प्रारंभिक परीक्षा
चीन ने पाकिस्तान मूल के आतंकियों को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव रोका
संयुक्त राष्ट्र द्वारा पकिस्तान मूल के LeT आतंकियों को वैश्विक आतंकी के रूप में नामित करने या फिर ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा दी है, यह अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के लिये गंभीर चिंता का विषय है।
- सितंबर 2022 में चीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा पेश किये गए इस प्रस्ताव को विचाराधीन रखने का फैसला लिया था।
चीन के फैसले से संबंधित चिंताएँ:
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के मामले में एक वांछित व्यक्ति को ब्लैकलिस्ट करना था।
- यह पहली बार नहीं है जब चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर रोक लगाई है।
- चीन ने वर्ष 2009, 2016, 2017 में भी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तानी आतंकवादियों को लक्षित करने वाली सूचियों की लगातार अनदेखी की है।
- चीन द्वारा इस प्रकार की कार्रवाइयाँ, जिसमें ऐसा प्रतीत होता है कि वह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग जैसे महत्त्वपूर्ण मामले में पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है, उन देशों के लिये चिंता का विषय है जो वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं।
- यह आतंकवाद से संबंधित संवेदनशील मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आम सहमति हासिल करने की चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है।
1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति:
- यह समिति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा है तथा इसका काम आतंकवादियों के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करना है।
- समान भूमिका वाली अन्य दो समितियाँ आतंकवाद निरोधी समिति और सुरक्षा परिषद समिति हैं।
- सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 में अल-कायदा और तालिबान को आतंकवादी सगंठन के रूप में नामित करने के बाद 15 अक्तूबर, 1999 को अल-कायदा प्रतिबंध समिति की स्थापना अल-कायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति के रूप में की गई थी।
- वर्ष 2011 में तालिबान के संबंध में एक अलग समिति बनाई गई थी।
- समिति शासन के तहत कोई भी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश किसी व्यक्ति या समूह का नाम आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रस्ताव कर सकता है।
- 1267 प्रतिबंध समिति में सर्वसम्मति से निर्णय लिये जाते हैं जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं।
- समिति का कोई भी सदस्य ब्लैकलिस्ट करने हेतु लाए गए प्रस्ताव को आपत्ति दर्ज कर या "टेक्निकल होल्ड" के माध्यम से रोक सकता है।
- आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किसी व्यक्ति या संस्था की संपत्ति जब्त करने के साथ ही वह यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध के अधीन है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य होते हैं और शेष 10 सदस्य महासभा द्वारा कितनी अवधि के लिये चुने जाते हैं? (2009) (a) 1 वर्ष उत्तर: (b) |
स्रोत: द हिंदू
प्रारंभिक परीक्षा
कोयला खदानों के लिये स्टार रेटिंग पंजीकरण प्रक्रिया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये कोयला और लिग्नाइट खदानों की स्टार रेटिंग पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है।
पंजीकरण संबंधी प्रमुख बिंदु:
- प्रक्रिया:
- प्रक्रिया में भाग लेने वाली खदानों को स्व-मूल्यांकन प्रक्रिया से गुज़रना होगा तथा शीर्ष 10% प्रदर्शन करने वाली खदानों को एक समिति द्वारा किये गए निरीक्षण के माध्यम से पुनः मान्य किया जाएगा।
- जबकि शेष 90% खदानों को एक ऑनलाइन समीक्षा प्रक्रिया से गुज़रना होगा तथा अन्य सभी प्रतिभागी खदानों की समीक्षा कर मूल्यांकन में योगदान कर सकते हैं।
- यह मूल्यांकन कोयला नियंत्रक संगठन द्वारा किया जाएगा।
