प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 18 सितंबर, 2020
संयुक्त राज्य अमेरिका का ‘राष्ट्रीय हिस्पैनिक विरासत माह’
‘National Hispanic Heritage Month’ of USA
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय हिस्पैनिक विरासत माह (National Hispanic Heritage Month) की शुरुआत हुई। यह वार्षिक कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर से 15 अक्तूबर तक मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु:
- संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय हिस्पैनिक विरासत माह में उन अमेरिकी नागरिकों के इतिहास, संस्कृति एवं योगदान का सम्मान किया जाता है जिनके पूर्वज स्पेन, मैक्सिको, कैरिबियन और मध्य एवं दक्षिण अमेरिका से आए थे।
- इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1968 में अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन (Lyndon Johnson) द्वारा ‘हिस्पैनिक विरासत सप्ताह’ (Hispanic Heritage Week) के रूप में की गई थी।
- वर्ष 1988 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) द्वारा इस कार्यक्रम की अवधि को बढ़ाकर एक माह कर दिया गया था। वर्ष 1988 में ही इस कार्यक्रम को कानूनी रूप में मान्यता मिली।
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिस्पैनिक:
- हिस्पैनिक अमेरिकी (Hispanic Americans) वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका की कुल आबादी का पाँचवा हिस्सा है।
- इस समूह में अधिकांश लोग मैक्सिकन मूल के हैं, इसके बाद पोर्टो रीको (Puerto Rico) के हैं।
- इस समुदाय को हिस्पैनिक, लैटिनो या लैटिनएक्स के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि ये ‘शब्द’ लोगों की जाति/प्रजाति पर विचार किये बिना व्यक्ति की उत्पत्ति या संस्कृति को संदर्भित करते हैं।
महत्त्व:
- इस कार्यक्रम की शुरुआत सितंबर महीने के मध्य से होती है क्योंकि 15 सितंबर का दिन लैटिन अमेरिकी इतिहास के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
- उल्लेखनीय है कि 15 सितंबर, 1821 में कोस्टा रिका, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होंडुरास एवं निकारागुआ को स्पेन से स्वतंत्रता मिली थी।
- वर्ष 1810 में स्पेनिश शासन से 16 सितंबर एवं 18 सितंबर को क्रमशः मेक्सिको और चिली स्वतंत्र हुए थे।
- अमेरिकी महाद्वीप में स्थित एक राष्ट्र बेलीज़ (Belize) भी 21 सितंबर, 1981 को ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ।
- कोलंबस दिवस (Columbus Day) या दिया डे ला राज़ा (Día de la Raza), नामक एक सांस्कृतिक उत्सव जो 30 दिन तक मनाया जाता है, की शुरुआत 12 अक्तूबर से होती है।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojana
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees' State Insurance Corporation- ESIC) ने हाल में बेरोज़गार हुए ESIC लाभार्थी सदस्यों को विस्तारित अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojana) के अंतर्गत आवेदन के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि श्रम एवं रोज़गार मंत्री की अध्यक्षता में ESIC ने अटल बीमित कल्याण योजना का 1 जुलाई, 2020 से 30 जून, 2021 यानी 1 वर्ष के लिये और विस्तार करने का निर्णय किया है।
- COVID-19 महामारी के मद्देनज़र लॉकडाउन के कारण अपना रोज़गार गँवाने वालों का बेरोज़गारी राहत भत्ता भी बढ़ाकर 50% करने का फैसला किया गया है जो पहले 25% था।
- बेरोज़गारी राहत भत्ता प्राप्त करने की प्रक्रिया जो पहले जटिल थी, को भी आसान करने का निर्णय लिया गया है।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
(Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojana):
- अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का प्रारंभ 1 जुलाई, 2018 को किया गया था।
- इस योजना के तहत बीमित व्यक्तियों को बेरोज़गारी की दशा में नकद मुआवजा प्रदान किया जाता है।
- इस योजना का कार्यान्वयन ‘कर्मचारी राज्य बीमा निगम' (ESIC) द्वारा किया जा रहा है।
