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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Aug, 2023
  • 15 min read
प्रारंभिक परीक्षा

भारत ने हरित हाइड्रोजन मानक में उत्सर्जन सीमा निर्धारित की

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने हाल ही में एक स्पष्ट ग्रीन हाइड्रोजन मानक को परिभाषित किया है, जो 'हरित' के रूप में वर्गीकृत हाइड्रोजन उत्पादन के लिये उत्सर्जन सीमा निर्धारित करता है।

  • यह महत्त्वपूर्ण विकास भारत को स्थायी ऊर्जा समाधानों की दिशा में वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रखता है।

हरित हाइड्रोजन और इसकी उत्सर्जन सीमा: 

  • हरित हाइड्रोजन की परिभाषा:
    • "हरित हाइड्रोजन" का अर्थ नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन करना है, जिसमें इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास के रूपांतरण के माध्यम से उत्पादन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।
      • नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित विद्युत भी नवीकरणीय ऊर्जा है, जिसे नियमानुसार ग्रिड से जोड़कर अथवा ऊर्जा भंडारण उपकरण में संगृहीत कर रखा जाता है।
  • उत्सर्जन सीमा :
    • MNRE ने निर्धारित किया है कि ग्रीन हाइड्रोजन में पिछले 12 महीने की अवधि में औसत के रूप में लिये गए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन (H2) के बराबर 2 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से अधिक का उत्सर्जन नहीं होना चाहिये।
      • वेल-टू-गेट उत्सर्जन में जल उपचार,विद्युत अपघटन, गैस शुद्धिकरण, शुष्कीकरण और हाइड्रोजन का संपीड़न शामिल है।
    • कार्यप्रणाली और नियंत्रण:
      • MNRE हरित हाइड्रोजन और उसके व्युत्पन्न  की माप, रिपोर्टिंग, निगरानी, ऑन-साइट सत्यापन और प्रमाणन के लिये एक विस्तृत कार्यप्रणाली निर्दिष्ट करेगा।
      • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency- BEE), उर्जा मंत्रालय हरित हाइड्रोजन उत्पादन परियोजनाओं की निगरानी, ​​सत्यापन और प्रमाणन की देख-रेख करने वाली मान्यता प्राप्त एजेंसियों के लिये  केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में काम करेगा।

हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिये भारत की पहलें:

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:
    • भारत ने वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की।
    • यह मिशन लगभग 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य के साथ संरेखित है।
    • यह कार्यक्रम इलेक्ट्रोलाइज़र और हरित हाइड्रोजन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
    • ये प्रोत्साहन त्वरित विस्तार, प्रौद्योगिकी विकास और लागत में कमी लाने की सुविधा के लिये अभिकल्पित किये गए हैं।

  • हरित हाइड्रोजन उपभोग दायित्व: 
    • MNRE ने विद्युत वितरण कंपनियों के लिये नवीकरणीय खरीद दायित्वों की तरह उर्वरक और पेट्रोलियम रिफाइनिंग उद्योग हेतु हरित हाइड्रोजन उपभोग दायित्वों को पेश करने का प्रस्ताव रखा है।
      • इन दायित्वों के लिये उद्योगों को अपनी कुल हाइड्रोजन खपत में हरित हाइड्रोजन के एक निश्चित प्रतिशत का उपभोग करना अनिवार्य हो जाएगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित भारी उद्योगों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. उर्वरक संयंत्र
  2. तेलशोधक कारखाने
  3. इस्पात संयंत्र

उपर्युक्त में से कितने उद्योगों के विकार्बनन में हरित हाइड्रोजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने की अपेक्षा है?

