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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 20 Oct, 2020
  • 23 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 20 अक्तूबर, 2020

ओसीरिस-रेक्स

OSIRIS-REx

ओसीरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) नामक नासा का एक मिशन जल्द ही एक क्षुद्रग्रह की सतह का अन्वेषण करेगा और विखंडित चट्टानों के नमूने इकट्ठा करेगा।

OSIRIS-REx

प्रमुख बिंदु: 

  • ओसीरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला क्षुद्रग्रह ‘सैम्पल रिटर्न मिशन’ (Sample Return Mission) है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक अध्ययन के लिये क्षुद्रग्रह से प्राचीन अनछुए नमूनों को इकट्ठा कर उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है।

क्षुद्रग्रह बेन्नू (Bennu):

  • अंतरिक्षयान 63000 मील प्रति घंटे की गति से अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे क्षुद्रग्रह बेन्नू (Bennu) की सतह को छूने का प्रयास करेगा।
    • बेन्नू एक क्षुद्र ग्रह है जिसे ‘1999 RQ36’ के नाम से भी जाना जाता है।
    • मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के मध्य सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे-छोटे पिंडों को क्षुद्र ग्रह कहा जाता है।
    • अनियमित आकार वाले ये क्षुद्र ग्रह सूर्य की परिक्रमा दीर्घवृत्तीय कक्षा में करते हैं।

टच-एंड-गो सैंपल एक्विजिशन मैकेनिज़्म (TAGSAM):

  • अंतरिक्षयान ‘टच-एंड-गो सैंपल एक्विजिशन मैकेनिज़्म’ (TAGSAM) नामक एक 11 फुट लंबे रोबोटिक आर्म के माध्यम से क्षुद्रग्रह के विखंडित मलबे के कम-से-कम दो औंस (Ounces) को एकत्र करने में लगभग 10 सेकंड खर्च करेगा।

ओसीरिस-रेक्स (OSIRIS-REx):

  • 8 सितंबर, 2016 को नासा द्वारा फ्लोरिडा के केप केनेवरल एयरफोर्स स्टेशन से अंतरिक्षयान ओसीरिस-रेक्स (Osiris-REx) को एटलस-U रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
  • ओसीरिस-रेक्स (Osiris-REx) का पूरा नाम-ओरिजिंस, स्पेक्ट्रल इंटरप्रीटेशन, रिसोर्स आईडेंटीफिकेशन, सिक्योरिटी-रेगोलिथ एक्सफ्लोरर एस्टेरॉयड सैंपल रिटर्न मिशन है।

महत्त्व:

  • क्षुद्रग्रह उन शुरुआती सामग्रियों का अवशेष है जिन्होंने हमारे सौरमंडल का गठन किया था और इस तरह के नमूने का अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को सौर प्रणाली की उत्पत्ति के बारे में मौलिक प्रश्नों के जवाब मिल सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त 2100 के दशक के अंत में बेन्नू द्वारा पृथ्वी को प्रभावित करने के संभावित जोखिम के मद्देनज़र ऐसे तरीकों की खोज करना है ताकि आपसी टक्कर से बचा जा सके।
  • संसाधन की पहचान (Resource Identification):
    • इस मिशन का सबसे महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य संसाधनों की पहचान करना है। अर्थात् अनिवार्य रूप से अन्य चीजों के अलावा रॉकेट ईंधन के उत्पादन के लिये क्षुद्रग्रह पर खनन क्षमता के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु बेन्नू के रासायनिक गुणों का मानचित्रण करना।


आयुष्मान सहकार योजना

AYUSHMAN SAHAKAR Scheme 

19 अक्तूबर, 2020 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत शीर्ष स्वायत्त विकास वित्त संस्थान राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation- NCDC) ने सहकारी समितियों द्वारा देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये आयुष्मान सहकार योजना (AYUSHMAN SAHAKAR Scheme) की शुरुआत की है।

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प्रमुख बिंदु:

  • इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिये सहकारी समितियों को कुल 10,000 करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। 
    • ध्यातव्य है कि ‘आयुष्मान सहकार योजना’ की अवधारणा मुख्य तौर पर केरल मॉडल पर आधारित है, जहाँ सहकारी समितियों ने केरल के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 और आयुष्मान सहकार योजना:

