प्रारंभिक परीक्षा
बेन गुरियन नहर परियोजना
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में बेन गुरियन नहर परियोजना (Ben Gurion Canal Project) में फिर से रुचि देखी गई है, यह प्रस्तावित समुद्र-स्तरीय नहर 160 मील लंबी है जो स्वेज़ नहर को दरकिनार करते हुए भूमध्य सागर को अकाबा की खाड़ी से जोड़ेगी।
बेन गुरियन नहर परियोजना क्या है?
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- 1960 के दशक में बेन गुरियन नहर परियोजना की अवधारणा एक परिवर्तनकारी बुनियादी ढाँचा पहल के रूप में की गई थी।
- इसका नाम इज़रायल के संस्थापक (जनक) डेविड बेन-गुरियन (1886-1973) के नाम पर रखा गया, जो इसके ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है।
- रणनीतिक उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य स्वेज़ नहर को दरकिनार करते हुए लाल सागर को भूमध्य सागर से जोड़ने वाला एक वैकल्पिक समुद्री मार्ग बनाना है।
- इसके तहत सबसे छोटे यूरोप-एशिया मार्ग पर मिस्र के एकाधिकार को चुनौती देकर वैश्विक समुद्री गतिशीलता को नया आकार देने की कल्पना की गई है।
- अकाबा की खाड़ी से भूमध्यसागरीय तट तक:
- अकाबा की खाड़ी (लाल सागर की पूर्वी शाखा) से शुरू होकर नेगेव रेगिस्तान (इज़रायल) के माध्यम से एक नहर के निर्माण का प्रस्ताव है।
- यह पूर्वी भूमध्यसागरीय तट तक विस्तृत है, जो एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग प्रदान करता है।
- अकाबा की खाड़ी की तटरेखा चार देशों- मिस्र, इज़रायल, जॉर्डन और सऊदी अरब द्वारा साझा की जाती है।
- अकाबा की खाड़ी (लाल सागर की पूर्वी शाखा) से शुरू होकर नेगेव रेगिस्तान (इज़रायल) के माध्यम से एक नहर के निर्माण का प्रस्ताव है।
- आर्थिक निहितार्थ:
- अनुमानतः गाज़ा पट्टी को नियंत्रित करने और हमास को खत्म करने की इज़रायल की इच्छा नहर से जुड़े आर्थिक अवसरों का लाभ प्राप्त करने से जुड़ी है।
- यदि बेन गुरियन नहर परियोजना पूरी हो गई तो वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यह स्वेज़ नहर को दरकिनार करते हुए यूरोप और एशिया के बीच एक नए शिपिंग मार्ग के निर्माण के साथ वैश्विक शिपिंग पर मिस्र के नियंत्रण को कम करेगा।
- चुनौतियाँ और व्यवहार्यता:
- बहुत अधिक लॉजिस्टिक, राजनीतिक और फंडिंग चुनौतियाँ इसमें बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।
- अत्यधिक जटिलता और निषेधक लागत 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है।
- राजनीतिक स्थिरता की अनिवार्यता और निरंतर सैन्य खतरा दो महत्त्वपूर्ण सुरक्षा चिंताएँ हैं।
- एक अन्य चुनौती क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति है। गाज़ा पट्टी इसके लिये एक संभावित सुरक्षा खतरा है और नहर को किसी भी हमले से बचाने की आवश्यकता होगी।
- बहुत अधिक लॉजिस्टिक, राजनीतिक और फंडिंग चुनौतियाँ इसमें बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।
स्वेज़ नहर (Suez Canal):
- स्वेज़ नहर एक कृत्रिम समुद्र-स्तरीय जलमार्ग (Waterway) है जो वर्ष 1869 में मिस्र में स्वेज़ के इस्तमुस के पार उत्तर से दक्षिण की ओर खुलता है तथा भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ता है। इससे यूरोप और एशिया के बीच शिपिंग के लिये एक छोटा मार्ग उपलब्ध हो जाता है।
- यह नहर अफ्रीका को एशिया महाद्वीप से अलग करती है।
- 150 वर्ष पुरानी इस नहर को शुरुआती वर्षों में ब्रिटिश और फ्राँसीसियों द्वारा नियंत्रित किया गया था, लेकिन वर्ष 1956 में मिस्र द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
- स्वेज़ नहर अब मिस्र द्वारा नियंत्रित है, जो इसका उपयोग करने वाले जहाज़ों से टोल के रूप में राजस्व एकत्र करता है।
- वर्ष 2021 में नहर ने मिस्र के लिये 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त किया, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2% था।