- वर्तमान में ESIC 3.49 करोड़ परिवारों को लाभ एवं सेवाएँ उपलब्ध करा रहा है और 13.56 करोड़ लाभार्थियों को नकद लाभ तथा सस्ती दर पर चिकित्सा देखभाल सेवाएँ उपलब्ध करा रहा है।
- इस योजना को प्रारंभ में दो वर्ष के लिये पायलट आधार पर शुरू किया गया था।
एकीकृत वस्त्र पार्क योजना
Scheme for Integrated Textile Park
भारत सरकार ‘एकीकृत वस्त्र पार्क योजना’ (Scheme for Integrated Textile Park- SITP) की शुरुआत कर रही है, यह योजना कपड़ा इकाइयों की स्थापना के लिये विश्व स्तरीय बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिये सहायता प्रदान करती है।
प्रमुख बिंदु:
- इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा परियोजना लागत का 40% तक का अनुदान दिया जाता है और कुछ विशेष राज्यों जैसे- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की पहली दो परियोजनाओं (प्रत्येक) के लिये परियोजना लागत का 90% तक का अनुदान देती है जिसमें प्रत्येक टेक्सटाइल पार्क के लिये 40 करोड़ रुपए की धनराशि सुनिश्चित की गई है।
- स्थानीय उद्योग, वित्तीय संस्थानों, राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना निगमों और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वे संगठन जो कंपनी अधिनियम के तहत एक कॉर्पोरेट निकाय के रूप में पंजीकृत हैं, के प्रतिनिधियों द्वारा गठित विशेष प्रयोज्य वाहन (SPV) अपने प्रस्ताव को सीधे मंत्रालय को विचारार्थ प्रस्तुत करेगा।
- इस प्रकार SITP एक मांग संचालित योजना है।
- इसके अतिरिक्त, कपड़ा मंत्रालय द्वारा मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव चर्चा के चरण में है।
- कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए कार्यक्रमों का विवरण और कपड़ा निर्माण श्रमिकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन को नीचे दर्शाया गया है:
- बुनाई और बुना हुआ कपड़ा क्षेत्र (Knitting and Knitwear Sector): बुनाई एवं बुना हुआ कपड़ा समूहों में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिये एक अलग योजना शुरू की है जो लुधियाना, कोलकाता एवं तिरुपुर में बुनाई एवं बुना हुआ कपड़ा क्लस्टर में उत्पादन बढ़ाती है।
- संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना (Amended Technology Up-gradation Fund Scheme- ATUFS): भारत सरकार वर्ष 2016-2022 के दौरान 17,822 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु कपड़ा उद्योग में प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना (ATUFS) लागू कर रही है।
- इससे वर्ष 2022 तक कपड़ा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और 35.62 लाख रोज़गार सृजित होने की संभावना है।
- राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (National Handicrafts Development Programme- NHDP) एवं व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजनाएँ (Comprehensive Handicraft Cluster Development Schemes) का उद्देश्य डिज़ाइन, प्रौद्योगिकी अपग्रेडेशन, बुनियादी ढाँचे के विकास, बाज़ार समर्थन आदि पर सहायता प्रदान करके एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से हस्तशिल्प समूहों का समग्र विकास करना है।
- पॉवरटेक्स इंडिया (PowerTex India): पावरलूम क्षेत्र के लिये एक व्यापक योजना जिसमें पावरलूम अपग्रेडेशन, बुनियादी ढाँचा निर्माण, ऋण के लिये रियायती पहुँच आदि से संबंधित घटक शामिल हैं।
- सिल्क समग्र (Silk Samagra): यह अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मूल संगठन एवं समन्वय, बाज़ार विकास, गुणवत्ता प्रमाणन एवं निर्यात के घटकों के साथ रेशम उद्योग के विकास के लिये एक एकीकृत योजना है।
- उत्तर-पूर्व क्षेत्र वस्त्र संवर्द्धन योजना (North East Region Textile Promotion Scheme- NERTPS): इस योजना का उद्देश्य कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे, क्षमता निर्माण एवं विपणन सहायता प्रदान करके पूर्वोत्तर क्षेत्र में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देना है।