  • NCDC की यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 (National Health Policy- 2017) पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही अपने सभी आयामों में स्वास्थ्य प्रणालियों को आकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश, स्वास्थ्य सेवाओं के संस्थान, प्रौद्योगिकियों तक पहुँच, मानव संसाधन विकास, किसानों को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ इत्यादि को सम्मिलित करती है।
    • इसमें अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, पैरामेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा एवं समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों जैसे घटकों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है।
  • स्वास्थ्य देखभाल संबंधी गतिविधियों को शुरू करने के लिये अपने उपनियमों में उपयुक्त प्रावधान के साथ कोई भी सहकारी समिति NCDC निधि तक पहुँच प्राप्त करने में सक्षम होगी।
    • NCDC के तहत सहायता राज्य सरकारों/केंद्रशासित क्षेत्रों के प्रशासनों के माध्यम से या योग्य सहकारिताओं को प्रत्यक्ष रूप से प्रदान की जाएगी। अन्य स्रोतों से सब्सिडी/अनुदान का लाभ उठाया जा सकता है।

आयुष्मान सहकार योजना में शामिल स्वास्थ्य प्रणाली:  

  • आयुष्मान सहकार योजना में अस्पताल के निर्माण, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, नवीनीकरण, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के बुनियादी ढाँचे के साथ निम्नलिखित को सम्मिलित किया गया है।
  • योग कल्याण केंद्र
  • आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी अन्य पारंपरिक चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र
  • बुजुर्गों के लिये स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ
  • उपशामक देखभाल सेवाएँ
  • विकलांग व्यक्तियों के लिये स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ
  • मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ
  • आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ और आघात केंद्र
  • फिजियोथेरेपी सेंटर
  • मोबाइल क्लिनिक सेवाएँ
  • हेल्थ क्लब और जिम
  • आयुष फार्मास्युटिकल विनिर्माण
  • औषधि परीक्षण प्रयोगशाला
  • डेंटल केयर सेंटर
  • नेत्र देखभाल केंद्र
  • प्रयोगशाला सेवाएँ
  • डायग्नोस्टिक्स (निदान) सेवाएँ
  • ब्लड बैंक/ रक्ताधान सेवाएँ
  • अस्पताल/मेडिकल/आयुष/दंत चिकित्सा/नर्सिंग/फार्मेसी/पैरामेडिकल/ फिजियोथेरेपी कॉलेजों में स्नातक या स्नातकोत्तर कार्यक्रम चलाने के लिये
  • टेलीमेडिसिन और दूरस्थ सहायक चिकित्सा प्रक्रिया
  • लाॅजिस्टिक, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा
  • डिजिटल स्वास्थ्य से संबंधित सूचना और संचार प्रौद्योगिकी
  • बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) द्वारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा
  • यूनानी चिकित्सा पद्धति की रेजिमेंटल थेरेपी,
  • मातृ एवं शिशु देखभाल सेवाएँ
  • प्रजनन और बाल स्वास्थ्य सेवाएँ
  • पंचकर्म/थोक्कनम/ क्षार सूत्र चिकित्सा केंद्र
  • यह योजना परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये कार्यशील पूंजी और मार्जिन मनी भी प्रदान करती है।
  • यह योजना महिलाओं की बहुमत वाली सहकारी समितियों को एक प्रतिशत का ब्याज सबवेंशन (Interest Subvention) प्रदान करती है।

लाभ:

  • भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के अनुरूप आयुष्मान सहकार योजना देश के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य अवसंरचना को मज़बूत करने में मदद करेगी। 
    • चूँकि ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की उपस्थिति काफी मज़बूत है, इसलिये इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यापक स्तर पर पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
    • भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए किसान कल्याण क्रियाकलापों को मज़बूत करने की दिशा में यह योजना सहायक सिद्ध होगी।


फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ क्लाउड इनोवेशन सेंटर

Frontier Technologies Cloud Innovation Center

19 अक्तूबर, 2020 को डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिये नीति आयोग (Niti Aayog) ने अमेज़न वेब सर्विसेज़ (Amazon Web Services- AWS) के साथ मिलकर ‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ क्लाउड इनोवेशन सेंटर’ (Frontier Technologies Cloud Innovation Center- CIC) की स्थापना की घोषणा की।

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प्रमुख बिंदु: 