- फाइव स्टार से लेकर नो स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी जिसमें प्रत्येक खदान की उपलब्धियों का व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य खदानों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना एवं वैधानिक प्रावधानों के अनुपालन, उन्नत खनन प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा आर्थिक उपलब्धियों के आधार पर उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को पहचानना है।
- मापदंड:
- स्टार रेटिंग नीति का लक्ष्य सात प्रमुख मापदंडों के विभिन्न कारकों के आधार पर खानों का मूल्यांकन करना है, ये हैं:
- खनन कार्य
- पर्यावरण संबंधी मापदंड
- प्रौद्योगिकियों को अपनाना
- सर्वोत्तम खनन पद्धतियाँ
- आर्थिक प्रदर्शन
- पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन
- कार्यकर्ता-संबंधित अनुपालन और सुरक्षा एवं संरक्षा
- स्टार रेटिंग नीति का लक्ष्य सात प्रमुख मापदंडों के विभिन्न कारकों के आधार पर खानों का मूल्यांकन करना है, ये हैं:
कोयला:
- परिचय:
- यह एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है जो तलछटी चट्टानों के रूप में पाया जाता है और इसे अक्सर 'ब्लैक गोल्ड' के रूप में जाना जाता है।
- यह सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है। इसका उपयोग घरेलू ईंधन के रूप में लोहा, इस्पात, भाप इंजन जैसे उद्योगों में और बिजली पैदा करने के लिये किया जाता है। कोयले से उत्पन्न बिजली को ‘थर्मल पावर’ कहते हैं।
- विश्व के प्रमुख कोयला उत्पादकों में चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और भारत शामिल हैं।
- भारतीय कोयले में राख की मात्रा अधिक (35 से 45%) होती है और इसमें सल्फर की मात्रा लगभग 0.5% होती है, जबकि विश्व के अन्य हिस्सों में पाए जाने वाले कोयले में राख की मात्रा 15% होती है।
- भारत में कोयले का वितरण:
- गोंडवाना कोयला क्षेत्र (250 मिलियन वर्ष पुराना):
- भारत के लगभग 98% कोयला भंडार और कुल कोयला उत्पादन का 99% गोंडवाना क्षेत्रों से प्राप्त होता है।
- भारत के गोंडवाना क्षेत्र से धातुकर्म ग्रेड के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाला कोयला प्राप्त होता है।
- यह दामोदर (झारखंड-पश्चिम बंगाल), महानदी (छत्तीसगढ़-ओडिशा), गोदावरी (महाराष्ट्र) और नर्मदा घाटियों में पाया जाता है।
- टर्शियरी कोयला क्षेत्र (15-60 मिलियन वर्ष पुराना):
- इसमें कार्बन की मात्रा बहुत कम लेकिन नमी और सल्फर की मात्रा भरपूर होती है।
- टर्शियरी कोयला क्षेत्र मुख्य रूप से अतिरिक्त प्रायद्वीपीय क्षेत्रों तक ही सीमित है।
- प्रमुख क्षेत्रों में असम, मेघालय, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग की हिमालय की तलहटी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल शामिल हैं।
- गोंडवाना कोयला क्षेत्र (250 मिलियन वर्ष पुराना):
- वर्गीकरण:
- एन्थ्रेसाइट (कार्बन- 80-95%, जम्मू-कश्मीर में कम मात्रा में पाई जाती है)।
- बिटुमिनस (कार्बन- 60-80%, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पाया जाता है)।
- लिग्नाइट (कार्बन- 40-55%, इसमें नमी उच्च होती है और यह राजस्थान, लखीमपुर (असम) तथा तमिलनाडु में पाया जाता है)।
- पीट (कार्बन- 40% से कम और यह कार्बनिक पदार्थ (लकड़ी) से कोयले में परिवर्तन का पहला चरण है)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न . निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय कोयले का/के अभिलक्षण है/हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) |
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
प्राचीन माया शहर की खोज
मैक्सिको में पुरातत्त्वविदों ने युकाटन प्रायद्वीप के घने जंगल में एक महत्त्वपूर्ण खोज की है, जिसमें एक प्राचीन माया शहर के अवशेष मिले हैं।
प्राचीन माया शहर से संबंधित प्रमुख खोजें:
- परिचय:
- मैक्सिको में राष्ट्रीय मानव विज्ञान एवं इतिहास संस्थान (National Institute for Anthropology and History- INAH) ने ओकोमटुन के अभियान का नेतृत्व किया।
- अनुसंधान दल ने पूरे क्षेत्र में पूर्व-हिस्पैनिक संरचनाओं की पहचान करने के लिये हवाई लेज़र स्कैनिंग का उपयोग किया।