- स्वेज़ नहर एक महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्ग है, वैश्विक व्यापार का लगभग 12% स्वेज़ नहर से होकर गुज़रता है, जो सभी वैश्विक कंटेनर यातायात का 30% और प्रतिवर्ष 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य की वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह नहर भारत को यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व के बाज़ारों तक अधिक आसानी से एवं उचित आर्थिक लागत के साथ वस्तुओं को पहुँचाने में सक्षम बनाती है।
- भारत अपना अधिकांश तेल और गैस खाड़ी देशों से आयात करता है तथा नहर भारत को ऊर्जा आपूर्ति के सुचारु प्रवाह की सुविधा प्रदान करती है।
- यह नहर भारत को अपने उत्पादों, जैसे- कपड़ा, रसायन और कृषि वस्तुओं को वैश्विक बाज़ारों में निर्यात करने में भी सहायता करती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:भूमध्य सागर निम्नलिखित में से किस देश की सीमा है? (2017)
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 प्रश्न. दक्षिण-पश्चिम एशिया का निम्नलिखित में से कौन-सा एक देश भूमध्यसागर तक नहीं फैला है? (2015) (a) सीरिया उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
अपस्फीति क्षेत्र में थोक मूल्य
स्रोत: द हिंदू
अक्तूबर 2023 में भारत के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) ने वार्षिक मुद्रास्फीति दर -0.52% दर्ज की, जो सितंबर 2023 में -0.26% से कम है।
- अक्तूबर 2022 से रसायन, विद्युत, कपड़ा, बुनियादी धातु, खाद्य सामान और कागज़ जैसे उद्योगों में कीमतों में कमी नकारात्मक मुद्रास्फीति का कारण है।
- यह अपस्फीति प्रवृत्ति अक्तूबर 2022 के हाई बेस इफेक्ट से प्रभावित है जब थोक मूल्य मुद्रास्फीति 8.4% थी।
नोट:
खाद्य कीमतों के संदर्भ में थोक खाद्य सूचकांक में वर्ष 2022 की तुलना में 1.07% की वृद्धि हुई। खाद्य टोकरी में परस्पर विरोधी रुझान देखे गए, विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में 21% की पर्याप्त कमी और धान एवं अनाज में मुद्रास्फीति में तेज़ी देखी गई।
थोक मूल्य सूचकांक क्या है?
- WPI थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमत का प्रतिनिधित्व करता है यानी वह वस्तुएँ जो थोक में बेची जाती हैं और उपभोक्ताओं के बजाय संगठनों के बीच इनका व्यापार किया जाता है।
- जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) उपभोक्ता स्तर पर कीमतों के स्तर में बदलाव को दर्शाता है।
- CPI के विपरीत WPI सेवाओं की कीमतों में हुए परिवर्तन को नहीं दर्शाता है।
- भारत में WPI को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- भारत में इसका उपयोग एक महत्त्वपूर्ण मुद्रास्फीति संकेतक के रूप में किया जाता है।
- WPI का आधार वर्ष 2011-2012 है।
- WPI में वस्तुओं की हिस्स्सेदारी:
प्रमुख शब्दावली:
- मुद्रास्फीति दर:
- WPI के संदर्भ में मुद्रास्फीति दर एक वर्ष की शुरुआत तथा अंत में गणना की गई WPI के बीच का अंतर है।
- एक वर्ष में WPI में हुई प्रतिशत वृद्धि उस वर्ष के लिये मुद्रास्फीति की दर बताती है।
- अवस्फीति:
- अवस्फीति का अभिप्राय वस्तुओं तथा सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में हुई कमी से है। जब मुद्रास्फीति दर का 0% से कम होना अवस्फीति को संदर्भित करता है, जिसे नकारात्मक मुद्रास्फीति के रूप में जाना जाता है।
- आधार प्रभाव:
- आधार प्रभाव का आशय पिछले वर्ष की मुद्रास्फीति का चालू वर्ष के मूल्य स्तरों पर प्रभाव से है।
- उदाहरण के लिये यदि पिछले वर्ष में मुद्रास्फीति दर कम थी तो वर्तमान समय में मामूली मूल्य वृद्धि भी असंगत रूप से उच्च मुद्रास्फीति दर उत्पन्न कर सकती है।
सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
ब्राज़ील में सोया उत्पादन और बाल कैंसर से होने वाली मौतें
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल के एक अध्ययन में पिछले दो दशकों में ब्राज़ील के अमेज़न और सेराडो क्षेत्रों में सोया/सोयाबीन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि और बाल कैंसर से संबंधित मौतों के बढ़ने के बीच संबंध की पहचान की गई है। इन क्षेत्रों में सोया की कृषि के विस्तार के साथ-साथ कीटनाशकों के उपयोग में भी काफी वृद्धि हुई है।
अध्ययन के मुख्य बिंदु क्या हैं?
