डियक हाइपरट्रॉफी संकेतकों और ऑक्सीडेटिव तनाव तथा हृदय की सूजन को कम करता है जो मानकीकरण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संगठन (ISO) द्वारा लाया गया था। कई अध्ययनों से पता चला है कि यह एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है। हालाँकि इसकी कार्डियोप्रोटेक्टिव क्षमता का पता लगाया जाना अभी बाकी है। ISO 167 राष्ट्रीय मानक निकायों की सदस्यता के साथ एक स्वतंत्र, गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। कार्डियोवैस्कुलर एवं अन्य गैर-संक्रामक रोगों के मामलों को कम करने के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत राष्ट्रीय कैंसर, मधुमेह, हृदवाहिका रोग एवं आघात की रोकथाम तथा नियंत्रण कार्यक्रम (NPCDCS) कार्यान्वित किया जा रहा है। 

और पढ़ें…गैर-संक्रामक रोग

ई-श्रम पोर्टल 

ई-श्रम पोर्टल को देश के असंगठित/प्रवासी श्रमिकों के मामले में अभूतपूर्व सफलता मिली है और 24 फरवरी, 2023 तक 28.60 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। असंगठित/प्रवासी श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने तथा उन्हें एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्रदान करने के लिये श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों तक सामाजिक सुरक्षा एवं  कल्याणकारी योजनाओं के लाभों का विस्तार करना है तथा उन श्रमिकों की पहचान करना है जो जागरूकता की कमी या अन्य किसी कारण से कल्याणकारी योजनाओं के विभिन्न लाभों से वंचित हैं। इस उद्देश्य से श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) से उपलब्ध राशन कार्ड डेटा के साथ ई-श्रम लाभार्थियों के डेटा का मिलान शुरू किया है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी पात्र श्रमिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन कार्ड का लाभ उपलब्ध कराया जाता है।

और पढ़े…भारत में अनौपचारिक क्षेत्र, ई-श्रम पोर्टल और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाना


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow