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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 Apr, 2022
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

विश्व धरोहर दिवस

प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों और धरोहरों के संरक्षण हेतु जागरूकता पैदा करने के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल दिवस’ (International Day for Monuments and Sites) अथवाविश्व धरोहर दिवस(World Heritage Day) का आयोजन किया जाता है।

  • वर्ष 2022 के लिये विश्व धरोहर दिवस की थीम “धरोहर और पर्यावरण” (Heritage and Climate) है। 

परिचय:

  • इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने वर्ष 1982 में ‘विश्व धरोहर दिवस’ की स्थापना की  थी और वर्ष 1983 में इसे ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (UNESCO) की मंज़ूरी प्राप्त हुई थी।
  • इस दिवस का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल:

  • विश्व धरोहर/विरासत स्थल का आशय एक ऐसे स्थान से है, जिसे यूनेस्को द्वारा उसके विशिष्ट सांस्कृतिक अथवा भौतिक महत्त्व के कारण सूचीबद्ध किया गया है।
  • विश्व धरोहर स्थलों की सूची को ‘विश्व धरोहर कार्यक्रम’ द्वारा तैयार किया जाता है, यूनेस्को की ‘विश्व धरोहर समिति’ द्वारा इस कार्यक्रम को प्रशासित किया जाता है। 
  • यह सूची यूनेस्को द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई ‘विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन’ नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में सन्निहित है।

भारत में विश्व धरोहर स्थल:

  • वर्तमान में भारत में कुल 38 विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं।
  • इनमें से 30 ’सांस्कृतिक’ श्रेणी में हैं, जैसे कि अजंता की गुफाएँ, फतेहपुर सीकरी और हम्पी स्मारक आदि, जबकि 7 ‘प्राकृतिक’ श्रेणी में हैं, जिनमें काजीरंगा, मानस और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।
    • गुजरात के हड़प्पाकालीन शहर धोलावीरा को भारत के 40वें विश्व धरोहर स्थल का दर्ज़ा दिया गया है।
    • रामप्पा मंदिर (तेलंगाना) भारत का 39वाँ विश्व धरोहर स्थल था।
    • सिक्किम का कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान "मिश्रित विश्व विरासत स्थल" के रूप में नामित भारत का पहला और एकमात्र स्थल है।
  • वर्ष 2022 में, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2022-2023 के लिये विश्व धरोहर स्थल के रूप में विचार करने हेतु होयसल मंदिरों के पवित्र समागम को नामित किया है।

यूनेस्को 

इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) 

  • यह यूनेस्को से संबद्ध एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन है। यह भी पेरिस, फ्रांँस में स्थित है।
  • इसका प्राथमिक मिशन स्मारकों, परिसरों और स्थलों के निर्माण, संरक्षण, उपयोग और बढ़ोतरी को प्रोत्साहन देना है।
  • यह यूनेस्को के विश्व धरोहर सम्मेलन के कार्यान्वयन हेतु विश्व धरोहर समिति के एक सलाहकार निकाय के रूप में भी कार्य करता है।
    • इस रूप में यह सांस्कृतिक विश्व विरासतों के नामांकन की समीक्षा करता है और उनकी संरक्षण स्थिति सुनिश्चित करता है।
  • वर्ष 1965 में इसकी स्थापना वास्तुकारों, इतिहासकारों और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के बीच शुरू हुई वार्ता का तार्किक परिणाम है, जो बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में शुरू हुई और वर्ष 1964 में ‘वेनिस चार्टर’ के रूप में संपन्न हुई।  

यू.पी.एस.सी. सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. हाल ही में निम्नलिखित में से किसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है? (2009)

(a) दिलवाड़ा मंदिर
(b) कालका-शिमला रेलवे
(c) भितरकनिका मैंग्रोव क्षेत्र
(d) विशाखापत्तनम से अराकू घाटी रेलवे लाइन

उत्तर: (b)

  • कालका-शिमला रेलवे: यह 96 किलोमीटर लंबा, सिंगल ट्रैक वर्किंग रेल लिंक है, जिसे 19वीं शताब्दी के मध्य में शिमला के पहाड़ी शहर को सेवा प्रदान करने के लिये बनाया गया था।
  • लगभग 111 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे लाइन, 2008 में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर रेलवे लाइन बनी और इसे "भारत के पर्वतीय रेलवे" के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

स्रोत: लाइव मिंट


प्रारंभिक परीक्षा

40वाँ 'हुनर हाट'

