भारतीय अर्थव्यवस्था
चालू खाता घाटा
- 17 Feb 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:चालू खाता घाटा (CAD), राजकोषीय घाटा, सरकारी बजट, विदेशी मुद्रा भंडार मेन्स के लिये:CAD से संबंधित मुद्दे, भारत में CAD की हालिया स्थिति। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार द्वारा जारी आँकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2023 में भारत के निर्यात और आयात में क्रमशः 6.59% तथा 3.63% की कमी आई है, हालाँकि ऐसे संकेत हैं कि बढ़ती मुद्रास्फीति एवं ब्याज दरों से उत्पन्न वैश्विक मंदी के बावजूद देश का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit- CAD) कम होगा।
- कमोडिटी की कीमतों में गिरावट, कामगारों के प्रेषण और सेवा निर्यात में वृद्धि तथा विदेशी निवेशकों के बिक्री दबाव में कमी से CAD में कमी आने की उम्मीद है।
चालू खाता घाटा (Current Account Deficit- CAD):
- परिचय:
- चालू खाता घाटा की स्थिति तब होती है जब किसी देश के वस्तु और सेवाओं के आयात का मूल्य उसके निर्यात से अधिक होता है।
- CAD और राजकोषीय घाटा संयुक्त रूप से दोहरा घाटा हैं जो शेयर बाज़ार और निवेशकों को प्रभावित कर सकते हैं।
- राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और उसके कुल राजस्व (उधार को छोड़कर) के बीच का अंतर है। यह उस धन के बराबर होता है जिसे सरकार को उस वर्ष के दौरान उधार लेने की आवश्यकता होती है।
- निहितार्थ:
- चालू खाता घाटा महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका प्रभाव स्टॉक मार्केट, अर्थव्यवस्था और लोगों के निवेश पर पड़ता है।
- कम चालू खाता घाटा निवेशकों के विश्वास में वृद्धि कर सकता है और साथ ही देश की मुद्रा के प्रति विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।
- चालू खाता अधिशेष दर्शाता है कि देश में पैसा आ रहा है, जो विदेशी मुद्रा भंडार और स्थानीय मुद्रा के मूल्य को बढ़ा सकता है।
- भारत के CAD की हालिया स्थिति:
- वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में CAD सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% था, लेकिन पहली छमाही के बाद वस्तुओं की कीमतों और आयात में कमी के कारण स्थिति में सुधार हुआ।
- अर्थव्यवस्था पर CAD का नकारात्मक प्रभाव:
- कमज़ोर मुद्रा: जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक हो जाता है, तो यह उसकी मुद्रा की मांग में कमी का कारण बन सकता है, जिससे मुद्रा मूल्य कमज़ोर (मूल्यह्रास) हो सकता है।
- इससे आयात अधिक महँगा हो सकता है, जिस कारण मुद्रास्फीति उच्च और क्रय शक्ति निम्न हो सकती है।
- ऋण संचयन: यदि कोई देश विदेशी निवेश के साथ अपने चालू खाता घाटे को वित्तपोषित करने में असमर्थ है, तो उसे इस अंतर को पूरा करने के लिये उधार लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
- इससे ऋण के स्तर में वृद्धि हो सकती है, जो कि अर्थव्यवस्था के लिये अधिक हानिकारक है।
- कमज़ोर मुद्रा: जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक हो जाता है, तो यह उसकी मुद्रा की मांग में कमी का कारण बन सकता है, जिससे मुद्रा मूल्य कमज़ोर (मूल्यह्रास) हो सकता है।
भारत चालू खाता घाटे को कैसे कम कर सकता है?
- निर्यात को बढ़ावा: CAD को कम करने के लिये निर्यात बढ़ाना सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।
- सरकार निर्यात उन्मुख उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है, निर्यात प्रक्रियाओं और नियमों को सुव्यवस्थित कर सकती है तथा अन्य देशों के साथ बेहतर व्यापार समझौतों पर बातचीत कर सकती है।
- आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना: वर्तमान में आयात की जा रही वस्तुओं के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने से व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिल सकती है।
- यह घरेलू निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान करके तथा कुछ वस्तुओं पर टैरिफ या आयात शुल्क लगाकर प्राप्त किया जा सकता है।
- उत्पादकता और प्रतिस्पर्द्धात्मकता में सुधार: घरेलू अर्थव्यवस्था की उत्पादकता एवं प्रतिस्पर्द्धात्मकता में सुधार से निर्यात बढ़ाने एवं व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिल सकती है।
- यह बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी और शिक्षा में निवेश जैसे विभिन्न उपायों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
आयात में गिरावट के कारण जनवरी 2023 में चालू खाता घाटे में कमी को विशेषज्ञों द्वारा सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन देश के विदेशी खाते के बारे में चिंताओं को कम करने के लिये इसे अभी कई और महीनों तक बनाए रखने की आवश्यकता है। मुद्रा के मूल्य तथा अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य के लिये एक स्वस्थ CAD बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है।
UPSC सिविल सेवा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. सरकार द्वारा की जाने वाली निम्नलिखित कार्यवाहियों पर विचार कीजिये: (2011)
उपर्युक्त में से कौन-सी कार्यवाही चालू खाता घाटे को कम करने में मदद कर सकती है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी मदों से चालू खाता बनता/गठित होता है? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |