प्रिलिम्स फैक्ट्स (23 Apr, 2021)



प्रिलिम्स फैक्ट: 23 अप्रैल, 2021

‘ग्लोबल यूथ मोबिलाइज़ेशन’ पहल

(Global Youth Mobilization Initiative)

हाल ही में कोरोना महामारी से प्रभावित समुदायों में युवाओं के लिये ‘ग्लोबल यूथ मोबिलाइज़ेशन’ नामक एक पहल शुरू की गई है।

  • 23-25 अप्रैल, 2021 तक वर्चुअल माध्यम से आयोजित होने वाला ‘ग्लोबल यूथ समिट’ (GYS) युवाओं को लामबंद और एकजुट करने की दिशा में शुरुआती प्रयास है।
    • ‘ग्लोबल यूथ समिट’ का लक्ष्य 14-30 आयु वर्ग के युवाओं को एक नए दृष्टिकोण और कौशल के साथ-साथ अपने साथियों, प्रतिनिधियों एवं नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने के लिये एक मंच प्रदान करना है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय: यह ऐसे युवाओं का एक आंदोलन है, जो महामारी के दौरान और उसके बाद अपने जीवन को सुधारने की दिशा में कार्रवाई कर रहे हैं।
  • लक्ष्य: युवाओं पर महामारी के नकारात्मक प्रभाव के मुद्दे को संबोधित करना और उन्हें भविष्य में किसी अन्य आपदा से निपटने के लिये तैयार करना है।
  • पहल में शामिल संगठन: इस पहल को विश्व के छह सबसे बड़े युवा संगठनों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) फाउंडेशन द्वारा समर्थन प्राप्त है।
  • आवश्यकता: आँकड़ों के मुताबिक, महामारी प्रतिक्रिया उपायों से विश्व भर के लगभग 1.2 बिलियन युवा प्रभावित हुए हैं।
    • महामारी के कारण शिक्षा, रोज़गार, सेवाओं के वितरण और सामाजिक समर्थन में आए व्यवधान ने एक पूरी पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित किया है।
  • वित्तपोषण: ‘कोविड-19 सॉलिडैरिटी रिस्पॉन्स फंड’ के समर्थन से ‘ग्लोबल यूथ मोबिलाइज़ेशन’ द्वारा विश्व भर में युवाओं के नेतृत्व में समाधानों और कार्यक्रमों का समर्थन तथा उनका विस्तार किया जाएगा।
    • ‘कोविड-19 सॉलिडैरिटी रिस्पॉन्स फंड’ को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन’ और ‘स्विस फिलांथ्रोपी फाउंडेशन’ की मदद से स्थापित किया गया था।

सिविल सेवा दिवस

Civil Services Day

भारत सरकार द्वारा हर वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस (Civil Services Day) के रूप में मनाया जाता है।

प्रमुख बिंदु

सिविल सेवा दिवस के विषय में:

  • इस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्य नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः याद करते हैं। 
  • स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 21 अप्रैल, 1947 को दिल्ली के मेटकाॅफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों को संबोधित किया था। तभी से 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
    • इन्होंने सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' (Steel Frame of India) कहा था।

सिविल सेवा दिवस समारोह:

  • सिविल सेवा दिवस को पहली बार दिल्ली के विज्ञान भवन में 21 अप्रैल, 2006 को मनाया गया था। 
  • इस दिवस के अवसर पर ‘लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार’ (Prime Minister's Awards for Excellence in Public Administration) प्रदान किये जाते हैं। ये पुरस्कार ज़िला इकाइयों में सरकारी योजनाओं और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये प्रदान किये जाते हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल

Sardar-Vallabhbhai-Patel

  • इनका जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को नाडियाड, गुजरात में हुआ था।
    • सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है।
  • ये स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे।
  • इन्होंने मज़बूत भारतीय संघ का निर्माण करने के लिये देशी रियासतों के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बारडोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी थी, जिसका अर्थ है 'प्रमुख या नेता'।
  • भारतीय रियासतों को भारतीय महासंघ में एकीकरण के लिये राज़ी करने तथा इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु सरदार पटेल को ‘भारत के लौह पुरुष’ (Iron Man of India) के रूप में जाना जाता है।
  • उन्होंने भारत को एक अग्रणी भारत (श्रेष्ठ भारत) बनाने हेतु भारतीय लोगों से एकजुट होने का अनुरोध किया।
    • प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर एक भारत श्रेष्ठ भारत (Ek Bharat Shreshtha Bharat) की घोषणा की थी।
  • सरदार पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु ‘भारतीय  सिविल सेवकों के संरक्षक संत' (Patron Saint of India’s Civil Servants) के रूप में भी जाना जाता है।  
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवडिया में किया गया।

पृथ्वी दिवस

Earth Day

प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके संरक्षण के लिये प्रेरित करना है।

  • वर्ष 2021 की पृथ्वी दिवस थीम ‘रीस्टोर अवर अर्थ’ (Restore Our Earth) थी, जिसके अंतर्गत विश्व की पारिस्थितिक तंत्र को पुनः बहाल करने के लिये प्राकृतिक प्रक्रियाओं, उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकियों और नई सोच पर ज़ोर दिया गया।

प्रमुख बिंदु

पृष्ठभूमि:

  • प्रथम बार पृथ्वी दिवस वर्ष 1970 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) के उस आह्वान के बाद हुई जिसके फलस्वरूप लगभग 20 मिलियन लोग पर्यावरणीय गिरावट के विरोध में सड़कों पर उतरे गए थे।
    • इसे वर्ष 1969 की सांता बार्बरा (Santa Barbara) में तेल रिसाव की घटना के साथ-साथ स्मॉग और प्रदूषित नदियों जैसे अन्य मुद्दों ने बढ़ावा दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' (‘International Mother Earth Day) के रूप में मनाने की घोषणा की।

 पृथ्वी दिवस के विषय में:

  • पृथ्वी दिवस को वैश्विक स्तर पर एक गैर-लाभकारी संगठन EARTHDAY.ORG द्वारा समायोजित किया जाता है। इसे पहले अर्थ डे नेटवर्क (Earth Day Network) के रूप में जाना जाता था।
    • इसका उद्देश्य "लोगों और पृथ्वी में परिवर्तनकारी बदलाव लाने हेतु विश्व के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है।"
    • यह एक सामूहिक ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है, जैसा कि वर्ष 1992 के रियो घोषणापत्र (पृथ्वी शिखर सम्मेलन) में प्रकृति और पृथ्वी के साथ सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये कहा गया है ताकि मानवता की वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।
    • गौरतलब है कि इसके अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के कारण वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर के लिये पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल, 2016) के दिन को ही चुना गया था।

अन्य महत्त्वपूर्ण दिवस

अर्थ आवर

  • अर्थ आवर (Earth Hour), वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) की वार्षिक पहल है जिसे वर्ष 2007 में शुरू किया गया था। इसे प्रत्येक वर्ष मार्च के अंतिम शनिवार को आयोजित किया जाता है।
  • यह 180 से अधिक देशों के लोगों को अपने स्थानीय समय के अनुसार रात 8.30 से रात 9.30 बजे तक रोशनी बंद करने के लिये प्रोत्साहित करता है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 अप्रैल, 2021

विश्व पुस्तक दिवस

विश्व भर में प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ अर्थात् ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन मुख्य तौर पर पुस्तकों को पढ़ने और प्रकाशन तथा कॉपीराइट के महत्त्व को रेखांकित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिये किया जाता है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सम्मेलन के दौरान 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (विश्व पुस्तक दिवस) के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। 23 अप्रैल की तारीख का इस लिहाज़ से भी काफी महत्त्व है कि इसी दिन विश्व के कई प्रसिद्ध लेखकों का या तो जन्म हुआ था या उनकी मृत्यु हुई थी। उदाहरण के तौर पर विलियम शेक्सपियर, जोसेप प्ला और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा ने 23 अप्रैल को अंतिम साँस ली थी, जबकि इसी दिन मैनुएल मेजिया वाल्लीजो, हालडोर लाक्सनेस और मौरिस ड्रून का जन्म हुआ था। यूनेस्को हर वर्ष इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन करता है। किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिये विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर इस मुद्दे पर भी ज़ोर दिया जाता है। इस अवसर पर जॉर्जिया की राजधानी ‘त्बिलिसी’ (Tbilisi) को वर्ष 2020 के लिये ‘वर्ल्ड बुक कैपिटल’ (World Book Capital) के तौर पर चुना गया है।