(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

उत्तर: (C)

हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की आवश्यकता:

  • विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन लगभग शून्य उत्सर्जन के साथ ऊर्जा के सबसे स्वच्छ स्रोतों में से एक है। इसका उपयोग कारों के लिये ईंधन सेल या उर्वरक और इस्पात निर्माण जैसे ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में किया जा सकता है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन वातावरण में CO2 के उत्पादन के बिना कच्चे तेल के डीसल्फराइज़ेशन में सहायता कर सकता है, इसलिये यह एक स्वच्छ, ऑन-साइट ग्रीन हाइड्रोजन आपूर्ति प्रदान कर सकता है जो शोधन प्रक्रिया को डीकार्बोनाइज़ करेगा तथा उत्सर्जन को कम करेगा।

अतः विकल्प (C) सही है।


प्रश्न. हरित हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. इसे आंतरिक दहन के लिये ईंधन के रूप में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. इसे प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर ताप या शक्ति जनन के लिये ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. इसे वाहन चालन के लिये हाइड्रोजन ईंधन प्रकोष्ठ में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (c)

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

वित्त वर्ष 2022-23 के लिये भारत में निवेश के रुझान पर RBI का अध्ययन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का हालिया अध्ययन वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में पूंजी निवेश के राज्य-वार वितरण पर प्रकाश डालता है।

  • अध्ययन उन भौगोलिक और क्षेत्रीय रुझानों की जाँच करता है जो देश भर में परियोजना वित्तपोषण के परिदृश्य को आकार देते हैं।

अध्ययन की मुख्य बातें: 

  • निवेश में वृद्धि और पूंजी परिव्यय:
    • अप्रैल 2022 से RBI द्वारा रेपो दर में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बीच जुलाई 2023 में ऋण में 19.7% की वृद्धि हुई, जो निवेश के क्षेत्र में मज़बूती का संकेत देती है।
    • कुल पूंजी परिव्यय 3.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रभावशाली स्तर तक पहुँच गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
  • कुल परियोजना लागत में राज्य-वार हिस्सेदारी:
    • शीर्ष प्रदर्शक:
      • बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत में 16.2% की सबसे अधिक हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश अग्रणी बनकर सामने आया है।
      • इसके बाद गुजरात (14%), ओडिशा (11.8%), महाराष्ट्र (7.9%) और कर्नाटक (7.3%) हैं, जो निवेश का गतिशील वितरण प्रदर्शित कर रहे हैं।
    • निम्न स्तर के प्रदर्शक:
      • केरल, गोवा और असम ने सबसे कम शेयर प्राप्त किये, केरल को कुल निवेश योजनाओं का केवल 0.9% प्राप्त हुआ।
      • हरियाणा और पश्चिम बंगाल भी कुल निवेश परियोजनाओं के 1% दायरे में आते हैं।
  • निवेश को बढ़ावा देने वाले क्षेत्र:
    • वर्ष 2022-23 में कुल परियोजना लागत का 60% हिस्सा प्राप्त कर, आधारभूत संरचना क्षेत्र (Infrastructure Sector) ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • विशेष रूप से आधारभूत संरचना क्षेत्र के भीतर सड़क और पुल परियोजनाओं ने महत्त्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया, जिसका लाभ "भारतमाला" पहल से प्राप्त हुआ।
  • निवेश की गति को प्रभावित करने वाले कारक:
    • सरकारी पूंजीगत व्यय, बढ़ती व्यावसायिक आशावादिता और चुनिंदा क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय के पुनरुद्धार ने निवेश गतिविधि को प्रोत्साहित किया है।
    • रेपो दर में बढ़ोतरी के बावजूद व्यवसायों और व्यक्तियों द्वारा ऋण की मांग में काफी वृद्धि देखी गई, यह निवेश के अवसरों में उनके विश्वास को दर्शाता है।
  • निवेश क्षेत्र का भविष्य:
    • भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया अध्ययन निजी निवेश के लिये एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें सरकारी खर्च में वृद्धि, बेहतर व्यवसाय तथा नीति समर्थन का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
      • ग्रीनफील्ड परियोजनाएँ, जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा वित्तपोषित कुल परियोजना लागत का 93.1% हैं, नई पहलों पर केंद्रित हैं।
      • किसी विनिर्माण, कार्यालय अथवा अन्य भौतिक कंपनी-संबंधित सुविधा या मौजूदा सुविधाओं वाले किसी स्थान पर संरचनाओं के समूह में निवेश को "ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट" कहा जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 अगस्त, 2023