- सोया उत्पादन और बाल कैंसर से होने वाली मौतों के बीच संबंध:
- इस अध्ययन में वर्ष 2008 से वर्ष 2019 तक सोया उत्पादन में वृद्धि और बच्चों में एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) से होने वाली मौतों के बीच सांख्यिकीय रूप से महत्त्वपूर्ण संबंध का पता चला।
- जल आपूर्ति के माध्यम से कीटनाशकों का संपर्क:
- अध्ययन के अनुसार, जल आपूर्ति प्रवेश संभवतः वह मार्ग था जिसके माध्यम से कीटनाशकों का संपर्क हुआ। तुलनात्मक रूप से कहें तो सोया की खेती के लिये उपयोग की जाने वाली नगरपालिका भूमि की मात्रा में 10% की वृद्धि से ALL से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु की संभावना 1.3% तथा दस से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु की संभावना 1.6% बढ़ गई।
- सिफारिशें:
- अध्ययन ने संबद्ध क्षेत्र में उच्च तीव्रता वाली कृषि के विस्तार त्तथा मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल परिणामों के बीच एक घनिष्ठ एवं निरंतर संबंध पर प्रकाश डाला।
- हालाँकि उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों तक पहुँच इन परिणामों को कम कर सकती है, विशेष रूप से ALL जैसी उपचार योग्य स्थितियों में।
- अध्ययन ने संबद्ध क्षेत्र में उच्च तीव्रता वाली कृषि के विस्तार त्तथा मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल परिणामों के बीच एक घनिष्ठ एवं निरंतर संबंध पर प्रकाश डाला।
ALL क्या है?
- ALL, जिसे एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया भी कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर है जो रक्त तथा अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है। इसकी विशेषता लिम्फोब्लास्ट नामक अपरिपक्व श्वेत रक्त कोशिकाओं की तीव्र और अनियंत्रित वृद्धि है। ये असामान्य कोशिकाएँ सामान्य श्वेत रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं एवं प्लेटलेट्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
- इस प्रकार का ल्यूकेमिया सामान्यतः बच्चों में पाया जाता है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है।
- समय पर और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल की शर्त पर ALL एक उपचार योग्य कैंसर है।
सोयाबीन की फसल:
- सोयाबीन भारत में एक खरीफ फसल है।
- सोयाबीन (ग्लाइसिन मैक्स) विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण बीज फलियाँ हैं जो वैश्विक खाद्य तेल में 25% योगदान देता है, विश्व में पशुधन के भोजन के लिये प्रोटीन का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है और पोल्ट्री तथा मछली के भोजन में एक मूल्यवान घटक है।
- यह मुख्य रूप से वर्टिसोल और संबंधित मृदा में वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाया जाता है, जहाँ फसल के मौसम में औसत वर्षा 900 मिमी. होती है।
- भारत में प्रमुख उत्पादक राज्य: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक हैं।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 नवंबर, 2023
मडिगा उप-वर्गीकरण:
भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में हैदराबाद (तेलंगाना) में एक घोषणा की, जिसमें अनुसूचित जाति (SC) के अंतर्गत मडिगा समुदाय के उप-वर्गीकरण के लिये एक समिति बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मडिगा समुदाय तेलंगाना में कुल SC आबादी का लगभग 50% है।
- वर्ष 1994 से मडिगा समुदाय आरक्षण लाभों के समान वितरण की आवश्यकता पर बल देते हुए, SC श्रेणी के उप-वर्गीकरण का समर्थन कर रहा है।
- मडिगा समुदाय का तर्क है कि SC श्रेणी के आरक्षण का लाभ मुख्य रूप से माला समुदाय (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में दलित समुदाय) को मिला है, जिससे मडिगा समुदाय में बहिष्कार की भावना उत्पन्न हो गई है।
- उप-वर्गीकरण का उद्देश्य सभी SC उप-जातियों के बीच आरक्षण के लाभों का समान वितरण करना है।
- मडिगा ऐतिहासिक रूप से चमड़े के कारखाने, चमड़े के कार्य और छोटे हस्तशिल्प के काम से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में अधिकांश खेतिहर मज़दूर हैं।
