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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 Sep, 2021
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 18 सितंबर, 2021

SPIN योजना : KVIC 

(SPIN Scheme: KVIC)

हाल ही में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने कुम्हारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये SPIN (Strengthening the Potential of India- भारत की क्षमता को मज़बूत करना) योजना शुरू की है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग

  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कार्य करता है। 2017-18 में इसने हनी मिशन कार्यक्रम शुरू किया। हाल ही में इसने राजस्थान के उदयपुर में निचला मांडवा (Nichla Mandwa) गाँव से "सूखे भू-क्षेत्र पर बाँस मरु-उद्यान" (BOLD) नामक एक परियोजना शुरू की।

प्रमुख बिंदु

  • SPIN योजना:
    • SPIN के बारे में: 
      • SPIN के तहत KVIC कुम्हारों को बैंकों से आसान ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा जो कुम्हारों को उनकी गतिविधियों में विविधता लाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा।
    • उद्देश्य: 
      • इसका उद्देश्य स्थानीय स्वरोज़गार का निर्माण करके सतत् विकास करना है जो प्रधानमंत्री की "हर हाथ से नौकरी" (हर हाथ में काम) की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
    • विशेषताएँ:
      • यह एक नो-सब्सिडी कार्यक्रम है।
      • KVIC कुम्हारों को प्रधानमंत्री शिशु मुद्रा योजना के तहत बैंक ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
      • राजकोष पर कोई वित्तीय बोझ नहीं।
      • लाभार्थी आसान किश्तों में ऋण का भुगतान कर सकते हैं।
    • महत्त्व:
      • यह सरकारी सब्सिडी पर उनकी निर्भरता को कम करेगा और इस प्रकार कुम्हारों को आत्मनिर्भर बनाएगा।
    • अन्य संबंधित योजनाएँ:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:

  • इसे सरकार द्वारा 2015 में गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करने के लिये लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत ऋण संपार्श्विक मुक्त ऋण हैं।
  • इसके तहत लाभार्थी सूक्ष्म इकाई की विकास और वित्तपोषण आवश्यकताओं के अनुसार तीन उत्पाद बनाए गए हैं, अर्थात् 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण'।
    • शिशु: 50,000 रुपए तक के ऋण को कवर किया जाता है।
    • किशोर: 50,000 रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक के ऋण को कवर किया जाता है।
    • तरुण: 5 लाख रुपए से अधिक और 10 लाख रुपए तक के ऋण को कवर किया जाता है।

सनस्क्रीन में प्रयुक्त विषाक्त ‘3Os’

(Toxic 3 Os Used in Sunscreen)

हाल ही में कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं ने ‘अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन’ (FDA) को सनस्क्रीन में इस्तेमाल होने वाले जहरीले ‘3Os’ (ऑक्सीबेनज़ोन, ऑक्टिनॉक्सेट और ऑक्टोक्रिलीन) को पुनःवर्गीकृत करने हेतु एक याचिका दायर की है।

  • याचिकाकर्त्ताओं की माँग है कि इन रसायनों को ‘नॉट जनरली रिकग्नाइज़ एज़ सेफ एंड इफेक्टिव’ (यानी ‘GRASE’ श्रेणी-II) में स्थानांतरित कर दिया जाए।

