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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 21 Jul, 2023
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

जीवाणु संक्रमण और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध

एंडोमेट्रियोसिस की व्यापकता के बावजूद एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के अंतर्निहित कारणों के बारे में पता लगाना वर्तमान में भी काफी कठिन है। हालाँकि हालिया अध्ययन में एक विशिष्ट बैक्टीरिया और एंडोमेट्रियोसिस के विकास और तीव्रता के बीच संभावित संबंध पर प्रकाश डाला गया है। 

एंडोमेट्रियोसिस:  

  • परिचय:  
    • यह विश्व भर में लगभग 10 में से एक महिला को प्रभावित करने वाली दीर्घकालिक बीमारी है। यह तब विकसित होती है जब गर्भाशय के बाहर बढ़ने वाले एंडोमेट्रियल ऊतक (जो आमतौर पर गर्भाशय को कवर करता है) के परिणामस्वरूप अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, मूत्राशय, बृहदान्त्र अथवा अन्य पैल्विक अंगों/श्रोणी क्षेत्रों पर घाव विकसित होने लगते हैं।
    • एंडोमेट्रियोसिस का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। 
  • प्रभाव:  
    • एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर बाँझपन, पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक तकलीफ, पेल्विक क्षेत्र में दर्द, सूजन, मतली, थकान का अनुभव होता है, साथ ही उनमें अवसाद और चिंता का खतरा भी अधिक हो सकता है। 
  • मौजूदा उपलब्ध उपचार:  
    • हार्मोनल थेरेपी: जन्म नियंत्रण गोलियाँ या हार्मोन युक्त अंतर्गर्भाशयी उपकरण जैसे कुछ हार्मोन-आधारित उपचार एंडोमेट्रियल ऊतक के विकास को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
    • सर्जरी: एंडोमेट्रियल ऊतक को हटाने अथवा नष्ट करने के लिये लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है।
    • प्रजनन उपचार (Fertility Treatment): प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं के लिये इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों पर विचार किया जा सकता है। 

एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित जीवाणु संक्रमण:

  • एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित जीवाणु संक्रमण फ्युज़ोबैक्टीरियम (Fusobacterium) नामक बैक्टीरिया की एक प्रजाति के कारण होता है।
    • फ्युज़ोबैक्टीरियम आमतौर पर मुँह और आँत में पाया जाता है जहाँ यह दंत पट्टिका, मसूड़ों की बीमारी, एपेंडिसाइटिस (Appendicitis) एवं आंत्र में सूजन रोग का कारण बन सकता है।
    • हालाँकि यह रक्तप्रवाह या यौन संपर्क के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है जिससे फेफड़े, मस्तिष्क, यकृत या प्रजनन अंगों में संक्रमण हो सकता है।
  • फ्युज़ोबैक्टीरियम और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध की खोज जापान के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने की थी। शोधकर्त्ताओं ने 155 महिलाओं पर अध्ययन किया था जिनमें से 79 को एंडोमेट्रियोसिस था और 76 को नहीं था।
    • शोधकर्त्ताओं ने महिलाओं के रक्त, लार और योनि द्रव में मौजूद बैक्टीरिया के DNA का विश्लेषण किया। शोधकर्त्ताओं ने पाया कि एंडोमेट्रियोसिस वाली 64% महिलाओं में फ्युज़ोबैक्टीरियम मौजूद था, जबकि बिना एंडोमेट्रियोसिस के केवल 7% महिलाओं में फ्युज़ोबैक्टीरियम पाया गया।
  • यह खोज एंडोमेट्रियोसिस के लिये उपचार विकल्पों की शृंखला का विस्तार करने में सहायता कर सकती है। उदाहरण के लिये प्रतिजैविक या प्रोबायोटिक्स का उपयोग फ्युज़ोबैक्टीरियम को लक्षित करने या शरीर में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बहाल करने के लिये किया जा सकता है।
    • हालाँकि फ्युज़ोबैक्टीरियम और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध के कारण की पुष्टि करने तथा यह समझने के लिये गहन शोध की आवश्यकता है कि यह विभिन्न महिलाओं को भिन्न-भिन्न लक्षणों और स्थिति की गंभीरता के साथ किस प्रकार प्रभावित करता है। 