सौर चक्र 25
Solar Cycle 25
15 सितंबर, 2020 को नासा (NASA) और ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Oceanic and Atmospheric Administration- NOAA) ने संयुक्त रूप से एक सहमति पत्र जारी किया जिसमें सौर चक्र 25 (Solar Cycle 25) के शुरू होने की घोषणा की गई।
प्रमुख बिंदु:
- हमारे सौर मंडल को विनियमित करने वाले तारे के रूप में सूर्य की गतिविधियाँ पृथ्वी एवं समग्र अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करती हैं।
सौर चक्र (Solar Cycle):
- पृथ्वी पर मौसम की तरह, सूर्य भी 11 वर्ष के चक्र का अनुसरण करता है जिस दौरान सौर गतिविधियों में सोलर मिनिमा (Solar Minima) और सोलर मैक्सिमा (Solar Maxima) के बीच उतार-चढ़ाव होता है।
- सूर्य पर पाए जाने वाले सूर्य धब्बों (Sunspots) की संख्या के आधार पर वैज्ञानिक इसे सौर मैक्सिमा (उच्चतम सूर्य धब्बे) या सौर मिनिमा (सबसे कम सूर्य धब्बे) कहते हैं।
- सूर्य धब्बे छोटे एवं गहरे होते हैं, ये सौर सतह पर ठंडे क्षेत्रों का निर्माण करते हैं जहाँ मज़बूत चुंबकीय बल विद्यमान होता है।
- ये सूर्य के उच्च अक्षांशों पर दिखाई देते हैं और बाद में सौर चक्र की प्रगति के साथ सूर्य के मध्य भाग की ओर खिसक जाते हैं।
- संक्षेप में जब सूर्य सक्रिय होता है तो कम सक्रिय चरण (Lesser Active Phase) के दौरान कम सूर्य धब्बों की तुलना में अधिक सूर्य धब्बे होते हैं।
- सोलर मिनिमा (Solar Minima) और सोलर मैक्सिमा (Solar Maxima) 11 वर्ष के चक्र में एक विशिष्ट अवधि नहीं है किंतु एक ऐसी अवधि है जो कुछ वर्षों तक रह सकती है।
सौर चक्र कैसे निर्धारित होते हैं?
- एक नया सौर चक्र तब शुरू होता है जब सूर्य अपने न्यूनतम संभव मिनिमा फेज़ (Lowest Possible Minima Phase) में पहुँच जाता है। जब भी सौर चक्र बदलता है सूर्य का चुंबकीय ध्रुव उल्टा हो जाता है।
- चूँकि सूर्य एक अत्यधिक परिवर्तनशील तारा है इसलिये सूर्य धब्बों के निर्माण एवं उनकी प्रगति के आँकड़ों पर कड़ी निगरानी की ज़रूरत होती है।
- छह से आठ महीने के डेटा की पुष्टि करने के लिये यह आवश्यक है कि क्या सूर्य एक मिनिमा फेज़ से गुजर चुका है।
- परंपरागत रूप से वर्ष 1755 के बाद से टेलीस्कोप का उपयोग सूर्य धब्बों को रिकॉर्ड करने के लिये किया गया था। किंतु हाल के दशकों में प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, उपग्रहों का उपयोग रियल टाइम सूर्य धब्बों के अवलोकन में किया जाता है।
- इस आधार पर वैज्ञानिकों ने सौर चक्र 24 (Solar Cycle 24) के समाप्त होने की घोषणा की जिसकी अवधि दिसंबर, 2008 से दिसंबर, 2019 तक थी।
- दो सौर चक्रों के बीच सूर्य की गतिविधियाँ के अपने न्यूनतम मिनिमा फेज़ तक पहुँचने के साथ अब नया सौर चक्र 25 (Solar Cycle 25) शुरू हो गया है।
सौर चक्रों 24 और 25 के बीच संक्रमण
(Transition between Solar Cycles 24 and 25):
- वर्ष 2019 और वर्ष 2020 की शुरुआत में सूर्य की गतिविधियाँ काफी कम थीं। वर्ष 2019 में अंतिम 281 दिनों के लिये और वर्ष 2020 में शुरुआती 181 दिनों के लिये कोई सूर्य धब्बे (Sunspots) नहीं थे।
- दिसंबर 2019 के बाद से सौर गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि हुई और नए सौर चक्र की शुरुआत की पुष्टि की गई।
- शोधकर्त्ताओं ने सौर चक्र 25 को एक कमज़ोर सौर चक्र बताया है जिसकी तीव्रता सौर चक्र 24 के ही समान है।
- यह औसत से भी नीचे का सौर चक्र है किंतु इसका मतलब यह नहीं है कि अंतरिक्ष में चरम सौर मौसम का कोई खतरा नहीं है। उग्र सौर विस्फोट कभी भी हो सकता है।
- वर्ष 1755 के बाद से सौर चक्र 24 तीव्रता में चौथा सबसे छोटा सौर चक्र था। अप्रैल, 2014 में यह चक्र जब अपने चरम पर था तब सौर धब्बों की सबसे अधिक संख्या 114 थी जबकि औसत संख्या 179 होनी चाहिये।
- पूर्वानुमान से पता चलता है कि जुलाई, 2025 में सौर चक्र 25 अपने चरम पर होगा और तब सौर धब्बों की संख्या लगभग 115 होगी।
पृथ्वी पर कौन-सी सौर गतिविधियाँ हमें प्रभावित करती हैं?
