प्रारंभिक परीक्षा
विश्व शासन संकेतक
हाल ही में विश्व बैंक द्वारा विश्व शासन संकेतक (WGI) जारी किये गए हैं।
- WGI किसी भी देश की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग तय करने में अहम भूमिका निभाता है। WGI मापदंडों में कम स्कोर के कारण भारत अपनी संप्रभु क्रेडिट रेटिंग खो रहा है।
विश्व शासन संकेतक (WGI):
- विश्व शासन संकेतक एक शोध डेटासेट है जो शासन की गुणवत्ता पर विकसित और विकासशील देशों के पर्याप्त संख्या में कॉर्पोरेट, नागरिक एवं विशेषज्ञों के सर्वेक्षण द्वारा उत्तरदाताओं की राय एकत्र करता है।
- विश्व शासन संकेतक: यह एक निश्चित मानदंड के आधार पर 215 देशों और क्षेत्रों का आकलन करता है।
- अभिव्यक्ति और ज़वाबदेही
- राजनीतिक स्थिरता और हिंसा की अनुपस्थिति
- सरकारी प्रभावशीलता
- नियामक गुणवत्ता
- कानून का शासन
- भ्रष्टाचार नियंत्रण
- भारत का WGI स्कोर सभी छह संकेतकों पर BBB माध्यिका से काफी नीचे है।
- जबकि BBB, S&P और फिच जैसी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा जारी एक निवेश-ग्रेड रेटिंग है।
- BBB माध्यिका के नीचे एक WGI स्कोर यह सुझाव देगा कि जब देशों के स्कोर को अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो भारत मध्य से नीचे आता है।
- विभिन्न रिपोर्ट जिन पर भारत की WGI रैंकिंग आधारित है-
- इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट
- लोकतांत्रिक प्रकृति की परियोजनाएँ
- आर्थिक स्वतंत्रता का हेरिटेज़ फाउंडेशन सूचकांक
- फ्रीडम हाउस रिपोर्ट
WGI से जुड़े महत्त्वपूर्ण परिणाम:
- भारत की संप्रभु साख रेटिंग के बिगड़ने से इसकी वैश्विक स्तर पर साख खराब हो रही है।
- भारत के ऋण बाज़ार में निवेश जोखिम भरा होगा।
- इसमें राजनीतिक जोखिम भी शामिल है तथा निवेशकों को आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
भारत की WGI रैंक को अत्यधिक प्रभावित करने वाली प्रमुख घटनाएंँ:
- वर्ष 2017 से वर्ष 2019 तक कश्मीर आंशिक रूप से मुक्त था, लेकिन वर्ष 2020 में इसकी स्वतंत्रता पर फिर से अंकुश लगा दिया गया। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित अंक प्रदान किये गए:
- राजनीतिक अधिकार: 40 में से 8
- नागरिक स्वतंत्रताएँ: 60 में से 20
- कुल स्कोर: 110 में से 28
- अमेरिकी विदेश विभाग ने निम्नलिखित का उल्लेख किया:
- कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न: कार्यकर्ताओं, वकीलों, मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों को सताया तथा परेशान किया गया है।
- राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून: इनका उपयोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिये किया जाता है।
- विदेशी फंडिंग विनियमों का दुरुपयोग: सरकारी नीतियों या व्यवहार की आलोचना करने वाले गैर-सरकारी संगठनों को लक्षित करने हेतु विनियमों का प्रायः दुरुपयोग किया जाता था।
- आर्थिक खुफिया इकाई (ईआईयू) के अनुसार, ईआईयू लोकतंत्र सूचकांक में भारत की रैंक 2014 में 27 से गिरकर 2019 में 51 हो गई।
आर्थिक खुफिया इकाई:
- आर्थिक खुफिया इकाई द इकोनॉमिस्ट ग्रुप का शोध और विश्लेषण प्रभाग है।
- यह 1946 में स्थापित किया गया था इसका मूल उद्देश्य व्यवसायों, वित्तीय फर्मों और सरकारों को हमेशा बदलते वैश्विक परिदृश्य को नेविगेट करने में मदद करना है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 मई, 2022
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों में उच्च रक्तचाप के संदर्भ में जागरूकता पैदा करना और इसकी गंभीरता को देखते हुए लोगों को इसे नियंत्रित करने के लिये प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2022 के लिये विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम ‘अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहें’ (Measure your blood pressure accurately, control it, live longer) है। विदित हो कि शरीर में ऑक्सीजन और ऊर्जा के प्रवाह के लिये रक्त शोधन करना ह्रदय का प्रमुख कार्य है और धमनियों के ज़रिये रक्त के प्रवाह के लिये दबाव की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। यदि रक्त प्रवाह का दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो यह धमनियों की दीवार पर अतिरिक्त तनाव डालता है। इसे हाई ब्लडप्रेशर या हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पूर्वी भूमध्य क्षेत्र में प्रत्येक पाँच में से दो वयस्क उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। उच्च रक्तचाप दुनिया भर में असामयिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। उच्च रक्तचाप की गंभीरता को देखते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ (Silent Killer) भी कहा जाता है।
वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस
वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस हर वर्ष मई के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है, इस दिन का उद्देश्य लोगों को दुनिया के 1.2 बिलियन दिव्यांगों के लिये डिजिटल (वेब, सॉफ़्टवेयर, मोबाइल आदि) सुगम्यता और समावेश के बारे में बात करने, सोचने और सीखने हेतु प्रेरित करना है। ‘वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस-2022’ विभिन्न दिव्यांग लोगों के लिये ‘वेब’ सुगम्यता पर बातचीत को सुविधाजनक बनाने का अवसर प्रदान करता है। वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस पहली बार वर्ष 2012 में एक ब्लॉग पोस्ट के प्रकाशन के कारण मनाया गया था, जिसे 27 नवंबर, 2011 को वेब डेवलपर ‘जो डेवॉन’ ने लिखा था, जिन्होंने इस बारे में बताया था कि वेबसाइट बनाते समय आवश्यक महत्त्वपूर्ण चीज़ों की सूची के मामले में सुगम्यता कितनी कम थी। डिजिटल सेवाओं तक पहुंँच के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की प्रतिबद्धता वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस-2022 का लक्ष्य है। यह दिन दिव्यांगों तक डिजिटल पहुंँच प्रदान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने महिलाओं से संबंधित मुद्दों और मीडिया में महिलाओं के चित्रण पर ध्यान केंद्रित करने के लिये 18 मई, 2022 को 'मीडिया कर्मियों हेतु क्षमता निर्माण एवं संवेदीकरण कार्यक्रम' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को तीन तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया था; 'मीडिया संचालन और सामग्री में मीडिया के लिये लिंग-संवेदनशील संकेतक', 'महिला मीडिया पेशेवरों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ’ तथा 'महिलाओं के सशक्तीकरण में मीडिया की भूमिका'। 31 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय महिला आयोग का 30वांँ स्थापना दिवस मनाया गया। भारत में महिलाओं की स्थिति पर गठित समिति (CSWI) ने लगभग पाँच दशक पहले शिकायतों के निवारण एवं महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास में तीव्रता लाने हेतु निगरानी के लिये ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ की स्थापना की सिफारिश की थी। राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। आयोग का गठन 31 जनवरी, 1992 को ‘जयंती पटनायक’ की अध्यक्षता में किया गया था। आयोग में एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव और पाँच अन्य सदस्य होते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष को केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है। वर्तमान में सुश्री रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष हैं।