  • यह भारत में एक नई तरह की शुरुआत है जिसकी मदद से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा और प्रशासन में उल्लेखनीय बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा।
  • ‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ क्लाउड इनोवेशन सेंटर’ (CIC), AWS CIC ग्लोबल प्रोग्राम (AWS CIC Global Program) का हिस्सा है जो सरकारी संस्थाओं, गैर-लाभकारी एजेंसियों और शिक्षण संस्थानों को उभरती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये नई तकनीक तक पहुँच सुनिश्चित करने, नए विचारों एवं नवाचारों को स्वरूप देने के लिये एक साथ एक मंच पर आने का अवसर प्रदान करती है।
  • भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के लिये नीति आयोग के मिशनों में मदद करने हेतु क्लाउड इनोवेशन सेंटर कार्यक्रम सार्वजनिक क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ एक साथ मिलकर कार्य करते हैं।
  • फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ क्लाउड इनोवेशन सेंटर (CIC) नवाचार एवं नव उद्यमों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा, साथ ही क्लाउड आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक, ब्लॉकचेन इत्यादि उभरती प्रौद्योगिकियों के माध्यम से डिजिटल नवाचार को गति मिलेगी।
  • यह केंद्र द्वारा संचालित परियोजनाओं की प्राथमिकताओं की पहचान करेगा और साथ ही  जटिल मुद्दों के समाधान के लिये राज्य एवं ज़िला स्तर पर विषय के स्थानीय विशेषज्ञों के साथ साझेदारी करेगा।
  • गौरतलब है कि ‘नीति आयोग फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ सीआईसी’ ने AWS के वैश्विक नेटवर्क के साथ साझेदारी की है जिसका विस्तार ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के सार्वजनिक क्षेत्र के क्लाउड इनोवेशन केंद्रों तक है।

अमेज़न वेब सर्विसेज़ (Amazon Web Services- AWS):

  • अमेज़न वेब सर्विसेज़ (AWS) का ‘क्लाउड इनोवेशन सेंटर’ (CIC) कार्यक्रम गैर-लाभकारी संस्थाओं, शिक्षा संस्थानों और सरकारी एजेंसियों को अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के साथ प्रमुख चुनौतियों के लिये सहयोग करने, अमेज़न की नवाचार प्रक्रिया के साथ नए विचारों की जाँच करने और AWS की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता तक पहुँचने का अवसर प्रदान करता है। 


साधना दर्रा

Sadhna Pass

नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिये अर्द्ध-सैनिक बल असम राइफल्स (Assam Rifles) की नौ राइफलवुमेन्स को जुलाई, 2020 में कुपवाड़ा-तंगधार राजमार्ग (Kupwara-Tangdhar Highway) पर साधना दर्रे (Sadhna Pass) पर तैनात किया गया था।

प्रमुख बिंदु:

  • वर्ष 2020 में केवल तंगधार क्षेत्र में 80 किलो नशीले पदार्थों [ज्यादातर ब्राउन शुगर (Brown Sugar) ड्रग] को ज़ब्त किया गया था।

ब्राउन शुगर (Brown Sugar) ड्रग:

  • ब्राउन शुगर एक सुक्रोज़ शुगर उत्पाद है जिसमें खांड/शीरा (Molasses) की उपस्थिति के कारण इसका एक विशिष्ट भूरा रंग होता है।
  • हेरोइन (Heroin) ड्रग मॉर्फिन (Drug Morphine) का एक अर्द्ध-सिंथेटिक व्युत्पन्न रूप  है। शुद्ध हेरोइन एक सफेद क्रिस्टलीय पाउडर है और इसे नशा करने वालों द्वारा 'सफेद चीनी' (White Sugar) के रूप में संदर्भित किया जाता है। 
  • जब हेरोइन की गुणवत्ता खराब होती है तो उसका रंग सफेद न होकर भूरा हो जाता है जिसके कारण इसे 'ब्राउन शुगर' (Brown Sugar) कहा जाता है।

साधना दर्रा (Sadhna Pass):

  • साधना दर्रा जम्मू और कश्मीर में एक पर्वतीय दर्रा है।
  • साधना दर्रे (Sadhna Pass) को पहले नास्ताचुन दर्रे (Nastachun Pass) के नाम से भी जाना जाता था। 
  • यह हिमालय में अवस्थित है और कुपवाड़ा ज़िले की करनाह (Karnah) तहसील को कश्मीर घाटी के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
  • यह विशाल शम्स ब्रि पर्वत शृंखला (Shams Bri Mountainous Range) में स्थित है।
  • यह समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, यह ज़िला मुख्यालय कुपवाड़ा से करनाह घाटी (Karnah Valley) को अलग करता है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 अक्तूबर, 2020

