इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Mar, 2020
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 19 मार्च, 2020

लघु कृषक कृषि व्यापार संघ 

Small Farmers Agribusiness Consortium

हाल ही में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority- APEDA) ने लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (Small Farmers Agribusiness Consortium- SFAC) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

मुख्य बिंदु:

  • किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organizations-FPOs) थोक दरों पर बड़ी मात्रा में आवश्यक सामग्री की खरीददारी, विपणन लागत घटाने के लिये उत्पाद एवं परिवहन के एकीकरण तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं दूर-दराज के बाजारों तक उनकी पहुँच का विस्तार करके उत्पाद की लागत घटाने के लिये छोटे किसानों की मदद करने वाला एक संस्थागत नवाचार है। इस नीति का उद्देश्य लघु कृषक कृषि व्यापार संघ और राज्य स्तर संगठनों के माध्यम से एफपीओ के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करना है।
  • इस समझौते के तहत SFAC बड़े पैमाने पर निर्यात को बढ़ावा देने एवं एकीकरण करने के लिये एपीडा के साथ विभिन्न राज्यों में स्थित कृषि क्लस्टरों की सूची साझा करेगा। 
  • APEDA और SFAC किसानों की आय दोगुनी करने के लिये निर्यातकों के साथ FPOs/FPCs को जोड़ने के लिये मिलकर काम करेंगे। 
  • समय-समय पर पहचान किये गए विभिन्न माध्यमों के द्वारा एफपीओ क्षेत्र के हितधारकों द्वारा भारतीय एवं वैश्विक बाजार, उत्पाद प्रौद्योगिकियों, प्रक्रियाओं, ज्ञान एवं सेवाओं का मिलकर प्रदर्शन करेंगे।
  • APEDA, किसान उत्पादक कंपनियों (Farmer Producer Companies- FPCs) द्वारा सहायता प्राप्त या SFAC द्वारा पहचान किये गए जैविक उत्पादों/क्षेत्रों के प्रमाणीकरण में सुविधा प्रदान करेगा।
  • पूर्वोत्तर भारत में कृषि व्यापार संवर्द्धन इकाई की पहुँच विकसित करना और पूर्वोत्तर भारत के FPO को परामर्श देना।

लघु कृषक कृषि व्यापार संघ

(Small Farmers Agribusiness Consortium- SFAC): 

  • यह लघु और सीमांत किसानों को किसान हित समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों और किसान उत्पादक कंपनियों को संगठित करने के लिये एक अग्रणी संघ है। 
  • यह छोटे एवं लघु किसानों तक कृषि निवेशकों की पहुँच और सस्ती दर पर उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिये एक मंच उपलब्ध कराता है। इसे दिल्ली किसान मंडी और राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को ई-प्लेटफॉर्म पर लागू करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। 
  • यह किसानों को मुक्त कृषि व्यापार के साथ-साथ उचित मूल्य प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध कराता हैं। वर्तमान में SFAC के साथ लगभग 1000 FPOs/FPCs पंजीकृत हैं।

ओपन मार्केट ऑपरेशन  

Open Market Operations 

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदकर बैंकिंग प्रणाली की तरलता को बढ़ाने के लिये 10,000 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक कई मूल्य पद्धति का उपयोग करके एक बहु-सुरक्षा नीलामी के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों के खरीद के लिये 20 मार्च, 2020 को ओपन मार्केट का संचालन करेगा।
  • इस प्रक्रिया के तहत COVID-19 महामारी से जोखिमों के बढ़ने के कारण वित्तीय बाजार खंडों में वित्तीय स्थितियों को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। जिससे सभी बाज़ार खंडों में तरलता एवं स्थिरता की स्थिति बनी रहे और वे सामान्य रूप से कार्य करते रहें। 

ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO):  

  • ओपन मार्केट ऑपरेशंस भारतीय रिज़र्व बैंक या किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेज़री बिलों की बिक्री एवं खरीद प्रक्रिया है। 

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को विनियमित करना है।

अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति और ओपन मार्केट ऑपरेशन: 