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक, 2023

राजस्थान सरकार द्वारा पेश किये गए राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक, 2023 का उद्देश्य राज्य में लोगों को अतिरिक्त आय सहायता प्रदान करना है। इस विधेयक का उद्देश्य नागरिकों को मुद्रास्फीति से निपटने और उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार करने में मदद करना है।

  • विधेयक में तीन व्यापक श्रेणियाँ हैं: न्यूनतम गारंटीकृत आय का अधिकार, गारंटीकृत रोज़गार का अधिकार और गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार।

राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक, 2023:

  • विधेयक के प्रमुख घटक:
    •  न्यूनतम गारंटीकृत आय का अधिकार:  
    • गारंटीकृत रोज़गार का अधिकार:
      • शहरी और ग्रामीण रोज़गार योजनाओं में कार्य पूरा होने के बाद सरकार साप्ताहिक या पाक्षिक रूप से न्यूनतम मज़दूरी का भुगतान करेगी।
      • एक नामित अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कार्यस्थल, पंजीकृत जॉब कार्ड पते के पाँच किलोमीटर के अंतर्गत हों।
      • यदि आवेदन के 15 दिनों के भीतर रोज़गार प्रदान नहीं किया जाता है, तो आवेदक को साप्ताहिक बेरोज़गारी भत्ता मिलेगा ‘परंतु किसी भी मामले में यह अवधि एक पखवाड़े से अधिक नहीं होगी’।
    • गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार:.  
      • विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि वृद्धावस्था, विशेष रूप से विकलांग, विधवा और एकल महिलाओं जैसी श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोगों को पेंशन मिले।
        • वित्तीय वर्ष 2024-2025 से पेंशन में दो किश्तों में 15% की वार्षिक वृद्धि की जाएगी।
  • नकद हस्तांतरण योजनाओं में अंतर:
    • राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक अद्वितीय है क्योंकि यह कानूनी रूप से न्यूनतम आय सहायता और गारंटीकृत रोज़गार एवं पेंशन दोनों सुनिश्चित करता है, जो इसे नियमित नकद हस्तांतरण योजनाओं से अलग करता है। यह महात्मा गांधी के व्यापक कल्याणकारी उपायों के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
    • यह विधेयक राज्य के सभी परिवारों को कवर करता है। इसके साथ विभिन्न कमज़ोर समूहों को रोज़गार और पेंशन सहायता प्रदान करता है। इस विधेयक के कारण नकद हस्तांतरण योजनाओं का कवरेज सीमित हो सकता है।
    • इस विधेयक में पेंशन में वार्षिक वृद्धि करना शामिल है यह सुनिश्चित करते हुए कि वे मुद्रास्फीति के साथ तालमेल बनाए रखा जाए। नकद हस्तांतरण योजनाओं में इस प्रकार के प्रावधान नहीं हो सकते हैं।
    • यह विधेयक सामाजिक सुरक्षा के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है जिसका लक्ष्य समाज के कमज़ोर वर्गों को लाभ पहुँचाना है।
  • विधेयक की आलोचना: 
    • विधेयक को आर्थिक असमानताओं को दूर करने के प्रयासों के लिये प्रशंसा मिली है जबकि कुछ आलोचकों का तर्क है कि प्रतिवर्ष 2,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य के वित्त पर दबाव डाल सकता है।
    • आलोचक योजना की दीर्घकालिक स्थिरता और करदाताओं पर पड़ने वाले संभावित बोझ के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2023

हाल ही में जारी किये गए हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2023 में भारतीय पासपोर्ट वर्ष 2022 में 87वें स्थान की तुलना में सात पायदान चढ़कर 80वें स्थान पर पहुँच गया है, जिससे इसके धारकों को 57 देशों में वीज़ा मुक्त यात्रा की सुविधा प्राप्त हो गई है।  

हेनले पासपोर्ट सूचकांक: 

  • परिचय:  
    • हेनले पासपोर्ट सूचकांक एक रैंकिंग प्रणाली है जो विश्व भर के सभी पासपोर्टों का मूल्यांकन उन यात्रा स्थलों की संख्या के आधार पर करती है जहाँ उनके धारक पूर्व वीज़ा की आवश्यकता के बिना यात्रा कर सकते हैं।
      • यह सूचकांक 199 विभिन्न पासपोर्टों और 227 यात्रा स्थलों को शामिल करता है।
    • इसे वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा संकलित और प्रकाशित किया गया है। 

विगत कुछ वर्षों में भारत का पासपोर्ट प्रदर्शन: 