जैसिंडा अर्डर्न

न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) ने एक ऐतिहासिक चुनावी जीत हासिल की है। वर्ष 1996 में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की शुरुआत के बाद से पहली बार जैसिंडा अर्डर्न की लेबर पार्टी (Labour Party) ने न्यूज़ीलैंड में सबसे बड़ा बहुमत हासिल किया है। ध्यातव्य है कि जैसिंडा अर्डर्न को हालिया चुनावों में कोरोना वायरस महामारी के विरुद्ध उनकी सफलता का काफी लाभ प्राप्त हुआ है और इसी सफलता की बदौलत जैसिंडा अर्डर्न को कुल वोटों का 49 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ है। 40 वर्षीय जैसिंडा अर्डर्न वर्ष 2017 में न्यूज़ीलैंड की 40वीं प्रधानमंत्री बनी थीं और तभी से वे लेबर पार्टी का नेतृत्त्व भी कर रही हैं। 26 जुलाई, 1980 को न्यूज़ीलैंड के हैमिल्टन (Hamilton) शहर में जन्मी जैसिंडा अर्डर्न मात्र 18 वर्ष की उम्र में लेबर पार्टी में शामिल हो गई थीं और अपनी मेहनत तथा नेतृत्त्व क्षमता की बदौलत उन्होंने वर्ष 2008 में न्यूज़ीलैंड की संसद में प्रवेश किया। इससे पूर्व वे ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के लिये एक स्टाफ सदस्य के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में जैसिंडा अर्डर्न विश्व भर में प्रवासन जैसे मुद्दों के बारे में प्रगतिशील विचार रखने और बच्चों, महिलाओं तथा समलैंगिक के अधिकारों के बारे में मुखर होकर बोलने के लिये काफी प्रसिद्ध हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पैकेज में केंद्र सरकार ने विशेष अभियान चलाकर 2 लाख करोड़ रुपए की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी किये जाने की घोषणा की थी। अब इस दिशा में किये गए निरंतर प्रयास के चलते सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिये मछली पालकों और पशु पालकों समेत 1.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की उपलब्धि हासिल कर ली गई है। ध्यातव्य है कि जारी किये गए सभी किसान क्रेडिट कार्डों के लिये खर्च की कुल सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपए है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिये बिना किसी बाधा के समय पर ऋण उपलब्ध कराना था। भारत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को ब्याज पर 2 प्रतिशत की आर्थिक सहायता देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट दी जाती है। सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने से न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती भी मिलेगी और कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा। 

मल्‍टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क

केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असम में देश के पहले मल्‍टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (Multi-Modal Logistics Park) की आधारशिला रखी है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस मल्‍टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण तकरीबन 694 करोड़ रुपए की लागत से भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojna) के तहत किया जाएगा। असम के बोंगाईगांव (Bongaigaon) ज़िले में बनने वाले इस पार्क से असम और पूर्वोत्तर के अन्‍य हिस्‍सों को हवाई, सड़क, रेल तथा जलमार्ग के माध्‍यम से सीधा जोड़ा जाएगा। इस प्रकार इस परियोजना के माध्यम से तकरीबन 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत आर्थिक गलियारे, फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर, राष्ट्रीय कॉरीडोर, तटवर्ती सड़कें, बंदरगाह संपर्क सड़कें आदि का निर्माण किया जा रहा है।

चुनाव अभियान खर्च की सीमा में बढ़ोतरी

चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिये चुनाव खर्च की सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। ध्यातव्य है कि खर्च की सीमा में बढ़ोतरी से बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ एक लोकसभा और 59 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मदद मिलेगी। बीते माह निर्वाचन आयोग ने महामारी के कारण लागू किये गए प्रतिबंधों के बीच चुनाव प्रत्याशियों के लिये चुनाव प्रचार में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए महामारी के दौरान होने वाले सभी चुनावों के लिये खर्च की सीमा में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इस संबंध में विधि मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार को प्रचार के लिये अधिकतम खर्च 77 लाख रुपए हो सकता है, जबकि पहले यह राशि 70 लाख रुपए थी। वहीं अब विधानसभा चुनावों के दौरान प्रत्याशियों द्वारा 30.8 रुपए खर्च किये जा सकते हैं, जबकि पहले यह राशि 28 लाख रुपए थी।


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