अंग्रेज़ी भाषा दिवस

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंग्रेज़ी भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अंग्रेज़ी भाषा के महान साहित्यकार विलियम शेक्सपियर के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। अंग्रेज़ी भाषा के सबसे प्रसिद्ध नाटककार होने के साथ-साथ शेक्सपियर का आधुनिक अंग्रेज़ी पर भी काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। शेक्सपियर ने अपने संपूर्ण जीवन काल में कुल 38 नाटक लिखे थे। अंग्रेज़ी भाषा की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लैंड में मानी जाती है और वर्तमान में यह विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उपलब्ध आँकड़ों की मानें तो विश्व के कुल 195 देशों में से 67 देशों में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है। विदित हो कि फरवरी 2010 में सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को मनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने भाषा दिवस का शुभारंभ किया था। संयुक्त राष्ट्र, भाषा दिवस संगठन की 6 आधिकारिक भाषाओं को संरक्षण प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ अंग्रेज़ी (23 अप्रैल), अरबी (18 दिसंबर), चीनी (20 अप्रैल), स्पेनिश (23 अप्रैल ), रूसी (6 जून) और फ्रेंच (20 मार्च) हैं।

मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन का उत्पादन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में घोषणा की है कि उसके ‘पर्सिवरेंस रोवर’ पर मौजूद एक उपकरण ने पहली बार मंगल ग्रह के बहुत ही पतले वातावरण से ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सफलता हासिल कर ली है। इस महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस तकनीक के माध्यम से भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगा। अपने इस परीक्षण के तहत नासा के ‘पर्सिवरेंस रोवर’ के उपकरण ने मंगल ग्रह के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड से 5 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया, जो एक अंतरिक्ष यात्री के लिये 10 मिनट तक साँस लेने हेतु पर्याप्त है। ज्ञात हो कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड सबसे अधिक मात्रा (तकरीबन 96 प्रतिशत) में मौजूद है, वहीं ऑक्सीजन का स्तर मात्र 0.13 प्रतिशत है। ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिये ऑक्सीजन परमाणुओं को कार्बन डाइऑक्साइड अणुओं से अलग किया जाता है, ऐसा करने के लिये तकरीबन 800 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान की ऊष्मा की आवश्यकता होती है और इस प्रक्रिया में अपशिष्ट उत्पाद के रूप में कार्बन मोनोऑक्साइड भी उत्पन्न होता है, जिसे वातावरण में वापस छोड़ दिया जाता है। मंगल पर मानव अभियानों की शुरुआत के लिये ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा काफी महत्त्वपूर्ण है, यह न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिये आवश्यक है, बल्कि मंगल ग्रह से वापस पृथ्वी पर आने हेतु रॉकेट की उड़ान के लिये भी काफी आवश्यक है। 

रासायनिक हथियार निषेध संगठन

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को ‘रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) का बाह्य लेखा परीक्षक चुना गया है। गिरीश चंद्र मुर्मू का चुनाव तीन वर्षीय कार्यकाल के लिये किया गया है। ‘रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र संस्था (संयुक्त राष्ट्र संघ से स्वतंत्र) है, जिसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) के प्रावधानों को क्रियान्वित करना है। यह 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्व में आया था और इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। OPCW में कुल 193 हस्ताक्षरकर्त्ता देश शामिल हैं, जो कि वैश्विक आबादी के 98 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। गौरतलब है कि इज़रायल ने संधि पर हस्ताक्षर तो किये हैं, किंतु ‘रासायनिक हथियार कन्वेंशन’ की पुष्टि नहीं की है। इसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियारों के खतरों से सदस्य देशों की सुरक्षा तथा उन्हें सहायता प्रदान करना है। OPCW को वर्ष 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।