प्रमुख बिंदु

  • विषाक्त ‘3Os’
    • ऑक्सीबेनज़ोन (OBZ), एवोबेंजोन (AVB), ऑक्टोक्रिलीन (OCR) और ऑक्टिनॉक्सेट (OMC) एक प्रकार के अल्ट्रावायलेट (UV) फिल्टर हैं, जिन्हें प्रायः रासायनिक सनस्क्रीन में प्रयोग किया जाता हैं।
    • ये यूवी फिल्टर सीवेज डिस्चार्ज सहित विभिन्न मानवजनित स्रोतों के माध्यम से पर्यावरण को व्यापक रूप से दूषित करते हैं।
  • संबंधित चिंताएँ:
    • 3Os सभी सनस्क्रीन के दो-तिहाई से अधिक में मौजूद सक्रिय तत्व हैं और वे सार्वजनिक स्वास्थ्य, समुद्री जीवन और प्रवाल भित्तियों के लिये खतरा उत्पन्न करते हैं।
    • सनस्क्रीन में मौजूदा ऑक्टोक्रिलीन, बेंजोफेनोन के रूप में निम्नीकृत हो जाता है।
      • बेंज़ोफेनोन (Benzophenone) एक कार्सिनोजेन/कैंसरकारी पदार्थ है, जो प्रमुख हार्मोन्स और प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकता है।
    • 3Os मानव कोशिका क्षति का कारण बनते हैं, जो कैंसर एवं एलर्जी हेतु उत्तरदायी हैं और हार्मोन को भी असंतुलित करते हैं। साथ ही यह दुग्धकोशिकाओं, रक्त और मूत्र में भी पाए जाते हैं।
    • ऑक्सीबेन्ज़ोन विशेष रूप से कोरल के लिये विषैला होता है।
      • जब यह अपशिष्ट, जल अपवाह के माध्यम से जल स्रोतों को दूषित करता है तो मानवीय स्वास्थ्य के साथ ही यह कोरल ब्लीचिंग एवं 'ज़ोंबी' कोरल हेतु उत्तरदायी है।
      • ‘ज़ोंबी' कोरल का तात्पर्य कोरल या मूंगा की स्थिति से है जिसमें वह स्वस्थ तो दिखता है लेकिन प्रजनन करने में असमर्थ होता है।

Zinc-Oxide


अर्थशॉट पुरस्कार 2021

Earthshot Prize 2021

हाल ही में, 15 फाइनलिस्टों में से दो भारतीयों (विनिशा और विद्युत) को लंदन में आयोजित होने वाले पहले अर्थशॉट पुरस्कार 2021 के लिये चुना गया है।

  • तमिलनाडु की एक 14 वर्षीय स्कूली छात्रा द्वारा निर्मित सौर ऊर्जा से चलने वाली आयरनिंग कार्ट  (Solar-Powered Ironing Cart) और दिल्ली के उद्यमी की कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवधारणा का नाम फाइनल में है।

प्रमुख बिंदु 

  • अर्थशॉट पुरस्कार 2021 के बारे में:
    • यह पुरस्कार ब्रिटेन के प्रिंस विलियम द्वारा अक्तूबर 2020 में पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं के प्रेरक और नवीन समाधानों की खोज के लिये शुरू किया गया था।
    • अर्थशॉट पुरस्कार, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी (John F. Kennedy) द्वारा शुरू किये गए ‘मूनशॉट पुरस्कार’ से प्रेरित है जिसके परिणामस्वरूप यूएस अपोलो लूनर (US Apollo lunar) लॉन्च हुआ और वर्ष 1969 में चंद्रमा पर पहले व्यक्ति ने कदम रखा।
  • थीम: 
    • अर्थशॉट पुरस्कार पृथ्वी के लिये साधारण किंतु महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों में से पाँच ‘अर्थशॉट्स’  (Earthshots) के आसपास केंद्रित है जिनके लक्ष्य को यदि वर्ष 2030 तक हासिल कर लिया जाता है तो आने वाली पीढ़ियों के साथ-साथ वर्तमान पीढ़ी के जीवन में सुधार होगा।
  • पाँच ‘अर्थशॉट्स’  (Earthshots) निम्नलिखित हैं:
    • प्रकृति की रक्षा एवं पुनर्स्थापना।
    • स्वच्छ वायु।
    • महासागरों को पुनर्जीवित करना।
    • अपशिष्ट मुक्त दुनिया का निर्माण।
    • जलवायु को ठीक करना।
  • पुरस्कार समारोह
    • वर्ष 2021 से वर्ष 2030 के बीच प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के विभिन्न शहरों में एक पुरस्कार समारोह होगा, जिसमें 15 फाइनलिस्ट में से पाँच विजेताओं (प्रत्येक अर्थशॉट्स के लिये एक) का चयन किया जाएगा।
  • विजेताओं को लाभ:
    • पुरस्कारों के बाद, प्रत्येक विजेता को एक वैश्विक मंच और प्रतिष्ठित पार्श्वचित्र/प्रोफ़ाइल(Prestigious Profile) प्राप्त होगी, जिसमें उनकी कहानियों को इस महत्वाकांक्षा के साथ प्रदर्शित किया जाएगा कि उनके द्वारा प्रस्तुत समाधानों को बड़े पैमाने पर अपनाया जाएगा।
      • विजेता की सहमति के साथ पुरस्कार राशि में प्राप्त 1 मिलियन पाउंड राशि का उपयोग  पर्यावरण और संरक्षण परियोजनाओं के समर्थन हेतु किया जाएगा।
  • पात्रता:
    • यह पुरस्कार व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, कार्यकर्त्ताओं, अर्थशास्त्रियों, सामुदायिक परियोजनाओं, नेताओं, सरकारों, बैंकों, व्यवसायों, शहरों एवं देशों की एक विस्तृत शृंखला को प्रदान किया जा सकता है जिन्होंने अर्थशॉट्स के समाधान में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • पुरस्कार प्रबंधन:
    • पुरस्कार परिषद के अलावा, अर्थशॉट पुरस्कार को इसके ग्लोबल अलायंस द्वारा समर्थित किया जाता है, जो दुनिया भर में संगठनों का एक नेटवर्क है जो पृथ्वी की पुनर्बहाली के लिये पुरस्कार की महत्वाकांक्षा को साझा करता है।

112 आकांक्षी ज़िलों को निशुल्क शिक्षा

Free Education to 112 Aspirational Districts

हाल ही में नीति आयोग ने भारत के 112 आकांक्षी ज़िलों के बच्चों को तकनीक-संचालित शिक्षण कार्यक्रमों तक निशुल्क पहुँच प्रदान करने के लिये BYJU'S (एक एडुटेक दिग्गज) के साथ एक पहल शुरू की।

प्रमुख बिंदु 

  • 112 'एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स (AD)' के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6-12 के छात्रों को BYJU’S कंपनी के "प्रीमियम लर्निंग रिसोर्सेज" तक मुफ्त पहुँच मिलेगी।
    • AD ऐसे जिले हैं जो निम्न स्तर के सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं। वे इस संदर्भ में आकांक्षी हैं कि इन ज़िलों में सुधार से भारत में मानव विकास में समग्र सुधार हो सकता है।
  • BYJU'S इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिये आकाश इंस्टीट्यूट द्वारा प्रस्तावित कक्षा 11 और 12 के 3,000 से अधिक "मेधावी" छात्रों को "निशुल्क" कोचिंग कक्षाएँ भी प्रदान करेगा।
  • इसका उद्देश्य आकांक्षी ज़िलों के सरकारी स्कूलों में बच्चों को बिना किसी शुल्क के (बिना शुल्क या बहुत कम शुल्क के) पूरक शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराना है।
  • इसका उद्देश्य भारत में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में सुधार करना और शिक्षा में डिजिटल डिवाइड को कम करना है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 सितंबर, 2021

आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु भारत-इटली के बीच समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत तथा इटली गणराज्य के बीच समझौता-ज्ञापन को मंज़ूरी दी है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग संबंधी यह समझौता भारत की तरफ से ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDMA) और इटली गणराज्य के ’डिपार्टमेंट ऑफ सिविल प्रोटेक्शन ऑफ दी प्रेसीडेंसी ऑफ दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स’ के बीच किया गया है। इस समझौता-ज्ञापन के तहत एक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया जाएगा, जिससे भारत एवं इटली, दोनों देशों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण लाभ होगा। इसके तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की आपदा प्रबंधन प्रणालियों से लाभ प्राप्त करने और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तैयारी, प्रतिक्रिया एवं क्षमता निर्माण को मज़बूत करने में मदद मिलेगी। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिये शीर्ष वैधानिक निकाय है। इसका ओपचारिक रूप से गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत हुआ जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री और नौ अन्य सदस्य होते हैं और इनमें से एक सदस्य को उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त जाता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं में समन्वय स्थापित करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है।

