प्रिलिम्स फैक्ट्स (16 Apr, 2019)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 अप्रैल, 2019

निर्भय मिसाइल

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation- DRDO) ने देश में विकसित लंबी दूरी तक मार करने वाली सब-सोनिक क्रूज़ मिसाइल ‘निर्भय’ का चांदीपुर, ओडिशा स्थित परीक्षण स्थल से सफल परीक्षण किया है।

  • मिसाइल को लंबवत छोड़ा गया और इसके बाद वह क्षितिज के समांतर दिशा में बढ़ गई, इसके पश्चात् मिसाइल के बूस्‍टर अलग हो गए, पंख प्रभावी तरीके से काम करने लगे, इंजन चालू हो गया और मिसाइल ने सभी नियत दिशाओं में भ्रमण किया।

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  • मिसाइल ने काफी कम ऊँचाई पर क्रूज़ की जहाज़-रोधी मिसाइल तकनीक का प्रदर्शन किया।
  • इस दौरान पूरे समुद्र तट पर तैनात किये गए इलेक्‍ट्रो ऑप्टिकल ट्रेकिंग प्रणालियों, राडारों और ज़मीनी टेलीमेट्री प्रणालियों की सहायता से पूरी उड़ान पर नज़र रखी गई।
  • इस मिशन के सभी उद्देश्‍य पूरे कर लिये गए।

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस

वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस पोर्टल ने लेन-देन में चार गुना वृद्धि दर्ज़ की है, जबकि कुल विक्रेताओं की संख्या में भी दोगुनी वृद्धि दर्ज़ की गई है।

  • विभिन्न उत्पादों की श्रेणियों, उत्पादों की संख्या और साथ ही खरीदारों की संख्या में भी समग्र वृद्धि हुई है।

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस क्या है?

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (Government e Marketplace-GeM) या GeM एक ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म है जिसकी शुरुआत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के तहत वर्ष 2016 में की गई थी।

  • गवर्नमेंट ई-मार्केट प्‍लेस का संक्षिप्‍त रूप जेम (GeM) है जहाँ सामान्‍य प्रयोक्‍ता वस्‍तुओं और सेवाओं की खरीद की जा सकती है।
  • सरकारी अधिकारियों द्वारा खरीद के लिये GeM गतिशील, स्‍वपोषित, प्रयोक्‍ता अनुकूल पोर्टल है।
  • इसे भारत के राष्ट्रीय खरीद पोर्टल (National Procurement Portal of India.) के रूप में परिकल्पित किया गया है।

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  • इसे नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीज़न (इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के तकनीकी समर्थन के साथ आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय (Directorate General of Supplies and Disposals-DGS&D), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
  • GeM पूरी तरह से पेपरलेस, कैशलेस और सिस्टम चालित ई-मार्केट प्लेस है जो न्यूनतम मानव इंटरफ़ेस के साथ सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद को सक्षम बनाता है।

नंधौर वन्यजीव अभयारण्य

उत्तराखंड के नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में बाघों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र अधिकारियों ने इसे टाइगर रिज़र्व घोषित करने की मांग की है।

    • 2012 में इस अभयारण्य के अस्तित्व में आने के समय यहाँ बाघों की संख्या केवल नौ थी जो 2018 में बढकर 27 हो गई। और इस साल इसके 32 के आँकड़े के पार कर जाने की संभावना है।
    • नंधौर वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व का दर्ज़ा देने से सरकारी धन (केंद्र सरकार से) और राष्ट्रीय स्तर के जंतु वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता हासिल हो सकेगी।
    • नंधौर वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में नंधौर नदी के पास स्थित है जो 269.5 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के माध्यम से राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण हेतु एक अग्रणी पहल शुरू की थी।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority-NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक/वैधानिक संस्था है, जो वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में प्रदत्त कार्यों को करने के साथ-साथ अति-पर्यवेक्षणीय/समन्वय की भूमिका भी निभाती है।

3-डी प्रिंटेड हार्ट

हाल ही में इज़राइली वैज्ञानिकों ने इंसानी ऊतक और वाहिकाओं के साथ 3-डी प्रिंटेड हार्ट प्रस्तुत किया है। गौरतलब है कि इस सफलता ने भविष्य में प्रत्यारोपण की संभावनाओं को बल प्रदान किया है।

  • यह पहली बार है जब किसी ने ऊतकों, रक्त वाहिकाओं, निलय और कक्षों के साथ पूरे ह्रदय को सफलतापूर्वक डिज़ाइन करते हुए मुद्रित किया है। कुछ लोगों ने इससे पहले भी 3-डी प्रिंटेड हार्ट प्रस्तुत किया था किंतु उसमें ऊतक और रक्त वाहिका शामिल नहीं थे।
  • वैज्ञानिकों द्वारा मुद्रित यह ह्रदय खरगोश के ह्रदय के आकार का है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इंसानी ह्रदय का आकर प्राप्त करने में भी इसी तकनीक की आवश्यकता होगी, लेकिन इसके लिये पर्याप्त ऊतकों हेतु कोशिकाओं का विस्तार एक चुनौती है।
  • वैज्ञानिकों ने एक मरीज़ के फैटी टिशू की बायोप्सी करते हुए इंक (3-डी प्रिंटिंग हेतु) विकसित की थी। इम्प्लांट रिजेक्शन के खतरे को खत्म करने के लिये यह महत्त्वपूर्ण होती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है और वर्तमान में प्रत्यारोपण सबसे खराब मामलों में ही मरीज़ों के लिये उपलब्ध हो पाता है। कभी-कभी, किसी मरीज़ का शरीर भी प्रत्यारोपण को अस्वीकार कर देता है, जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है।