प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 24 जनवरी, 2020
ईल
Eel
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India) के तहत आने वाले एश्चुअरी बायोलॉजी रीज़नल सेंटर (Estuarine Biology Regional Centre- EBRC) ने समुद्री ईल (EEL) की नई प्रजाति का पता लगाया है।
मुख्य बिंदु:
- यह भारत के तटीय क्षेत्र में पाए जाने वाली ओफिचथुस (Ophichthus) वर्ग की आठवीं प्रजाति है और पिछले दो वर्षों में ओडिशा के गोपालपुर में स्थित समुद्री केंद्र द्वारा खोजी गई पाँचवीं नई प्रजाति है।
- ओफिचथुस (Ophichthus) वर्ग की सात प्रजातियों की पहचान पहले ही भारत के तटीय क्षेत्र में की जा चुकी है।
- इस नई समुद्री ईल प्रजाति की खोज को प्राणी वर्गीकरण के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका ज़ूटाक्सा (Zootaxa) ने भी स्वीकार किया है।
ओफिचथुस कैलाशचंद्रई (Ophichthus Kailashchandrai)
- इस नई समुद्री प्रजाति को ओफिचथुस कैलाशचंद्रई (Ophichthus Kailashchandrai) नाम भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक डॉ कैलाश चंद्र की भारतीय जीव वर्गीकरण में अहम योगदान का सम्मान करने के लिये दिया गया है।
दो अन्य प्रजातियाँ:
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के ओडिशा स्थित केंद्र द्वारा वर्ष 2019 में समुद्री ईल की दो नई प्रजातियों जिम्नोथोरैक्स अंडमानेसेसिस (Gymnothorax Andamanensesis) और जिम्नोथोरैक्स स्मिथी (Gymnothorax Smithi) की खोज की गई।
इसके दो उप-परिवार हैं-
- ईल के ओफिचथिडै (Ophichthidae) परिवार में दो उप-परिवार शामिल हैं-
- म्य्रोफिने (Myrophinae) (69 प्रजातियाँ)
- ओफिचथिने (Ophichthinae) (276 प्रजातियाँ)
विशेषताएँ:
- ये समुद्र में लगभग 50 मीटर की गहराई पर रहते हैं। इसकी लंबाई लगभग 420 मिमी. से 462 मिमी. होती है।
- ये हल्के भूरे रंग के होते हैं और इनके सफेद पंख होते हैं। इनके पास अच्छी तरह से विकसित एक पृष्ठीय पंख होता है।
- इनके दाँत मध्यम लंबे एवं शंक्वाकार होते हैं। ये छोटी मछलियों और केकड़ों का शिकार करते हैं।
कारवार बंदरगाह
Karwar Port
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सागरमाला परियोजना के तहत कारवार बंदरगाह का विस्तार करने की परियोजना के खिलाफ स्थानीय मछुआरों के विरोध को देखते हुए इसके दूसरे चरण के कार्यों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
मुख्य बिंदु:
- कारवार बंदरगाह का विस्तार कार्य अरब सागर तट पर स्थित उत्तरा कन्नड़ ज़िले में हो रहा था। इस समुद्री तट को रबींद्रनाथ टैगोर समुद्र तट (Rabindranath Tagore beach) भी कहा जाता है।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को समुद्र तट को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का भी निर्देश दिया।
कारवार बंदरगाह के बारे में
- कारवार बंदरगाह, न्यू मंगलोर पोर्ट और मर्मुगाओ पोर्ट के बीच कारवार की खाड़ी में स्थित है।
- भारत के पश्चिमी तट पर स्थित यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है। यह वर्ष भर समुद्री जहाज़ों के लिये सुविधा प्रदान करता है।
- यह राज्य सरकार के स्वामित्व वाला एकमात्र बंदरगाह है और इसका संचालन कर्नाटक सरकार द्वारा किया जाता है।
- यह उत्तरी कर्नाटक, गोवा और दक्षिणी महाराष्ट्र को सेवाएँ प्रदान करता है।
- भारत के पश्चिमी तट पर अवस्थित प्रमुख बंदरगाह हैं
- दीनदयाल पोर्ट (कांडला, गुजरात)
- मुंबई पोर्ट (महाराष्ट्र)
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (न्हावा शेवा, महाराष्ट्र)
- मर्मुगाओ (गोवा)
- न्यू मंगलौर (कर्नाटक)
- कोच्चि (केरल)
सर्विस
SERVICE
केंद्रीय इस्पात मंत्री ने अपने कर्मचारियों की स्वैच्छिक परोपकारी गतिविधियों (Voluntary Philanthropist Activities-VPA) को बढ़ावा देने के लिये सर्विस (SERVICE) पोर्टल की शुरुआत की।
मुख्य बिंदु:
- SERVICE का पूर्ण रुप SAIL Employee Rendering Voluntarism and Initiatives for Community Engagement है।
- यह पोर्टल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों को परोपकारी गतिविधियों को व्यवस्थित तरीके से बढ़ावा देने और सेवाएँ प्रदान करने में मदद करेगा।
- इस पोर्टल के माध्यम से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण और पोषण के क्षेत्र में योगदान देंगे। इस पोर्टल को सेल के स्थापना दिवस (24 जनवरी) पर शुरू किया जाएगा।
- गौरतलब है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड एक महारत्न कंपनी है।
नाविक
NavIC
क्वालकॉम टेक्नोलॉजीज (Qualcomm Technologies) ने भारतीय क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली- नाविक (NavIC) की सुविधा प्रदान करने वाली एक मोबाइल चिपसेट का अनावरण किया है।
- उपयोगकर्त्ता ऐसे मोबाइल चिपसेट से युक्त नाविक का उपयोग भारतीय क्षेत्र एवं इसके पड़ोसी देशों में कर सकेंगे।
मुख्य बिंदु:
- चिपसेट जारी करने से स्मार्टफोन ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) द्वारा नाविक के उपयोग में वृद्धि होगी।
- ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एक कंपनी है जो स्मार्टफोन के पार्ट्स एवं उपकरणों जिन्हें किसी अन्य कंपनी द्वारा निर्मित किया जाता है, को खरीदती है।
- अब ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स भारतीय बाज़ार के लिये किसी भी नए मॉडल को जारी कर सकते हैं जो नाविक के अनुकूल होगा। इस प्रकार आगामी हैंडसेट, एप्लीकेशन, प्रोसेसर, आदि में एक मानक विशेषता के रूप में नाविक उपलब्ध रहेगा।
- कई मोबाइलों में नाविक की उपलब्धता से इस क्षेत्र (भारतीय उपमहाद्वीप) में स्मार्टफोन की जियोलोकेशन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अपराध के खिलाफ मदद करने में सक्षम:
- अप्रैल 2019 में भारत सरकार द्वारा निर्भया मामले में दिए गए फैसले के अनुसार, देश के सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिये नाविक आधारित वाहन ट्रैकर्स को अनिवार्य कर दिया गया है।
- नाविक युक्त मोबाइल होने से सभी वाणिज्यिक वाहनों में वाहन ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगाने में मदद मिलेगी।
- भारत की सार्वजनिक वाहन ट्रैकिंग प्रणाली में नाविक अहम भूमिका निभाएगा क्योंकि यह ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियों के विपरीत वाहनों की निगरानी के लिये स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सुविधा प्रदान करता है।
- नाविक के अलावा यह चिपसेट व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) के भी अनुकूल होगा।