- इसे ओकोमटुन नाम दिया गया है, युकाटेक माया भाषा में जिसका अर्थ "पत्थर का स्तंभ" है, माना जाता है कि यह नया खोजा गया शहर 250 से 1000 ईस्वी के बीच युकाटन प्रायद्वीप के केंद्रीय तराई क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र रहा है।
- यह माया सभ्यता की उन्नत सामाजिक और धार्मिक प्रथाओं के बारे में अमूल्य अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है, जो अपने परिष्कृत गणितीय कैलेंडर के लिये जानी जाती है।
- मैक्सिको में राष्ट्रीय मानव विज्ञान एवं इतिहास संस्थान (National Institute for Anthropology and History- INAH) ने ओकोमटुन के अभियान का नेतृत्व किया।
- प्रमुख खोज:
- ऊँचा भू-भाग: सबसे आश्चर्यजनक खोजों में से आर्द्रभूमि से घिरा एक ऊँचा भू-भाग था, जिससे वहाँ बसने के लिये चुने गए एक विशिष्ट और रणनीतिक स्थान के पैटर्न का पता चलता है।
- मृदभांड: इस स्थल पर पाए गए मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों से पता चलता है कि ओकोमटुन 600-900 ईस्वी के दौरान यहाँ बसते थे।
- केंद्रीय वेदियाँ: इन्हें ला रिगुएना नदी के पास खोजा गया था, संभवतः इनका उपयोग सामुदायिक अनुष्ठानों के लिये किया जाता था।
- केंद्रीय वेदियों से सामुदायिक अनुष्ठानों की उपस्थिति का पता चलता है, यह माया सभ्यता के दौरान जीवन के आध्यात्मिक और सांप्रदायिक पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं।
- प्री-हिस्पैनिक बॉल गेम्स: धार्मिक प्रथा का प्रतिनिधित्व करने वाला यह खेल पूरे माया क्षेत्र में खेला जाता था।
- इस खेल में सूर्य के प्रतीक के रूप में रबर की गेंद को बिना हाथों का उपयोग किये पत्थर के घेरे से गुज़ारना शामिल था।
- शहर का पतन: संभवतः 800 से 1000 ईस्वी के बीच यहाँ महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए।
- आबादी में गिरावट, शहरी केंद्र और राजनीतिक अस्थिरता इस अवधि की प्रमुख विशेषताएँ है, यही अवधि निम्न क्षेत्रीय माया शहर के पतन का समय मानी जाती है।
- ओकोमटुन (Ocomtún) और अन्य माया शहरों का पतन एक बड़े क्षेत्रीय पतन का हिस्सा थे जो माया सभ्यता के इतिहास में एक परिवर्तनकारी अवधि को दर्शाता है।
माया सभ्यता:
- माया सभ्यता के लोग मैक्सिको और मध्य अमेरिका के मूल निवासी हैं। युकाटन (Yucatán) में उत्पन्न होकर वे 250 ईस्वी के आसपास वर्तमान में दक्षिणी मैक्सिको, ग्वाटेमाला, उत्तरी बेलीज़ और पश्चिमी होंडुरास में प्रमुखता से उभरे थे।
- माया सभ्यता का उदय लगभग 250 ईस्वी में शुरू हुआ था। पुरातत्त्वविद् माया संस्कृति को शास्त्रीय काल के रूप में जानते हैं जो लगभग 900 ईस्वी तक चली थी।
- माया सभ्यता सबसे उन्नत और प्रभावशाली संस्कृतियों में से एक थी।
- उन्होंने लेखन, खगोल विज्ञान, गणित, कला, वास्तुकला और धर्म की जटिल प्रणालियाँ विकसित की थीं।
- उन्होंने पिरामिडों, महलों, मंदिरों और चौक (प्लाज़ा) वाले प्रभावशाली शहर भी बनाए। हालाँकि उनके इतिहास एवं संस्कृति के अनेक पहलू रहस्यमय और अज्ञात बने हुए हैं।
अन्य प्रमुख प्राचीन सभ्यताएँ:
- सिंधु घाटी सभ्यता- पाकिस्तान से उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत
- मेसोपोटामिया सभ्यता- इराक, सीरिया और तुर्किये
- इंकान सभ्यता- इक्वाडोर, पेरू और चिली
- एज़्टेक सभ्यता- मैक्सिको
- फारसी सभ्यता- ईरान
- प्राचीन यूनानी सभ्यता- ग्रीस
- प्राचीन मिस्र की सभ्यता- मिस्र
मैक्सिको:
- सरकार का स्वरूप: संघीय राज्यों का गणतंत्र
- राजधानी: मैक्सिको सिटी
- राजभाषा: स्पेनिश
- मुद्रा: पेसो
- प्रमुख पर्वत शृंखलाएँ: सिएरा माद्रे
- प्रमुख नदियाँ: रियो ग्रांडे, याकी
प्रारंभिक परीक्षा
भारत में सबमरीन केबल लैंडिंग की लाइसेंसिंग नीति और विनियमन
दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि कुछ ऐसे भारतीय इंटरनेशनल लॉन्ग-डिस्टेंस ऑपरेटर्स (ILDOs) जिनकी सबमरीन केबल प्रणाली में किसी तरह की कोई हिस्सेदारी नहीं है, वे भारत में इस तरह के केबल बिछाने/रखरखाव करने के लिये मंजूरी मांग रहे हैं।
- इस संदर्भ में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 'भारत में सबमरीन केबल लैंडिंग के लिये लाइसेंसिंग नीति और विनियामक तंत्र' के संबंध में सिफारिशें जारी की हैं।