और पढ़ें…अनुसूचित जाति की मान्यता हेतु मानदंड
एंटिफंगल उपचार में सुधार
हाल ही में नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में एंटीफंगल एजेंट एम्फोटेरिसिन B (AmB) के सफल संशोधन का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप चूहों तथा मानव गुर्दे की कोशिकाओं में विषाक्तता कम हो गई।
- AmB, दशकों से गंभीर फंगल संक्रमण के खिलाफ एक महत्त्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है।
- यह समुच्चय की संरचना बनाकर संचालित होता है जो एर्गोस्टेरॉल (बैक्टीरिया और फंगल कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक अणु) से बँधता है।
- अपनी प्रभावकारिता के बावजूद AmB मनुष्यों में, विशेष रूप से गुर्दे की कोशिकाओं में अपनी उच्च विषाक्तता के लिये जाना जाता है।
- शोधकर्त्ताओं ने स्टेरोल्स को बाँधने के लिये ज़िम्मेदार इसके अणु के विशिष्ट भागों को संशोधित करके AmB की जैविक गतिविधि को बढ़ाने का लक्ष्य रखा तथा इसका एक वेरिएंट AM-2-19 विकसित किया।
- AM-2-19 ने एंटीफंगल उपचार के रूप में उच्च प्रभावकारिता बनाए रखते हुए मानव गुर्दे की कोशिकाओं तथा चूहों में फंगल एर्गोस्टेरॉल को विशेष रूप से बाँधकर एवं निकालकर विषाक्तता को कम किया। यह रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति भी तुलनात्मक रूप से लचीला है।
और पढ़ें…कवकीय संक्रमण की पहली सूची
पी. सैलिनारम: चरम वातावरण में अनुकूलन का अनावरण
हाल ही में किये गए शोध में पी. सैलिनारम के रहस्यों को उजागर किया गया है, जो एक छोटा हरा शैवाल है तथा कठोर खारा-क्षारीय स्थितियों में जीवित रहता है।
- जीव के आणविक तंत्र का अध्ययन करते हुए अनुसंधान ने हाइपरसॉमिक स्थितियों में अधिकांश प्रकाश संश्लेषक जीवन के विपरीत इसके अद्वितीय अनुकूलन, प्रकाश संश्लेषण और ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) संश्लेषण को बढ़ावा देने का खुलासा किया।
- हाइपरऑस्मोटिक स्थितियाँ उस स्थिति को संदर्भित करती हैं जहाँ किसी कोशिका या जीव के आंतरिक वातावरण की तुलना में आसपास के वातावरण में विलेय की सांद्रता अधिक होती है।
- अपने लचीलेपन के अलावा यह माइक्रोएल्गा कार्बन कैप्चर और बायोमास उत्पादन की क्षमता को प्रदर्शित करता है, जिससे टिकाऊ जैव प्रौद्योगिकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है।
व्यापार घाटा बढ़ा
अक्तूबर 2023 में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 31.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुँच गया।
- व्यापार घाटा उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ एक निश्चित अवधि के दौरान किसी देश के आयात का मूल्य उसके निर्यात मूल्य से अधिक हो जाता है
- आयात में वृद्धि के चलते यह 12.3% बढ़कर 65.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर की हुई, विशेष रूप से सोने और तेल में यह उल्लेखनीय थी, सोने का आयात दोगुना होकर 7.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर एवं तेल आयात बढ़कर 17.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ।
- इस तरह के घाटे चालू खाते को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं और बाद में मुद्रा मूल्यों को प्रभावित करते हैं।
और पढ़ें… चालू खाता घाटा
झारखण्ड स्थापना दिवस
भारतीय संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 पारित होने के बाद 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी। 15 नवंबर, 2000 को बिहार के दक्षिणी हिस्से को अलग कर झारखंड की स्थापना भारत संघ के 28वें राज्य के रूप में हुई थी। इसमें छोटानागपुर का पठार तथा संथाल परगना के वन क्षेत्र आते हैं।
- इस दिन को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
- झारखंड अपने समृद्ध खनिज संसाधनों जैसे- यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, सोना, चाँदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, डोलोमाइट, फायरक्ले, क्वार्ट्ज, फील्डस्पार, कोयला (भारत का 32%), लोहा, ताँबा (भारत का 25%) आदि के लिये प्रसिद्ध है।
और पढ़ें… बिरसा मुंडा