नमोह 108 लोटस वैरायटी

  • हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (CSIR-NBRI), लखनऊ द्वारा विकसित नवीन 'नमोह 108' लोटस वैरायटी का अनावरण किया।
  • कई साल पहले मणिपुर में खोजे जाने के बाद कमल की इस वैरायटी में 108 पंखुड़ियाँ होती हैं, जिसके कारण इसका नाम ‘NBRI नमोह 108' पड़ा, यह नाम इसकी पंखुड़ियों की संख्या और इसके धार्मिक महत्त्व को देखते हुए दिया गया है।
    • यह वैरायटी मार्च से दिसंबर तक खिलती है और पोषक तत्त्वों से भरपूर है।
  • फूल के जीनोम को अनुक्रमित किया गया, जिससे यह अनुक्रमित जीनोम वाली एकमात्र भारतीय कमल की किस्म बन गई।
  • मणिपुर से बाहर भी इसकी खेती को सुविधाजनक बनाने के लिये फूल की विशेषताओं को संशोधित किया गया।

शतरंज विश्व कप 2023

  • ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद ने बाकू, अज़रबैजान में विश्व कप 2023 शतरंज टूर्नामेंट के टाई-ब्रेकर राउंड में विश्व के नंबर 3 खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को हराकर जीत हासिल की।
    • शतरंज विश्व कप 2023 का आयोजन विश्व में शतरंज की नियामक संस्था अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (International Chess Federation- FIDE) द्वारा किया जाता है।
      • इसका गठन एक गैर-सरकारी संस्था के रूप में किया गया है।
    • FIDE का मुख्यालय वर्तमान में लुसाने (स्विट्ज़रलैंड) में है, लेकिन शुरुआत में इसकी स्थापना वर्ष 1924 में पेरिस में आदर्श वाक्य "जेन्स ऊना सुमस (Gens Una Sumus)" (लैटिन में "वी आर वन फैमिली") के तहत की गई थी।
  • सबसे कम उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर और सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय मास्टर, प्रगनानंद, शतरंज की दुनिया में सबसे होनहार प्रतिभाओं में से एक हैं।
    • उन्होंने वर्ष 2019 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप [World Youth Chess Championship (under-18)] जीता और वर्ष 2021 में एशियाई कॉन्टिनेंटल शतरंज चैंपियनशिप [Asian Continental Chess Championship (open)] में जीत हासिल की।

और पढ़ें… भारत में शतरंज की बढ़ती लोकप्रियता

इक्वाडोर ने अमेज़न में तेल खनन का किया विरोध 

इक्वाडोर के लोगों ने उल्लेखनीय जैवविविधता वाले संरक्षित अमेज़न क्षेत्र में तेल के खनन कार्य के प्रति विरोध जताया है।

  • 90% से अधिक मतों से वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट, प्रसिद्ध यासुनी नेशनल पार्क के भीतर स्थित क्षेत्र में तेल के खनन हेतु अन्वेषण कार्य को खारिज कर दिया है।
  • यह क्षेत्र सबसे अलग टागेरी और टैरोमेनानी जनजातियों का निवास स्थान है, इसके महत्त्व को देखते हुए वर्ष 1989 में इसे यूनेस्को विश्व बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया गया था।

छात्र-नेतृत्व वाली जल संसद पहल से जल संरक्षण को बढ़ावा 

केवल एक वर्ष में राजस्थान के जोधपुर ज़िले के श्याम सदन स्कूल ने जल प्रथाओं में परिवर्तनकारी बदलाव देखा है।

  • स्कूल की "जल संसद" (वाटर पार्लियामेंट) की स्थापना वर्ष 2022 के मध्य में की गई थी, जिसमें छात्रों को जल संरक्षण गतिविधियों की एक शृंखला में शामिल किया गया था। छात्र पानी के उपयोग पर नज़र रखने, जागरूकता अभियान आयोजित करने और डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखने के लिये ऑडिट करते हैं।
  • वर्षा जल संचयन से स्कूल के पोषण उद्यान की सिंचाई होती है, जो जल-बचत प्रथाओं के अभिनव एकीकरण को प्रदर्शित करता है।

और पढ़ें…कैच द रेन: राष्ट्रीय जल मिशन


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