- सौर गतिविधियों में सौर फ्लेयर्स, सौर ऊर्जावान कण, उच्च गति वाली सौर हवा और कोरोनल मास इज़ेक्शंस (Coronal Mass Ejections- CME) शामिल हैं। ये अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करती हैं जो सूर्य से उत्पन्न होती हैं।
- 500 किमी./सेकंड की गति से यात्रा करने वाले कोरोनल मास इज़ेक्शंस (CME) पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर (Earth’s Magnetosphere) में गड़बड़ी पैदा करते हैं। जो पृथ्वी के आसपास सुरक्षा कवच का कार्य करता है।
- अंतरिक्ष यात्रा के दौरान यात्रियों को पृथ्वी के सुरक्षात्मक वातावरण के बाहर सौर विकिरण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ता है।
- सौर तूफान या फ्लायर आमतौर पर जीपीएस, रेडियो एवं उपग्रह संचार जैसे अंतरिक्ष-निर्भर संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त ये वायुयान संचालन, पावर ग्रिड एवं अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में भी बाधा उत्पन्न करते हैं।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 सितंबर, 2020
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के एक हिस्से के रूप में 861.90 करोड़ रुपए की लागत से नए संसद भवन के निर्माण के लिये बोली प्रक्रिया में जीत हासिल की है। ध्यातव्य है कि वर्ष 2019 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की परिकल्पना की गई थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है जो कि आकार में त्रिकोणीय होगा और वर्तमान संसद भवन के पास ही बनाया जाएगा। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ व साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और इसके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिये कार्यालयों का भी निर्माण किया जाएगा। दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट और अन्य राष्ट्रीय अभिलेखागार जिस क्षेत्र में स्थित हैं, उसे सामूहिक रूप से सेंट्रल विस्टा कहते हैं। इसकी लंबाई अनुमानतः 3.2 कि.मी है। इन भवनों के निर्माण का उत्तरदायित्व एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) व हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) को दिया गया।
टेको कोनिशी
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने टेको कोनीशी (Takeo Konishi) को भारत के लिये अपना नया कंट्री डायरेक्टर नियुक्त किया है। नई दिल्ली में भारत के कंट्री डायरेक्टर के तौर पर टेको कोनीशी भारत में सरकार और अन्य विकास सहयोगियों के साथ एशियाई विकास बैंक (ADB) की नीतियों के संचालन और संवाद का नेतृत्त्व करेंगे। ध्यातव्य है की टेको कोनिशी को एशियाई विकास बैंक (ADB) में कार्य करने का दो दशक से भी लंबा अनुभव है, जिसमें उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। एशियाई विकास बैंक (ADB) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को 31 सदस्यों के साथ की गई थी। ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है। वर्तमान में ADB में 68 सदस्य हैं, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हैं।
दरभंगा में नया एम्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के दरभंगा में एक नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences- AIIMS) की स्थापना को मंज़ूरी दी है। दरभंगा में बनाए जाने वाले इस नए एम्स (AIIMS) की लागत तकरीबन 1264 करोड़ रुपए होगी और इसका कार्य भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त करने की तारीख से चार वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा। इस नए एम्स की स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत की जाएगी। इस नए एम्स की स्थापना का मुख्य उद्देश्य दरभंगा क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा और अनुसंधान सुविधा प्रदान करना है। इसके अलावा इस नए एम्स की स्थापना से इस क्षेत्र में रोज़गार सृजन करने में भी मदद मिलेगी।