TRAI के सुझाव:
- CLS की दो श्रेणियाँ:
- इंटरनेशनल लॉन्ग-डिस्टेंस/इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स श्रेणी A (ILD/ISP-A) में संशोधन करके केबल लैंडिंग स्टेशन (CLS) स्थानों की दो श्रेणियों को शामिल करने की अनुमति दी गई है- मुख्य CLSऔर CLS "प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस"।
- मुख्य CLSके मालिक को भारत में अपने CLS में SMC लैंडिंग से संबंधित सभी अनुमतियों/स्वीकृतियों के लिये अनुरोध करना होगा।
- CLS 'उपस्थिति बिंदु' को वैध अवरोधन की अनुमति एवं अपेक्षित सुरक्षा अभ्यास को पूरा करने की आवश्यकता है।
- इंटरनेशनल लॉन्ग-डिस्टेंस/इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स श्रेणी A (ILD/ISP-A) में संशोधन करके केबल लैंडिंग स्टेशन (CLS) स्थानों की दो श्रेणियों को शामिल करने की अनुमति दी गई है- मुख्य CLSऔर CLS "प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस"।
- महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक सेवा:
- निर्बाध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संचार नेटवर्क को बनाए रखने में उनकी प्रभावशाली भूमिका के कारण पनडुब्बी केबल संचालन को महत्त्वपूर्ण और आवश्यक सेवाओं के रूप में मान्यता दी जानी चाहिये।
- आवश्यक अनुमतियाँ और सुरक्षा मंज़ूरी प्राप्त करने हेतु पनडुब्बी केबल संचालन उच्च स्तर का होना चाहिये।
- प्रस्तावित विधायी संशोधन:
- भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 में "पनडुब्बी केबल" और "केबल लैंडिंग स्टेशन" पर एक अनुच्छेद को शामिल किया गया है।
- यह डिजिटल संचार क्षेत्र की विकास और मज़बूती के साथ-साथ कानूनी एवं नियामक सहायता भी प्रदान करेगा।
- भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2022 में "पनडुब्बी केबल" और "केबल लैंडिंग स्टेशन" पर एक अनुच्छेद को शामिल किया गया है।
- सीमा शुल्क और GST में छूट:
- TRAI ने CLS, पनडुब्बी केबल संचालन और रखरखाव हेतु आवश्यक वस्तुओं के लिये सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) और GST में छूट का प्रस्ताव दिया है।
- यह इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करेगा विशेष रूप से केबल मरम्मत और रख-रखाव में।
सिफारिशों का महत्त्व:
- डेटा प्रवाह को सुदृढ़ बनाना:
- ट्राई द्वारा दिये गए प्रस्तावों में सीमा पार डेटा प्रवाह को अधिकतम करने, नवाचार को बढ़ावा देने और डेटा में वैश्विक अभिकर्त्ता के रूप में भारत की स्थिति को मज़बूत करने की क्षमता है।
- विदेशी प्रदाताओं पर निर्भरता को कम करना:
- समुद्र के भीतर केबल के रख-रखाव हेतु भारतीय इकाई के स्वामित्व वाले जहाज़ों के तीव्रता और समुद्र के भीतर केबलों की मरम्मत के लिये विदेशी प्रदाताओं पर निर्भरता कम होगी।
पनडुब्बी संचार केबल:
- परिचय:
- यह एक केबल है जो भूमि-आधारित स्टेशनों के बीच समुद्र और समुद्र की लंबी दूरी पर दूरसंचार संकेतों को स्थानांतरित करने हेतु जल के नीचे बिछाई गई है।
- आधुनिक पनडुब्बी केबल फाइबर-ऑप्टिक तकनीक का उपयोग करती है। ऑप्टिकल फाइबर तत्त्व सामान्यतः प्लास्टिक की परतों से लेपित होते हैं एवं ऑप्टिकल फाइबर घटक सामान्यतः सुरक्षात्मक ट्यूबों में संलग्न होते हैं जो उस स्थान हेतु उपयुक्त होते हैं।
- महत्त्व:
- उपग्रहों की तुलना में पनडुब्बी केबल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग अधिक विश्वसनीय, लागत प्रभावी और उच्च क्षमता वाला होता है।
- उदाहरण:
- MIST सबमरीन केबल सिस्टम, भारत को म्याँमार, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर से जोड़ता है।
- रिलायंस जियो इंफोकॉम इंडिया-एशिया एक्सप्रेस (IAX), भारत को मालदीव, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड से जोड़ता है।
- भारत-यूरोप एक्सप्रेस (IEX) सऊदी अरब और ग्रीस के माध्यम से भारत को इटली से जोड़ता है।
- SeaMeWe-6 परियोजना भारत, बांग्लादेश, मालदीव के माध्यम से सिंगापुर को फ्राँस से जोड़ेगी।
- अफ्रीका-2 केबल कई अफ्रीकी देशों द्वारा भारत को यूनाइटेड किंगडम से जोड़ेगी।