  • जब RBI अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को बढ़ाना चाहता है तो वह बाजार से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करता है और वित्तीय प्रणाली में तरलता को कम करने के लिये सरकारी प्रतिभूतियों को बेचता है।
  • RBI लोगों से प्रत्यक्ष रूप न जुड़कर वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से ओपन मार्केट का संचालन करता है।
  • ओपन मार्केट ऑपरेशन एक उपकरण है जिसके माध्यम से RBI किसी वर्ष के दौरान तरलता की स्थिति को बनाये रखता है और ब्याज दर एवं मुद्रास्फीति की दर पर इसके प्रभाव को कम करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता

Presidency of UN Security Council

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council-UNSC) के सदस्यों के बीच एकजुटता एवं सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ चीन ने मार्च 2020 के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद ग्रहण किया है।

मुख्य बिंदु:

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता प्रत्येक महीने अपने सदस्यों के बीच अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के अनुसार बदलती रहती है। वियतनाम ने जनवरी 2020 में तथा बेल्जियम ने फरवरी 2020 में इसकी अध्यक्षता की थी।
  • जबकि मार्च 2020 में चीन के बाद इसकी अध्यक्षता अप्रैल 2020 में डोमिनिकन गणराज्य (Dominican Republic) को मिलेगी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

(UN Security Council-UNSC):

  • UNSC, संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई है, जिसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वर्ष 1945 में हुआ था।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह  संयुक्त राष्ट्र का एकमात्र निकाय है जिसके पास सदस्य राष्ट्रों को बाध्यकारी संकल्प पत्र जारी करने का अधिकार है।
  • सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन को 7 दशक पहले केवल एक युद्ध जीतने के आधार पर परिषद के किसी भी प्रस्ताव या निर्णय पर वीटो का विशेषाधिकार प्राप्त है।
  • गौरतलब है कि इन स्थायी सदस्य देशों के अलावा 10 अन्य देशों को दो वर्ष के लिये अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ में सदस्य देशों की संख्या 193 है। 
  • अस्थायी सदस्य देशों को चुनने का उद्देश्य सुरक्षा परिषद में क्षेत्रीय संतुलन कायम करना है। अस्थायी सदस्यता के लिये सदस्य देशों द्वारा चुनाव किया जाता है। इसमें पाँच सदस्य एशियाई या अफ्रीकी देशों से, दो दक्षिण अमेरिकी देशों से, एक पूर्वी यूरोप से और दो पश्चिमी यूरोप या अन्य क्षेत्रों से चुने जाते हैं।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना

Rashtriya Vayoshri Yojana

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (The Department of Social Justice and Empowerment) ने राष्ट्रीय वयोश्री योजना (Rashtriya Vayoshri Yojana) का शुभारंभ आंध्रप्रदेश के नेल्लौर ज़िले से 1 अप्रैल, 2017 को किया था।

उद्देश्य:

  • इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से संबद्ध वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता एवं जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरण प्रदान करना है। 

इस योजना की मुख्य विशेषताएँ:

  • इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरणों को शिविरों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। ये सहायक उपकरण उच्च गुणवत्ता से युक्त हैं और इन उपकरणों को भारत मानक ब्यूरो द्वारा तय मापदंडों के अनुसार तैयार किया गया है। 
  • यह सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय योजना है। राष्ट्रीय वयोश्री योजना पूरी तरह से वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (Senior Citizens Welfare Fund- SCWF) से वित्त पोषित है।
  • राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत अब तक देश भर में कुल 138 कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित किये जा चुके हैं।
  • इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक लगभग 44806 लोगों को लाभ पहुँचाया जा चुका है। 

कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (Artificial Limbs Manufacturing Corporation) और राष्ट्रीय वयोश्री योजना:

  • इस योजना को कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (Artificial Limbs Manufacturing Corporation- ALIMCO) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जो भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है। 
  • कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम की स्थापना वर्ष 1972 में की गई थी और इसका मुख्यालय कानपुर (उत्तरप्रदेश) में है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2