डिकिन्सोनिया जीवाश्म
डिकिन्सोनिया जीवाश्म, जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने वर्ष 2021 में भारत के भीमबेटका रॉक शेल्टर में खुदाई करने का दावा किया था, के संबंध में सूचना गलत साबित हुई है।
- शोधकर्त्ताओं को इस स्थान की गहन जाँच करने पर पता चला कि डिकिन्सोनिया जीवाश्म वास्तव में एक चट्टान पर फैला मधुमक्खी का मोम था।
डिकिन्सोनिया:
- परिचय: डिकिन्सोनिया विलुप्त, कोमल शरीर वाले, समुद्री जीवों की एक प्रजाति है, जो लगभग 550 से 560 मिलियन वर्ष पूर्व एडियाकरन काल के दौरान पाए जाते थे।
- ये जीव लगभग 30 मिलियन वर्षों तक जीवन अस्तित्व के कैम्ब्रियन काल से पूर्व पृथ्वी पर पाए जाने वाले शुरुआती जटिल जीवों में से थे।
- विशेषताएँ: अंडाकार या पत्ती के आकार की संरचना डिकिन्सोनिया जीवाश्मों की विशेषता है, ये आकार में एक इंच से भी कम से लेकर चार फीट से अधिक लंबे हो सकते हैं। इन जीवों के शरीर चपटे थे तथा उनमें कोई कठोर भाग नहीं था, जैसे खोल या हड्डियाँ, जिसका अर्थ है कि वे आसानी से जीवाश्म नहीं बनते हैं और अक्सर चट्टानों में छापों (Impressions) के रूप में संरक्षित होते हैं।
- प्रकृति और अन्य जीवों के साथ संबंध: डिकिन्सोनिया की प्रकृति और अन्य जीवों के साथ संबंध अभी भी वैज्ञानिकों के बीच विवाद का विषय है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि वे जेलीफिश या अन्य निडारियन (Cnidarians) से संबंधित हो सकते हैं, जबकि अन्य का दावा है कि वे जीवों का एक अलग ‘विलुप्त संघ’ से थे जो किसी भी आधुनिक जीवों से निकटता से संबंधित नहीं हैं।
- महत्त्व: उनकी गंभीर प्रकृति के बावजूद डिकिन्सोनिया जीवाश्म पृथ्वी पर जटिल पशु-जीवन के शुरुआती विकास को समझने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- इसने अंतिम एडियाकरन अवधि के दौरान शारीरिक संरचना के विकास और पारिस्थितिक अंतःक्रियाओं के बारे में महत्त्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान किये हैं।
भीमबेटका रॉक शेल्टर के मुख्य तथ्य:
- इतिहास,अवधि एवं सीमा:
- भीमबेटका रॉक शेल्टर मध्य भारत में एक पुरातात्त्विक स्थल है जिसका विस्तार प्रागैतिहासिक पुरापाषाण और मेसोलिथिक काल के साथ-साथ ऐतिहासिक काल तक देखा गया।
- यह भारत में मानव जीवन की शुरुआत एवं एश्यूलियन काल के पाषाण युग के साक्ष्य प्रदर्शित करता है।
- यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसमें सात पहाड़ियाँ हैं और 10 किमी. में फैले 750 से अधिक शैलाश्रय हैं।
- खोज: भीमबेटका रॉक शेल्टर की खोज वी.एस. वाकणकर द्वारा वर्ष 1957 में की गई थी।
- स्थान: यह मध्य प्रदेश में होशंगाबाद और भोपाल के मध्य रायसेन ज़िले में स्थित है।
- यह विंध्य पर्वत की तलहटी में भोपाल से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
- पेंटिंग्स: भीमबेटका के कुछ रॉक शेल्टर में प्रागैतिहासिक गुफा चित्र हैं और ये सबसे पुराने लगभग 10,000 वर्ष पुराने हैं (8,000 ईसा पूर्व), जो भारतीय मेसोलिथिक के अनुरूप हैं।
- ये चित्र अधिकांश गुफाओं की दीवारों पर लाल और सफेद रंग से बने हैं।
- रॉक कला के इस रूप में कई विषयों को शामिल किया गया था और इसमें गायन, नृत्य, शिकार तथा यहाँ रहने वाले लोगों की अन्य सामान्य गतिविधियों जैसे दृश्यों को दर्शाया गया था।
- भीमबेटका की सबसे पुरानी गुफा पेंटिंग लगभग 12,000 वर्ष पहले की मानी जाती है।
हल्का लड़ाकू विमान तेजस Mk2
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस Mk2 को हवा से ज़मीन पर मार करने वाली लंबी दूरी की डीप स्ट्राइक मिसाइल SCALP जैसे भारी गतिरोध वाले हथियारों के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- अन्य विमानों के विपरीत LCA Mk2 विभिन्न देशों के अद्वितीय हथियारों को एकीकृत करने में सक्षम होगा।
LCA तेजस Mk2:
- स्वदेशी LCA Tejas Mk2 भारत में विकसित एक लड़ाकू विमान है जो अन्य देशों के सभी स्वदेशी हथियारों और उन्नत हथियारों को एकीकृत करने के साथ-साथ आठ बियॉन्ड-विज़ुअल-रेंज (BVR) मिसाइलों को एक साथ ले जा सकता है।
- LCA Mk2, LCA तेजस Mk1 का उन्नत संस्करण है, जिसने रेंज और मिशन की शक्ति में सुधार किया है।
- LCA तेजस Mk1 की युद्ध लड़ने की मिशन क्षमता 57 मिनट थी, लेकिन LCA तेजस Mk2 की क्षमता 120 मिनट है।