स्रोत: पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 जून, 2023
'मेड-इन-सूरत' इको-फ्रेंडली डायमंड
भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिका के व्हाइट हाउस की यात्रा के दौरान अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन को पर्यावरण-अनुकूल प्रयोगशाला निर्मित हीरा (LGD) उपहार के रूप में दिया। भारत के सूरत में उत्पादित हीरा देश के हीरा उद्योग की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है। LGD प्रयोगशालाओं में उत्पादित सिंथेटिक हीरे में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरे के समान रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। इन्हें सीड डायमंड (Seed Diamond) का उपयोग करके उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) या रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधियों के माध्यम से निर्मित किया जाता है। प्रयोगशाला में विकसित हीरे का उपयोग उनकी कठोरता के कारण औद्योगिक उपकरणों और मशीनरी में किया जाता है तथा शुद्ध सिंथेटिक हीरे का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट स्प्रेडर के रूप में किया जाता है।
और पढ़ें… प्रयोगशाला निर्मित हीरे
ग्रीष्म अयनांत
उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून को होने वाला ग्रीष्म अयनांत, वर्ष के सबसे लंबे दिन को सूचित करता है। यह खगोलीय घटना पृथ्वी के अपनी धुरी पर झुके होने का परिणाम है। सूर्य के संबंध में 23.5 डिग्री का झुकाव, अयनांत के रूप में जाना जाता है। अयनांत एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “ठहरा हुआ सूर्य”। मार्च और सितंबर के बीच उत्तरी गोलार्द्ध पर सूर्य के लंबवत होने के कारण पृथ्वी पर सीधी धूप पड़ती है, जिससे गर्मी के मौसम की शुरुआत होती है। ग्रीष्म अयनांत के दौरान प्राप्त सूर्य के प्रकाश की मात्रा अक्षांश के आधार पर भिन्न होती है, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर के क्षेत्रों में दिन बड़ा होता है। जबकि आर्कटिक वृत्त में अयनांत के दौरान सूर्य पूरे दिन दिखाई देता रहता है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध को 21, 22 या 23 दिसंबर को सबसे अधिक धूप पड़ती है, जब उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबी रातें होती हैं, जिसे शीतकालीन अयनांत के नाम से जाना जाता है।
और पढ़ें… ग्रीष्म अयनांत: 21 जून
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने वर्ष 2022 और 2023 के लिये राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में नर्सिंग पेशेवरों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किये। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 1973 में नर्सों एवं नर्सिंग पेशेवरों द्वारा समाज को प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को सम्मानित करने हेतु की गई थी।
और पढ़ें… अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
गिरफ्तारी मामले में ED के अधिकार को चुनौती
मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिकाकर्त्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वरिष्ठ वकील ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) से संबंधित मामले में हिरासत में पूछताछ पर बल देने के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाये। वकील ने तर्क दिया कि PMLA, ED अधिकारियों को स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) की शक्तियाँ नहीं प्रदान करता है, जिससे गिरफ्तार व्यक्ति की हिरासत की मांग कानूनी रूप से संदिग्ध हो जाती है। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व फैसले का उदाहरण दिया गया जो परिस्थितियों को ध्यान में नहीं रखते हुए गिरफ्तारी की तारीख से 15 दिनों से अधिक हिरासत में पूछताछ को प्रतिबंधित करता है। ED एक बहु-विषयक संगठन है जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जाँच का अधिकार है। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।
और पढ़ें… प्रवर्तन निदेशालय, धन शोधन निवारण अधिनियम