  • वैश्विक रैंकिंग और बदलाव:  
    • शीर्ष स्थान: सिंगापुर के पास अब विश्व का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है, जो अपने नागरिकों को विश्व भर के 227 में से प्रभावशाली 192 यात्रा स्थलों तक वीज़ा-मुक्त पहुँच की सुविधा प्रदान करता है।
      • रिपोर्ट जारी होने के पहले पाँच वर्षों तक हेनले पासपोर्ट सूचकांक में जापान शीर्ष स्थान पर था।
    • उप विजेता: जर्मनी, इटली और स्पेन इस सूचकांक में दूसरे स्थान पर हैं।
      • ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्राँस, लक्ज़मबर्ग, दक्षिण कोरिया और स्वीडन के साथ जापान तीसरे स्थान पर है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थान में गिरावट: पिछले एक दशक में इस सूचकांक में संयुक्त राज्य अमेरिका का स्थान गिरता चला गया है, वर्तमान आँकड़ों को देखे तो यह दो स्थान गिरकर आठवें स्थान पर आ गया है।
  • हेनले ओपननेस इंडेक्स:  
    • परिचय:  
      • हेनले एंड पार्टनर्स ने हेनले ओपननेस इंडेक्स भी जारी किया है, इसके द्वारा यह आकलन किया जाता है कि कोई देश कितने देशों को अपने देश में वीज़ा-मुक्त पहुँच की अनुमति प्रदान करता है।
        • इस रैंकिंग में 97 देशों में से भारत 94वें स्थान पर है, जो केवल चार देशों को वीज़ा-मुक्त पहुँच की सुविधा प्रदान करता है।
      • सर्वाधिक उदार देश: शीर्ष 20 'सबसे उदार' देशों में कंबोडिया को छोड़कर मुख्य रूप से छोटे द्वीपीय राष्ट्र और अफ्रीकी राज्य शामिल हैं।
        • असाधारण उदारता वाले देशों की संख्या 12 है, जो विश्व के सभी 198 पासपोर्टों (अपने पासपोर्टों को छोड़कर) को वीज़ा-मुक्त या वीज़ा-ऑन-अराइवल प्रवेश प्रदान करते हैं।
      • ये देश हैं बुरुंडी, कोमोरो द्वीप समूह, जिबूती, गिनी-बिसाऊ, मालदीव, माइक्रोनेशिया, मोज़ाम्बिक, रवांडा, समोआ, सेशेल्स, तिमोर-लेस्ते और तुवालु।
        • सबसे कम खुलेपन/उदारता वाले देश: अफगानिस्तान, उत्तर कोरिया, पापुआ न्यू गिनी और तुर्कमेनिस्तान को हेनले ओपननेस इंडेक्स में सबसे नीचे स्थान पर रखा गया है क्योंकि ये देश किसी भी पासपोर्ट धारक के लिये वीज़ा-मुक्त पहुँच की अनुमति नहीं देते हैं।

वीज़ा-मुक्त प्रवेश बनाम आगमन पर वीज़ा:

  • वीज़ा-मुक्त प्रवेश: वीज़ा-मुक्त प्रवेश का अर्थ  है कि कुछ देशों के नागरिकों को पहले से वीज़ा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है, वे बिना वीज़ा दूसरे देश में प्रवेश कर सकते हैं।
    • उन्हें बिना वीज़ा के आमतौर पर द्विपक्षीय समझौतों या अंतर्राष्ट्रीय संधियों द्वारा निर्धारित एक निर्दिष्ट अवधि के लिये वहाँ रहने की अनुमति दी जाती है।
  • आगमन पर वीज़ा: आगमन पर वीज़ा का अर्थ है कि विशिष्ट देशों के यात्री अपने गंतव्य देश के हवाई अड्डे या सीमा चौकी पर पहुँचने पर वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 जुलाई, 2023

भारत के विमानन क्षेत्र में प्रगति 

  • बढ़ती हवाई यातायात मांगों को पूरा करने के लिये नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) हवाई अड्डे के बुनियादी ढाँचे के विकास (वर्ष 2019-2024) में 98,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा नियमित निगरानी और लेखापरीक्षण के माध्यम से सुरक्षा निगरानी सुनिश्चित की जाती है। इसके तहत धारणीय विमानन, कार्बन तटस्थता को प्रोत्साहित करने और हवाई अड्डों पर हरित ऊर्जा को अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। नागर विमानन मंत्रालय जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) के सिद्धांतों और प्रावधानों का पालन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के सहयोग से विमानन क्षेत्र को सतत् बनाने के लिये प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2016 के तहत MoCA इस लक्ष्य को हासिल करने हेतु प्रयासरत है, इसका उद्देश्य भारतीय विमानन क्षेत्र में CO2 उत्सर्जन को सीमित करना है।

