REC को महारत्न का दर्जा
हाल ही में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) को 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) का दर्जा दिया गया है।
REC और महारत्न:
- REC का परिचय:
- REC एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जिसे वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था, जो पूरे भारत में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- यह विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
- इसे निम्नलिखित के रूप में भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के लिये एक नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है:
- उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) की निगरानी में REC विद्युत मंत्रालय की भी सहायता करती है।
- REC को महारत्न का दर्जा मिलने के लाभ:
- ‘महारत्न' CPSE का बोर्ड वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनियों को शुरू करने के लिये इक्विटी निवेश कर सकता है एवं भारत और विदेशों में विलय और अधिग्रहण कर सकता है, जो संबंधित CPSE के कुल मूल्य के 15% की सीमा तक सीमित है। यह राशि एक प्रोजेक्ट के लिये ₹5,000 करोड़ रुपए है।
- बोर्ड कर्मियों और मानव संसाधन प्रबंधन तथा प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं का संरचना कार्य तथा कार्यान्वयन भी कर सकता है।
- REC अब प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठबंधनों में भी प्रवेश कर सकता है।
- महारत्न’ का दर्जा:
- ‘महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
- ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ (CPSEs) का आशय उन कंपनियों से है, जिनमें केंद्र सरकार या अन्य CPSE की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है।
- ‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
- ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ के लिये भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने हेतु ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त करना अनिवार्य है।
- सरकार ने CPSEs को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिये मानदंड निर्धारित किये हैं।
- ‘महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
CPSEs का वर्गीकरण |
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श्रेणी |
शुरुआत |
मानदंड |
उदाहरण |
महारत्न |
CPSEs के लिये महारत्न योजना मई 2010 में शुरू की गई थी, ताकि मेगा CPSEs को अपने संचालन का विस्तार करने और वैश्विक दिग्गजों के रूप में उभरने के लिये सशक्त बनाया जा सके। |
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नवरत्न |
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मिनीरत्न |
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श्रेणी-1: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आदि। श्रेणी-2: भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO ), भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (BPCL), आदि। |
स्रोत: पी.आई.बी.
एशियाई पाम ऑयल गठबंधन
एशिया के पाँच प्रमुख पाम ऑयल आयातक देश भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल के शीर्ष खाद्य तेल उद्योग संघों ने एशियाई पाम ऑयल गठबंधन (Asian Palm Oil Alliance-APOA) के निर्माण के लिये सहमति व्यक्त की हैं।
- APOA ने अपनी पहली आम सभा की बैठक, भारत (अगरा) में हो रहे ग्लोबोइल शिखर सम्मेलन (Globoil Summit) के इतर आयोजित की और इसकी अगली बैठक वर्ष 2023 की शुरुआत में इंडोनेशिया में आयोजित होने की संभावना है।
- ग्लोबोइल शिखर सम्मेलन विश्व के अग्रणी खाद्य तेल और कृषि व्यापार सम्मेलन, प्रदर्शनियों एवं पुरस्कारों में से एक है।
- वर्ष 2022 ग्लोबोइल इंडिया के 25वें वर्ष का उत्सव भी है।
एशियाई पाम ऑयल गठबंधन (APOA):
- APOA का उद्देश्य पाम ऑयल का उपभोग करने वाले देशों के आर्थिक और व्यावसायिक हितों की रक्षा करना और सदस्य देशों में पाम ऑयल की खपत को बढ़ावा देना है।
- गठबंधन यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा कि पाम ऑयल को उच्च गुणवत्ता वाले वहनीय और स्वस्थ वनस्पति खाद्य तेल के रूप में मान्यता दी जाए तथा पाम ऑयल के बारे में व्याप्त नकारात्मक धारणा को बदला जाए।
- APOA की सदस्यता का और विस्तार किया जाएगा ताकि पूरे महाद्वीप में पाम ऑयल के उत्पादन या शोधन से जुड़ी कंपनियों या औधोगिक निकायों को शामिल किया जा सके।
पाम ऑयल:
- पाम ऑयल वर्तमान में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक खपत वाला वनस्पति तेल है।
- इसका उपयोग डिटर्जेंट, प्लास्टिक, सौंदर्य प्रसाधन और जैव ईंधन के उत्पादन में बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- इंडोनेशिया और मलेशिया मिलकर वैश्विक पाम ऑयल उत्पादन में लगभग 90% का योगदान देते हैं, जिसमें इंडोनेशिया ने वर्ष 2021 में 45 मिलियन टन से अधिक की सबसे बड़ी मात्रा का उत्पादन किया।
- इसके शीर्ष उपभोक्ता भारत, चीन और यूरोपीय संघ (EU) हैं।
- भारत का खाद्य तेल का वार्षिक आयात लगभग 13-14 मिलियन टन (MT) है।
- लगभग 8 मीट्रिक टन पाम ऑयल इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है, जबकि अन्य तेल, जैसे- सोया और सूरजमुखी का आयात अर्जेंटीना, ब्राज़ील, यूक्रेन तथा रूस से किया जाता है।
- पाम ऑयल की वैश्विक खपत का लगभग 40% हिस्सा एशिया में होता है जबकि यूरोप में पाम ऑयल के व्यापार का 12% हिस्सा है। इंडोनेशिया और मलेशिया दुनिया के सबसे बड़े पाम ऑयल निर्यातक हैं
- भारत, एशिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है, जो वैश्विक आयात का 15% हिस्सा है, इसके बाद चीन (9%), पाकिस्तान (4%) और बांग्लादेश (2%) का स्थान है।
प्रश्न. 'पाम ऑयल' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |
स्रोत: फाइनेंसियल एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 सितंबर, 2022
लेखिका हिलेरी मेंटल
दो बार बुकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला और लोकप्रिय उपन्यास ‘वुल्फ हॉल’ की लेखिका हिलेरी मेंटल का 70 वर्ष की आयु में 22 सितंबर, 2022 को लंदन में निधन हो गया। इनका जन्म डर्बीशर, इंग्लैंड के ग्लोस्सोप में 6 जुलाई, 1952 को हुआ था। इनको वर्ष 2009 में थॉमस क्रोमवेल शृंखला के पहले उपन्यास ‘वुल्फ हॉल’ के लिये तथा वर्ष 2012 में अनुवर्ती उपन्यास ‘ब्रिंग अप द बॉडीज’ के लिये ‘बुकर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। शृंखला के तीसरे उपन्यास के तौर पर वर्ष 2020 में प्रकाशित ‘द मिरर एंड द लाइट’ को भी पाठकों ने काफी पसंद किया और वह बुकर पुरस्कार,2020 के लिये लंबे समय तक सूचीबद्ध रही। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार वार्षिक रूप से किसी एक पुस्तक को प्रदान किया जाता है जिसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया हो तथा यूके या आयरलैंड में प्रकाशित हो। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2005 में मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में हुई।
मूनलाइटिंग
आईटी कंपनी विप्रो ने मूनलाइटिंग (Moonlighting) के आरोप में अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। हाल ही में Swiggy ने इंडस्ट्री में सबसे पहले मूनलाइटिंग पॉलिसी की घोषणा की है। हालाँकि यह पहली बार है जब किसी आईटी कंपनी ने मूनलाइटिंग की वजह से अधिक संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला है। जब कोई कर्मचारी अपनी स्थायी नौकरी के साथ ही दूसरी जगह भी चोरी-छिपे काम करता है तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है। सरल शब्दों में इसे साइड जॉब भी कहा जाता है। आईटी उद्योग में मूनलाइटिंग काफी लोकप्रिय हो गई है क्योंकि COVID-19 महामारी के दौरान घर से काम करना एक आदर्श व्यवस्था बन गई है। ज़्यादातर कंपनियाँ इसे अनैतिक मानती हैं, बावजूद इसके लोग मूनलाइटिंग करते हैं। रिमोट जॉब में मूनलाइटिंग ज़्यादा देखने को मिलती है। साइड जॉब को मूनलाइटिंग इसलिये कहा जाता है क्योंकि यह काम ज़्यादातर रात में या वीकेंड पर किया जाता है।
एल्विस अली हजारिका
असम के एल्विस अली हजारिका नॉर्थ चैनल को पार करने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के पहले तैराक बन गए हैं। नॉर्थ चैनल उत्तरी आयरलैंड और दक्षिण-पश्चिमी स्कॉटलैंड के बीच का जल क्षेत्र है। एल्विस और उनकी टीम ने इस जल क्षेत्र को पार करने में 14 घंटे 38 मिनट का समय लिया। इस प्रकार एल्विस नॉर्थ चैनल को पार करने वाले सबसे अधिक आयु के भारतीय तैराक भी बन गए। उत्तरी चैनल आयरिश सागर को अटलांटिक महासागर से जोड़ता है और अंतर्राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) द्वारा आधिकारिक तौर पर "स्कॉटलैंड के पश्चिमी तट से इनर सीज़" के रूप में वर्गीकृत समुद्री क्षेत्र का हिस्सा है। मोयल के जलडमरूमध्य या सी ऑफ मोयल, उत्तर-पूर्वी उत्तरी आयरलैंड (काउंटी एंट्रीम) और स्कॉटलैंड के दक्षिण-पश्चिमी हाइलैंड्स के बीच उत्तरी चैनल में समुद्र के सबसे संकीर्ण विस्तार को दिया गया नाम है।