शेफाली जुनेजा

शेफाली जुनेजा को ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (ICAO) की विमानन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। वह इस रणनीतिक समिति का नेतृत्त्व करने वाली पहली महिला हैं। भारत को यह दायित्त्व 12 वर्ष के अंतराल के बाद मिला है। शेफाली जुनेजा ने इससे पूर्व वर्ष 2012 से वर्ष 2019 तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने ‘एयर इंडिया समूह’ की कंपनियों जैसे एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर में निदेशक मंडल के रूप में भी काम किया है। शेफाली जुनेजा वर्ष 1992 बैच की ‘भारतीय राजस्व सेवा’ अधिकारी हैं, जिन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में शामिल होने से पूर्व एक सिविल सेवक के तौर पर सरकार में कई संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण कार्यों, अर्द्ध-न्यायिक पदों और प्रशासनिक तथा वित्तीय पदों पर कार्य किया है। यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 में राज्यों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के संचालन तथा प्रशासन के प्रबंधन हेतु की गई थी। इसका एक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की योजना एवं विकास को बढ़ावा देना है ताकि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन की सुरक्षित तथा व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस

महाराष्ट्र में प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस हैदराबाद के निज़ाम के भारतीय सैनिकों द्वारा पराजित होने के बाद मराठवाड़ा क्षेत्र के भारतीय संघ में विलय की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है। गौरतलब है कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई तो रियासतों को नव निर्मित राष्ट्रों- भारत और पाकिस्तान में से किसी एक में शामिल होने अथवा स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। कुछ ही समय में हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी कुछ रियासतों को छोड़कर अधिकांश रियासतों का भारतीय संघ में विलय हो गया। निज़ाम मीर उस्मान अली खान बहादुर के शासन में हैदराबाद ने स्वतंत्र रहने का निर्णय किया। भारतीय संघ की एकता के लिये किसी भी चुनौती को समाप्त करने हेतु भारत सरकार ने हैदराबाद रियासत को शामिल करने के लिये ‘ऑपरेशन पोलो’ की शुरुआत की, हैदराबाद की तत्कालीन रियासत में तेलंगाना, मराठवाड़ा और कर्नाटक के चार ज़िले शामिल थे। इस अभियान की शुरुआत के बाद 17 सितंबर, 1948 को निज़ाम की सेना के प्रमुख ‘अल इदरीस’ ने आत्मसमर्पण कर दिया। कुछ ही समय में निज़ाम ने भी आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया। 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस

दुनिया भर में रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति आम जनमानस की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने हेतु प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2019 में ‘रोगी सुरक्षा पर वैश्विक कार्रवाई’ पर संकल्प को अपनाकर 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ की स्थापना की थी। ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ रोगी सुरक्षा पर वार्षिक वैश्विक मंत्रिस्तरीय शिखर सम्मेलन की एक शृंखला की आधारशिला है जो वर्ष 2016 में लंदन में शुरू हुई थी। वर्ष 2021 में ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन ‘सुरक्षित मातृत्त्व एवं नवजात देखभाल’ विषय के साथ किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 810 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था एवं प्रसव संबंधी परिहार्य कारणों से हो जाती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य देखभाल की कमी के कारण प्रतिदिन पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 6700 शिशुओं की मृत्यु होती है, जो कि कुल मौतों का 47 प्रतिशत है। इस दिवस का लक्ष्य प्रसव एवं प्रसव के दौरान सभी महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को होने वाले अनावश्यक जोखिम एवं क्षति को कम करना है, साथ ही यह गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के प्रावधान की भी वकालत करता है।


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