केंद्र के अनिवार्य स्वास्थ्य व्यय का सकारात्मक प्रभाव

स्टडी इन पब्लिक हेल्थ फॉर ऑल जर्नल में 15 वर्षों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से स्वास्थ्य पर केंद्र के अनिवार्य खर्च के सकारात्मक प्रभाव का पता चलता है।

  • NHM ने फंडिंग को केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुपालन से जोड़ा, जिससे राज्यों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में अधिक निवेश करने के लिये प्रोत्साहित किया गया।
  • NHM के सशर्त आवंटन के कारण राज्यों के स्वास्थ्य बजट में आवंटन बढ़ा।
  • स्वास्थ्य के लिये राज्य के कुल बजट का 8% का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है।
  • NHM के प्रयासों से शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई और राज्यों में प्रति व्यक्ति सार्वजनिक खर्च में असमानता कम हुई।
  • अध्ययन अनुशंसा करता है कि राज्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण के लिये ठोस योजनाएँ विकसित करें।
  • केंद्र से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल खर्चों का अनुमान लगाने के लिये स्वास्थ्य प्रणाली लागत का एक राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने का आग्रह किया गया है।
  • स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिये यथार्थ लागत अनुमान और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल हस्तक्षेपों के माध्यम से प्राप्त गुणवत्ता-समायोजित जीवन वर्ष (QALY) की प्रतिवर्ष लागत का आकलन करना प्रगति के लिये महत्त्वपूर्ण है।

और पढ़ें… राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)

भारत में घरेलू बाज़ार की स्थिरता हेतु गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध 

भारत सरकार ने कुछ चल रहे शिपमेंट को छोड़कर, गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है।

  • चावल की इस किस्म का देश के कुल चावल निर्यात में 25% हिस्सा था।
  • यह कदम वर्ष 2022 में घरेलू चावल की कीमतों में 11.5% की वृद्धि और 2022-23 के दौरान इस चावल की किस्म के निर्यात में 35% की वृद्धि के जवाब में उठाया गया।
    • मंत्रालय ने निर्यात में इस उछाल के लिये विभिन्न कारकों को ज़िम्मेदार ठहराया, जिनमें भू-राजनीतिक परिदृश्यों से प्रेरित उच्च अंतर्राष्ट्रीय कीमतें, अल नीनो प्रभाव और अन्य चावल उत्पादक देशों में चरम जलवायु परिस्थितियाँ शामिल हैं।
  • प्रतिबंध का उद्देश्य घरेलू बाज़ार को स्थिर करना और भारतीय उपभोक्ताओं के लिये गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जबकि बासमती चावल एवं गैर-बासमती उबले चावल के लिये निर्यात नीतियाँ अपरिवर्तित रहेंगी।

और पढ़ें…बासमती चावल, अल नीनो, चरम जलवायु परिस्थितियाँ

सुंदरबन में जहाज़ों से नदी के कटाव का खतरा

सुंदरवन, एक कमज़ोर पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें मनुष्यों और वन्यजीवों द्वारा साझा किये जाने वाले सम्मिलित लगभग 100 द्वीपों को खतरों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आरोप लग रहे हैं कि भारतीय विद्युत संयंत्रों से बांग्लादेश तक फ्लाई ऐश ले जाने वाले जहाज़ नदी के किनारों पर कटाव का कारण बन रहे हैं।  

  • भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के दावों का खंडन करता है,  जबकि स्थानीय लोग बसे हुए द्वीपों के पास कटाव में वृद्धि की रिपोर्ट करते हैं।
  • आर्थिक हितों तथा संरक्षण को संतुलित करना महत्त्वपूर्ण हो जाता है, जिससे अधिकारियों को सुंदरबन के अनूठे पर्यावरण पर नौका यातायात के प्रभाव का आकलन करने के साथ भविष्य में इसकी रक्षा करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

और पढ़ें… सुंदरवन, भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, फ्लाई ऐश


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