- एक दशक में जब जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 सेवानिवृत्त होने लगेंगे तो उनके प्रतिस्थापन के रूप में LCA Mk2 को पेश किया जाएगा।
- विमान की संभावित डिज़ाइन समीक्षा तैयार है और इसका निर्माण शुरू हो गया है, साथ ही यह विमान वर्ष 2024 तक संचालनीय हो जाएगा।
- LCA Mk2 की हथियार ले जाने की क्षमता 6.5 टन होगी। LCA Mk2 में जनरल इलेक्ट्रिक GE-414 इंजन लगा होगा।
हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft- LCA):
- परिचय:
- LCA कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में तब शुरू किया गया था जब उसने LCA कार्यक्रम के प्रबंधन हेतु वैमानिकी विकास एजेंसी (Aeronautical Development Agency- ADA) की स्थापना की थी।
- विशेषताएँ:
- इसे वायु से वायु, वायु से सतह, सटीक निर्देशित हथियारों की एक शृंखला ले जाने हेतु डिज़ाइन किया गया।
- यह हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता से युक्त है।
- तेजस के अन्य संस्करण:
- तेजस ट्रेनर: वायु सेना पायलटों के प्रशिक्षण के लिये 2-सीटर ऑपरेशनल कन्वर्ज़न ट्रेनर।
- LCA नौसेना: भारतीय नौसेना के लिये ट्विन और एकल-सीट वाहक सक्षम।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विश्व बैंक
हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी व्यापारी अजय बंगा को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा विश्व बैंक का नेतृत्त्व करने के लिये नामित किया गया।
- यदि विश्व बैंक के निदेशक मंडल द्वारा पुष्टि कर दी जाती है, तो वह दो शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे।
विश्व बैंक:
- परिचय:
- इसे वर्ष 1944 में IMF के साथ मिलकर पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में IBRD विश्व बैंक बन गया।
- विश्व बैंक समूह पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है जो विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये कार्य कर रहा है।
- विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों में से एक है।
- सदस्य:
- 189 देश इसके सदस्य हैं।
- भारत भी इसका सदस्य है।
- प्रमुख रिपोर्ट:
- पाँच विकास संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD)
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
- बहुपक्षीय गारंटी एजेंसी (MIGA)
- निवेश विवादों के निपटान के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
- भारत ICSID का सदस्य नहीं है।
- विश्व बैंक की शेयरधारिता:
- 16.41% वोटों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ा एकल शेयरधारक है, इसके बाद जापान (7.87%), जर्मनी (4.49%), यूनाइटेड किंगडम (4.31%), और फ्राँस (4.31%) का स्थान है। शेष शेयर अन्य सदस्य देशों के बीच विभाजित हैं।
- विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में अंतर:
- विश्व बैंक विकासशील देशों को सहायता प्रदान करता है, जबकि IMF का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली को स्थिर करना तथा विश्व की मुद्राओं की निगरानी करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'व्यापार करने की सुविधा के सूचकांक' में भारत की रैंकिंग समाचारों में कभी-कभी दिखती है। निम्नलिखित में से किसने इस रैंकिंग की घोषणा की है? (2016) (a) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) उत्तर: (c) प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'आई.एफ.सी. मसाला बाॅण्ड (IFC Masala Bonds)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 फरवरी, 2023