हाल ही में मुंबई में 'हुनर हाट' (Hunar Haat) के 40वें संस्करण का उद्घाटन किया गया। इस संस्करण में 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आए 1000 से अधिक शिल्पकारों और कारीगरों ने भाग लिया।

प्रमुख बिंदु 

  • हुनर हाट के बारे में: 
    • वर्तमान वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा में हुनर हाट की अवधारणा देश की कला और शिल्प की पुश्तैनी विरासत की रक्षा एवं उसे बढ़ावा देने, पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों का समर्थन करने के लिये प्रस्तुत की गई है।
    • हुनर हाट प्रदर्शनी में वे चुने गए कारीगर शामिल होते हैं जिनके पूर्वज इस तरह के पारंपरिक हस्तनिर्मित कार्यों में शामिल थे और अभी भी इस पेशे में संलग्न हैं।
  • थीम: 
    • “वोकल फॉर लोकल’’ (Vocal for Local) और "बेस्ट फ्रॉम वेस्ट"(Best from Waste)
  • उद्देश्य:
    • कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक पाकशाला विशेषज्ञों को बाज़ार तक पहुँच प्रदान करने तथा रोज़गार के अवसर प्रदान करना।
    • उन शिल्पकारों, बुनकरों और कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देना जो पहले से ही पारंपरिक पुश्तैनी कार्यों में संलग्न हैं।
  • आयोजककर्त्ता:
  • महत्त्व: 
    • हुनर हाट जैसी पहलों से आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को मज़बूत किया जा रहा है।
    • इनके तहत कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि लोगों को रोज़गार तलाशने वाले के स्थान पर रोज़गार देने वाला बनाया जा सके। उदाहरण के लिये:
      • 'तेजस' कौशल कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है।
        • तेजस’ कौशल कार्यक्रम के तहत भारत की योजना संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में कुशल कामगारों भेजने की है। एक वर्ष के भीतर नौकरी चाहने वाले 30,000 कुशल श्रमिकों को संयुक्त अरब अमीरात भेजा जाएगा।
    • हुनर ​​हाट के माध्यम से 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना स्पष्ट होगी और 'विविधता में एकता' के सार का अनुभव करने का मौका मिलेगा। 

आगे की राह:

  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को देश भर में नियोजित हुनर हाट के भविष्य के संस्करण में एक साथ अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करने की व्यवहार्यता की जाँच करनी चाहिये।
  • साथ ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों के साथ गठजोड़ कर सकता है ताकि छात्रों को एक्सपो में लाया जा सके तथा 'बेस्ट फ्रॉम वेस्ट' की अवधारणा को मूर्तरूप प्रदान किया जा सके।

स्रोत:पी.आई.बी


प्रारंभिक परीक्षा

वैक्विटा पोरपोइज़

यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन फॉर एनवायर्नमेंटल कोऑपरेशन (CEC) के अनुसार, वैक्विटा पोरपोइज़ (Phocoena sinus) विलुप्त होने के करीब है और इसकी शेष आबादी को बचाने के लिये तत्काल सुरक्षा उपाय किये जाने की आवश्यकता है।

पोरपोइज़

  • पोरपोइज़, सीतासियन फैमिली (व्हेल, पोर्पोइज़ और डॉल्फिन) के सबसे छोटे सदस्यों में से एक हैं।
  • वे दूरस्थ रूप से केवल डॉल्फिन से संबंधित हैं (लगभग 15 मिलियन वर्ष पहले इनके पूर्वज एक ही थे)।
  • पोरपोइज़ की केवल सात प्रजातियाँ हैं; इनकी सबसे सबसे लोकप्रिय प्रजाति व्यापक रूप से पाई जाने वाली हार्बर पोरपोइज़ है।
  • वैक्विटा सहित कई ऐसी प्रजातियाँ हैं जिनका अध्ययन शायद ही किया जाता है। उनके बारे में में हमें जो भी जानकारी प्राप्त है वह उन्हीं जीवों के अध्ययन के बाद प्राप्त हुई है जो सागर तरंगों के साथ बहकर तटों पर पहुँच जाती हैं।

वैक्विटा पोरपोइज़:

  • वैक्विटा (Phocoena sinus) विश्व का सबसे छोटा सीतासियन है। स्पेनिश भाषा में इसके नाम का अर्थ "छोटी गाय" है।
  • इसकी आँखों के चारों ओर एक गहरा वलय होता है जो इसकी सबसे खास विशेषता है साथ ही, इसके पृष्ठीय पंख (Fins) आनुपातिक रूप बड़े होते हैं।
  • सभी पोरपोइज़ में यह अद्वितीय है क्योंकि यह उस फैमिली की एकमात्र प्रजाति है जो गर्म जल में पाई जाती है और यह माना जाता है कि गर्म जल में रहने हेतु अनूकूलता इसके पृष्ठीय पंखों से प्राप्त होती है, जिससे शरीर की अतिरिक्त गर्मी अनुकूलित हो जाती है।
  • पोरपोइज़ की कई अन्य प्रजातियों की तरह, वैक्विटा शर्मीली और चालाक होती है और नावों से संपर्क में आने दौरान ये बचकर निकल जाती हैं।

आवास:

  • यह प्रजाति केवल कैलिफोर्निया की उत्तरी खाड़ी (कॉर्टेज़ सागर) में पाई जाती है। आमतौर पर ये उथले पानी में (50 मीटर की गहराई तक) पाई जाती हैं।

खतरा:

  • दशकों से वाक्विटा की आबादी में भारी गिरावट आई है। हाल के समय में सुभेद्य श्रेणी की मछली टोटोआबा (एक बड़ी मछली जिसके स्विम ब्लैडर के कारण अधिक मांँग होती है) को पकड़ने हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले गिल-नेट के कारण इनकी संख्या और तेज़ी से कम हुई है।
    • मछली पकड़ने के लिये प्रयुक्त फिक्स्ड फिशिंग नेट (गिल-नेट) में प्रायः छोटे जीव फंस जाते हैं, जिसे बाई-कैच के रूप में जाना जाता है।

सुरक्षा की स्थिति:

स्रोत: डाउन टू अर्थ


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अप्रैल, 2022

महाराष्ट्र प्रवासन ट्रैकिंग प्रणाली

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा व्यक्तिगत विशिष्ट पहचान संख्या (Individual Unique Identification Numbers) के माध्यम से संवेदनशील मौसमी प्रवासी कामगारों (Vulnerable Seasonal Migrant Workers) की आवाजाही को ट्रैक करने हेतु एक वेबसाइट-आधारित माइग्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम (Migration Tracking System – MTS) विकसित किया गया है। MTS परियोजना की परिकल्पना प्रवासी लाभार्थियों को टीकाकरण, पोषण आपूर्ति, स्वास्थ्य जांँच आदि जैसी एकीकृत बाल विकास सेवाओं (Integrated Child Development Services – ICDS) की निरंतरता को बनाए रखने हेतु की गई है, जिसमें स्तनपान कराने वाली माताएंँ, 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे और पंजीकृत गर्भवती महिलाएंँ शामिल हैं। इस डेटा का उपयोग कर राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों की स्वास्थ्य योजनाओं, शैक्षिक कार्यक्रमों आदि में सुधार करने में सक्षम होगी और मनरेगा का बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।

विश्‍व कला दिवस

सामान्‍य लोगों के बीच कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को विश्‍व कला दिवस यानी वर्ल्ड आर्ट डे मनाया जाता है। यह पहली बार 15 अप्रैल, 2012 में मनाया गया था। 15 अप्रैल, 1452 को इटली के महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। लिओनार्दो दा विंची इटली के महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर और वैज्ञानिक थे। कला हमेशा से ही अभिव्यक्ति और भावनाओं को तलाशने का एक शक्तिशाली माध्यम रहा है इस दिन को आधिकारिक रूप से वर्ष 2015 में लॉस एंजिल्स में मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अनुसार  विश्व कला दिवस का लक्ष्य समाज में कलात्मक अभिव्यक्तियों को दृढ़ता से एकीकृत करना तथा समाज के विकास में कला के महत्त्व और योगदान को प्रोत्साहित करना है। इस दिन दुनिया भर में रचनात्मक गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय कला संघ और यूनेस्को साथ मिलकर कई कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है।

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना: 

हाल ही में कपड़ा क्षेत्र के लिये 10,683 करोड़ रुपए की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive – PLI) योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 61 कंपनियों की वित्तीय सहायता हेतु अपनी मंजूरी प्रदान की गई है। PLI योजना कपड़ा से संबंधित उत्पादों जैसे- मानव निर्मित फाइबर (MMF) परिधान, और अन्य तकनीकी वस्त्र उत्पादों के लिये है। इस योजना को दो भागों में बांँटा गया है जिसमे भाग 1 के तहत, 300 करोड़ रुपए न्यूनतम निवेश और 600 करोड़ रुपए का आवश्यक न्यूनतम कारोबार प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। भाग 2 के तहत 100 करोड़ रुपए न्यूनतम निवेश है और 200 करोड़ रुपए का न्यूनतम कारोबार आवश्यक है।


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