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI), उर्वरक विभाग एवं रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में फॉस्फोर-जिप्सम के उपयोग हेतु NHAI परियोजनाओं पर फील्ड परीक्षण करेगा ताकि एक चक्रीय अर्थव्यवस्था प्राप्त की जा सके। फॉस्फोर-जिप्सम, उर्वरक निर्माण से निकलने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद, रेडॉन रेडियोधर्मी गैस का उत्सर्जन करता है। इसमें रेडियोधर्मी तत्त्व यूरेनियम, थोरियम और रेडियम भी शामिल हैं। NHAI सड़क निर्माण में बेकार प्लास्टिक के उपयोग को भी बढ़ावा दे रहा है, जिसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। अध्ययनों ने स्थापित किया है कि प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके बनाई गई सड़कें टिकाऊ, एवं धारणीय होती हैं और बिटुमेन (कच्चे तेल के आसवन के माध्यम से उत्पादित पदार्थ) के जीवन चक्र को बढ़ाती हैं। इसी प्रकार NHAI ने हाईवे और फ्लाईओवर तटबंधों के निर्माण के लिये फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया है। फ्लाई ऐश कोयला थर्मल पावर प्लांट में कोयले के दहन का एक अवांछित अधजला अवशेष है। यह किसी भट्टी में कोयले के जलने के दौरान ग्रिप गैसों (एक दहन प्रक्रिया से एक अपशिष्ट गैस) के साथ उत्सर्जित होती है तथा इसे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर्स का उपयोग करके एकत्र किया जाता है।
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सिंथन टॉप
जम्मू-कश्मीर में ऑफ-बीट पर्यटन गंतव्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहली बार सिंथन टॉप का मार्ग फरवरी 2023 में खोल दिया गया है। सिंथन टॉप एक ऊँचा पहाड़ी दर्रा है जो अनंतनाग ज़िले में ब्रेंग घाटी तथा जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के बीच स्थित है, यह कश्मीर को चिनाब घाटी से जोड़ता है। जम्मू और कश्मीर (J & K) एक केंद्रशासित प्रदेश है, जो देश के उत्तरी भाग में स्थित है एवं वैश्विक पर्यटन के प्रमुख स्थलों में से एक है। पारंपरिक मनोरंजक पर्यटन के अतिरिक्त एडवेंचर, तीर्थयात्रा, आध्यात्मिक व स्वास्थ्य पर्यटन की यहाँ व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं। प्राकृतिक मनोरम, सुंदरता और सुरम्य स्थानों ने इसे विश्व भर के पर्यटकों के लिये एक पसंदीदा स्थान बना दिया है। जम्मू यहाँ के मंदिरों के लिये प्रसिद्ध है, जबकि कश्मीर घाटी अपनी झीलों और उद्यानों हेतु जानी जाती है। अन्य कुछ प्रसिद्ध स्थलों में श्रीनगर, पहलगाम, जम्मू, सनासर, ज़ांस्कर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, पटनीटॉप, कटरा/वैष्णोदेवी, कारगिल, नुब्रा घाटी शामिल हैं।
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संस्कृति कार्यसमूह की पहली बैठक
G-20 की भारत की अध्यक्षता में संस्कृति कार्यसमूह की पहली बैठक हाल ही में मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने की। बैठक के पहले दिन पद्मश्री नेक राम, जिन्हें मिलेट्स मैन के रूप में भी जाना जाता है, को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (IYM) 2023 मनाने के लिये आमंत्रित किया गया है। खजुराहो के मंदिर 950- 1050 ईस्वी के बीच चंदेल राजवंश के शासनकाल में बनाए गए थे। वर्तमान में यहाँ केवल 20 मंदिर शेष हैं; वे तीन अलग-अलग समूहों में आते हैं तथा दो अलग-अलग धर्मों से संबंधित हैं - हिंदू धर्म और जैन धर्म। यूनेस्को की 'खजुराहो ग्रुप ऑफ मॉन्यूमेंट्स' की साइट अपनी नागर शैली की वास्तुकला तथा नयिकाओं (हिंदू पौराणिक महिला नायक) एवं देवताओं की सुंदर मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध है।
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भारतीय विधि आयोग
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22वें विधि आयोग के कार्यकाल को डेढ़ वर्ष के लिये बढ़ा दिया है, विधि आयोग उन कानूनों की पहचान करने के लिये अनिवार्य है जो "अब प्रासंगिक नहीं हैं" और उन्हें निरस्त करने की सिफारिश करते हैं। पैनल का कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। यह भी अनिवार्य है कि नए कानून को लागू करने का सुझाव दिया जाए जो निदेशक सिद्धांतों को लागू करने तथा संविधान की प्रस्तावना में निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये आवश्यक हो सकते है। भारत का विधि आयोग समय-समय पर भारत सरकार द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है। पहला विधि आयोग वर्ष 1834 में 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा ब्रिटिश राज के दौरान स्थापित किया गया था और इसकी अध्यक्षता लॉर्ड मैकाले ने की थी। स्वतंत्र भारत का पहला विधि आयोग 1955 में तीन वर्ष के कार्यकाल के लिये स्थापित किया गया था।
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